बग क्या है? Bug Meaning in Hindi
आम भाषा में बग एक छोटे कीड़े को कहा जाता है, लेकिन
कंप्यूटर प्रोग्राम में बग या सॉफ्टवेयर बग का मतलब कोडिंग में खराबी होता है । कंप्यूटर
प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर का उपयोग बहुत से कार्यों के लिए किया जाता है । Computer या Software डेवलपर्स
लगातार नए Program या
सॉफ्टवेयर का निर्माण करते है और उसमे सुधार करते रहते है । प्रोग्राम, सॉफ्टवेयर
और अन्य सिस्टम बनाने की इस प्रक्रिया में या बनने के बाद आमतौर पर कुछ बग (Bug) भी आ
जाते है । आपने देखा होगा की जब भी किसी स्मार्टफोन में अपडेट आता है, या
किसी Apps का
अपडेट वर्शन आता है, तो
उसमे Bug Fixed बताया
जाता है । इसका मतलब है की उस नए वर्जन में Bug को हटा दिया गया है । लेकिन यह Bug क्या
है, बग का
अर्थ ( Bug Meaning ) या
किसी प्रोग्राम में बग क्या होता है ? आइए Bug और Debugging के बारे में जानते है । बग क्या है ? | What is Bug in Hindi
A mistake in
coding is called Error, error found by tester is called Defect, and defect
accepted by development team then it is called Bug. A bug is the result of a
coding error. An Error found in the development environment before the product
is shipped to the customer. A programming error that causes a program to work
poorly, produce incorrect results or crash. Debugging is the process of
detecting and removing of existing and potential errors (also called as ‘bugs’)
in a software code that can cause it to behave unexpectedly or crash. To
prevent incorrect operation of a software or system, debugging is used to find
and resolve bugs or defects. To debug a program, user has to start with a
problem, isolate the source code of the problem, and then fix it. A user of a
program must know how to fix the problem as knowledge about problem analysis is
expected. When the bug is fixed, then the software is ready to use.
कंप्यूटर या टेक्नोलॉजी की भाषा में Bug किसी
कंप्यूटर प्रोग्राम, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर
या सिस्टम में Coding
Error या
खराबी आना होता है, जिसकी
वजह से गलत या अनअपेक्षित परिणाम सामने आते है । इस खराबी को Development Team द्वारा
बग (Bug) के
नाम से जाना जाता है । किसी Program में Bug आ जाने से वह अच्छी तरह से काम नही करता है, उसमे Error दिख
सकता है । Bug की
वजह से कंप्यूटर प्रोग्राम या सिस्टम में छोटी मोती गड़बड़ी आ सकती है या इसकी वजह
से गंभीर समस्याएं भी हो सकती है । कई बार एक छोटा Bug भी बहुत बड़े नुकसान का कारण बनता है । आजकल
लगभग सभी सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर में कुछ न कुछ Bug जरूर होता है । किसी सॉफ्टवेयर में Bug पाए
जाने पर इसका Update देकर
ठीक किया जाता है । कई डिवाइस में Firmware और Driver अपडेट दिए जाते है । कई बार अपडेट के द्वारा समस्या
नही सुलझती है, तो उस
पार्ट या हार्डवेयर को बदल दिया जाता है ।
सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम में Bug कैसे
आते है ?
किसी सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर या कंप्यूटर प्रोग्राम में Bug आने
के कुछ कारण होते है । प्रोग्राम में गलत कोडिंग के कारण बग आ सकता है । कई बार हर
किसी की तरह Programmers से भी
अपने Program मे
कुछ गलती हो जाती है । इसके अलावा भी Development की प्रक्रिया में बहुत सी स्थितियां होती है
जिसके कारण छोटे बड़े Bug आ
जाते है ।
Debugging क्या
है ? What is Debugging
in Hindi
किसी प्रोग्राम या सिस्टम में Bug ढूंढने
के लिए डेवलपर्स काम करते रहते है । सिस्टम में प्रोग्रामर या डेवलपर द्वारा Bug को
खोजा जाता है और हटाया जाता है, इसे Debugging कहते है । इस प्रक्रिया में होने वाली Bug की
खोज यूजर को बग का पता चलने से पहले ही शुरू हो जाती है । सॉफ्टवेयर
डेवलपमेंट के दौरान आने वाले बग पर निगरानी और जानकारी रखने की प्रक्रिया Bug Tracking कहलाती
है । इसमें खराबी का पता Automated Toos की मदद से लगाया जाता है ।
बग रिपोर्ट क्या है | What is Bug Report in Hindi
अगर किसी प्रोग्राम, सॉफ्टवेयर
या डिवाइस के अंदर बग आता है तो यूजर द्वारा किसी Bug के बारे में Developer को Report किया जा सकता है, इसे Bug Report कहते है । आमतौर पर स्मार्टफोन या अन्य डिवाइस
में Bug Report करने
के लिए एक ऑप्शन दिया होता है । जब Bug का पता चल जाता है और इसमें सुधार कर लिया जाता
है ।
Definition of Debugging in Hindi
टेस्टिंग टीम या क्लाइंट से किसी सॉफ्टवेयर में
मौजूद खराबियों (bug) की टेस्ट रिपोर्ट लेने के बाद जब डेवलपमेंट टीम
या डेवलपर उस सॉफ्टवेयर में मौजूद bug को
ठीक करने के लिए बैठते हैं, तो इस प्रक्रिया को Debugging
कहा
जाता है। इसके दौरान डेवेलपर सॉफ्टवेयर में मौजूद नुक्स
या डिफेक्ट का कारण जानने की कोशिश करते हैं और उसे ठीक करते हैं। इसके
लिए डेवेलपर कोड के हर लाइन की जाँच करते हैं जिससे पता चल सके कि कोड के किस भाग
में डिफेक्ट है। जब उस bug का पता चल जाता है, वे उस
कोड में बदलाव करते हैं और रन करके देखते हैं जिससे पता चल सके कि डिफेक्ट ठीक हुआ
या नहीं। इसके बाद डेवेलपर दुबारा उस सॉफ्टवेयर को टेस्टर के पास टेस्टिंग के लिए
भेज देते हैं।
Debugging के दौरान कुछ निर्देशों का पालन किया जाता है, जो इस
प्रकार हैं:-
Debugging किसी त्रुटि को हल करने का तरीका है। इस
प्रक्रिया को शुरू करने से पहले Debugging टीम
के सदस्यों को त्रुटि के सारे कारण समझने चाहिए।
Debugging के दौरान सॉफ्टवेयर के कोड में कोई दूसरा बदलाव
नहीं करना चाहिए। ऐसे में कोड में और भी bug जुड़
सकते हैं।
अगर प्रोग्राम के किसी एक हिस्से में error आता
है, तब इस बात की ज्यादा सम्भावना रहती है कि उस
प्रोग्राम में और भी जगह error हो। इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि अगर एक
हिस्से में error मिले तो पूरा प्रोग्राम स्कैन किया जाना चाहिए।
error को ठीक करने के लिए अगर प्रोग्राम के किसी कोड
में बदलाव किया गया है तो वह सही होना चाहिए और उसकी वजह से बाकि प्रोग्राम के
आउटपुट पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। इसके लिए रिग्रेशन टेस्टिंग किया जाता है।
debugging techniques in hindi
Debugging के दौरान कई प्रकार के error सामने आते हैं, जिनमे से कुछ कम हानिकारक होते हैं, जैसे कोड में गलत function का होना। अगर कोई error खतरनाक हो तो उससे सिस्टम failure भी हो सकता है।एक बार जैसे ही सॉफ्टवेयर सिस्टम के error के बारे में पता चल जाता है, उसको हल करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाते हैं:-
Defect का पता लगाना:- सिस्टम के error को
पहचाना जाता है और उसकी Defect रिपोर्ट बनाई जाती है।
डिफेक्ट के सबूत:- एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर फिर Defect रिपोर्ट
की जाँच करता है। डिफेक्ट की पुष्टि करने से पहले वह कुछ बातें जांचता है जैसे कि
क्या सिस्टम में वाकई डिफेक्ट है? क्या वह डिफेक्ट फिर से आ सकता है? डिफेक्ट
होने पर सिस्टम कैसे काम कर रहा है आदि।
डिफेक्ट का हल:- जैसे ही डिफेक्ट के असली कारण
का पता चल जाता है, कोड में बदलाव करके error को इस
तरह सुधारा जाता है कि उसमे दुबारा कोई डिफेक्ट न आये।
debugging strategies in hindi
Debugging का काम कठिन और समय लेने वाला होता है, इसलिए
इसको करने से पहले एक स्ट्रेटेजी बनाना जरूरी होता है। इनमें से कुछ स्ट्रेटेजी इस
प्रकार हैं:-
Brute Force मेथड: यह सबसे प्रमुख तरीका है लेकिन कम असरदार
है। इसका उपयोग तब होता है जब Debugging के
दूसरे तरीके बेअसर हो जाते हैं। यहाँ मेमोरी या स्टोरेज डंप के आधार पर Debugging
किया
जाता है। प्रोग्राम में ऐसे बहुत से आउटपुट स्टेटमेंट होते हैं जिनमें बहुत से information
होते
हैं।
इनके जाँच से error के
कारण का पता चल जाता है। लेकिन यह सब करने के लिए बहुत मात्रा में अनावश्यक (irrevalent)
डाटा
की जरूरत होती है इसमें बहुत समय लगता है और कोई एक्सपर्ट ही इसे कर सकता है।
Induction स्ट्रेटेजी:– इस
प्रक्रिया में यह मान कर चला जाता है कि एक बार जब error का
पता चल जाता है तब उनके बीच का रिलेशन बनाया जाता है फिर error को इन
रिलेशनशिप के आधार पर पहचाना जाता है।
इसके अंतर्गत पहले जरुरी डाटा को पहचाना किया
जाता है, उनको organize किया
जाता है, डाटा के लिए hypothesis तैयार
किया जाता है फिर उसको prove करते हैं जिससे error के
होने का सबूत मिलता है। अगर hypothesis के
आधार पर error नहीं मिलते यानि कि उस hypothesis
में
गड़बड़ी है।
Deduction स्ट्रेटेजी:– यहां
पहले सभी कारण को पहचाना जाता है। फिर हर कारण की जाँच की जाती है। अगर कोई जाँच invalid निकलता
है तो उस कारण को हटा दिया जाता है। यह लगभग Induction स्ट्रेटेजी
के समान है।
Debugging
in Hindi जाने Debugging क्या है हिंदी में
Testing Team
से
किसी सॉफ्टवेयर में मौजूद Bugs
की Test Report लेने
के बाद जब developer या developing team उस software में
मौजूद Bugs को
दूर करती है तो इस error दूर
करने की process को हम
Debugging कहते
हैं | इस
दौरान developer सॉफ्टवेयर
में मौजूद को bugs ,error
को find करता
है और उस बग्स के आने का region
जानता
है और उसे fix करने
की करने की कोशिश करता है |
developer
code की
हर एक line को test करता है जिससे पता चल सके कि किस लाइन में defects है जब bugs का
पता चल जाता है तो उसमें बदलाव करते हैं और रन करके देखते हैं की defects ठीक
हुआ या नहीं |
इसके बाद developer , software को टेस्टिंग टीम के पास टेस्टिंग के लिए भेज
देता है और
Debugging के
दौरान कुछ निर्देश का पालन भी किया जाता है |
किसी error को solve करने
का Debugging एक
सही तरीका है इस प्रोसेस को शुरू करने से पहले debugging टीम या debugging टीम के member को error के
बारे में समझा दिया जाता है |
Debugging के
दौरान Software में
आए error को
पूरी तरीके से बदलाव नहीं करना चाहिए क्योंकि
इससे और भी errors ,
code में
जुड़ सकते हैं |
अगर program में
किसी भी हिस्से में error आता है तो इस बात की ज्यादा संभावना होती है कि
इस प्रोग्राम में और भी error हो सकते हैं इसलिए सुझाव दिया जाता है कि अगर
एक हिस्से में error मिली
है तो पूरे प्रोग्राम को Scan करना
चाहिए |
error को
ठीक करने के लिए अगर किसी प्रोग्राम के किसी code में बदलाव किया जाता है तो वह सही और उसकी
वजह से बाकी प्रोग्राम के output
में
कोई भी effect नहीं
पढ़ना चाहिए | इसलिए
टेस्ट करने के लिए Regression Testing किया जाता है |
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