10/8/14

कंप्यूटर समस्या

जब स्टार्ट न हो आपका कंप्यूटर...
कंप्यूटर बूट न होने के दो मुख्य कारण हो सकते हैं पहला हार्डवेयर, दूसरा सॉफ्टवेयर। अगर समस्या हार्डवेयर की है तो खराब हार्डडिस्क, मदरबोर्ड, पावर सप्लाई, रैम, मॉनिटर या ओवरहिटिंग के अलावा रैम और केबल का ढीला होना इसके कारण हो सकते हैं।
कंप्यूटर स्टार्ट होने पर और हार्डवेयर को चेक करने के बाद एक बीप देता है और स्टार्ट हो जाता है। अगर आपका कंप्यूटर बीप की आवाज नहीं देता और खुलते ही साथ-की-साथ बंद हो जाता है तो अपने कंप्यूटर को किसी हार्डवेयर स्पेशलिस्ट से चेक कराएं। इसके अलावा अगर आपको भी कंप्यूटर की ठीक-ठाक जानकारी है तो उसे ओपन करके चेक करें कि मेमरी माड्यूल या फिर कोई कनेक्शन ढीला न हो। धूल-मिट्टी और नमी की वजह से भी कई बार मेमरी माड्यूल नहीं मिल पाता है। ऐसे में आप मेमरी माड्यूल को स्लॉट से निकालकर दोबारा लगाएं। सीपीयू का फैन काम न कर रहा हो या फिर सीपीयू पर लगा हीट सिंक सही से फिट न हो तो भी ये कंप्यूटर को सही तरीके से काम करने से रोक सकता है। यह भी देखें कि आपके कंप्यूटर को सही से वेंटीलेशन मिल रहा हो जिससे वह गर्म न हो।
सॉफ्टवेयर से जुड़ी समस्या होने पर कंप्यूटर में कुछ समस्याओं को मिनटों में ठीक किया जा सकता है जैसे :
- Invalid partition table, Missing operating system जैसी समस्या तब आती है जब हार्डडिस्क में कुछ खराबी या किसी वायरस की वजह से करप्शन हो जाता है।
- NTLDR is missing की समस्या तब आती है जब बूट सेक्टर में करप्शन हो जाता है।
- Could not read from selected disk समस्या तब आती है जब सी ड्राइव के रूट में मिलने वाली boot .ini फाइल करप्ट हो जाए।
- कई बार विंडोज में एक नीले रंग की स्क्रीन आ जाती है और कंप्यूटर हेंग हो जाता है। यह समस्या या तो हार्डवेयर या किसी करप्ट ड्राइवर सॉफ्टवेयर की वजह से हो सकती है।
इन सब समस्याओं के लिए आपको अपने कंप्यूटर में कई बार OS यानी Windows XP या Windows 7 दोबारा भी इंस्टॉल कराने पड़ सकते हैं। हालांकि आप कई समस्याएं Windows XP को दोबारा इंस्टॉल किए बिना भी ठीक कर सकते है। इसके लिए Windows CD ष्टष्ठ से बूट करके Welcome to setup स्क्रीन आने आर दबाएं। Command Prompt में Windows XP जो आपकी हार्डडिस्क पर इंस्टॉल है को सिलेक्ट करने का ऑप्शन आएगा। आप जिस विंडोज इंस्टालेशन को ठीक करना चाहते हैं उसका नंबर सिलेक्ट करें। अब c:\> prompt आएगा। अगर आपको Invalid partition table या Missing operating system का एरर मेसेज आया था तो fixmbr टाइप करके एंटर दबाएं। अगर आपको NTLDR missing का मेसेज आया था तो fixboot c: टाइप करें और अगर Could not read from selected disk मेसेज आया था तो आप bootcfg/rebuild कमांड टाइप करने के बाद exit टाइप करें। अब अपने कंप्यूटर को रीस्टार्ट करें।

Detect Computer Problems by Beep in Hindi
क्या आपके कंप्यूटर में भी अक्सर खराबी आती रहती है और आप उसकी खराबी का कारण नहीं समझ पाते? दरअसल हमारा कंप्यूटर हमें यह जानकारी देने की कोशिश करता है कि उसे हुआ क्या है। यह अलग बात है कि हम उसके संकेत समझ नहीं पाते। अगर आप कंप्यूटर द्वारा दिए जाने वाले संकेतों को समझने लगेंगे तो शायद आपको भी तब तक कंप्यूटर मेकेनिक को घर बुलाने की जरूरत नहीं पडे़गी जब तक कि उसमें आई खराबी ज्यादा बड़ी न हो।
मोटे तौर पर कंप्यूटर की समस्या को तीन भागों में बांटा जा सकता है।
- अगर कंप्यूटर स्टार्ट नहीं हो रहा है, तो हो सकता है उसमें पावर ही नहीं आ रही हो।
- अगर वह स्टार्ट होने के बाद अजीब-सी आवाज निकालकर रुक जाता है तो समस्या किसी हार्डवेयर से जुड़ी है।
- अगर वह विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के शुरुआती ग्राफिक तक पहुंच जाता है लेकिन आगे नहीं बढ़ता तो समस्या विंडोज एक्सपी, विंडोज विस्टा, विंडोज 7 आदि ऑपरेटिंग सिस्टम की है।
इनमें से पहली समस्या होने पर आपको कंप्यूटर की पावर सप्लाई (जिसे एसएमपीएस कहा जाता है) को बदलवाने की जरूरत है। समस्या दूसरे नंबर की है तो उसका पता लगाने के लिए थोड़ा-सा विश्लेषण करने की जरूरत है। तीसरे नंबर की समस्या होने पर किसी विंडोज या फिर किसी डिवाइस ड्राइवर (हार्डवेयर को ऑपरेट करने के लिए इस्तेमाल होने वाला कोड) को दोबारा इंस्टाल करना पड़ सकता है।
कंप्यूटर्स को स्टार्ट करने के बाद शुरू में 'पावर ऑन सेल्फ टेस्ट' (पोस्ट) का प्रोसेस होता है जिसमें आपके सिस्टम के ज्यादातर हार्डवेयर्स को चेक किया जाता है। अगर कोई छोटी-मोटी समस्या है तो कंप्यूटर चल पड़ता है लेकिन किसी अहम पार्ट में दिक्कत होने पर वह पोस्ट से आगे नहीं बढ़ता।
हालांकि इसी दौरान वह किसी-न-किसी तरह की बीप की आवाज देकर खराब हार्डवेयर के बारे में संकेत दे देता है। जब-जब भी आपका कंप्यूटर खराब हुआ होगा, आपने देखा होगा कि वह स्टार्ट होते समय आम सिंगल बीप की बजाए कुछ अलग ही आवाज निकालता है। यही आवाज कंप्यूटर की समस्या को ठीक करने में मदद करती है। आईबीएम पीसी या आईबीएम कम्पैटिबल पीसी द्वारा निकाले जाने वाले सामान्य बीप कोड इस तरह हैं -

बीप कोड- कोई बीप नहीं, समस्याः पावर नहीं है, बिजली का तार ढीला है या फिर तार शॉर्ट हो गया है। रिप्लेसमेंट खर्च - जीरो से लेकर 500 रुपये तक।
बीप कोडः एक छोटी बीप, कंप्यूटर ठीकठाक है, कोई समस्या नहीं है।
बीप कोडः दो छोटी बीप समस्याः पोस्ट के दौरान समस्या पाई गई है (हो सकता है सीएमओएस सेटिंग से जुड़ा हो) ब्यौरे के लिए कंप्यूटर स्क्रीन देखें। खर्चः जीरो।
बीप कोडः एक लंबी और एक छोटी बीप समस्याः मदरबोर्ड में कोई समस्या है। रिप्लेसमेंट खर्च : 2,000 से 6,000 रुपये के बीच, मदरबोर्ड की कीमत पर निर्भर।
बीप कोडः एक लंबी और दो छोटी बीप समस्याः सीजीए-मोनो डिस्प्ले कार्ड की समस्या है। रिप्लेसमेंट खर्चः 500 से 600 रुपये।
बीप कोडः एक लंबी और तीन छोटी बीप समस्याः ईजीए डिस्प्ले कार्ड की समस्या है। रिप्लेसमेंट खर्चः 800 रुपये या ज्यादा (कार्ड के ब्रांड और फीचर्स पर निर्भर)।
बीप कोडः तीन लंबी बीप समस्याः की-बोर्ड से जुड़ी समस्या। रिप्लेसमेंट खर्चः 300 रुपये या ज्यादा।
बीप कोडः लगातार लंबी-लंबी बीप समस्याः सीपीयू में लगी रेम ढीली है या फिर खराब हो गई है। खर्चः शून्य से लेकर 1,200 रुपये तक।
बीप कोडः लगातार तेज और हल्की बीप बजती रहे समस्याः सीपीयू बहुत गर्म हो रहा है। शायद सीपीयू को ठंडा रखने के लिए लगा पंखा खराब है या फिर सीपीयू ही बदलने की जरूरत है। रिप्लेसमेंट खर्चः 100 रुपए (पंखा) से लेकर 5,000 से 6,000 रुपये के बीच।
कंप्यूटर्स में बीप की आवाज से यही संकेत मिलते हैं कि कंप्यूटर की सामान्य समस्याओं का पता किसी विशेषज्ञ के बिना आप खुद भी लगा सकते हैं। ज्यादातर कंप्यूटर्स में इन आवाजों का यही मतलब है लेकिन बुनियादी रूप से यह बात कंप्यूटर में लगी BIOS (बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम) और मदरबोर्ड के ब्रांड पर निर्भर करती हैं। कुछ ब्रांड्स में इन आवाजों के अलग मतलब हो सकते हैं जिन्हें उनके साथ आए डॉक्युमेंटेशन या फिर उनकी वेबसाइट्स पर देखा जा सकता है।

कम्प्यूटर देरी से स्टार्ट होता है

 अगर आपका कम्प्यूटर नॉर्मल स्टार्ट नहीं होता तो इसका मतलब है कि आपके पीसी के किसी सॉफ्टवेयर कॉम्पोनेंट या ड्राइवर में कुछ प्रॉब्लम है। इसके लिए आप अपने कम्प्यूटर को क्लीन बूट कर सकते हैं। इसके लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें स्टेप 1 : 1. पहले Start, फिर Run पर क्लिक करें। इसके बाद Msconfig टाइप करें और Ok पर क्लिक करें। 2. System Configuration Utility लिखा आएगा। General टैब पर क्लिक करें। इसके बाद Load System Services लिखा आएगा। इस पर टिक लगाएं और ह्रद्म पर क्लिक करें। जब लिखा आए, तब कम्प्यूटर को री-स्टार्ट कर दें। स्टेप 2 : 1. पहले Start, फिर Run पर क्लिक करें। इसके बाद Msconfig टाइप करें और Ok पर क्लिक करें। System Configuration Utility डायलॉग बॉक्स में जाकर General टैब पर क्लिक करें। इसके बाद Selective Start-up पर क्लिक करें। 2.फिर Process SYSTEM.INI file पर टिक हटाएं। 3. इसके बाद Process WIN.INI file पर टिक हटाएं। 4. Load Startup Items पर टिक हटाएं। वेरिफाई कर लें कि Load System Services और Use Original BOOT.INI पर टिक लगा हो। 5. Services टैब पर क्लिक करें। 6. Hide All Microsoft Services को सिलेक्ट करें। इससे कंप्यूटर को चलाने वाली सभी जरूरी सविर्स छिप जाएंगी। सिर्फ वे दिखेंगी, जिनसे शायद आपका कम्प्यूटर स्लो चल रहा है। अगर आप Disabled All ऑप्शन को सिलेक्ट कर लेते हैं तो ये सभी सर्विस Disabled हो जाएंगी। अगर आप इनमें से किसी सर्विस की पहचान रखते हैं, जैसे एंटी वायरस स्कैनर, इस सर्विस को Disabled न करें।

नो डिस्पले प्रोब्लम का बहुत ही सरल सा समाधान

आओ जानें कि समस्या क्या है?अगर आप अपने कम्प्यूटर को आॅन करते हैं तो वह आॅन हो रहा है, उसके प्रोसेसर यानी सीपीयू का फेन भी चल रहा है आपके मोनीटर या एलसीडी जो भी आप प्रयोग करते है उसमें लाइट भी ब्लिंक कर रही है परंतु उसकी स्क्रीन पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है तो इस प्रकार की प्रोब्लम को नो डिस्पले प्रोब्लम के नाम से जाना जाता है।
आओ जाने की ये समस्या क्यों  आती है  और इसके क्या उपाय है ?
साधारणतया ये प्रोब्लम आपके कम्प्यूटर में लगी रेम में डस्ट (धूल या मिट्टी के कण) लग जाने से ही होती है और रेम में डस्ट होने से कम्प्यूटर उसे डिटेक्ट नहीं कर पाता जिससे कम्प्यूटर में डिस्पले नहीं आ पाता। और हम परेशान हो जाते हैं लेकिन इसके समाधान के लिए आप अपने सिस्टम के मदरबॉर्ड पर लगी रेम को बाहर निकालें और इरेजर (रबड़ जिससे पेंसिल से लिखे अक्षर मिटाते हैं) से उसकी पिनों को साफ कर दें और पुन: वहीं लगा दें बस अब आप अपने कम्प्यूटर को चालू करें आपके कम्प्यूटर में आपको डिस्पले दिखायी दे देगा।
लेकिन इस उपाय के बाद भी अगर आपके कम्प्यूटर में डिस्पले नहीं आ रहा है तो इस समस्या के अन्य कारण भी हो सकते हैं जो कि निम्न है
1. हो सकता है कि आपकी पावर सप्लाई खराब है या​नी की वह सही विधुत की आपूर्ती नहीं कर रहा है। 2. हो सकता है कि रेम पूरी तरह से खराब हो गई है।3. प्रोसेसर या मदरबोर्ड भी खराब हो सकता है।और इन कारणों के समाधान के लिए आपको कम्प्यूटर सर्विस सेन्टर से सम्पर्क करना पड़ेगा।

कैसे करें अपना सुस्त कंप्यूटर दुरुस्त?

क्या आप अपने कंप्यूटर/लैपटॉप की स्लो स्पीड से परेशान है तो पढ़िए 6 टिप्स जो आपके कंप्यूटर को बनायेंगी फास्ट.
1. एंटी वायरस सॉफ्टवेयर- कंप्यूटर में इंटरनेट और यूएसबी ड्राइव्स से सबसे ज्यादा वायरस आता है. हमें पता ही नहीं चलता कि हमारे सिस्टम में कब वायरस आ जाता है और सिस्टम को स्लो कर खराब करना शुरू कर देता है. इससे बचने के लिए अपने कंप्यूटर में एंटी वायरस सॉफ्टवेयर हमेशा इंस्टॉल रखें. साथ ही एंटी वायरस को अपडेट भी करते रहें क्योंकि अगर एंटी वायरस सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होगा तो वो काम करना भी बंद कर देता है. बहुत लोग एंटी वायरस को अपडेट करना भूल जाते है इसलिए आज कल तो ज्यादातर कंपनियां एंटी वायरस सॉफ्टवेयर में ऑटो अपडेट का ऑप्शन देती है. इस ऑप्शन से जब भी आपके एंटी वायरस में कोई अपडेट आएगा तो इंटरनेट के सहयोग से सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिकली अपडेट होना शुरू हो जाएगा.

2. डिस्क क्लीन अप- जब हम इंटरनेट इस्तेमाल करते है तो हमारे कंप्यूटर में बहुत सारी ऐसी अनचाही फाइल्स सेव हो जाती है जिनके बारे में हमें पता नहीं होता. ऐसी फाइल्स कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में पड़ी रहती है और कंप्यूटर को स्लो करती रहती है. इन फाइलों में टेम्पररी फाइल्स, cache, जैसी फाइलें होती है. इन फाइलों को डीलीट करने के लिए कंप्यूटर में जा कर सी ड्राइव पर राईट क्लीक कर उसकी प्रॉपर्टीज (properties) में जा कर जनरल सेटिंग्स में जाना होता है वहां पर डिस्क क्लीन अप का ऑप्शन आएगा. इस ऑप्शन पर क्लिक करें उसके बाद कंप्यूटर की सारी अनचाही फाइलों के फोल्डर खुल जाएंगे और उनको सेलेक्ट कर डीलीट करें. ऐसा करने से हार्ड डिस्क में पड़ी सभी बेकार और गैर जरूरी अनचाही फाइलें डीलीट हो जाएगी और सिस्टम की स्पीड बढ़ जाएगी.

3. रीसायकल बिन- जब घर में कूड़ा हो जाता है तो हम उसे कूड़े वाले को दे देते है लेकिन हम अपने कंप्यूटर में अक्सर फाइल्स डीलीट तो कर देते है लेकिन उसे रीसायकल बिन से डीलीट करना भूल जाते है इससे वो फाइल्स हमारे सिस्टम में पड़ी रहती है. रीसायकल बिन से फाइल्स डीलीट होने के बाद ही असल में फाइल कंप्यूटर से डीलीट होती है. रीसायकल बिन से फाइल्स हटाने का एक दम सरल तरीका है बस माउस को डेस्कटॉप पर दिख रहे रीसायकल बिन के आईकन पर ले जाएं और राईट क्लिक कर एम्प्टी रीसायकल बिन पर क्लिक करें, ऐसा करने से यस और नो का ऑप्शन आएगा जिस पर यस करते ही कंप्यूटर से फाइल्स परमानेंटली डीलीट हो जाएगी.

4. अनइनस्टॉल करें गैरजरूरी प्रोग्राम- अपने सिस्टम से उन प्रोग्राम को डीलीट करें जिनकी आपको आवश्यकता नहीं है. स्टार्ट बटन पर जा कर कंट्रोल पैनल पर जाएं और फिर केटेगरी सेलेक्ट कर प्रोग्राम्स पर जायें. उसके बाद अनइनस्टॉल ऐ प्रोग्राम पर जाएं और जो आपके उपयोग का प्रोग्राम नहीं है उसे डीलीट करें. ऐसा करने से आपकी हार्ड डिस्क में जगह घेर रहें प्रोग्राम डीलीट हो जाएंगे और आपकी हार्ड डिस्क में जगह बढ़ जाएगी.

5. डीफ्रैग्मेंट डिस्क- हमारे कंप्यूटर में कई फाईलें असंतुलन (डिसऑर्डर) तरीके से सेव होने लगती है. डीफ्रैग्मेंटेशन इन फाईलों को एक साथ लगा कर ऑर्डर में ले आती है और हार्ड डिस्क का स्पेस बढ़ जाता है. इसके लिए स्टार्ट में जाकर ऑल प्रोग्राम्स पर जाएं फिर ऐससरी (accessories) पर जा कर सिस्टम टूल्स पर जाएं, फिर डिस्क डीफ्रैग्मेंटर पर जायें उसके बाद डीफ्रैग्मेंट डिस्क पर क्लिक करें और फिर सारी फाइलें ऑर्डर में आ जाएंगी.

6. अपनी रैम चैक करें- इन सबके बाद भी अगर आपके कंप्यूटर की स्पीड ना बढ़े तो आप अपने सिस्टम की रैम चैक करें. रैम चैक करने के लिए कंप्यूटर में सिस्टम प्रॉपर्टीज पर जाकर रैम देख सकते हैं. अगर आप जब भी कोई एप्लीकेशन चलाते है और तब कंप्यूटर स्लो हो जाता है तो आपकी रैम में खराबी हो सकती है. लेकिन अगर कंप्यूटर स्टार्ट करते हुए या बंद करते हुए स्लो चलता है तो आपकी रैम ठीक हो सकती है जबकि कंप्यूटर में कोई अन्य खराबी हो सकती है. नई रैम लेने के लिए बाजार जाने से पहले एक बार अपने कंप्यूटर की कॉन्फिगरेशन जांच ले या कंप्यूटर इंजीनियर की सहायता लें और अपने सिस्टम से जुड़ी जानकारी दुकानदार को बताकर ही रैम लें.


कंप्यूटर सेफ्टी

बचाव हमेशा बीमारी से बेहतर होता है, यह कहावत हर जगह लागू होती है, फिर चाहे वह आपका कम्प्यूटर ही क्यों न हो। अगर आप चाहते हैं कि आपका कम्प्यूटर सहजता से चलता रहे और आपको टेक्नीशियन को न बुलाना पड़े, तो इसके लिए आपको कुछ उपाय अपनाने पड़ेंगे। आइए जानते हैं क्या हैं ये टिप्स।

ब्रांडेड एक्सेसरीज का इस्तेमाल: जहां तक संभव हो,कम्प्यूटर से जुड़ी एक्सेसरीज जैसे, मॉनीटर, माउस, कीबोर्ड, पेन ड्राइव, स्पीकर, वेब कैमरा और प्रिंटर आदि ब्रांडेड क्वालिटी का इस्तेमाल करें। इससे आपका कम्प्यूटर सिस्टम बेहतर तरीके से काम करेगा।

कम्प्यूटर को ठीक से स्विच ऑफ करें: कम्प्यूटर लॉक हो जाने की स्थिति को छोड़कर कभी भी इसे मेन स्विच से बंद न करें। अगर आप सीधे कम्प्यूटर ऑफ करेंगे तो कोई फाइल या डाटा नष्ट हो सकता है।

यूपीएस का प्रयोग करें: पॉवर कट या वोल्टेज घटने और बढ़ने की स्थिति में कम्प्यूटर की सुरक्षा के लिए यूपीएस का प्रयोग करना जरूरी होता है।

हर महीने स्कैन डिस्क चलाएं: ऐसा करने से हार्ड डिस्क सहजता से काम करती रहती है। इसके साथ ही गैर जरूरी फाइलों को भी डिस्क क्लीनर की सहायता से डिलीट करते रहना चाहिए। ऐसा करने से कम्प्यूटर की स्पीड भी बढ़ती है।

कम्प्यूटर ऑन हो तो एक्सेसरीज अलग न करें: ऐसा करने से कम्प्यूटर को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए कोई भी एक्सेसरीज जोड़ने या हटाने से पहले कम्प्यूटर बंद कर दें।

सी ड्राइव में कम से कम तीन सौ एमबी की जगह बचाएं रखें: अगर ऐसा नहीं करते हैं तो विंडोज चोक हो जाएंगी और कुछ डाटा भी नष्ट हो सकता है। ऐसा न होने पर सी ड्राइव में जगह न रहने पर कम्प्यूटर की स्पीड घट जाती है।

कम्प्यूटर स्टार्ट करने पर ज्यादा प्रोग्राम डाउनलोड न करें: प्रोग्राम कम्प्यूटर की मेमोरी को इस्तेमाल करते हैं, इसलिए कम्प्यूटर ऑन करते ही उन्हें लोड न करें। थोड़े समय बाद ही इन्हें लोड करें, और काम न होने पर बंद भी कर दें।

सप्ताह में एक बार कम्प्यूटर को एंटी वायरस से स्कैन करें: स्कैनिंग के लिए कई तरह के एंटी वायरस बाजार में मौजूद हैं। इन्हें इंटरनेट से डाउनलोड भी कर सकते हैं। 

अपने कंप्यूटर को सुधारे आसानी से
कितनी ही बार हम कंप्यूटर की खराबियों से अपना कीमती वक्त और डाटा गवां देते है पर कंप्यूटर की खराबियों को ठीक करने बस फॉर्मेट करना ही एकमात्र विकल्प नहीं होता ।
एक छोटा मुफ्त पोर्टेबल टूल जो आपके कंप्यूटर को ठीक करने में आपकी मदद करेगा ।
इस टूल का नाम है Windows Repair और ये अपने नाम के अनुसार आपके विंडोज को रिपेयर करता है ।
इसमें आप 5 आसान चरणों में अपनी कंप्यूटर की समस्याओ को ठीक कर सकते हैं ।
पहले चरण में आपको वायरस आदि से आई खराबियो के लिए टूल डाउनलोड करने कहा जाएगा आप अगर कोई अच्छा एंटी वायरस पहले से ही उपयोग कर रहें है तो इस चरण को उपयोग ना करके सीधे दुसरे चरण से शुरुआत कर सकते हैं ।
दुसरे चरण में Disk Check , तीसरे में System File Check , चौथे चरण में System Restore Point Create/Restore करने कहा जाएगा (इस System Restore Point Create चरण में करना सुरक्षा के लिहाज से जरुरी है ) ,
चरण में Basic, Advanced या Custom mode के जरिये आपके कंप्यूटर को सुधारा जाएगा । आप इनमें से अपनी सुविधा के अनुस्सर एक विकल्प चुन सकते हैं । इस प्रक्रिया के बाद अगर आप विंडोज एक्सपी का उपयोग कर रहे है तो सुधार की प्रक्रिया के दौरान विंडोज एक्सपी की सीडी की जरुरत हो सकती है इसलिए विंडोज एक्सपी की सीडी तैयार रखें । विंडोज विस्टा या सेवन में आपको सीडी की जरुरत नहीं होगी ।
 कंप्यूटर फोर्मेट करने से पहले एक आखिरी औजार के रूप में इसका उपयोग जरुर करें । चूँकि ये पोर्टेबल टूल है इसलिए सेफ मोड़ में भी बिना इंस्टाल किये इसका उपयोग किया जा सकता है ।
सिर्फ 1.2 एमबी आकार का मुफ्त उपयोगी औजार ।


7 comments:

  1. "Setup is inspecting your hardware configuration" and then a black screen
    many times try to irenstall window xp but face this problem every time

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  2. Mere pc ke power pin and start pin power + Power - Pin ko kese set karu

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  3. Mera computer start nhi ho raha hai fan bhi nhi chal raha hai power button koi reaction nhi de raha hai kya problems ho sakti hai

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  4. Maine apne laptop mein window 7 install krne k Baad USB keyboard or mouse kaam nhi kar rhe h isko kaise thik kiya ja sakta h

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    1. ho sakta hai ki mouse or keyboard ke driver na ho unko install ka le

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  5. Sir NTLDR missing hone k 5 reason Hindi me बताए plz

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  6. mere computer me keypad mobail conect nahi ho raha hai

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