कंप्यूटर के साथ आने वाले कीबोर्ड पर हिंदी के
अक्षर नहीं होते इसलिए तुक्के लगाते हुए हिंदी में टाइप करने की कोई गुंजाइश नहीं
है। ऐसे में हिंदी यूजर्स के सामने दो विकल्प रह जाते हैं- पहला, हिंदी
में सही ढंग से टाइपिंग की ट्रेनिंग लेना और दूसरा, किसी सॉफ्टवेयर
टूल की मदद लेना। इसी तरह का टूल है- इनपुट मेथड एडीटर ( IME ) जो
आपके कंप्यूटर में अलग-अलग कीबोर्ड लेआउट का इस्तेमाल करते हुए टाइपिंग की सुविधा
जोड़ देता है- मसलन इनस्क्रिप्ट, ट्रांसलिटरेशन और रेमिंगटन। इनमें से
अपनी पसंद का कीबोर्ड लेआउट चुनिए और टाइपिंग शुरू कर दीजिए।
आप पूछेंगे कि इन तीनों तरीकों के बीच फर्क
क्या है। कंप्यूटर या दूसरी डिजिटल डिवाइसेज में हिंदी में टाइप करने की डिफॉल्ट
पद्धति 'इनस्क्रिप्ट' है। यह हिंदी समेत सभी भारतीय भाषाओं
में कंप्यूटर पर टाइप करने की ऑथेंटिक पद्धति है जिसे भारत का ऑफीशल स्टैंडर्ड
(मानक) करार दिया गया है। यह तेज रफ्तार और शुद्धता के लिए जाना जाता है और हर
कंप्यूटिंग डिवाइस में हिंदी सक्रिय होते ही यह कीबोर्ड लेआउट अपने आप उपलब्ध हो
जाता है। जो लोग इसे सीखने के लिए वक्त नहीं निकाल सकते, वे ट्रांसलिटरेशन
पद्धति का इस्तेमाल करते हैं। इसके तहत यूजर कीबोर्ड पर रोमन लिपि में लिखता है
(जैसे raam ), लेकिन आईएमई के इस्तेमाल के कारण कंप्यूटर की
स्क्रीन पर वह देवनागरी लिपि में दिखाई देता है, जैसे- राम। इसमें हिंदी टाइपिंग की ट्रेनिंग लेने की
जरूरत नहीं पड़ती। तीसरा प्रमुख कीबोर्ड लेआउट 'रेमिंगटन'
है
जो दफ्तरों में किसी समय रेमिंगटन टाइपराइटरों पर काम करते रहे लोगों के बीच
लोकप्रिय है। यह उन्हें उसी पुराने तरीके से कंप्यूटर पर काम करने की सुविधा
मुहैया कराता है। अगर कंप्यूटर पर हिंदी से आपका वास्ता सिर्फ थोड़े समय के लिए
पड़ा है तब तो आप टाइपिंग का कोई भी तरीका अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन
अगर आपको नियमित रूप से हिंदी में काम करना है तो 'इनस्क्रिप्ट'
पद्धति
से टाइपिंग की ट्रेनिंग लेना जरूरी है, क्योंकि ट्रांसलिटरेशन या रेमिंगटन
कीबोर्ड लेआउट हिंदी में काम करने के आदर्श तरीके नहीं हैं।
माइक्रोसॉफ्ट आईएमई:
विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टमों का विकास करने वाली कंपनी ने हिंदी यूजर्स के लिए दो
इनपुट मेथड एडीटर्स जारी किए हैं- इन्डिक इनपुट 1 और इन्डिक
इनपुट 2। दोनों माइक्रोसॉफ्ट की वेबसाइट से फ्री डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं।
इन्डिक इनपुट 1 विंडो़ज 2000 और विंडोज
एक्सपी के 32 बिट ऑपरेटिंग सिस्टमों में किया जाता है। यह
विंडोज़ विस्टा और विंडोज 7 में नहीं चलती। इन्डिक इनपुट 2 के
दो अलग-अलग वर्जन उपलब्ध हैं- 32 बिट और 64 बिट। जहां पहला
वर्जन विंडोज विस्टा, विंडोज़ 7 और विंडोज
सर्वर 2008 के 32 बिट संस्करणों में इंस्टाल किया जा सकता है।
जबकि दूसरा वर्जन विंडोज एक्सपी (64 बिट), विंडोज़ 2003
(64
बिट), विंडोज विस्टा (64 बिट), विंडोज 7
(64
बिट) और विंडोज सर्वर 2008 (64 बिट) के लिए है।
अपने कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम जानने के लिए
कंट्रोल पैनल में जाएं और वहां दिए विकल्पों को देखें। विंडोज एक्सपी में Performance
and Maintenance नामक विकल्प दिखाई देगा जबकि विंडोज़ 7 में System
and Securityविकल्प दिखता है। इनमें से जो भी विकल्प दिखाई दे, उसे
क्लिक करें और अब System पर क्लिक कर General टैब
खोल लें। वहीं आपके ऑपरेटिंग सिस्टम का ब्यौरा दिखाई देगा। अब अपनी जरूरत के लिहाज
से माइक्रोसॉफ्ट की वेबसाइट से आईएमई डाउनलोड कर लें। आईएमई इन्स्टालेशन से पहले
कंप्यूटर में हिंदी यूनिकोड समर्थन मौजूद होना चाहिए (इस बारे में हम पहले ब्यौरा
दे चुके हैं)।
इनके डाउनलोड लिंक हैं-
इन्डिक आईएमई 1 मूल लिंक-
इन्डिक आईएमई 2 (32 बिट) मूल लिंक-
इन्डिक आईएमई 2 (64 बिट) मूल लिंक-http://bhashaindia.com/SiteCollectionDocuments/Downloads/IME/Indic2/HindiIndicInput2_64-bit.zip
विंडोज़ एक्सपी में इन्डिक आईएमई 1 को
इन्स्टॉल करने के लिए पहले डाउनलोड हुई जिप फाइल को खोल लें। उसमेंSetup नामक
इन्स्टॉलेशन फाइल दिखाई देगी। इसे डबल क्लिक कर आईएमई इन्स्टॉल कर लें। अंत में
कंट्रोल पैनल मेंDate, Time, Language, and Regional Options पर
क्लिक कर Regional and Language Optionsडायलॉग बॉक्स खोल लें। अब Language
टैब
पर दिए Details बटन दबाएं, जिससे Text
Services and Input Languages नामक डायलॉग बॉक्स खुलेगा। यहां दिए Add
बटन
पर क्लिक करें। अब खुलने वाल Add Input Language नामक डायलॉग
बॉक्स के Input Language नामक खाने में Hindi का
चुनाव कर लें।
अब नीचे दिए Keyboard Layout/IME नामक
बॉक्स को टिक करें जिससे नीचे आईएमईज की सूची दिखने लगेगी। इसमें से Hindi
Indic IME को सलेक्ट कर लें और 'ओके' बटन दबाएं। अन्य
डायलॉग बॉक्स में भी 'ओके' बटन दबाते हुए कंट्रोल पैनल से बाहर आ
जाएं। इस प्रक्रिया में आपका कंप्यूटर रिस्टार्ट होगा। कंप्यूटर दोबारा खुलने के
बाद विंडोज टास्कबार में लैंग्वेज बार पर क्लिक करते हुए हिंदी का चयन करें। ऐसा
करते ही छोटी सी आईएमई टूलबार खुल जाएगी। उसमें दिए कीबोर्ड के निशान पर क्लिक
करके देखिए, टाइपिंग की कई पद्धतियों के विकल्प दिखाई
देंगे। रोमन के जरिए हिंदी में टाइप करने के लिए Hindi transliteration पर
क्लिक कीजिए और एमएस वर्ड, वर्डपैड, नोटपैड या किसी
अन्य सॉफ्टवेयर में टाइपिंग करके देखिए। अब टाइपिंग में आपको कोई मुश्किल नहीं
होनी चाहिए।
विंडोज 7 पर इंडिक आईएमई
2 इन्स्टाल करना चाहते हैं तो पहले सेटअप प्रोग्राम चलाएं।
इन्स्टॉलेशन पूरा होने परHindi Indic IME 2 नामक कीबोर्ड आपके कंप्यूटर पर उपलब्ध
कीबोर्ड विकल्पों में अपने आप शामिल हो जाता है। जब आप लैंग्वेज बार के जरिए हिंदी
को सलेक्ट करेंगे तब आपको इस कीबोर्ड का विकल्प दिखाई देगा। इसे चुनने पर आप
कंप्यूटर में रोमन के जरिए हिंदी में टाइप कर पाएंगे।
गूगल आईएमई : रोमन कीबोर्ड
के जरिए हिंदी में टाइप करने के लिए गूगल ने भी एक इनपुट मैथड एडीटर पेश किया है।
इसके ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों वर्जन उपलब्ध हैं। गूगल के आईएमई की खास बात यह है कि
यह आटीर्फिशल इंटेलीजेंस से युक्त है इसलिए यूजर की पसंद नापसंद को अपनी
कार्यप्रणाली में जोड़ता रहता है और आगे के काम में उसका ख्याल रखता है। दूसरे,
टाइपिंग
के दौरान वह संभावित शब्द भी सुझाता है। आप चाहें तो आगे टाइप किए बिना सुझाए गए
शब्दों को इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑफलाइन वर्जन में एक कैरेक्टर मैप जैसा 'कैरेक्टर
पिकर' भी उपलब्ध है। अगर कोई अक्षर सही ढंग से टाइप नहीं हुआ तो उसे
कैरेक्टर पिकर से लिया जा सकता है।
अगर हिंदी में आपका कामकाज सीमित है या फिर आप
अलग से सॉफ्टवेयर इन्स्टॉल नहीं करना चाहते तो इस वेब पते पर मौजूद गूगल
ट्रांसलिटरेशन सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। टाइप किया गया हिंदी टेक्स्ट अपनी
जरूरत की जगह पर कॉपी-पेस्ट किया किया जा सकता है।
अगर आप गूगल की आईएमई अपने कंप्यूटर में
इन्स्टाल करना चाहते हैं तो डाउनलोड का पता है-
डाउनलोड शुरू करने से पहले अपनी भाषा और
कंप्यूटर सिस्टम टाइप (32 बिट या 64 बिट) जरूर चुन
लें। डाउनलोड होने वाली फाइल googlehindiinputsetup महज 555
केबी की है लेकिन इन्स्टॉलेशन शुरू होने के बाद वह इंटरनेट से कनेक्ट होकर कुछ
फाइलें डाउनलोड करती है और विंडोज एक्सपी, विस्टा और विंडोज 7 पर
रोमन-हिंदी ट्रांसलिटरेशन की सुविधा स्थापित कर देती है। विंडोज 7
में इन्स्टॉलेशन के बाद लैंग्वेज बार से जुड़ी आईएमई टूलबार में Google
Hindi Input नामक विकल्प उपलब्ध हो जाता है। जबकि विंडोज एक्सपी में यही सुविधा
देखने से पहले आपको कंप्यूटर रिस्टार्ट करने की जरूरत पड़ सकती है।
दूसरे उपयोगी आईएमई:
कुछ अन्य कंपनियों, उत्साही
डेवलपर्स और हिंदी प्रेमियों ने भी कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने के लिए आईएमई
विकसित किए हैं, जिनमें बरहा, अक्षरमाला और
कैफे हिंदी बहु-प्रचलित हैं। इन्हें यहां से डाउनलोड किया जा सकता है-
बरहा- http://www.baraha.com/help/BarahaIME/index.htm
बरहा
आईएमई तीन तरह के कीबोर्ड लेआउट्स उपलब्ध कराता है- ट्रांसलिटरेशन (जिसे यहां
फोनेटिक कहा गया है), बरहा कीबोर्ड और इनस्क्रिप्ट। इसके फ्री और
प्रीमियम वर्जन उपलब्ध हैं।
कैफे हिंदी- http://cafehindi.com/download/utt/utt.zip
मैथिली
गुप्त द्वारा विकसित किए गए इस आईएमई में इनस्क्रिप्ट, ट्रांसलिटरेशन
और रेमिंगटन कीबोर्ड लेआउट उपलब्ध हैं। इन्स्टॉलेशन के लिए आपके कंप्यूटर में डॉट
नेट फ्रेम वर्क 2.0 जरूर मौजूद होना चाहिए जो माइक्रोसॉफ्ट की
वेबसाइट से फ्री उपलब्ध है। शार्ट लिंक- tinyurl.com/73qzr
अक्षरमाला- आई-ट्रांस
मानक का पालन करते हुए रोमन से देवनागरी टेक्स्ट इनपुट की सुविधा देने वाले इस
आईएमई को ह्लद्बठ्ठ4ह्वह्मद्य.ष्श्ाद्व/6द्म8द्मद्दद्वद्ग
शॉर्ट लिंक से डाउनलोड किया जा सकता है।
हिंदी राइटर- tinyurl.com/6k8kgme
देवेन्द्र
पारख द्वारा विकसित यह इनपुट मेथड एडीटर रोमन कीबोर्ड के जरिए (ट्रांसलिटरेशन)
हिंदी टाइपिंग की सुविधा देता है। यह भी आई-ट्रांस ट्रांसलिटरेशन स्कीम का पालन
करता है।
इन सभी टूल्स को इस्तेमाल करने से पहले अपने कंप्यूटर
में हिंदी यूनिकोड सक्रिय करना न भूलें।
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