7/20/19

कैसे भरें ITR


- ITR ऑनलाइन और ऑफलाइन भर सकते हैं
- incometaxindiaefiling.gov.in पर जाना होगा
- पहली बार टैक्सपेयर को रजिस्टर करना होगा
- रजिस्ट्रेशन के बाद आप ऑनलाइन टैक्स भर सकते हैं
- आपका PAN नंबर ही यूज़र ID होगा
- ऑफलाइन के लिए ITR प्रीपेरेशन सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें
- सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार करें ITR रिटर्न
- तैयार होने के बाद वेबसाइट पर रिटर्न अपलोड करें
- ज़रूरत हो तो किसी एक्सपर्ट की मदद लें

रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया उचित आईटीआर फॉर्म चुनने से शुरू होती है।

इनकम टैक्स रिटर्न के लिए ये 7 फॉर्म हैं-

1. आईटीआर-1 जिसे सहजनाम दिया गया है, इसका इस्तेमाल ज्यादातर वेतनभोगी तबके द्वारा किया जाता है. 50 लाख रुपये तक का वेतन, एक मकान, सावधि जमा और आवर्ति जमा जैसी जमा पूंजी से प्राप्त ब्याज आय वालों के लिए यह फॉर्म है इस बार के फार्म में करदाताओं की अन्य क्षेत्रों में आय का ब्यौरा भी मांगा गया है. पिछले साल इस फॉर्म का इस्तेमाल तीन करोड़ करदाताओं ने किया था.

2. आईटीआर- 2 फर्म का इस्तेमाल उन व्यक्तियों, हिन्दू अविभाजित परिवारों द्वारा किया जाता है, जिनकी व्यावसाय से होने वाली प्राप्ति और लाभ अथवा पेशे को छोड़कर अन्य स्रोतों से आय है. इसमें प्रवासी भारतीय भी शामिल हैं.

3. आईटीआर-3 फॉर्म उन व्यक्तियों और हिन्दू अविभाजित परिवारों के लिए है जिनकी व्यवसाय अथवा पेशे से आय है

4. आईटीआर-4 फॉर्म उन लोगों के लिए है जिनकी बिजनेस से आय होती है.

5. आईटीआर -5 फॉर्म व्यक्तिगत, हिंदू अविभाजित परिवारों, कंपनियों और फॉर्म 7 भरने वाले लोगों के अलावा बाकी लोगों के लिए है.

6. आईटीआर- 6 फॉर्म उन कंपनियों के लिए है जो सेक्शन 11 के तहत छूट के लिए आवेदन नहीं करती हैं.

7. आईटीआर- 7 फॉर्म उन लोगों और कंपनियों के लिए है जिन्हे सेक्शन 139 (4A), 139 (4B), 139 (4C), 139 (4D), 139 (4E), 139 (4F) के तहत अपना रिटर्न प्रस्तुत करना जरूरी है


Income Tax Return (ITR) Filing इनकम टैक्स रिटर्न यानी आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं। हर साल की तरह इस साल भी वित्तवर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2019 है।
अगर आपकी सालाना आय इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक तय सीमा से अधिक है तो आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी  ITR दाखिल करना आवश्यक है. इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 2.50 लाख रुपये से ज्यादा है तो आईटीआर दाखिल करना होता है. टैक्सेबल इनकम पर हर व्यक्ति को टैक्स देना ज़रूरी है. वैसे टैक्स देनदारी शून्य होने पर भी ITR भरना फायेदमंद ही होता है. आईटीआर से इनकम टैक्स विभाग को साल भर की कमाई की जानकारी मिलती है.

समय रहते इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने से सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि अंतिम दिनों में जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करने से होने वाली गड़बड़ियों और गलतियों की गुंजाइश खत्म होती है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सबसे आसान तरीका है ई-फाइलिंग (E-Filling)। आइये जानते हैं ई-फाइलिंग का आसान तरीका-

स्‍टेप 1. इनकम टैक्स रिटर्न को ऑनलाइन दाखिल करने की प्रक्रिया ई-फाइलिंग (E-Filing) कहलाती है, जो काफी सरल है। यदि आपके पास सभी संबंधित कागजात और हिसाब-किताब तैयार हैं, तो कंप्‍यूटर या लैपटॉप खोलकर आप समय में ही किसी भी दिक्कत का सामना किए बिना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आयकर विभाग की वेबसाइट https://incometaxindiaefiling.gov.in पर जाना होगा।

स्‍टेप 2. ई-फाइलिंग के लिए आपको सबसे पहले आयकर विभाग की इस वेबसाइट पर एकाउंट बनाना होगा, जिसके लिए आपको PAN नंबर जन्मतिथि (यानी date of birth) का इस्तेमाल करना होगा। इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर क्लिक कर आप खुद यह एकाउंट बना सकते हैं, और आपका PAN नंबर ही आपका यूजर आईडी बनेगा।

स्‍टेप 3. एकाउंट बनाकर उसमें लॉग-इन करने के बाद अब आपके पास ई-फाइलिंग के लिए दो तरीके उपलब्ध होते हैं। इनमें से पहला तरीका है - आयकर विभाग की वेबसाइट के डाउनलोड सेक्शन में जाकर अपनी कैटेगरी के मुताबिक आवश्यक फॉर्म डाउनलोड कर लें। इस फॉर्म को कंप्‍यूटर में सेव करने के बाद इसे उचित तरीके से भर लें। जब यह फॉर्म भर लिया जाए, तो जेनरेट एक्सएमएल (generate XML) के बटन पर क्लिक करें। XML फाइल होने के बाद आयकर विभाग की वेबसाइट पर दोबारा लॉग-इन करें और इस बार अपलोड एक्सएमएल (upload XML) का बटन दबाएं और XML फाइल को अपलोड कर दें और अंत में सबमिट (submit) पर क्लिक करें।

स्‍टेप 4. ई-फाइलिंग के दूसरा आसान तरीका के लिए वेबसाइट के e-file section पर जाइए। लॉग-इन कीजिए, जो फॉर्म और असेसेमेंट ईयर (आकलन वर्ष) अपेक्षित है उसे चुनकर संबंधित जानकारी फॉर्म में भर दें।

स्‍टेप 5. इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर फॉर्म चुनते समय यह सावधानी बरतें कि चुना गया फॉर्म आपकी कैटेगरी के मुताबिक हो। इन्डिविजुअल (सैलरी), पेंशन इनकम, एक मकान (एक प्रॉपर्टी) से इनकम या अन्य स्रोतों से आय (लॉटरी के अतिरिक्त) वाले लोगों के मामले में फॉर्म ITR-1, जिसे 'सहज' भी कहा जाता है, सेलेक्ट करना होगा। पूंजीगत लाभ होने की दशा में ITR-2 सेलेक्ट करना होगा। एक से अधिक घर होने की दशा में ITR-2A चुनें, लेकिन इस केस में कोई पूंजीगत लाभ (कैपिटल गेन) नहीं होना चाहिए। ITR-3, ITR-4, ITR-4S फॉर्म कारोबारियों और प्रोफेशनल्स के लिए है।

स्‍टेप 6. ITR फाइल करते समय अपने पास ये दस्तावेज जरूर रखें - PAN नंबर, फॉर्म 16, बैंक खातों पर मिला संबंधित वित्तवर्ष का कुल ब्याज, टीडीएस (TDS) संबंधी जानकारी तथा सभी तरह के बचत और निवेश संबंधी सबूत। होम लोन और इंश्योरेंस संबंधी दस्तावेज भी पास रखें। इसके अलावा आप आयकर विभाग की वेबसाइट से फॉर्म 26AS भी डाउनलोड कर सकते हैं, जो आपकी ओर से अब तक विभिन्न स्रोतों से की गई TDS कटौती का विवरण पेश करता है। अपना टैक्स रिटर्न वैलिडेट करने के लिए इस फॉर्म का सहारा लिया जा सकता है।

स्‍टेप 7. जिन लोगों की वार्षिक आय 50 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें एक और नियम याद रखना होगा। ऐसे करदाताओं को अपने फॉर्म में दिया गया एक अतिरिक्त कॉलम AL भरना होगा, जिसमें उन्हें सभी संपत्तियों का मूल्य और देनदारियों के बारे में मांगी गई जानकारी भरनी होगी। AL का अर्थ है - एसैट्स और लायबिलिटीज।

स्‍टेप 8. यदि आप डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल कर इनकम टैक्स रिटर्न सबमिट करते हैं, तो इसके बाद acknowledgement number, यानी एक प्रकार की रसीद जेनरेट होती है. यदि डिजिटल सिग्नेचर के बिना फॉर्म सबमिट किया गया है, तो ITR-V जेनरेट होगा और यह आपके रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर पहुंच जाएगा. ITR-V भी इस बात की रसीद है कि आपका रिटर्न सबमिट हो चुका है.

स्‍टेप 9. लेकिन अभी प्रक्रिया पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। अब इस ITR-V पर दस्तखत कर इसे बेंगलुरू कार्यालय (जहां आपका रिटर्न प्रोसेस होता है) भेजना होगा। 120 दिन के भीतर दस्तखतशुदा ITR-V संबंधित कार्यालय तक पहुंच जाना चाहिए, ताकि टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया पूर्ण हो सके। यदि यह कागज आप समय से बेंगलुरू कार्यालय नहीं पहुंचाएंगे, तो इनकम टैक्स रिटर्न की प्रक्रिया अधूरी मानी जाएगी, इसलिए इसकी अनदेखी नहीं करें। वैसे, बेंगलुरू कार्यालय का पता ITR-V में ही सबसे नीचे लिखा रहता है, बस, ITR-V को उस पते पर साधारण डाक से भेज दें।

स्‍टेप 10. करदाता इसी वेबसाइट पर ई-वेरिफाई रिटर्न ऑप्शन पर जाकर इनकम टैक्स रिटर्न को ई-वेरीफाई भी कर सकते हैं। नेट बैंकिंग के जरिये भी इसकी जांच की जा सकती है। यदि आप इस विकल्प को चुनते हैं, तो आपका काम ITR-V को बेंगलुरू ऑफिस तक भेजे बिना भी पूरा हो जाएगा। 

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