8/21/14

पति और पत्नी के बीच कलह


अकसर छोटी.छोटी बातों को लेकर पति.पत्नी इस हद तक झगड़ पड़ते हैं कि उनकी जिंदगी में सिर्फ तनाव ही रह जाता है जो उन पर इस हद तक हावी हो जाता है कि दोनों का एक छत के नीचे जीवन बसर करना मुश्किल हो जाता है और नौबत तलाक तक पहुंच जाती है। आम जिंदगी में यदि पति.पत्नी कुछ बातों को ध्यान में रखें तो तनाव से बच कर अपने घरेलू जीवन को खुशियों से भर सकते हैं। यदि पति.पत्नी के बीच कभी झगड़ा हो तो दोनों में से एक को शांत हो जाना चाहिए जिससे बात आगे न बढ़े और फिर पति.पत्नी का झगड़ा तो पानी के बुलबुलों की तरह होता है जो पल भर में ही खत्म हो जाता है।

पति पत्नी में कलेश दूर करने के लिए और वैवाहिक जीवन सुखी बनाने के लिए आपको चाहिए कि आप निम्नलिखित सुझावों पर अमल करें :

पति.पत्नी को चाहिए कि वे एक दूसरे को समझें और एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करें। . अपने रिश्ते में कभी करवाहट को न आने दें। .

कभी.कभी चुप्पी भी बहुत कुछ ऐसी बातें कह जाती हैए जिन्हें बोलने से सिर्फ कड़वाहट ही पैदा हो और फिर इस तरह दूसरे तक आपका संदेश सहजता से पहुंच जाता है। .

घर का झगड़ा घर में ही सुलझा लें। बाहर वालों को इसकी भनक तक न लगने दें वरना बात बिगड़ सकती है।
यदि पति को आफिस से आने में देर हो जाए तो इस पर उनसे लड़े नहीं न ही शक करें पर एकदम विश्वास भी न करेंए सामान्य बनी रहें।

कभी.कभी पत्नी की नाजायज मांगों से तंग आकर पति कुंठित हो जाते हैं। ययदि वे उनकी मांगें पूरी कर पाने में असमर्थ हैंद्ध जिस कारण भी झगड़े होते हैं। .पत्नी को पति की सीमित आय में रहना सीखना चाहिए और सुखमय जीवन व्यतीत करना चाहिए। .

एक दूसरे को ताना न दें। जैसे मुझे तो बहुत अमीर घरानों से रिश्ते आ रहे थे। मैं तो तुम से विवाह करके फंस गई आदि। इससे पति का सम्मान प्रभावित होता हैए जो अंत मे झगड़े का कारण बनता है। .

पति.पत्नी दोनों ही एक दूसरे को हर रूप में अपनाएं। . दोनों ही एक दूसरे की इच्छाओं की कद्र करें और एक दूसरे के माता.पिता को समान रूप से सम्मान दें। क्योंकि अकसर देखने में आता है कि पति.पत्नी के बीच झगड़े का एक बड़ा कारण माता.पिता के सम्मान को लेकर भी होता है। .

पति.पत्नी आपस में समर्पित रहेंए अपनी इच्छाओं को दबाएं नहीं व्यक्त करें मगर उन्हें एक दूसरे पर थोपें नहीं। .
कभी भी एक दूसरे के अतीत को न कुरेदें। अगर कोई बात आपको तकलीफ पहुंचा रही है तो शांत होकर आराम से अपने साथी से बातचीत करें। झगड़ा किसी परेशानी का हल नहीं बल्कि तनाव की जड़ है।

धन संबंधी (Finance Relates) किसी भी विषय पर आपसी सलाह-मशविरा जरूर करें. ऐसे खर्चों को ना करना ही बेहतर है जिनका हिसाब आप अपने साथी को ना दे पाएं.

अपने व्यय पर नियंत्रण रखें.ध्यान रखें कि आपके द्वारा की गई बचत (Saving) भविष्य में आप के ही काम आएगी. इसीलिए जितना हो सके पारिवारिक बचत को बढ़ावा दें. किसी भी अप्रत्याशित व्यय (Unpredictable expenses) से बचने के लिए धन संबंधी कोई भी योजना पहले से ही निर्धारित कर लें.

अपने साथी के प्रति पूर्ण रूप में ईमानदार (Loyal) रहें और छोटी-छोटी गलतियों को माफ करते चले।

आपसी प्रेम और विश्वास किसी भी संबंध का एक मजबूत आधार होता है. और अगर आप छोटी-छोटी बातें अपने साथी से छुपाएंगे तो ऐसे में प्रेम चाहे कायम भी रहे, विश्वास पूर्ण रूप से समाप्त हो जाता है. विवाह एक ऐसा संबंध होता है जो आपसी समझ और ईमानदारी के साथ निभाया जाए तभी सफल हो सकता है. इसीलिए अच्छा होगा कि आप अपने परिवार की उन्नति और खुशहाली (Happiness) के लिए एक-दूसरे से कुछ ना छुपाएं और धन, जो आधुनिक परिवेश की सबसे बड़ी परेशानी और मुसीबतों की जड़ है, उसका उचित प्रयोग करें ताकि धन-संबंधी कोई भी विवाद (Dispute) आपके रिश्ते को कमजोर ना कर पाए.

हमें सदैव दूसरों को बदलने से पहले खुद को बदलने के बारे में सोचना चाहिए। हमे दूसरों के बजाय पहले खुद की सोच का सकारात्मक बनना होगा। सकारात्मक सोच परिस्थितियों में ही नहीं दृष्टिकोण में बदलाव लाती है। नकारात्मक सोच कई घरों को बर्बाद कर चुकी है। नकारात्मक सोच के कारण हसंते खेलते वैवाहिक जीवन में दरार पैदा हो जाती है। जब कहीं पर भी कोई भी कुछ भी घटता हो तो उसे अपने साथ जोडकर न सोचें, कि आपके परिवार के सदस्य भी ऎसा ही करते हैं, जबकि ऎसा कुछ भी नहीं होता। अनेक महिलाएं पति के ऊपर बेवजह शक करती रहती हैं, जो भविष्य में दांपत्य की असुरक्षा का संकेत है ऎसी महिलाओं के लिए जरूरी है , कि वो सकारात्मक विचार रखें, अच्छा सोचेंगी, तो अच्छा व्यवहार कर पाएंगी। नकारात्मक सोचने पर बुरे परिणाम भुगतने पड सकते हैं। ध्यान रखिए विवाद ग्रस्त बातें मधुर मुस्कान से मिनटों में हल हो जाती हैं, जबकि आपका गरम स्वभाव जरा सी बात का भी बतंगड बना सकता है।

दांपत्य जीवन में रोमांस का अहम योगदान होता है। सुखद दांपत्य के लिए जरूरी है कि आपकी सेक्स लाइफ भी अच्छी हो। प्यार में आई नीरसता दांपत्य रिलेश्न की ताजगी को खत्म कर देती है। शारीरिक संबंधों में आया तनाव तलाक तक पहुंच जाता है। आपस में संतुष्ट ना होना बारबार घर में कलह और अलगाव की वजह बन जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंधों में आपसी तालमेल ना हो तो दोनों का साथ-साथ चलना मुश्किल हो जाता है। पति दूसरी औरत से संबंध तभी बनता है जब उसे अपनी पत्नी का साथ नहीं मिलता है। जब पत्नियां रोमांस में पति का सहयोग नहीं करती तो पति बाहर अन्य महिलाओं से संबंध बनाने से नहीं चूकते। रोमांस पति-पत्नी के लाइफ की अमूल्य निधि है। कामभावना पुष्ट शरीर की अपेक्षा नहीं रखती। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है कामकला की, जो पति-पत्नी इस कला में निपुण होते हैं, वहीं एक-दूसरे को पूर्ण संतुष्ट कर सकते हैं।.

परिवार रूपी रथ के पहिए हैं पति और पत्नी। यदि इनके मध्य वैचारिक एवं शारीरिक संबंध अच्छे नहीं होंगे तो परिवार में कलह होना निश्चित है। पारिवारिक कलह गृहस्थ-सुख को नष्ट कर देती है। इसके पीछे पति-पत्नी के पारस्परिक संबंधों का अच्छा न होना अथवा परिवार के अन्य सदस्यों के मध्य वैचारिक असमानता मूल कारण होती है। भरपूर पारिवारिक सुख तभी मिल पाता है जब पति-पत्नी एक दूसरे को भली-भांति समझे ,उनमे वैचारिक समानता हो, शारीरिक रूप से भी एक दूसरे को जानें और एक दूसरे को भरपूर सहयोग और सम्मान दें।

पारिवारिक सुख के लिए स्नेह, सम्मान और स्वतंत्रता का सूत्र ही मूलमंत्र है।

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