बिहार और उड़ीसा का पहला मेडिकल कॉलेज – द प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज – 1925 में बांकीपुर में स्थापित किया गया था, हालांकि, आजादी के कुछ दशकों बाद, इसका नाम बदलकर पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल या पीएमसीएच कर दिया गया। कॉलेज की स्थापना 1925 में हुई थी और 25 फरवरी, 1927 को औपचारिक रूप से बिहार और उड़ीसा के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर सर हेनरी व्हीलर ने इसका उद्घाटन किया था।
पटना मेडिकल कॉलेज
अस्पताल (पीएमसीएच) काफी पुराना है। वर्ष 1925 में इसकी स्थापना
हुई थी। तब इसका नाम प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज था। यह महाविद्यालय गंगा नदी के दक्षिणी तट
पर अशोक राजपथ पर स्थित है पीएमसीएच
की गिनती भारत के चर्चित मेडिकल संस्थानों में होती थी। प्रदेश के कोने-कोने से
मरीज यहां इलाज के लिए आते थे।
मौजूदा
समय में अस्पताल में 1754
बिस्तर की क्षमता है। इसके अलावा, एमबीबीएस सीटों की संख्या 150 हैं।
वर्तमान आइसीयू मेडिसीन
: 60 सर्जरी
: 20 ऑर्थोपेडिक्स
: 20 न्यूरोसर्जरी
: 20 प्लास्टिक
सर्जरी : 12 एनआइसीयू
: 48 गाइनी
: 20 |
वर्तमान में व्यवस्था विभाग
वार्ड बेड जेनरल
मेडिसीन 5 317 शिशु 3 264 टीबी
एवं फेफड़ा 1 40 मनोचिकित्सा
1 30 स्कीन 1 70 जेनरल
सर्जरी 5 333 ऑर्थोपेडिक्स
3 172 आंख 1 101 ईएनटी 1 60 स्त्री
एवं प्रसूति 3 288 |
पीएमसीएच
पुनर्विकास
कैबिनेट
ने पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) के पुनर्विकास को मंजूरी दे दी है।
इसके तहत पीएमसीएच को करीब 5540.07 करोड़
रुपये की लागत से दुनिया का सबसे ज्यादा 5462 बिस्तरों
वाले अस्पताल में तब्दील किया जाएगा। माना जा रहा है कि इससे यह दुनिया का सबसे
बड़ा अस्पताल बन जाएगा, जहां वर्ल्ड क्लास की सुविधाएं मरीजों
को मिलेंगी।
इस
योजना का शिलान्यास बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 08 Feb 2021 को किया था। इस योजना के तहत 5,540 करोड़ रुपये की लागत से 5462-बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया जायेगा, और जिसमें एयर एंबुलेंस के लिए हेलीपैड
की भी व्यवस्था रहेगी. पीएमसीएच परिसर में यह हेलीपैड इमरजेंसी भवन के ऊपर बनेगा.
इस अस्पताल में 500 बेड वाला आईसीयू भी बनाया जाएगा साथ ही टेलीमेडिसिन की भी
व्यवस्था होगी. पीएमसीएच अस्पताल का विस्तारीकरण तीन चरण में सात वर्ष के भीतर
पूरा किया जाएगा।
यहां
एमबीबीएस की सीटों की संख्या को 150 से
बढ़ा कर 250 किया जाएगा। वहीं, पीजी सीटों की संख्या को 146 से बढ़ा कर 200 करने का प्रस्ताव है। सुपर स्पेशलिटी
सीटों की संख्या 8 से बढ़ा कर 36 की जाएगी। यह अस्पताल पर्यावरण के
अनुकूल ग्रीन बिल्डिंग होगा। अशोक राजपथ से कनेक्टिविटी के अलावा इसे कारगिल चौक
से अशोक राजपथ पर बनने वाले डबल डेकर पुल और गंगा एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ा जाएगा।
इस
अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इनमें फायरप्रूफ व भूकंपरोधी अस्पताल, पावर सब-स्टेशन शामिल हैं। अस्पताल की
बिल्डिंग पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन कलर की होगी। इसमें 3435 वाहनों की मल्टीलेवल पार्किंग सुविधा, मल-जल उपचार संयंत्र, प्रदूषण उपचार संयंत्र, मेडिकल गैस पाइप लाइन संयंत्र, नर्स कॉल सिस्टम, दवा-पैथोलॉजिकल सैंपल के लिए न्यूमेटिक
ट्यूब सिस्टम, केंद्रीय स्टेराइल सर्विस डिपार्टमेंट, अपशिस्ट-लॉण्ड्री के लिए न्यूमेटिक
सिस्टम होंगे।
पटना
का पीएमसीएच देश का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बनेगा। अभी
विश्व का सबसे बड़ा अस्पताल ताइवान का चांग गंग मेमोरियल हॉस्पीटल है। उसकी क्षमता
10
हजार बेड की है। पीएमसीएच में अभी कोविड वार्ड को मिलाकर लगभग 1800 बेड क्षमता है। अगले सात साल में
पीएमसीएच का 5462
बेड का अस्पताल पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। यह तीन फेज में बनेगा। पहले फेज में 2073
बेड का अस्पताल अगले तीन साल में तैयार होगा। यह सात मंजिला होगा। दूसरे और
तीसरे फेज में अन्य विभाग बनेंगे।
यहां
एक ही छत के नीचे मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग हॉस्टल, डॉक्टर चैंबर, क्लास रूम, सभी जांच और पैथोलॉजी सुविधाएं, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड से लेकर एमआरआई, ब्लड बैंक आदि की सुविधाएं मिलेंगी।
पीएमसीएच
: नये भवन में 36
सुपर स्पेशियलिटी विभाग बनेंगे
पीएमसीएच
में बनने वाले नए भवन में 36 सुपर स्पेशियलिटी विभाग बनेंगे। अभी इनकी संख्या आठ है। नया भवन
ऑटोमेटिक फायर फाइडिंग सिस्टम, मेडिकल गैस पाइपलाइन, पावर सब स्टेशन, अंडरग्राउंड सिवरेज प्रणाली, कचरा निष्पादन प्रणाली से युक्त होगा।
लगभग पांच हजार वाहनों की पार्किंग की भी व्यवस्था होगी।
07 वर्ष में तीन चरण में पूरा होगा निर्माण कार्य
फेज
वन
2040 करोड़ की लागत से बनेंगे 2073 बेड, 798 ब्वॉयज के लिए छात्रावास, 828 गर्ल्स
छात्रावास, 550 नर्सिंग छात्रावास
फेज
दो
1772 करोड़ की लागत से 1812 बेड बनेंगे
फेज
तीन
1728 करोड़ की लागत से 1577 बेड का अस्पताल
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नया
इमरजेंसी आइसीयू कैपिसीटी
कैजुअल्टी
487
सामान्य मरीज 265
सर्जिकल 104
कोरोनरी केस यूनिट 52
न्यूरोलॉजी 72
नियोनेटल 48
पीडियाट्रिक 48
स्त्री एवं प्रसूति विभाग 38
पीडिया सर्जरी 30
नेफ्रोलॉजी 30
बर्न आइसीयू : 20
अंग प्रत्यारोपण : 10
पटना में 5 हजार 540 करोड़ रुपए की लागत से यह वर्ल्ड क्लास अस्पताल बन रहा है जिसमें एयर एंबुलेंस के लिए हेलीपैड की भी व्यवस्था रहेगी. पीएमसीएच परिसर में यह हेलीपैड इमरजेंसी भवन के ऊपर बनेगा. इस अस्पताल में 500 बेड वाला आईसीयू भी बनाया जाएगा साथ ही टेलीमेडिसिन की भी व्यवस्था होगी. लगभग साढ़े पांट हजार करोड़ की लागत से बन रहे इस अस्पताल के निर्माण में 7 साल का समय लगेगा.
पीएमसीएच के नए कैंपस में भवन का एरिया 78 लाख वर्गफीट का होगा. यहां पढ़ने वाले मेडिकल छात्र छात्राओं के लिए 1626
की क्षमता वाला छात्रावास भी बनाया जाएगा साथ ही अस्पताल के फैकल्टी
और कर्मचारियों के लिएॉ 644 आवास बनाए जाएंगे जबकि 550
नसों के लिए छात्रावास के साथ-साथ 360 स्टूडियो
अपार्टमेंट भी बनाए जाएंगे. इस परिसर में 715 बेड की क्षमता
वाला धर्मशाला और 1500 क्षमता वाला ऑडिटोरियम भी शामिल है.
पार्किंग की समस्या को ध्यान में रखते हुए 3334 वाहनों की
पार्किंग वाला एरिया भी विकसित किया जा रहा है. अस्पताल का पूरा स्ट्रक्चर भूकंप
रोधी होगा. इस अस्पताल में 487 बेड की इमरजेंसी यूनिट के साथ
साथ साथ मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर भी बनाए जाएंगे
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