4/29/21

मानव शरीर किससे बना है?

मानव शरीर असंख्य छोटी-छोटी इकाईयों से मिलकर से बना है। इन इकाईयों को कोशिकाएं (Cells) कहा जाता है। कोशिका शरीर का एक बहुत ही सूक्ष्म रूप है। यह शरीर की एक मूलभूत रचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है जो स्वतन्त्र रूप से जीवन की क्रियाओं को चलाने की क्षमता रखती है। शरीर के अलग-अलग अंगों की कोशिकाएं अलग-अलग होती है, लेकिन कोशिकाओं की मूलभूत संरचना एक समान ही होती है। ये इतनी छोटी होती है, कि इन्हें बिना सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप) के देख पाना सम्भव ही नहीं है। इन्हें स्टेन करने के बाद स्लाइड पर स्थित करके ही देखा जा सकता है। स्टेन करने से कोशिका के अलग-अलग भाग अलग- अलग रंग ग्रहण करके एक-दूसरे से अलग दिखाई देने लगते हैं। कोशिका की रचना के अंदर कई-एक सम्मिलित अंग आते हैं जिनके सामूहिक रूप को कोशिका (Cells) कहते हैं। कार्यों की विभिन्नता के कारण कोशिकाओं के आकार एवं आकृति में अन्तर होता है, लेकिन कुछ रचनात्मक विशिष्ट गुण उन सभी में समान रहते हैं

Science  की क्लास में अक्सर हमसे सवाल किया जाता जाता था कि हमारा शरीर आखिर किससे बना है? जिसके जवाब में हम बताते थे कि मानव शरीर असंख्य छोटी-छोटी इकाईयों से मिलकर बना होता है, जिन्हें कोशिका(Cell) कहा जाता है। कोशिकाएं हमारे शरीर की मूल इकाई होती हैं। प्रत्येक मानव मूल रूप से 10 खरब (ट्रिलियन/Trillion) कोशिकाओं की एक अनूठी संरचना है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इन कोशिकाओं के अंदर क्या होता है?


कोशिका किसे कहते हैं ?

कोई भी संरचना फिर वह जीवित हो या निर्जीव उसे बनाने में सूक्ष्म संरचनाओं का योगदान होता है। उदाहरणस्वरूप एक बड़े महल को यदि देखा जाए तो वह हजारों छोटे-छोटे इंटों और पत्थरों से मिलकर बना होता है, जिन्हें आपस में जोड़ कर, व्यवस्थित कर, एक-दूसरे के ऊपर रखकर विशाल महल की सृष्टि की जाती है। इसी प्रकार लोहे का टुकड़ा भी असंख्य लोहे के परमाणुओं से मिलकर बना होता है।

 

इन्हीं वस्तुओं की भॉति पादपों एवं जंतुओं का शरीर भी छोटी इकाईयों के व्यवस्थित रूप से जुड़ने के कारण निर्मित होता है। जीवन की इस सूक्ष्मतम इकाई को कोशिका (Cell) कहा जाता है, जिसका सामान्य अर्थ छोटे कोश में लिया जा सकता है। यही कोशिकाओं लाखों करोड़ों की संख्या में एकीकृत होकर संपूर्ण शरीर का निर्माण करती है।

कोशिका की खोज का श्रेय राबर्ट हुक को जाता है, जिन्होंने स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी के द्वारा कार्क के एक टुकड़े में मृत कोशिकाओं को देखा था। जीवित कोशिका को सबसे पहले देखने का श्रेय सर ल्वूवेन हॉक को जाता है, जिन्होंने जीवाणु की जीवित कोशिका को सबसे पहले देखा था। कोशिका जीवन की रचनात्मक इकाई मानी जाती है परंतु यह अविभाज्य नहीं है, कोशिका भी अनेक प्रकार के अवयवों से मिलकर बना होता है। कोशिका के अंदर के घटक कोशिकांग (Cell Organelle) कहलाते हैं। एक कोशिका अपने-आप में एक पूर्ण जीव हो सकती है, इस स्थिति में जीव को एककोशिकीय (Unicellular) कहा जाता है। बड़े जीवों में एक अंगतंत्र मिलकर जितने कार्य संपादित करते हैं (पोषण, श्वसन, उत्सर्जन प्रजनन आदि) ये सभी कार्य एक कोशिका के अंदर भी सफलता पूर्वक संपन्न हो सकते हैं जैसे मोनेरा और प्रोटेस्टा जगत के जीवों में होता है। कोशिका में उपस्थित सभी कोशिकांग मिलकर जीवन के लिए आवश्यक सभी कार्यों को संपादित करते हैं।

 

कोशिकाओं से बना शरीर जीवन का एक अभिन्न एवं मूलभूत लक्षण माना जाता है। छोटे जीव कोशिका के आकार में वृद्धि के द्वारा वृद्धि करते हैं तथा बड़े जीवों में कोशिकाएँ विभेदित होकर संख्या में अत्यधिक हो जाती हैं और कुछ कोशिकाएँ विशिष्ट कार्यों के लिए रूपान्तरित हो जाती हैं। ये कोशिकाएँ आपस में संयोजित होकर ऊतकों (Tissues) का निर्माण करती हैं तथा एक ही प्रकार के ऊतक सम्मिलित होकर अंग का निर्माण करते हैं, एक प्रक्रिया को संपन्न करने वाले अंगों के समूह को अंगतंत्र कहा जाता है और इसी प्रकार अनेक अंगतंत्रों से मिलकर जीव का संपूर्ण शरीर बनता है।

•             कोशिकाओं का अध्ययन जीव विज्ञान की जिस शाखा के अंतर्गत किया जाता है, उसे कोशिका विज्ञान (Cytology) कहा जाता है।

•             जीवन की संरचनात्मक (Structural) एवं क्रियात्मक (Functional) इकाई कोशिका (Cell) कहलाती है।

•             कोशिका की खोज राबर्ट हुक ने की थी इन्होंने स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से सर्वप्रथम कार्क की मृत कोशिका को देखा था।

•             जीवित कोशिका को सर्वप्रथम देखने का श्रेय एन्टोनीवॉन ल्यूवेनहॉक को कहा जाता है।

•             शुतुरमुर्ग का अंडा अभी तक की ज्ञात सबसे बड़ी कोशिका है।

•             कोशिका झिल्ली के अंदर घिरा पदार्थ जीवद्रव्य (Protoplasm) कहलाता है। यह जीवन का भौतिक आधार (Physical basis of life) होता है।

•             कोशिका द्रव्य में माइटोकॉण्ड्रिया, गॉल्गीबॉडी, एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम प्लास्टिड दोहरी झिलली से घिरी संरचाएँ होती हैं, इनके अतिरिक्त कोशिकाद्रव्य में रिक्तिकाएँ, लाइसोसोम, आदि पाये जाते हैं।

•             केन्द्रक द्रव्य में केन्द्रिका, गुणसूत्र, तारककाय आदि पाये जाते हैं।

•             माइटोकॉण्डिया एवं प्लास्टिड के पास अपना डीएनए आरएनए होता है।

•             जंतु कोशिका में प्लास्टिड (Plastid) एवं कोशिका भित्ती को छोड़कर पादप के अन्य सभी कोशिकांग पाये जाते हैं।

•             बहुकोशिकीय जीवों में दो कोशिकाओं के बीच का अवकाष्ठा अंतर्कोष्ठिाकीय अवकाष्ठा (Intercellular space) कहलाता है।

•             जटिलता के आधार पर कोशिका दो प्रकार के होते हैं- आदिम प्रकार को कोशिका प्राकैरियोटिक कोशिका होती है उन्न्त प्रकार की कोशिका यूकैरियोटिक कोशिका होती है।

•             प्रोटीन तथा लिपिड की बनी कोशिका झिल्ली चयनात्मक पारगम्य (selective permiable) होती है।

•             माइटोकॉण्ड्रिया को कोशिका का ऊर्जा गृह (Power house) कहा जाता है, क्योंकि ग्रहण किये हुए भोजन का यहीं ऑक्सीकरण होता है जिसके फलस्वरूप ATP के रूप में ऊर्जा मुक्त होती है।

•             गॉल्गीबॉडी का मुख्य कार्य वसा का संचय करना है? यह एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम द्वारा बने पदार्थ गॉल्गी बॉडी द्वारा पैक किये जाते हैं। इनमें राइबोसोम का निर्माण होता है।

•             एन्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम कोशिका का कंकाल तंत्र कहलाता है क्योंकि यह कोशिका का ढाँचा बनाता है तथा कोशिका को मजबूती प्रदान करता है।

•             कोशिका में दो प्रकार के अंत:व्यी जालिका (ER) पाये जाते हैं (1) खुरदुरे (सतह पर राइबोसोम चिपके हुए) और (2) चिकने(सतह पर राइबोसोम अनुपस्थित) राइबोसोम में प्रोटीन संश्लेषण की सूचनाएँ होती हैं।

•             राइबोसोम को कोशिका का प्रोटीन संश्लेषण का प्लेटफार्म (Plateform of Protein Synthesis) कहते हैं।

•             लाइसोसोम का मुख्य कार्य है पाचन, यह कोशिका के अपशिष्ट पदार्थो का भक्षण करके उसे कोशिका झिल्ली के बाहर भेजने का कार्य करते हैं,

•             लाइसोसोम को कोशिका की आत्महत्या की थैली (Suicidal bag of the cell) कहा जाता है।

•             पादप कोशिकाओं में रसधानियों का आकार जंतु कोशिका की तुलना में बड़ा होता है।

•             प्लास्टिड दो प्रकार के होते हैं- (1) क्रोमोप्लास्ट और (2) ल्यूकोप्लास्ट, क्रोमोप्लास्ट रंगीन होते हैं, और ल्यूकोप्लास्ट रंगहीन।

•             लाइकोपीन टमाटर को लाल रंग प्रदान करता है इसी प्रकार जैन्थोसाइनीन बैंगन को बैंगनी रंग प्रदान करता है, आदि।

•             ल्यूकोप्लास्ट भोजन संग्रह का कार्य करते हैं।

•             जिन प्लास्टिड में हरा रंग पाया जाता है, उन्हे क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है। क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल पाया जाता है, जिसके कारण ये हरे होते हैं और प्रकाशसंश्लेषण में सहायता करते हैं।

•             केन्द्रक गोलाकार या अंडाकार होता है तथा सामान्यतः कोशिका के मध्य भाग में एक रन्ध्रदार झिल्ली के भीतर बंद रहता है, जो इसे कोशिका-द्रव्य से पष्टथक होती है।

•             हर एक नाभिक के एक या दो अनुनाभिक (Nucleoli) होते हैं जिनमें न्यूक्लाइक अम्लों का संश्लेषण होता है।

•             क्रोमोजोम प्रोटीन और डीऑक्सीन्यूक्लाइक अम्ल का बना होता है। आनुवांष्ठिाक गुणों का संप्रेषण क्रोमोजोम पर निर्भर करता है।


 मानव शरीर की शारीरिक रचना, तथ्य और कार्य The Human Body: Anatomy, Facts & Functions

 

मानव शरीर के मूल भाग सिर, गर्दन, धड़, हथियार और पैर हैं।मानव शरीर जो बनाता है सब कुछ  ठीक है वयस्क शरीर: 100 खरब कोशिकाओं, 206 हड्डियों, 600 मांसपेशियों, और 22 आंतरिक अंगों से बना है। मानव शरीर में करीब 1 अरब कोशिकाओं को प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए। औसत मानव सिर में लगभग 100,000 बाल हैं धमनियों, शिराओं, और केशिकाओं के संचयन प्रणाली लगभग 60,000 मील लंबा है

 

शरीर तंत्र

हमारे शरीर में कई जैविक प्रणालियां शामिल हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी के लिए आवश्यक विशेष कार्य करती हैं।

 

रक्त परिसंचरण प्रणाली का काम शरीर के चारों ओर, रक्त, पोषक तत्वों, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड और हार्मोन को स्थानांतरित करना है। इसमें हृदय, रक्त, रक्त वाहिका, धमनिया  और नसे होती हैं।

 

पाचन तंत्र में एक साथ जुड़े अंगों की एक श्रृंखला होती है, जो शरीर में भोजन को तोड़ने और अवशोषित करने की अनुमति देती है, और कचरे को हटा देती है। इसमें मुंह, अन्नप्रणाली, पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत, मलाशय और गुदा शामिल हैं। यकृत और अग्न्याशय भी पाचन तंत्र में एक भूमिका निभाते हैं क्योंकि ये पाचन के रस का उत्पादन करते हैं।

 

अंतःस्रावी(Endocrine) तंत्र में आठ प्रमुख ग्रंथियां होती हैं जो रक्त में हार्मोन को लपेटते हैं। ये हार्मोन, बदले में विभिन्न ऊतकों की यात्रा करते हैं और चयापचय, विकास और यौन कार्यों जैसे विभिन्न शारीरिक कार्यों को विनियमित करते हैं।

 

प्रतिरक्षा प्रणाली बैक्टीरिया, वायरस और हानिकारक हो सकता है कि अन्य रोगजनकों के खिलाफ शरीर की रक्षा है। इसमें लिम्फ नोड्स, प्लीहा, अस्थि मज्जा, लिम्फोसाइट्स (बी कोशिकाओं और टी-कोशिकाओं सहित), थेइमस और ल्यूकोसाइट्स शामिल हैं, जो सफेद रक्त कोशिकाएं हैं।

 

लसीका तंत्र में लिम्फ नोड्स, लिम्फ नलिकाएं और लसीका वाहिकाए (Lymphatic vessels )शामिल हैं,जो शरीर की सुरक्षा में भी भूमिका निभाती है। इसका मुख्य काम लसीका बनाना और बढ़ाना है, इसमें एक स्पष्ट द्रव की सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं, जो शरीर से संक्रमण की सहायता करते हैं। लसीका तंत्र शरीर के ऊतकों से अधिक लसीका तरल पदार्थ को हटा देता है, और रक्त में लौटाता है।

 

तंत्रिका तंत्र स्वैच्छिक क्रिया (सचेत आंदोलन) और अनैच्छिक क्रिया (श्वास जैसे) दोनों को नियंत्रित करती है, और शरीर के विभिन्न भागों में संकेत भेजती है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी शामिल है। परिधीय तंत्रिका तंत्र में तंत्रिकाओं होते हैं जो शरीर के दूसरे भाग को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से जोड़ते हैं।

 

शरीर की मांसपेशीय प्रणाली में लगभग 650 मांसपेशियां हैं जो आंदोलन, रक्त प्रवाह और अन्य शारीरिक कार्यों में सहायता करती हैं। तीन प्रकार की मांसपेशियां हैं: 1. कंकाल की मांसपेशी जो हड्डी से जुड़ी हुई है, 2. स्वयंसेवी आंदोलन, चिकनी मांसपेशियों के साथ मदद करती है जो अंगों के अंदर पाए जाते हैं और अंगों के माध्यम से पदार्थों को ले जाने में मदद करती हैं,3.  कार्डियक पेशी जो हृदय में पाए जाती हैं और रक्त पंप में मदद करती हैं

 

प्रजनन प्रणाली मनुष्य को पुन: उत्पन्न करने की अनुमति देता है पुरुष प्रजनन प्रणाली में लिंग और वृषण शामिल हैं, जो शुक्राणु उत्पन्न करते हैं। महिला प्रजनन प्रणाली में योनि, गर्भाशय और अंडाशय शामिल होते हैं, जो अंडे का उत्पादन करते हैं। गर्भाधान के दौरान, एक अंडे सेल के साथ एक शुक्राणु सेल फ़्यूज़ होता है, जो एक निषेचित अंडे बनाता है जो गर्भाशय में प्रत्यारोपण और बढ़ता है।

 

हमारा शरीर कंकाल प्रणाली द्वारा समर्थित हैं, जिसमें 206 हड्डियां शामिल हैं जोकंडों,स्नायुबंधनऔरउपास्थि(Ligaments and cartilage)से जुड़े हैं। कंकाल न केवल हमें आगे बढ़ने में मदद करता है, बल्कि यह रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और कैल्शियम का भंडारण में भी शामिल है। दांत भी कंकाल प्रणाली का हिस्सा हैं, लेकिन इन्हें हड्डियों में नहीं माना जाता है।

 

श्वसन प्रणाली (respiratory system) हमें महत्वपूर्ण प्रक्रिया में ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड को निकालने की अनुमति देती है, जिससे हम साँस लेते हैं। इसमें मुख्य रूप से श्वासनली, डायाफ्राम और फेफडे शामिल होते हैं।

 

मूत्र प्रणाली शरीर से यूरिया नामक अपशिष्ट उत्पाद को खत्म करने में मदद करती है, जो कुछ खाद्य पदार्थों को तोड़ा जाने पर उत्पादित होता है। पूरे सिस्टम में दो गुर्दे, दो नितंब, मूत्राशय, दो स्फेन्फरर मांसपेशियों और मूत्रमार्ग शामिल हैं गुर्दे द्वारा उत्पादित मूत्र मूत्राशय के लिए मूत्रवाहकों के नीचे जाता है, और मूत्रमार्ग के माध्यम शरीर से बाहर निकलता है। त्वचा, या अभिन्न प्रणाली, शरीर का सबसे बड़ा अंग है यह हमें बाहर की दुनिया से बचाता है, और बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनकों के खिलाफ हमारा पहला बचाव है। हमारी त्वचा शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और पसीना के माध्यम से अपशिष्ट को समाप्त करने में भी मदद करती है। त्वचा के अलावा, इंटीग्रेटरी सिस्टम में बाल और नाखून शामिल हैं।

 

महत्वपूर्ण अंग

 

मनुष्य के पास पांच महत्वपूर्ण अंग हैं जो अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं। ये मस्तिष्क, हृदय, गुर्दे, यकृत और फेफड़े हैं।

 

शरीर का नियंत्रण मानव मस्तिष्क केंद्र है, अवयवों के माध्यम से अन्य अवयवों को प्राप्त करने, संकेत भेजना और गुप्त हार्मोन के तंत्रिका तंत्र के माध्यम से होता है। यह हमारे विचारों, भावनाओं, स्मृति भंडारण और दुनिया की सामान्य धारणा के लिए ज़िम्मेदार है।

 

मानव हृदय पूरे शरीर में रक्त पम्पिंग के लिए जिम्मेदार है।

 

गुर्दे का काम खून से निकासी और अतिरिक्त द्रव को दूर करना है। गुर्दे खून से बाहर यूरिया लेते हैं और मूत्र को बनाने के लिए पानी और अन्य पदार्थों से जोड़ते हैं।

 

जिगर में कई कार्य हैं, जिनमें हानिकारक रसायनों के विघटनकारी, दवाओं के टूटने, रक्त छानने, पित्त के स्राव (Bile secretion)और रक्त-थक्का (Blood clot) प्रोटीन का उत्पादन शामिल है।

 

हम जिस हवा से साँस लेते हैं और उसे हमारे रक्त में स्थानांतरित करने के लिए फेफड़े जिम्मेदार हैं, फेफड़े कार्बन डाइऑक्साइड को भी हटा देते हैं, जिससे हम साँस छोड़ते हैं।

 

मजेदार तथ्य

 

मानव शरीर में लगभग 100 खरब कोशिकाएं हैं।

मानव शरीर में कम से कम 10 बार जितनी जीवाणु कोशिकाओं के रूप में होते हैं

वयस्क प्रति दिन 20,000 औसत से अधिक साँस लेते हैं।

प्रत्येक दिन, गुर्दे की 200 क्वॉर्ट्स(Quotes) रक्त के बारे में 2 क्वॉर्ट्स(Quotes) कचरे और पानी को फिल्टर करने के लिए प्रक्रिया करता है

वयस्कों को एक चौथाई (1.42 लीटर) पेशाब का प्रत्येक दिन उत्सर्जन होता है।

मानव मस्तिष्क में लगभग 100 अरब तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं

जल औसत वयस्क से शरीर के वजन का 50 प्रतिशत से अधिक बनाता है।


मानव शरीर किससे बना है?

व्यवहारिक शरीर में 3.5 करोड़ रोम, 7 लाख केश, 20 नख तथा 32 दाँत सामान्यत: बताए गए हैं। इन शरीर में 1 हजार पल मांस, 100 पल रक्त, 10 पल मेदा, 70 पल त्वचा, 12 पल मज्जा और 3 पल महारक्त होता है। नर के शरीर में 2 कुड़व शुक्र और महिला के शरीर में 1 कुड़व शोणित (रज) होता है। पुरे शरीर में 360 हड्डियाँ पाई जाती हैं। शरीर में स्थूल और लघुरूप से करोड़ों नाड़ियाँ हैं। इसमें 50 पल पित्त और उसका आधा अर्थात 25 पल श्लेष्मा (कफ) बताया है।

धरती के सभी जीव-जन्तु और पेड़-पौधे बहुत ही सूक्ष्म कोशिकाओं से बने हैं। जिस प्रकार ईंटों से मकान का निर्माण होता है, उसी प्रकार कोशिका जीव-जगत के निर्माण की इकाई है।

हमारे शरीर की हड्डियाँ, मांसपेशियाँ, त्वचा, रक्त, दाँत, नाड़ियाँ, बाल आदि सभी अंग कोशिकाओं से मिलकर बने हैं। मनुष्य के शरीर में सौ खरब (10,000,000,000,000) से भी अधिक कोशिकाएँ हैं। ये कोशिकाएँ आकार में इतनी छोटी हैं कि उन्हें केवल सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखा जा सकता है। शरीर के विभिन्न भाग भिन्न-भिन्न प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बने हैं और प्रत्येक कोशिका का शरीर में एक विशेष काम होता है।

कुछ कोशिकाएँ तो इतनी छोटी हैं कि इन्हें इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से भी नहीं देखा जा सकता। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी वस्तुओं को दो लाख गुना बड़ा करके दिखाता है। एक चींटी का आकार सूक्ष्मदर्शी में देखने पर 0.8 किमी. (आधा मील) दिखाई देगा। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कुछ कोशिकाएँ कितनी छोटी होती हैं।

 

कोशिकाओं की बनावट गोलाकार, अण्डाकार और बेलनाकार होती है। प्रत्येक कोशिका की ऊपरी सतह एक नाज़ुक तथा लचीली झिल्ली के रूप में होती है। इसे कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) या प्लाज्मा झिल्ली (Plasma Membrane) कहते हैं। यह अर्ध पारगम्य (Semi-permeable) होती है और कुछ चुने हुए पदार्थों को ही अन्दर जाने देती है। कोशिका झिल्ली के अन्दर जेली के समान एक अर्ध पारदर्शी द्रव पदार्थ होता है, जिसे कोशिका द्रव (Protoplasm) कहते हैं। इसमें बहुत-सी छोटी-छोटी शक्तियाँ तथा कण होते हैं। इसी में कोशिका केन्द्रक (Nucleus) भी होता है। केन्द्रक से सटी एक गोलाकार रचना होती है, जिसे सेंट्रोसोम (Centrosome) कहते हैं।

प्रोटोप्लाज्म एक बहुत ही जटिल पदार्थ है। जीवन की सभी आवश्यक क्रियाएँ इसी पदार्थ में सम्पन्न होती हैं। इसी पदार्थ द्वारा भोजन और ऑक्सीजन प्राप्त की जाती है। प्रोटोप्लाज्म में राइबोसोम (Ribosomes), माइटोकांड्रिया (Mito chondria) गोल्गी बॉडी (Golgi Bodies) आदि भी होते हैं, जो शरीर की विभिन्न क्रियाओं, जैसे शरीर निर्माण करना, गन्दगी निकालना, स्वयं को उत्पन्न करते रहना आदि कार्य करते हैं। कोशिकाओं के मिलने से ऊतक (Tissues) बनते हैं और इन्हीं ऊतकों से शरीर के विभिन्न अंगों का निर्माण होता है।

सभी जीवों के शरीर सूक्ष्म कोशिकाओं से बने होते हैं। पौधों की कोशिका जीवों की कोशिकाओं से भिन्न होती हैं। जीवों की कोशिका के चारों ओर एक झिल्ली होती है जो सेल्यूलोज से बनी होती है। पौधों की कोशिका में यह झिल्ली नहीं होती।

 

कभी आपने सोचा है कि हमारा शरीर कितने तत्वों से मिल कर बना है। आपको बता दे कि मानव शरीर लगभग 99% भाग मुख्यतः छह तत्वो से बना है जिसमें आक्सीजन, कार्बन, हायड्रोजन, नाइट्रोजन, कैल्सीयम तथा फास्फोरस खास तौर से शामिल है और इसी तरह से लगभग 0.85% भाग अन्य पांच तत्वो से बना है जैसे पोटैशीयम, सल्फर, सोडीयम, क्लोरीन तथा मैग्नेशीयम है। आपोक बता दे कि इसके अतिरिक्त एक दर्जन तत्व और हैं जो जीवन के लिये आवश्यक माने जाते है।

 

 

आपको बता दे कि अच्छे स्वास्थ्य के लिये यह सारे तत्व उत्तरदायी होते है, जिसमे बोरान, क्रोमीयम कोबाल्ट, कापर, फ़्लोरीन, आयोडीन, लोहा, मैग्नीज, टीन, वेनाडीयम और जस्ता का समावेश है जिससे हमारा मानव शरीर बनके तैयार होता है। इसलिए माना जाता है कि मानव शरीर बहुत ही समझदार जीव है। जिसमें की तत्वों के समावेश के कारण से उसमें सोचने समझने और कई चीजों को परखने में मदद करते है। अगर इनमें से एक भी तत्व की कमी आ जाती है तो मानव शरीर कई तरह की बिमारियों का शिकार हो जाता है। इसलिए खान पान का खास तौर से ख्याल रखना आवश्यक होता है।

 

शरीर के भीतर पाए जाने वाले सभी तत्व जीवन के लिए आवश्यक नहीं हैं। कुछ ऐसे दूषित तत्व माने जाते हैं जो बिना किसी नुकसान के दिखाई देते हैं लेकिन कोई ज्ञात कार्य नहीं करते हैं। उदाहरणों में सीज़ियम और टाइटेनियम शामिल हैं। अन्य सक्रिय रूप से विषाक्त हैं, जिसमें पारा , कैडमियम और रेडियोधर्मी तत्व शामिल हैं । आर्सेनिक को मनुष्यों के लिए विषाक्त माना जाता है, लेकिन ट्रेस मात्रा में अन्य स्तनधारियों (बकरियों, चूहों, हैम्स्टर्स) में एक कार्य करता है।

 

मानव शरीर के ये सच जानकर आप हो जाएंगे हैरान

मानव का शरीर देखने में तो सामान्य नजर आता हैं, लेकिन अगर इसके उपयोग और कार्य को जाना जाए तो हर कोई हैरान रह जाएगा। वैज्ञानिक आज भी मानव शरीर को लेकर हैरान हैं, कि आखिर ऐसे कैसे इतना सब मानव शरीर में हैं। मानव शरीर की संरचना ईश्वर ने की है, यह माना जाता है। मानव शरीर निश्चित की कल्पनीय है। इसके बारे में जो भी यह सच सामने आए है वह सच है। शरीर के इन अंगों का मुकाबला या विकल्प भी बना पाना मुश्किल है। आज हम आपको बताने जा रहे है मानव शरीर की वह खास और रोचक बातें, जो आप महसूस तो कर सकते हैं, लेकिन जानते नहीं हैं।

 

हमारे फेफड़े हर दिन 20 लाख लीटर हवा को फिल्टर करते हैं. हमें इस बात की भनक भी नहीं लगती. फेफड़ों को अगर खींचा जाए तो यह टेनिस कोर्ट के एक हिस्से को ढंक देंगे.

हमारा शरीर हर सेकंड 2.5 करोड़ नई कोशिकाएं बनाता है. साथ ही, हर दिन 200 अरब से ज्यादा रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है. हर वक्त शरीर में 2500 अरब रक्त कोशिकाएं मौजूद होती हैं. एक बूंद खून में 25 करोड़ कोशिकाएं होती हैं.

इंसान का खून हर दिन शरीर में 1,92,000 किलोमीटर का सफर करता है. हमारे शरीर में औसतन 5.6 लीटर खून होता है जो हर 20 सेकेंड में एक बार पूरे शरीर में चक्कर काट लेता है.

एक स्वस्थ इंसान का हृदय हर दिन 1,00,000 बार धड़कता है. साल भर में यह 3 करोड़ से ज्यादा बार धड़क चुका होता है. दिल का पम्पिंग प्रेशर इतना तेज होता है कि वह खून को 30 फुट ऊपर उछाल सकता है.

इंसान की आंख एक करोड़ रंगों में बारीक से बारीक अंतर पहचान सकती है. फिलहाल दुनिया में ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इसका मुकाबला कर सके.

हमारी नाक में प्राकृतिक एयर कंडीशनर होता है. यह गर्म हवा को ठंडा और ठंडी हवा को गर्म कर फेफड़ों तक पहुंचाता है.

तंत्रिका तंत्र 400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से शरीर के बाकी हिस्सों तक जरूरी निर्देश पहुंचाता है. इंसानी मस्तिष्क में 100 अरब से ज्यादा तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं.

शरीर में 70 फीसदी पानी होता है. इसके अलावा बड़ी मात्रा में कार्बन, जिंक, कोबाल्ट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट, निकिल और सिलिकॉन होता है.

झींकते समय बाहर निकले वाली हवा की रफ्तार 166 से 300 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है. आंखें खोलकर झींक मारना नामुमकिन है.

इंसान के वजन का 10 फीसदी हिस्सा, शरीर में मौजूद बैक्टीरिया की वजह से होता है. एक वर्ग इंच त्वचा में 3.2 करोड़ बैक्टीरिया होते हैं.

आंखें बचपन में ही पूरी तरह विकसित हो जाती हैं. बाद में उनमें कोई विकास नहीं होता. वहीं नाक और कान पूरी जिंदगी विकसित होते रहते हैं. कान लाखों आवाजों में अंतर पहचान सकते हैं. कान 1,000 से 50,000 हर्ट्ज के बीच की ध्वनि तरंगे सुनते हैं.

इंसान के दांत चट्टान की तरह मजबूत होते हैं. लेकिन शरीर के दूसरे हिस्से अपनी मरम्मत खुद कर लेते हैं, वहीं दांत बीमार होने पर खुद को दुरुस्त नहीं कर पाते.

इंसान के मुंह में हर दिन 1.7 लीटर लार बनती है. लार खाने को पचाने के साथ ही जीभ में मौजूद 10,000 से ज्यादा स्वाद ग्रंथियों को नम बनाए रखती है.

वैज्ञानिकों को लगता है कि पलकें आंखों से पसीना बाहर निकालने और उनमें नमी बनाए रखने के लिए झपकती है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में दोगुनी बार पलके झपकती हैं.

अंगूठे का नाखून सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ता है. वहीं मध्यमा या मिडिल फिंगर का नाखून सबसे तेजी से बढ़ता है.

पुरुषों में दाढ़ी के बाल सबसे तेजी से बढ़ते हैं. अगर कोई शख्स पूरी जिंदगी शेविंग न करे तो दाढ़ी 30 फुट लंबी हो सकती है.

एक इंसान आम तौर पर जिंदगी के पांच साल खाना खाने में गुजार देता है. हम ताउम्र अपने वजन से 7,000 गुना ज्यादा भोजन खा चुके होते हैं.

एक स्वस्थ इंसान के सिर से हर दिन 80 बाल झड़ते हैं.

इंसान दुनिया में आने से पहले ही यानी मां के गर्भ में ही सपने देखना शुरू कर देता है. बच्चे का विकास वसंत में तेजी से होता है.

 

नींद के दौरान इंसान की ऊर्जा जलती है. दिमाग अहम सूचनाओं को स्टोर करता है. शरीर को आराम मिलता है और रिपेयरिंग का काम भी होता है. नींद के ही दौरान शारीरिक विकास के लिए जिम्मेदार हार्मोन्स निकलते हैं

जानिए अपने शरीर के बारे में रोचक तथ्य

मानव शरीर की संरचना जितनी अद्भुत है उतनी ही जटिल भी है। यह एक ऐसा विषय बन गया है जिस पर सदियों से शोध होते ही आएं हैं और भविष्य में भी होते ही रहेंगे। इसलिए अगर मानव शरीर से जुड़े नए और रोचक तथ्य आपके समक्ष प्रस्तुत हो तो इसमें कोई अचरज नहीं होगा। जानिए दुनिया से जुड़ी कुछ अजब-गजब बातें लेकिन फिर भी मानव शरीर का किस्सा बहुत ही रोमांचक है। कुछ चीजें तो हमारे दैनिक जीवन से ही जुड़ी हैं पर फिर भी हम उस पर गौर नहीं करते।

रात में ज्यादा चलता है दिमाग दिमाग दिन से ज्यादा रात में सक्रिय रहता है। इसके पीछे क्या कारण है वैज्ञानिक भी नहीं जानते। आईक्यु से ज्यादा सपने आईक्यु जितना तेज होता है उतने ही ज्यादा सपने आते हैं।

चेहरे के बाल सबसे तेज शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में चेहरे के बाल जल्दी बढ़ते हैं। इस अंगुली का नाखून बढ़ता है तेज अन्य अंगुलियों की अपेक्षा बीच वाली अंगुली के नाखून तेजी से बढ़ते हैं। पैर के नाखून बढ़ते है कम पैर के नाखूनों की तुलना में हाथ के नाखून चार गुना तेज बढ़ते हैं।

मनुष्य के बालों का औसतन जीवनकाल 3 से 7 साल होता है। पेट का अम्ल जिंक पर भारी आपके पेट में जो अम्ल होता है वो जिंक को जलाने के लिए पर्याप्त होता है। लेकिन इससे पेट को नुकसान नहीं होता क्योंकि पेट की भित्तियाँ निरंतर स्वयं नवीनीकृत हो जाती है।

महिलाओं की धड़कन तेज पुरुषों की तुलना में महिलाओं की धड़कन तेज होती है। पुरुष लेते हैं कम झपकी पुरुषों की तुलना में महिलाएं दुगनी झपकियाँ लेती हैं। महिलाओं में अधिक सूंघने की क्षमता महिलाओं में सूंघने की क्षमता पुरुषों से ज्यादा बेहतर होती है। पुरुषों के वसा दहन तेज पुरुषों में वसा महिलाओं की तुलना में जल्दी जलता है प्रति दिन 50 कैलोरी की दर से। पुरुष पर भारी हिचकी महिलाओं से अधिक हिचकी पुरुषों को आती है।

महिलाओं के शरीर में खून कम पुरुषों के शरीर में लगभग 6.8 लीटर खून होता है जबकि महिलाओं के शरीर में लगभग 5 लीटर। छोटी और बड़ी कोशिका शरीर में सबसे बड़ी कोशिका मादा अंडाणु और सबसे छोटी कोशिका नर शक्राणु होता हैं।

अपने जीवन काल के दौरान आप इतना थूकते हैं कि उस लार से दो स्वीमिंग पुल भर सकते हैं। बच्चों की आँखे होती हैं नीली बच्चे हमेशा नीली आँखों के साथ पैदा होते हैं। उनकी आँखों में मेलेनिन को जमने में समय लगता है। प्रति घंटे होता है इरेक्शन पुरुष को प्रति घंटे नींद के बात इरेक्शन होता है। ऐसा रक्त परिसंचरण और टेस्टोस्टेरोन उत्पादन के संयोजन के कारण होता है।

बहुत ज्यादा खाने के बाद, सुनने की क्षमता कम हो जाती है। लार से ही है स्वाद अगर आपका लार भोजन के साथ नहीं मिल पाता तो आप भोजन का स्वाद नहीं महसूस कर पाएंगे। शोर का प्रभाव पुतली पर शोर से आपकी आँखों की पुतलियाँ चौड़ी हो जाती है।

सभी में एक अलग गंध, अलग फिंगर प्रिंट और अलग टंग प्रिंट होते हैं। 60 की उम्र तक, अधिकांश लोग अपनी लगभग आधी स्वाद कलिकाएं खो देते हैं। आँखों का आकर जन्म के बाद आँखों का आकर नहीं बढ़ता लेकिन नाक और कान का विकास नहीं रुकता।

धूप जलाती है रक्त वाहिकाओं को एक साधारण, मध्यम तेज धूप की कालिमा बड़े पैमाने पर रक्त वाहिकाओं को जला देती है। सुबह लम्बाई ज्यादा हमारी लम्बाई शाम की तुलना में सुबह 1 सेमी. ज्यादा लम्बी होती है।

जीभ सबसे मजबूत मानव शरीर में सबसे मजबूत मांसपेशी मनुष्य की जीभ होती है। जबड़े में है बहुत जान मानव शरीर में जबड़े की हड्डी सबसे मजबूत हड्डी होती है। मनुष्य के शरीर की आधी हड्डियाँ हाथ और पैर की हड्डियों में समाहित होती है।

आपकी त्वचा के प्रति इंच में 32 जीवाणु होते हैं लेकिन यह नुकसान देह नहीं होते। त्वचा हो जाती है नई मनुष्य की बाहरी त्वचा हर 27 दिन में नई हो जाती है। 300 मिलियन कोशिकाएं प्रतिमिनट नष्ट प्रति मिनट मानव शरीर की 3 सौ मिलियन कोशिकाएं नष्ट हो जाती है और वयस्क प्रतिदिन 300 बिलियन नई कोशिकाओं को उत्पादित करते हैं।

ठंडे कमरे में डरावने सपने जितने ठंडे कमरे में आप सोते हैं डरावने सपने आने की उतनी ही ज्यादा संभावना होती है। भावना से भरे मनुष्य के आंसु मनुष्य ही केवल वह प्रजाति है जिसके भावनमयी आंसु निकलते हैं।

जन्म के समय सभी बच्चे रंगों को नहीं देख सकते वे केवल काला या सफेद रंग ही देख सकते हैं। खून से अछूता कार्निया शरीर में आँखों का कार्निया ही केवल वो हिस्सा है जहां रक्त की आपूर्ति नहीं होती। इसे सीधे हवा से ऑक्सीजन मिलता है।

पानी है बहुत जरूरी साधारण मनुष्य बिना खाए 20 दिन तक रह सकता है लेकिन बिना पानी के 2 दिन से ज्यादा जीवित नहीं रह सकता। नहीं घोंट सकते अपना गला अपने आप को गला घोंट कर मार पाना संभव नहीं होता है।

प्रत्येक व्यक्ति की एक आँख तेज और एक आँख कमजोर होती है। आपका कंकाल हर दस साल में खुद को नया कर लेता है, जिसका अर्थ है हर दस साल में आपको नया कंकाल मिलता है। मनुष्य के पैर में 500,000 स्वेद ग्रंथियाँ होती हैं जो एक पिंट से ज्यादा पसीना निकाल सकती है।

 

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