टीईटी एक वो परीक्षा जिसको पास करने के बाद
उम्मीदवार एक शिक्षक के रूप में अपने करियर को संवारना चाहते हैं। उम्मीदवार को
बता दें कि अगर आप एक टीचर के पद पर सरकारी नौकरी करना चाहते हैं। तो आपको टीईटी
परीक्षा पास करनी होगी। सभी स्टेट के लिए टीईटी परीक्षा अलग से आयोजित की जाती
है। उम्मीदवार को अगर किसी स्टेट के
सरकारी स्कूल में टीचर की जॉब करना है तो उम्मीदवार को टीईटी पास होना होगा।
क्या है टी.ई.टी. की परीक्षा (what is
TET exam) टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट स्कूलों के टीचर्स के अध्यापन के
तरीके को बेहतर बनाने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) द्वारा
हर साल कराई जाने वाली एक परीक्षा है. टी.ई.टी को हम( टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट )
शिक्षक पात्रता परीक्षा के नाम से भी जानते है. अब टीचर बनने के लिए ग्रेजुएट होना
और बीएड की डिग्री पा लेना ही काफी नहीं है स्कूलों के टीचर्स के अध्यापन के तरीके
को बनाने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) द्वारा हर साल टीचर्स
एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) की शुरुआत की गई है। इस टेस्ट में कम से कम 60
प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को ही सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में
टीचर्स की जॉब मिल सकती है.
शिक्षक पात्रता परीक्षा का पैटर्न (PATTERN
OF TET EXAM)
यह परीक्षा एनसीटीई (NCET) द्वारा कराई जाती है जिसमे 150 अंकों प्रश्न होते है
जिसे 150 मिनट में पूरा करना होता है सभी प्रश्न बहुविकल्पीय
होते है. टीईटी परीक्षा प्राथमिक एवं जूनियर स्तर के लिए अलग-अलग होती है दोनों परीक्षाओं में पांच खंड होते है .
TET Exam
TET का पूरा नाम Teacher Eligibility Test
अर्थात शिक्षक योग्यता परीक्षा है। इस परीक्षा का उद्देश्य शिक्षकों
के योग्यता का आंकलन करना है। दरअसल स्कूलों में शिक्षक भर्ती के पहले एक आकलन
परीक्षा आयोजित की जाती है जिसमे योग्यताधारी इस परीक्षा में शामिल होते है।
निः शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा की उप धारा (1) के प्रावधानों के अनुसार
कक्षा एक से आठ तक अध्यापक के रूप में नियुक्ति की पात्रता के लिए राष्ट्रिय
अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यता रखने के साथ साथ पात्रता
परीक्षा को पास करना भी अनिवार्य किया गया है।
परिषद् के अनुसार न्यूनतम योग्यता में अकादमिक एवं
व्यावसायिक योग्यता के साथ साथ प्रतिभागियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण
करना अनिवार्य घोषित किया गया है।
इसी आधार पर राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा TET का आयोजन किया जाता है। इस परीक्षा में शिक्षक बनने के इच्छुक प्रतिभागी
अपनी योग्यता का आंकलन करते है।
TET के सम्बन्ध में बहुत से लोगों में भ्रम की
स्थिति देखने को मिलती है, कहने का मतलब है कि कुछ लोग ऐसा
समझ लेते है कि TET उत्तीर्ण करने पर वे सीधे शिक्षक बन सकते
है। TET शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अर्हता मात्र है। इसे
शिक्षकीय पद पर नियुक्ति के लिए आदेश नहीं माना जा सकता। निः शुल्क और अनिवार्य
बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार सभी शालाओं में
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए TET अनिवार्य है।
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक (पूर्व माध्यमिक) शाला
के लिए अलग अलग परीक्षा आयोजित की जाती है। अभी तक शिक्षक पात्रता परीक्षा कक्षा
एक से आठ तक के शिक्षकों के लिए ही होती रही है। अब यह कक्षा नौ से बारह के
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अर्हता तय करने को लेकर भी होगा।
TET में पात्रता के लिए 60%
अंक पाना आवश्यक होता है। साथ ही प्रचलित नियमानुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 50%
न्यूनतन अंक लाना अनिवार्य है।
इस परीक्षा में प्राप्त अंक शिक्षक चयन के लिए
अधिभार के रूप में गणना के लिए उपयोग में लाये जा सकते है। इस अधिभार का निर्धारण
नियुक्तिकर्ता द्वारा किया जाता है।
एक बार TET उत्तीर्ण कर
लेने के बाद अभ्यर्थी के लिए इसकी वैधता सात वर्ष तक मान्य होता है।
इस प्रकार ये कुछ मुख्य बातें जो TET के सम्बन्ध में बताया गया है। इसके अलावा अभ्यर्थी के शैक्षणिक योग्यता भी
इसके लिए आवश्यक है जैसे प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के लिए क्रमशः हायरसेकेंडरी और
स्नातक न्यूनतम योग्यता का होना आवश्यक है।
TET Exam Ki Taiyari Kaise Kare
किसी भी परीक्षा में पास होने के लिए आपको उसकी
तैयारी पर ध्यान देना होता है। परीक्षा में पास होने के लिए किस तरह से पढ़ाई करनी
होती है इसकी जानकारी हम आपको आगे बता रहे है। तो जानते है TET Exam
में पास होने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स:
परीक्षा की तैयारी के लिए उस परीक्षा के Syllabus
और एग्जाम पैटर्न को समझना सबसे ज़रुरी होता है। तो परीक्षा के Syllabus
और एग्जाम पैटर्न को अच्छे से समझ ले उसके बाद ही इसकी तैयारी करे।
आप पुराने प्रश्न पत्रों की भी मदद ले सकते है
जिससे आप जान जाएँगे की परीक्षा के लिए कौन से टॉपिक ज्यादा महत्वपूर्ण होते है।
इसकी बेहतर तैयारी के लिए Ncert की किताबों का सहारा ले। TET Exam में अच्छे अंक
लाने के लिए NCERT की किताबें बहुत महत्वपूर्ण होती है।
TET Exam Ki Taiyari के लिए आपको रोज एक Mock
Test हल करना चाहिए। और हल करके उनका एनालिसिस करे जिससे आपको अपनी
कमज़ोरी का पता चलेगा और आपको उन्हें दूर करने में मदद मिलेगी। और आप जिन विषयों
में कमजोर है उस पर ज्यादा ध्यान दे तथा सभी विषयों के लिए एक समय निर्धारित कर
ले।
TET और CTET में क्या अंतर है
आज कल सरकारी अध्यापक बनने के लिए कई प्रकार की
परीक्षा रख दी गयी हैं. उन्ही परीक्षाओं में से “TET और CTET”
भी एक हैं. वैसे तो दोनों का कार्य समान है लेकिन फिर इनमे कुछ
असमानताएं हैं.
CTET का पूरा नाम “Central Teacher
Eligibility Test” होता है. ये भी TET की तरह टेस्ट
है और ये भी सरकारी अध्यापकों के लिए रखा गया है. इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर के आप
किसी भी राज्य के सरकारी अध्यापक के पद के लिए नियुक्त किये जा सकते हैं. ये
एग्जाम केंद्र सरकार द्वारा करवाया जाता है. और इसमें अधिकतर केंद्रीय स्कूल आदि में
अध्यापक बनने के मौके मिलते हैं.
TET और CTET दोनों टीचर
एलिजिबिलिटी टेस्ट हैं. TET राज्य सरकार द्वार करवाया जाता
है और CTET केंद्र सरकार द्वारा .TET को
उत्तीर्ण करने के बाद आपको अपने ही राज्य में सरकारी स्कूल में नौकरी मिलती है और CTET
में आपको किसी भी राज्य में केंद्रीय विद्यालय में नौकरी मिलती है.TET
के द्वारा आपको एक state government job मिलती
है और CTET के द्वारा आपको central government job मिलती है.
TET एग्जाम को हर राज्य का एजुकेशन बोर्ड करवाता
है और इसमें सरकारी फंडेड स्कूल में नौकरी दी जाती है और CTET एग्जाम को सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकंडरी एजुकेशन के द्वारा कराया जाता है जो
मिनिस्ट्री ऑफ़ ह्यूमन एंड डेवलपमेंट के निर्देशानुसार कार्य करती है. इसमें
केंद्रीय विद्यालय और टिबेटन स्कूल आदि में नौकरी दी जाती है.आप यदि बीएड किये हैं
तो आप इन दोनों में से किसी भी एग्जाम को दे सकते हैं.इन दोनों एग्जाम को कराने का
मुख्य उद्देश्य सरकार का ये पता करना है कि आप सरकारी स्कूल में पढ़ाने योग्य हैं
कि नहीं.जिस राज्य से आपने TET का एग्जाम उत्तीर्ण किया होता
है आप केवल उसी राज्य के स्कूल के लिए अप्लाई कर सकते हैं लेकिन CTET में आप दूसरे राज्यों में भी अप्लाई कर सकते हैं.
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