बनें कंप्यूटर लैंग्वेज एक्सपर्ट, करें करियर की शानदार प्रोग्रामिंग
जब हम कंप्यूटर पर एक क्लिक से अपनी मनचाही वेबसाइट खोलते हैं, तो इसके पीछे कंप्यूटर प्रोग्रामर की मेहनत छिपी होती है। आज चाहे वेबसाइट डिजाइन करवाना हो या दुकानों के बिल के लिए प्रोग्रामिंग करानी हो या फिर बैंकों की, लाइब्रेरी की या सरकारी काम-काज की बात हो, हर जगह प्रोग्रामर की जरूरत पड़ती है। देखा जाए, तो आज प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक्सपर्ट की डिमांड केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी खूब है। अगर आप आईटी सेक्टर में करियर की तलाश कर रहे हैं, तो प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से जुड़े कोर्स कर सकते हैं। जानिए इन कोर्स के बारे में।
क्या है कंप्यूटर प्रोग्रामिंग
मोबाइल फोन, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, गेम्स और ऐसे ही अन्य प्रोडक्ट को डेवलप करने वाले लोगों को प्रोग्रामिंग एक्सपर्ट कहा जाता है। एक कंप्यूटर प्रोग्रामर पर कंप्यूटर कोड की हजारों लाइनों को डिजाइन करने, उन्हें लिखने और टेस्ट करने की जिम्मेदारी होती है। इन कोड्स के चलते ही कोई सॉफ्टवेयर काम करता है। अगर किसी कंप्यूटर पर प्रोग्राम नहीं है, तो उस कंप्यूटर का कोई मतलब नहीं है। इसे किस तरह से रन करना है, कहां रन करना है और कैसे काम करना है, इस बारे में निर्देश कंप्यूटर को प्रोग्राम्स से ही मिलता है। कम शब्दों में कहा जाए, तो प्रोग्रामिंग से कंप्यूटर में जान आ जाती है। जिस तरह इंसान एक-दूसरे से बात करने के लिए अलग-अलग लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हैं, उसी तरह कंप्यूटर की भी अलग-अलग लैंग्वेज होती हैं। कंप्यूटर की लैंग्वेज उसे यह बता देती है कि क्या करना है, लेकिन निर्देश हमें ही देने होते हैं। बस इन निर्देशों को देने के लिए ही हमें प्रोग्रामिंग की जरूरत पड़ती है।
प्रोग्रामर्स को प्रोग्राम तैयार करने में लगने वाला समय प्रोग्राम पर निर्भर करता है। कभी-कभी प्रोग्राम को लिखने में उन्हें केवल कुछ घंटों का समय लगता है, तो कभी कुछ प्रोग्राम इतने जटिल भी होते हैं, जिन्हें लिखने में सालों लग जाते हैं। यहां समझने वाली बात यह है कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का एक हिस्सा है। अगर आप कंप्यूटर लैंग्वेज प्रोग्रामिंग में एक्सपर्ट होना चाहते हैं तो आप किसी रिकॉग्नाइज्ड यूनिवर्सिटी या इंजीनियरिंग से कंप्यूटर साइंस या आईटी में बीई, बीटेक, एमटेक, बीसीए, एमसीए या पीजी डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। या फिर किसी अच्छे कंप्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से भी किसी लैंग्वेज में कोर्स कर सकते हैं।
IT कंपनियों में जॉब पाने में
मदद कर सकती हैं ये 11 प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
दुनिया
भर में IT सेक्टर सबसे ज्यादा तरक्की कर रहा है। सबसे
ज्यादा जॉब वैकेंसीज भी इसी सेक्टर में निकल रही हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं
रहा। अगर आप भी IT सेक्टर में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो कुछ
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हैं जो कंपनियां चाहती हैं कि आपको आनी ही चाहिए। ये
लैंग्वेजेज मोबाइल ऐप और वेबसाइट्स बनाने से लेकर डाटा एनालिसिस में मदद करती है।
1. जावा (Java)
1991 में प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के तौर पर जावा को
बनाया गया था। ऑरैकल (Oracle) कंपनी ने इस लैंग्वेज को स्मार्ट टीवी
में इस्तेमाल के लिए बनाया था। बता दें कि जावा आज दुनिया में सबसे ज्यादा
पॉप्युलर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। IT सेक्टर में जावा लैंग्वेज की सबसे
ज्यादा डिमांड है। मोबाइल ऐप्स को बनाने में भी जावा की अहम भूमिका होती है।
2. पीएचपी (PHP)
वेबसाइट्स
बनाने के लिए पीएचपी बहुत ही कॉमन लैंग्वेज है। WorldPress, Facebook और Yahoo जैसी कंपनियां अपने वेबसाइट को बनाने
और उसके मेंटेनेंस के लिए इसी लैंग्वेज का इस्तेमाल करती हैं। PHP
लैंग्वेज
की जानकारी इन कंपनियों में जॉब पाने का एक माध्यम बन सकती है। हालांकि,
कई
प्रोग्रामर्स हैं जिन्हें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के तौर पर PHP
पसंद
नहीं।
3. पर्ल (Perl)
इस
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को 80 के दशक में NASA
के
एक इंजीनियर ने बनाया था। पर्ल का इस्तेमाल टेक्स्ट प्रोसेसिंग में किया जाता है।
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के तौर पर यह पावरफुल है और इस्तेमाल करने में भी
फ्लैक्सिबल और आसान है। इंजीनियर्स नें इसे 'वेब ये जुड़ा टेप (द डक्ट टेप ऑफ द
वेब)' का
टैग दिया है।
4. सी (C)
अगर
आप IT स्टूडेंट
हैं या फिर IT की जानकारी रखते हैं तो आपने C
प्रोग्रामिंग
लैंग्वेज के बारे में जरूर सुना होगा। C
सबसे
पुराना प्रोग्रामिंग लैंग्वेज। आज भी IT कंपनियों में इसकी सबसे ज्यादा डिमांड
है। C लैंग्वेज
को 70 के
दशक में डेवलप किया गया था। यह लैंग्वेज इतना पसंद किया गया कि 1978
में
'The C Programming Language' नाम की 800 पन्नों की कीताब छापी गई। यह किताब आज
भी पॉप्युलर है।
5. ऑब्जेक्टिव-C (Objective-C)
C प्रोग्रमिंग लैंग्वेज की सक्सेज देखकर इसी से
मिलते जुलते नाम वाले कई लैंग्वेजेज डेवलप किए गए। सभी ने C
से
इंस्पीरेशन ली और नए लैंग्वेज में कुछ नए और एडवांस फीचर्स जोड़े। Objective-C भी उन्हीं में से एक था। इस लैंग्वेज का
इस्तेमाल iPhone के ऐप्स बनाने में किया जाता है। हालांकि,
एप्पल
Objective-C के साथ ही कंपनी द्वारा बनाए गए लैंग्वेज का भी ऐप्स बनाने में
इस्तेमाल करती है।
6. जावास्क्रिप्ट (JavaScript)
जावास्क्रिप्ट
का इस्तेमाल वेब ऐप्स बनाने में किया जाता है। यह काफी पॉप्युलर ऐप है। बता दें कि
नाम के अलावा जावा और जावास्क्रिप्ट में कुछ भी कॉमन नहीं है। दोनों ही लैंग्वेजेज
एक दूसरे से बिलकुल अलग हैं। मॉडर्न वेब को बनाने में जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल
किया जाता है। हालांकि, कई बार वेबसाइट्स के स्लो ब्राउसिंग के कारण
इसकी आलोचना भी होती है।
7. विजुअल बेसिक (Visual Basic)
विजुअल
बेसिक लैंग्वेज को माइक्रोसॉफ्ट ने डेवलप किया है। विजुअल बेसिक लैंग्वेज
प्रोग्रामिंग को आसान बनाने में प्रोग्रामर्स की मदद करता है। इसमें ग्राफिक
एलिमेंट दिया गया है जिसे ड्रैग और ड्रॉप करके प्रोग्रामर प्रोग्राम में कुछ बदलाव
कर सकता है। हालांकि, यह काफी पुराना प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है और कुछ प्रोग्रामर्स को
लगता है कि इसमें अन्य लैंग्वेजेज के मुकाबले कम फीचर्स हैं।
8. रूबी (Ruby)
प्रोग्रामिंग
के लिए बनाया गया लैंग्वेज रूबी मात्र 24 साल पुराना है और ये डेवलपर्स का चहेता
भी है। डेवलपर्स इसे इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि इसके कोड्स लिखने और याद रखने
में आसान हैं। ये वेब ऐप्स बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इस लैंग्वेज का
ऑफिशियल मोटो ही है 'प्रोग्रामर का बेस्ट फ्रैंड'।
9. पायथन (Python)
पायथन
को 1989 में
डेवलप किया गया था। इसके कोड्स पढ़ने में काफी आसान हैं इसलिए,
डेवलपर्स
इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को काफी पसंद करते हैं। कई प्रोग्रामर्स का कहना है कि
ये प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखने और प्रोग्रामिंग की शुरुआत करने वालों के लिए यह
सबसे आसान लैंग्वेज है।
10. सीएसएस (CSS)
CSS का मतलब है (Cascading Style Sheets)। इस लैंग्वेज का इस्तेमाल वेबसाइट के
फॉर्मेट और लेआउट डिजाइनिंग में किया जाता है। अधिकतर वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स के
मेन्युज CSS से ही लिखे जाते हैं। जावास्क्रिप्ट और HTML
के
साथ इसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
11. आर (R)
डाटा
एनालिसिस करने में इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि
गूगल डाटा एनालिसिस करने के लिए R का ही इस्तेमाल करता है। यह
मैथमैटिशियन और स्टाटिस्टियन्स के लिए काफी मददगार है।
IT में करियर बनाने के लिए
जरूरी हैं ये टॉप 5 प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
कंप्यूटर
को इंस्ट्रक्शन देने और कम्यूनिकेट करने के लिए जो लैंग्वेज डिजाइन की जाती हैं
उन्हें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहते हैं. अगर आप टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में करियर
बनाना चाहते हैं. तो जरूरत है आपको सही प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखने की. इस फील्ड
में अपने करियर को राइट स्टार्ट देने के लिए जानें टॉप प्रोग्रामिंग लैंग्वेज:
Java
सबसे
ज्यादा पॉपुलर लैंग्वेज की लिस्ट में जावा पहले नंबर पर है. ई-फाइनैंशियल करियर
सर्वे में भी इस लैंग्वेज को टॉप रैंक दी गई है. एंटरप्राइजेज,
क्लाउड
कंप्यूटिंग और आर्किटेक्टर की पहली पसंद जावा प्रोग्रामिंग लैगंवेज है. जावा का
अधिकतर इस्तेमाल मॉर्डर्न एंटरप्राइजेज वेब एप्लीकेशन के बैकएंड बनाने में होता
है. इसके इस्तेमाल से वेब डेवलपर कई तरह के यूजर्स के लिए वेब एप्स बना सकते हैं.
Java Script
हर
मॉडर्न वेबसाइट जावा स्क्रिप्ट का इस्तेमाल करती है. साइट के लिए इंटरएक्टिविटी
क्रिएट करना चाहते हैं तो ऐसे में जावा स्क्रिप्ट का इस्तेमाल किया जाता है. आज
जावा स्क्रिप्ट का इस्तेमाल वेब पेजेज में फॉर्म्स ऑथेंटिकेशन,
ब्राउजर
डिटेक्शन और डिजाइन इंप्रूव करने में किया जा रहा है.
C#
माइक्रोसाफ्ट
प्लेटफॉर्म और सर्विसेज डेवलप करने के लिए C# एक प्राइमरी लैंग्वेज है. C#
से आप विंडो क्लाइंट एप्लीकेशन,
XML, वेब
सर्विस, डेटाबेस एप्लीकेशन भी बना सकते हैं. सबसे
ज्यादा पॉपुलर यूनिटी गेम के डेवलपमेंट इंजन में भी प्राइमरी
लैंग्वेज के रूप में C# का इस्तेमाल हुआ है.
PHP
अगर
आपको वेब एप्प बनाना हो जिसमें डेटा का काम हो तो PHP का इस्तेमाल करें. डेटाबेस MySQL
के
साथ PHP का
इस्तेमाल मॉडर्न वेब एप्लीकेशन बनाने में होता है. हाइपरटेक्स्ट प्री-प्रोसेसर
यानी पीएचपी सर्वर स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है, जिसका यूज वेब डेवलपमेंट के साथ आम
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में भी होता है. कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए इसे बैकबोन
भी कहा जाता है.
C++
अगर
आपको मल्टी-पैराडाइम स्पैनिंग लैंग्वेज होने के चलते इसमें हाइ-लेवल और लो-लेवल
लैंग्वेज, दोनों के फीचर हैं. सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज
को व्यापक बनाने के लिए 1979 में इसे शुरू किया गया था. अगर आपको
हार्डवेयर से डायरेक्ट कनेक्ट करना है और अधिक से अधिक प्रोसेसिंग पावर चाहिए तो C++
का
इस्तेमाल करना अच्छा है.
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज रुचि पहचानकर, बनें विशेषज्ञ
आईटी
सेक्टर में प्रोफेशनल्स की मांग बनी हुई है। आज भी यह सेक्टर ट्रेंड प्रोफेशनल्स
की कमी से जूझ रहा है। यह जरूरी नहीं कि इस क्षेत्र में प्रवेश लेने के लिए आपके
पास बड़ी-बड़ी डिग्रियां हों। वेबसाइट बनाने से लेकर कई अन्य प्रोग्राम्स बनाने
में कंप्यूटर लैंग्वेज का हुनर जरूरी है। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीख कर आप आईटी
क्षेत्र में कैसे प्रवेश कर सकते हैं, बता रहे हैं पंकज घिल्डियाल
विभिन्न
सर्वेक्षणों से यह बात सामने आई है कि आईटी सेक्टर में जॉब की कोई कमी नहीं है।
देश में ही नहीं, ट्रेंड प्रोफेशनल्स के लिए विदेशों में भी
नौकरी के अवसर बने हुए हैं। बस जरूरत है तो अपनी रुचि पहचान कर उसका विशेषज्ञ बनने
की। अगर आप भी आईटी सेक्टर में करियर का सपना बुन रहे हैं तो आपको कुछ
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पर मजबूत पकड़ बनानी होगी। दरअसल ये लैंग्वेज मोबाइल एप और
वेबसाइट्स बनाने से लेकर डेटा एनालिसिस जैसे कई कार्यों में मददगार होती हैं।
जावास्क्रप्टि
इस
समय नए-नए व उपयोगी एप्स बनाने में जावास्क्रप्टि की बड़ी भूमिका है। जावा और
जावास्क्रप्टि में सिर्फ नाम की ही समानता है। जावास्क्रप्टि का इस्तेमाल वेब एप्स
बनाने में किया जाता है। मॉडर्न वेब को बनाने में जावास्क्रप्टि का इस्तेमाल बखूबी
किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल करने वालों को बस एक शिकायत रहती है कि इसकी वजह से वेबसाइट की ब्राउजिंग धीमी हो जाती
है। इसके अलावा आज जावास्क्रप्टि का इस्तेमाल वेब पेजेज में फॉर्म्स ऑथेंटिकेशन,
ब्राउजर
डिटेक्शन और डिजाइन इम्प्रूव करने में किया जा रहा है। आपके फेवरेट ब्राउजर क्रोम
एक्सटेंशंस, एपल के सफारी एक्सटेंशंस,
एडोब
एक्रोबैट रीडर और एडोब क्रिएटिव सूट जैसी एप्लिकेशंस जावास्क्रप्टि कोडिंग के बिना
अधूरी हैं। मशहूर एप्स और ब्राउजर को तो आपने कई बार इस्तेमाल किया होगा,
क्यों
न इनके अपग्रेड हो रहे सफर में शामिल हुआ जाए।
पीएचपी
आज
अधिकतर वेबसाइट्स पीएचपी पर बनाई जाती हैं। याहू, फेसबुक, वर्डप्रेस जैसी कई कंपनियों ने न सिर्फ
अपनी वेबसाइट्स इसी लैंग्वेज में बनाईं, बल्कि साइट के रखरखाव में भी इसी
लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप भी चाहते हैं कि ऐसी किसी बड़ी कंपनी
में बतौर प्रोफेशनल जुड़ें तो लैंग्वेज की जानकारी इन कंपनियों में जॉब पाने का एक
माध्यम बन सकती है। वेबसाइट्स बनाने के लिए पीएचपी बहुत ही कॉमन लैंग्वेज है।
हालांकि कई प्रोग्रामर्स ऐसे भी हैं,
जिन्हें
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के तौर पर पीएचपी
पसंद नहीं। हाई-स्पीड स्क्रिप्टिंग और ऑगमेंटेड कंपाइलिंग कोड प्लगिंग्स जैसी
खासियतों के चलते इस लैंग्वेज का फ्यूचर ब्राइट है। पीएचपी से जुड़े कोर्स कर लेने
के बाद आप वेब डिजाइनर और वेब डेवलपर जैसे पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। दरअसल
पीएचपी सर्वर स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है, जिसका इस्तेमाल वेब डेवलपमेंट के साथ
आम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में भी होता है। ओपन सोर्स होने की वजह से पीएचपी का आज 24 करोड़ से ज्यादा वेबसाइट्स और 20 लाख वेब सर्वर्स में इस्तेमाल हो रहा
है। वेब डिजाइनर के रूप में आप शुरुआत में 15 हजार से 20 हजार रुपए पा सकते हैं। अनुभव के बाद
अच्छी सेलरी मिलती है।
सी
सी
सबसे पुरानी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में से एक है। यहां तक कि कंप्यूटर की थोड़ी
बहुत जानकारी रखने वाले के लिए भी सी जाना-पहचाना नाम है। आज भी बहुत सी आईटी
कंपनियों में सी प्रोग्रामर की बहुत डिमांड है। इस लैंग्वेज को 70 के दशक में विकसित किया गया था। इसकी
लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि 1978 में 'द सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज'
नाम
की 800
पन्नों की एक किताब तक छप गई। यह किताब आज
भी मशहूर है। सी लैंग्वेज को सीखने और इसमें एक्सपर्ट होने के बाद आपके लिए
देश-विदेश में जॉब की कोई कमी नहीं होगी। आप इस क्षेत्र में काफी आगे तक जा सकते
हैं।
जावा
आज
इस लैंग्वेज का इस्तेमाल न सिर्फ कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में किया जाता है,
बल्कि
मोबाइल फोन आदि की एप्लिकेशन में भी इसके बगैर काम नहीं चलता। दरअसल जावा
ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है। इसे क्लाइंट-साइड लैंग्वेज भी कहा
जाता है, क्योंकि ईजी कमांड्स,
ईजी
कोड्स होने की वजह से यह क्लाइंट-साइड वेब ब्राउजर में इस्तेमाल की जाती है। जावा
कोर्स करके आप वेब डेवलपर, प्रोग्रामर जैसी जॉब के लिए कोशिश कर
सकते हैं। इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की
सहायता से एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर बनाना आसान होता है। जावा एक बड़ी प्रोग्रामिंग
लैंग्वेज है, इसीलिए कंपनी ने इसे कई भागों में बांटा हुआ
है। यानी आप बतौर प्रोग्रामर्स जिस वर्ग से संबंधित सॉफ्टवेयर का विकास करना चाहते
हैं, उसी
में विशेषज्ञता हासिल करें। जावा की सबसे बड़ी विशेषता इसकी पोर्टेबिलिटी व
सुरक्षा है। आज दुनियाभर में यह सबसे लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वैज है। आज हर
दिन नई-नई एप सामने आ रही हैं। इन एप को बनाने में जावा की अहम भूमिका
होती
है।
ऑब्जेक्टिव
सी
सी
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज काफी पुरानी और एक सफल लैंग्वेज रही है। इसी से प्रेरित
होकर बाद में इससे मिलते-जुलते नाम से अन्य लैंग्वेज भी विकसित की गईं। इन्हीं में
से एक है 'ऑब्जेक्टिव सी।' सी से प्रेरित होकर बनी इस लैंग्वेज
में कई नए एडवांस फीचर जोड़े गए। अगर आप चाहते हैं कि भविष्य में आईफोन के एप्स
बनने में आपकी भी भूमिका हो तो यह लैंग्वेज आपके करियर को ऊंचाइयों तक ले जा सकती
है। दरअसल इस लैंग्वेज का इस्तेमाल आमतौर पर आईफोन की एप्स बनाने में किया जा रहा
है। वैसे एपल कंपनी ऑब्जेक्टिव सी के साथ अपनी बनाई हुई लैंग्वेज का भी इस्तेमाल
करती है। यूं समझें कि ऑब्जेक्टिव सी आपको एक बेहतरीन करियर देने के लिए बनी
है।
पर्ल
जब
भी टेक्स्ट प्रोसेसिंग की बात आती है तो पर्ल लैंग्वेज को ही याद किया जाता है।
पर्ल लैंग्वेज को 80 के दशक में नासा के एक इंजीनियर ने बनाया था।
बतौर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज यह एक प्रभावशाली भाषा है। इंजीनियर्स इसे 'द डक्ट टेप ऑफ द वेब टैग'
नाम
से जानते हैं। इस भाषा में प्रोग्रामिंग करना न सिर्फ आसान है,
बल्कि
काफी फ्लैक्सिबल भी है। पर्ल को मल्टीटास्किंग लैंग्वेज के रूप में जाना जाता है।
सिस्टम प्रोग्रामिंग की कितनी ही मुश्कि लें क्यों न हों,
पर्ल
लैंग्वेज में सभी हल हैं। इस भाषा में लिखी गई प्रोग्रामिंग पर्ल स्क्रप्टि के रूप
में जानी जाती है। पर्ल की कई खूबियां हैं, जो अपनी समकक्ष भाषाओं से बेहतर दिखती
हैं। नेटवर्क एक्सपर्ट्स के लिए इस लैंग्वेज को सीखना बेहद जरूरी होता है। वहीं
एक्सपर्ट्स यह भी कहते हैं कि अगर आप इस कंप्यूटर भाषा में पारंगत हो जाते हैं तो
कंपनियां आपको जॉब देने के लिए बेसब्री से इंतजार कर
रही
हैं।
लैंग्वेज, जिन्हें सीखना भी न भूलें
कुछ
लैंग्वेज ऐसी होती हैं, जो प्रोग्रामिंग में सहायक की भूमिका निभाती
हैं। इन्हीं की मदद से कुछ विशेष फीचर का इस्तेमाल किया जाता है। मुख्य लैंग्वेज
के साथ इनमें से किसी को भी सीखना आपके लिए बेहतर रहेगा।
विजुअल
बेसिक
विजुअल
बेसिक लैंग्वेज को माइक्रोसॉफ्ट ने डेवलप किया है। विजुअल बेसिक लैंग्वेज
प्रोग्रामिंग को आसान करती है। इसमें ग्राफिक एलिमेंट दिया गया है,
जिसे
ड्रैग और ड्रॉप करके प्रोग्रामर प्रोग्राम में कुछ बदलाव कर सकता है।
रूबी
डेवलपर्स
की चहेती बनी इस लैंग्वेज में कोडिंग करना बेहद आसान है। मजेदार बात है कि इसकी कोडिंग को याद रखना भी
मुश्किल नहीं है। इस लैंग्वेज का इस्तेमाल विशेषत: वेब एप्स बनाने में ही किया
जाता है। प्रोग्रामर का बेस्ट फ्रेंड मोटो लिए यह लैंग्वेज अपनी विशेषताओं को बयां
करती है। शुरुआती दौर में इसे सीख कर रोजगार पाने में आसानी रहती है।
पायथन
पायथन
को 1989
में डेवलप किया गया था। इसके कोड्स पढ़ने में काफी आसान हैं,
इसलिए
डेवलपर्स इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को काफी पसंद करते हैं। कई प्रोग्रामर्स का
कहना है कि ये प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखने और प्रोग्रामिंग की शुरुआत करने वालों
के लिए सबसे आसान लैंग्वेज है।
सीएसएस
वेबसाइट की फॉर्मेटिंग व ले आउट डिजाइनिंग में यह
लैंग्वेज मददगार होती है। इसका पूरा नाम है कासकेडिंग स्टाइल शीट। वेबसाइट्स और
मोबाइल एप्स के मेन्यू इसी भाषा के जरिए लिखे जाते हैं। यह जावा स्क्रप्टि और
एचटीएमएल के साथ बेहतर तालमेल बिठाती है। आप इस लैंग्वेज को एक अतिरिक्त लैंग्वेज
के तौर भी जरूर सीखें। आपके सीवी में यह एक अतिरिक्त योग्यता को दर्शाएगा। गूगल
डाटा एनालिसिस करने के लिए इसका ही इस्तेमाल करता है।
आईटी सेक्टर: क्या कहते हैंआंकड़े
- 20 साल में आई टी और बीपीएम इंडस्ट्री में देश
में कई दिग्गज कंपनियां उभर कर आई हैं।
- 52 अरब डॉलर की आईटी सर्विसेज देती हैं विदेशी
आईटी कंपनियां हर साल भारत में।
- 30 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है
आईटी सेक्टर में। इंडस्ट्री प्राइवेट सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार मुहैया कराने
वाले सेक्टरों में से एक।
- 2020 तक आईटी पॉलिसी के तहत आईटी सेक्टर का रेवेन्यू
300 अरब
डॉलर तक पहुंचाने का अनुमान जताया गया है।
सीखें प्रोग्रामिंग की भाषा
अगर
आप इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी फील्ड में एंट्री करने की प्लानिंग कर रहे हैं,
तो
आपको सबसे पहले आईटी फील्ड की लैंग्वेज को समझना और सीखना जरूरी है। जानते हैं
आईटी इंडस्ट्री में कौन-कौन सी लैंग्वेजेज डिमांड में हैं..
सी-लैंग्वेज
सी
को मदर ऑफ ऑल प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज भी कहा जाता है। सभी पॉपुलर प्रोग्रामिंग
लैंग्वेजेज सी से ही जन्मी हैं। एटी एंड टी बेल लैब्स में काम करने के दौरान डेनिस
रिची ने 1972 में इसे डेवलप किया था। सी सबसे ज्यादा
इस्तेमाल होने वाली लैंग्वेज है। दुनिया के बेहतरीन कंप्यूटर आर्किटेक्चर्स और
ऑपरेटिंग सिस्टम्स सी-लैंग्वेज बेस्ड हैं। सी-लैंग्वेज में स्ट्रक्चर्ड
प्रोग्रामिंग के साथ क्रॉस प्लेटफॉर्म प्रोग्रामिंग की भी कैपेबिलिटी है। इसके
सोर्स कोड में कुछ बदलाव करके कई कंप्यूटर प्लेटफॉर्म्स और ऑपरेटिंग सिस्टम्स में
इस्तेमाल किया जा सकता है। यही वजह है कि माइक्रोकंट्रोलर्स से लेकर
सुपरकंप्यूटर्स में सी-लैंग्वेज का इस्तेमाल होता है।
एचटीएमएल/सीएसएस
एचटीएमएल
को हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज कहा जाता है, यह वर्ल्ड वाइड वेब के किसी भी कंटेंट
की स्ट्रक्चरिंग मार्कअप लैंग्वेज है और इंटरनेट की कोर टेक्नोलॉजी है। एचटीएमएल
के जरिए किसी भी वेबसाइट की स्ट्रक्चरिंग की जाती है। इस लैंग्वेज के जरिए इमेजेज
और ऑब्जेक्ट्स को इंटरैक्टिव डिजाइनिंग में कनवर्ट किया जाता है। वहीं,
कैसकेडिंग
स्टाइल शीट्स (सीएसएस) स्टाइल शीट लैंग्वेज है, जो एचटीएमएल में कोडेड किसी भी
डॉक्यूमेंट की डिजाइनिंग करने में यूज होती है। आमतौर पर एचटीएमएल और एक्सएचटीएमएल
में कोडेड वेब पेजेज को सीएसएस एप्लीकेशन के जरिए ही स्टाइल किया जाता है। इसके
अलावा यह किसी भी तरह के एक्सटेंसिबल मार्कअप लैंग्वेज (एक्सएमएल),
स्केलेबल
वेक्टर ग्राफिक्स (एसवीजी) और एक्सएमएल यूजर इंटरफेस लैंग्वेज (एक्सयूएल)
डॉक्यूमेंट्स में यूज की जाती है। टैबलेट्स, स्मार्टफोंस और क्लाउड होस्टेड
सर्विसेज की डिमांड बढ़ने से इसकी काफी डिमांड है।
पीएचपी
हाइपरटेक्स्ट
प्री-प्रोसेसर यानी पीएचपी सर्वर स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है,
जिसका
यूज वेब डेवलपमेंट के साथ आम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में भी होता है। ओपन सोर्स
होने की वजह से पीएचपी आज 24 करोड़ से ज्यादा वेबसाइट्स और 20 लाख वेब सर्वर्स में इस्तेमाल हो रहा
है। कैहाइ-स्पीड स्क्रिप्टिंग और ऑगमेंटेड कंपाइलिंग कोड प्लग-इंस जैसी खासियतों
के चलते इसे लैंग्वेजेज का फ्यूचर भी कहा जा रहा है। फेसबुक,
विकीपीडिया
और वर्डप्रेस जैसी हाई-प्रोफाइल साइट्स की पॉपुलरिटी के पीछे पीएचपी का ही हाथ है।
जावा
स्क्रिप्ट
जावा
स्क्रिप्ट असल में ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज है,
जो
जावा का हल्का वर्जन है। इसे क्लाइंट-साइड लैंग्वेज भी कहा जाता है,
क्योंकि
ईजी कमांड्स, ईजी कोड्स होने की वजह से यह क्लाइंट-साइड वेब
ब्राउजर में इस्तेमाल की जाती है। आज जावा स्क्रिप्ट का इस्तेमाल वेब पेजेज में फॉर्म्स
ऑथेंटिकेशन, ब्राउजर डिटेक्शन और डिजाइन इंप्रूव करने में
किया जा रहा है। आपके फेवरेट ब्राउजर क्रोम एक्सटेंशंस,
एपल
का सफारी एक्सटेंशंस, अडोब एक्रोबैट रीडर और अडोब क्रिएटिव सूट जैसी
एप्लीकेशंस जावा स्क्रिप्ट कोडिंग के बिना अधूरी हैं।
पायथन
बेहद
ईजी कोड्स होने की वजह से कोई भी इसे बेहद आसानी से सीख सकता है। इसका इस्तेमाल
वेबसाइट्स और मोबाइल एप्स की स्क्रिप्ट राइटिंग में काफी किया जाता है। पायथन और
थर्ड पार्टी टूल्स की मदद से किसी भी प्रोग्राम को कंपाइल किया जा सकता है।
इंस्टाग्राम, पिनटेरेस्ट, गूगल और याहू समेत कई वेब एप्लीकेशंस
और इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स हैं, जहां पायथन का बखूबी इस्तेमाल हो रहा
है।
एसक्यूएल
स्ट्रक्चर्ड
क्वेरी लैंग्वेज यानी एसक्यूएल अपनी ओपन सोर्स होने की खासियतों के चलते डाटाबेस
मैनेजमेंट सिस्टम में सबसे ज्यादा यूज की जा रही है, जिससे डाटाबेस को मल्टी-यूजर एक्सेस
देना संभव हो पाया है। इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड्स
इंस्टीट्यूट (एएनएसआइ) और इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर स्टैंडर्ड्स (आउएसओ) ने 1980 में
डेवलप
किया था। आज एसक्यूएल का इस्तेमाल डाटा इंसर्ट, क्वेरी, अपडेट एंड डिलीट,
मोडिफिकेशन
और डाटा एक्सेस कंट्रोल में किया जा रहा है।
विजुअल
बेसिक
माइक्रोसॉफ्ट
के डॉट नेट फ्रेमवर्क में विजुअल बेसिक का इस्तेमाल होता है और डॉट नेट फ्रेमवर्क
के बिना माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। विजुअल बेसिक
माइक्रोसॉफ्ट के डॉट नेट फ्रेमवर्क की रीढ़ की हड्डी है। 1991 में माइक्रोसॉफ्ट ने इस इरादे के साथ
इसे डेवलप किया था, ताकि डेवलपर्स आसानी से इसे सीख सकें और
इस्तेमाल कर सकें। इसकी मदद से ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआइ) एप्लीकेशंस,
डाटाबेस
एक्सेस, रिमोट डाटा ऑब्जेक्ट्स और एक्टिवएक्स कंट्रोल्स
को डेवलप किया जा सकता है।
जावा
जावा
लैंग्वेज को 1990 में सन माइक्रोसिस्टम्स के जैम्स गॉस्लिंग ने
डेवलप किया था। जावा पूरी तरह से ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। आज
एमपी3
प्लेयर से लेकर बड़ी से बड़ी एप्लीकेशन जावा के बिना अधूरी है। जावा को दोबारा
कंपाइल किए बिना ही एप्लीकेशन डेवलपर्स प्रोग्राम को किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर भी
आसानी से चला सकते हैं यानी राइट वंस, रन एनीव्हेयर। इन दिनों जावा का
इस्तेमाल एंटरप्राइजेज सॉफ्टवेयर, वेब बेस्ड कंटेंट,
गेम्स,
मोबाइल
एप्स और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में बखूबी किया जा रहा है।
सी++
मल्टी-पैराडाइम
स्पैनिंग लैंग्वेज होने के चलते इसमें हाइ-लेवल और लो-लेवल लैंग्वेज,
दोनों
के फीचर हैं। सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को व्यापक बनाने के लिए 1979 में इसे शुरू किया गया था। सिस्टम्स
सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर,
सर्वर
व क्लाइंट एप्लीकेशंस और एंटरटेनमेंट सॉफ्टवेयर्स जैसे वीडियो गेम्स की लोकप्रियता
के पीछे इस लैंग्वेज का अहम योगदान है। फायरफॉक्स, विनएंप और अडोबी के कई प्रोग्राम्स इस
लैंग्वेज में ही लिखे गए हैं।
ऑब्जेक्टिव-सी
ऑब्जेक्टिव-सी
को ब्रैड कॉक्स और टॉम लव की कंपनी स्टेपस्टोन ने 1980 की शुरुआत में डेवलप किया था। यह
ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिग लैंग्वेज है, जिसका इस्तेमाल सी लैंग्वेज के सपोर्ट
में किया जाता है। इस लैंग्वेज का सबसे ज्यादा इस्तेमाल एपल आइओएस और मैक ओएस एक्स
में हो रहा है।
इन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में छिपे हैं जॉब के अवसर
अगर
आप आईटी इंडस्ट्री में एक बेहतर करियर की तलाश कर रहे हैं, तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है
कि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज आपके करियर को सही ऊंचाई दे सकती हैं। एक्सपर्ट की मानें, तो इन लैंग्वेज में आईटी सेक्टर में
काम करने वाले लोगों की सफलता के राज छिपे हुए हैं। इसलिए आप इन्हें सीखने के लिए
तैयार हो जाएं। यहां पर हम इन्हीं लैंग्वेजेज के बारे में बात कर रहे हैं। आइए
डालते हैं एक नजर...
जावा
जावा
सबसे ज्यादा लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में से एक है। आईटी क्षेत्र में काम
करने वाले लोग इस भाषा को इंटरप्राइज आर्किटेक्चर, क्लाउड कम्प्यूटिंग के दौरान यूज करते हैं। एक सर्वे में इस लैंग्वेज
को ईफाइनैंशल करियर की ओर से सबसे उम्दा लैंग्वेज करार दिया गया है। यह 2015 की मोस्ट डिमांडिंग लैंग्वेज है। गूगल
औरऑरेकल की पेटेंट की लड़ाई में मुख्य केंद्र जावा लैंग्वेज ही है। ऑरेकल ने गूगल
पर मुकदमा दायर किया था कि गूगल ने जावा के कुछ पार्ट को एनड्रॉएड में यूज किया
है। इन मसलों से अलग जो बात है,वह यह है कि यह एक उम्दा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है और इसे सीखना
फायदे का सौदा है।
जावा
स्क्रिप्ट
दूसरे
नंबर पर जावा स्क्रिप्ट को पसंद किया जा रहा है। इसे व्यापक तौर पर वेब की भाषा के
रूप में जाना जाता है। इसका प्रयोग वेब पृष्ठों को अंतरक्रियाशिलता जोड़ने के लिए
किया जाता है। यह लैंग्वेज सभी प्रमुख ब्राउजर्स सफारी, फायरफॉक्स और इंटरनेट एक्सप्लोरर का
समर्थन करता है।
सी #
लैंग्वेज
के मामले में माइक्रोसॉफ्ट का प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सी # तीसरे नंबर पर है। कंपनी के अनुसार, हम विंडोज क्लायंट ऐप्लीकेशन, एक्सएमएल वेब सर्विस,क्लायंट सर्वर ऐप्लीकेशन,डेटाबेस ऐप्लीकेशन और ऐसी ही कई चीजों
को क्रिऐट करने के लिए इस लैंग्वेज का उपयोग करते हैं। सी # विजुअली अडवांस्ड कोड एडिटर, सुविधाजनक इंटरफेस डिजाइनर, इंटीग्रेटेड डिबगर और कई तरह के
उपकरणों और नेट फ्रेमवर्क पर आधारित अनुप्रयोगों को विकसित करने के लिए सुविधा
प्रदान करती है।
पीएचपी
लिस्ट
में अगला नाम पीएचपी का है। वर्डप्रेस सहित विश्व की तमाम कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम
के लिए यह लैंग्वेज बैकबोन का काम करती है। आधुनिक वेब अनुप्रयोगों के निर्माण के
लिए 1994 में रास्मस लेर्दोर्फ ने इसे तैयार
किया था। भाषा के मामले में आज यह एक अनिवार्य उपक्रम माना जा रहा है।
सी
++
2015
में
सबसे ज्यादा सीखी जाने वाली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के रूप में सी++ का ही नाम है।
यह एक सामान्य तौर पर प्रयोग में आने वाली लैंग्वेज है। इस लैंग्वेज का इस्तेमाल
हाई फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग में किया जाता है। ईफाइनैंशल करियर के सर्वे में भी इस
लैंग्वेज को प्रमुख बताया गया है। जे गेन्स ऐंड कंपनी में वाइस प्रेजिडेंट जीना
शिलर सर्वे का हवाला देते हुए कहती हैं कि नई टेक्नॉलजी में हाई कास्ट मूविंग के
कारण तमाम लैंग्वेजेज की तुलना में यह लैंग्वेज महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह डिमांड में है। खास बात यह
भी है कि इंटरनैशनल ऑर्गनाइजेशन (आईएसओ) की ओर से इस लैंग्वेज का मानकीकरण किया गया
है।
पाइथॉन
सामान्य
उपयोग के लिए पाइथॉन को लैंग्वेज में 6ठे नंबर पर रखा गया है। इसे हर किसी के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के
रूप में यह अपनी पहचान रखता है। इस लैंग्वेज का कोड आसानी से उपलब्ध है। इसमें आप
संशोधन भी कर सकते हैं। साथ ही इसका उपयोग आसानी से किया जा सकता है। हालिया
सर्वेक्षण के अनुसार, पाइथॉन
प्रोग्रामिंग एक्सपर्टाइज में 96.9 फीसदी की वृद्धि हुई है।
सी
अगली
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के रूप में सी को सीखा जा सकता है। इस लैंग्वेज को मुख्य
रूप से डेनी रिची द्वारा एटी ऐंड बेल लेब्स में 1969 से 1973 के बीच में डिवेलप किया गया। यह लैंग्वेज छोटी, शक्तिशाली और काफी तेज है।
एसक्यूएल
इस
साल सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एसक्यूएल(स्ट्रक्चर्ड
क्वैरी लैंग्वेज) है। इस लैंग्वेज का इस्तेमाल रेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के
लिए किया जाता है। माइक्रोसॉफ्ट एसक्यूएल सर्वर डेटाबेस सर्टिफिकेशन को इस साल के
लिए बेस्ट सर्टिफिकेशन में शामिल किया गया है। बिग डेटा जॉब में इस प्रोग्रामिंग
लैंग्वेज को हाई डिमांडेड डेटा जॉब स्किल के रूप में गिना जा सकता है।
रूबी
सीखने
के परपस से रूबी सबसे आसान प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसलिए लिस्ट में अगला नाम
इसी लैंग्वेज का है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से वेब प्रोग्रामिंग के लिए किया
जाता है।
अब्जेक्टिव-सी
अब्जेक्टिव-सी
भी इस लिस्ट में खास महत्व रखता है। यह सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का एक सुपरसेट
है। इसका उपयोग मुख्य रूप से ओएसएक्स और आईओएस वायरिंग सॉफ्टवेयर में यूज किया
जाता है। इस लहजे से इसे प्राइमरी लैंग्वेज कहा जा सकता है। इतने सारे
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद आपकी राह आसान हो
जाती है। अगर आप इस फील्ड में शानदार करियर और जॉब्स हासिल करने का सपना देख रहे
हैं,उनके लिए ये लैंग्वेज मायने रखते हैं।
महत्वपूर्ण प्रोग्रामिंग भाषाएं
कम्प्यूटर
एक मशीन है और वह हमारी बोलचाल की भाषा को समझ नहीं सकता। इसके लिए प्रोग्राम,
विशेष
प्रकार की भाषा में लिखे जाते हैं। इन भाषाओं को प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के नाम से
जानते हैं। आजकल ऐसी सैकड़ों भाषाएं प्रचलन में हैं। ये भाषाएं कम्प्यूटर और
प्रोग्रामर के बीच संपर्क या फिर संवाद स्थापित करने का काम करती हैं। कम्प्यूटर
उन्हीं के माध्यम से दिए गए निर्देशों को समझकर काम करता है। कम्प्यूटर द्वारा किए
जाने वाले अलग अलग कार्यों के लिए अलग-अलग तरह की लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता
है। इनमें कुछ प्रमुख प्रोग्रामिंग लैंग्वेज इस प्रकार हैं-
लो-लेवल लैंग्वेज (Low Level Languages)
वे
लैंग्वेज जो कम्प्यूटर की आंतरिक कार्यप्रणाली को ध्यान में रखकर बनाई गई हंै लो
लेवल लैंग्वेज कहलाती हैं। इसमें प्रोग्राम लिखने वाले व्यक्ति को कम्प्यूटर की
आंतरिक क्रिया प्रणाली की जानकारी होना आवश्यक है। इसको निम्न स्तरीय लैंग्वेज
इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें प्रोग्राम लिखना पूरी तरह से उस कम्प्यूटर पर
निर्भर करता है जिस पर यह लिखा जा रहा है। इस लैंग्वेज को पुन: दो अन्य भाषाओं में
बांटा जा सकता है।
1. मशीन लैंग्वेज (Machine
Languages) - कम्यूटर
एक मशीन है जो केवल विद्युत संकेतों को ही समझ सकती है। इन विद्युत संकेतों को ऑफ
या 0(शून्य)
व ऑन या 1(एक) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इन अंको के
बायनरी अंक कहते हैं। कम्प्यूटर केवल इन बाइनरी अंकों में दिए गए निर्देशों को समझ
सकता है। इन बाइनरी अंको से बनी लैंग्वेज को हम मशीन लैंग्वेज कहते हैं। जैसे- 0100100011100110011.......
2. असेंबली लैंग्वेज (Assembly
Languages) - अंसेबली
लैंग्वेज वे भाषाएं होती हैं जो पूरी तरह से मशीन
लैंग्वेज पर आधारित होती हैं। लेकिन इनमें 0 व 1 की सीरीज के स्थान पर अंग्रेजी के कुछ
अक्षरों व कुछ चुने हुए शब्दों का कोड के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इन कोडों
को नेमोनिक कोड या शाब्दिक कोड के नाम से जाना जाता है।
हाई लेवल लैंग्वेज (High Level Languages)
जैसा
कि लो-लेवल लैंग्वेज के लिए बताया गया कि प्रोग्राम लिखने के लिए कम्प्यूटर की
आंतरिक कार्यप्रणाली का ज्ञान होना जरूरी है। दूसरा प्रत्येक कम्प्यूटर की अपनी
अलग मशीनी भाषा और असेम्बली भाषा होती है। अत: एक तरह के कम्प्यूटर के लिए इन
भाषाओं में लिखा गया प्रोग्राम दूसरी तरह के कम्प्यूटरों के लिए बेकार हो जाता है।
अत: ऐसी प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास किया गया जो सिस्टम की आंतरिक कार्यप्रणाली
पर आधारित न हो और जिनमें लिखे गए प्रोग्रामोंको किसी भी प्रकार के सिस्टम पर
चलाना संभव हो। इन भाषाओं को हाई लेवल भाषा कहा जाता है। हाई लेवल प्रोग्रामिंग
भाषा में इंग्लिश के चुने हुए शब्दों व साधारण गणित में प्रयोग किए जाने वाले
चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इन भाषाओं में प्रोग्राम लिखना उनमे गलतियों का
पता लगाना और उनको सुधारना लो लेवल भाषा की तुलना में आसान होता है। सभी प्रोग्राम
हाई लेवल भाषा मे ही लिखे जाते हैं।
हाई
लेवल प्रोग्रामिंग भाषाओं को भी उनकी प्रकृति के अनुसार दो श्रेणियों में बांटा जा
सकता है।
1. विधि अभिमुखी भाषाएं (Procedure
Oriented Languages)
2. समस्या अभिमुखी भाषाएं (Problem
Oriented Languages)
प्रमुख
हाई लेवल लैंग्वेज:
1. बेसिक
2. फोरट्रॉन
3. लोगो
4. कोबोल
5. पास्कल
6. सी
7. सी++
8. अल्गोल
9. कोमाल
10. पायलट
11.स्नोबॉल
12. प्रोलॉग
13. फोर्थ जेनरेशन लैग्वेज (4जीएल)
No comments:
Post a Comment