12/18/19

नपुसंकता

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या इडी या नपुसंकता एक सामान्य समस्या है जिसके पीछे लाइफस्टाइल से जुड़ी कई वजहें शामिल हैं। जैसे- काम का बहुत ज्यादा स्ट्रेस, थकान, बेचैनी, किसी बात की चिंता, बहुत ज्यादा शराब का सेवन, परफॉर्मेंस प्रेशर आदि। इस तरह के मामलों में नपुंसकता कुछ समय के लिए होती है और जैसे ही आप अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करते हैं यह समस्या भी ठीक हो जाती है। शॉर्ट टर्म नपुंसकता के लिए डॉक्टर से इलाज की जरूरत नहीं होती।

एक स्टडी के मुताबिक 40 से 70 वर्ष के पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या पाई जाती हैवस्क्यूलर,न्यूरोलॉजिकल बीमारियों, डायबिटीज़ या प्रोस्टेट संबंधी सर्जरी की वजह से इस तरह की दिक्‍कत आती है. इनके अलावा यह दवाइयों के साइड इफेक्ट्स की वजह से भी हो सकता है. लगभग 75 प्रतिशत पुरुषों को इन्हीं कारणों से इरेक्‍टाइल डिसफंक्शन की श‍िकायत रहती है.

इरेक्टाइल डिसफंक्शन ऐसी समस्या है जिसमें लिंग संभोग के लिए पर्याप्त उत्तेजित नहीं हो पाता है.सेक्स के लिए पुरुष के लिंग में पर्याप्त तनाव या कड़ापन  होना चाहिए .नपुंसकता किसी शारीरिक या मानसिक अवस्‍था का संकेत हो सकता है. इसके कारण तनाव, रिश्तों में मनमुटाव, और आत्मविश्वास की कमी हो सकती है.

अगर आप इस समस्या से परेशान हैं या फिर भविष्य में इस स्थिति से बचना चाहते हैं तो इन पांच उपायों को अपनाएं.

1. नियमित रूप से घूमना शुरू करें
2. सही आहार लें
3. अपनी वस्क्यूलर हेल्थ पर भी ध्यान दें
4.वजन नियंत्रण में रखें.
5. मांसपेशियों का व्यायाम करिए


हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, हाई कॉलेस्ट्रॉल और हाई ट्रिगलीसेराइड्स हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाते हैं और इससे हार्ट अटैक और मस्तिष्काघात भी हो सकता है. इसका नतीजा इरेक्टाइल डिसफंक्शन के रूप में भी सामने आता है. एचडीएल यानी अच्छे कॉलेस्ट्रॉल की कमी और मोटापा बढ़ना भी इसके कारण हैं. अपने डॉक्टर से मिलें और जानें कि कहीं कोई वस्क्यूलर प्रणाली तो प्रभावित नहीं है ताकि आपका दिल, दिमाग ठीक रहे और सेक्स स्वास्थ्य बना रहे.

जिस पुरुष में स्त्री के साथ इंटरकोर्स की शक्ति नहीं होती उसको नपुंसक कहते हैं. यह समस्या कई पुरुषों में देखा गया है. लिंग का उत्थान न होने के कारण वे खुद भी सेक्स के आनंद लेने से वंचित रहते हैं और अपनी पत्नी को भी सेक्स सुख नहीं दे पाते. इलाज करने के पूर्व यह पता करना होता है कि आखिर इसका कारण क्या है. शारीरिक कारणों में प्रमुख हैं – हार्मोन संबंधी असामान्यता, शारिरिक थकान, जननांग संबंधी विकार, तंत्रिकातंत्र संबंधी रोग आदि. मानसिक कारणों में बचपन में कई गयी गलतियाँ और भ्रामक विचारधारा भी नपुंसकता के लिए जिम्मेदार हो सकती है. स्वप्नदोष और धातुरोग भी नपुंसकता का कारण होता है.

इससे घबराने की जरूरत नहीं है. आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में इसका कारगर व सफल इलाज है. अन्यत्र या स्वयं मेडिकल स्टोर से दवा लेने के बजाय अपने नजदीकी अनुभवी योग्य सेक्सोलॉजिस्ट से मिलकर चिकित्सा परामर्श लें. ऐसे नपुंसकता के रोगियों के लिए संतुलित भोजन का बड़ा महत्व है. पौष्टिक भोजन देना चाहिए. आहार में सूखे मेवे, दूध, दही, घी, हरी सब्जियां, दालें, अंडे व मांस ले सकते हैं. मछली का प्रयोग सर्वोत्तम रहता है.

वास्तव में सेक्स शारीरिक से अधिक मानसिक तृप्ति का साधन है. इसके लिए कहा गया है कि सेक्स का पूरा संबंध दिमाग से है. वीर्य का पतलापन, शारीरिक कमजोरी, अत्यधिक स्त्री प्रसंग, सेक्स से संबंधित ज्यादा किताबें पढ़ना या वीडियो देखना, सहवास के समय घबराहट, चिंता, व्याकुलता हो तो भी यह संभावित है.

हस्तमैथून भी शीघ्रपतन का एक बहुत बड़ा कारण है. अत्यधिक शारीरिक थकान, मानसिक स्थिति के प्रभावित होने, जैसे – चिंता, शोक आदि के कारण भी शीघ्र स्खलन हो सकता है. अनुभव की कमी एवं मानसिक तनाव भी शीघ्रपतन का प्रमुख कारण होता है.

संभोग करने के तरीके से भी वीर्य स्खलन पर बहुत प्रभाव पड़ता है. अतएव संभोग करने की पोजीशन आरामदायक होनी चाहिए. पति-पत्नी एक दूसरे के भावनाओं का पूर्ण रूप से आदर करें. सहवास को बढ़ाने के लिए सहवास से पहले रतिक्रिया का होना अति आवश्यक है. पूर्ण धैर्य रखते हुए आत्मविश्वास से सहवास क्रिया आरम्भ करनी चाहिए. यह नहीं सोचना चाहिये कि आज सहवास ठीक ढंग से संपन्न हो पायेगा या नहीं. अपितु आशावादी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए कि आज मैं ठीक ढंग से सहवास कर पाऊंगा. क्योंकि शीघ्रपतन का कारण शारीरिक कम मानसिक ज्यादा होता है.

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