आज के समय में अंग्रेजी बोलना फैशन के साथ-साथ करियर की दृष्टि से भी काफी अहम हो गया है। साक्षात्कार से लेकर हर प्रतियोगी परीक्षा तक यह एक अहम भूमिका निभाता है। इंजीनियरिंग, मेडिकल जैसी पढ़ाई के लिए अच्छी किताबें भी अंग्रेजी माध्यम में ही उपलब्ध हैं। उच्च शिक्षा के लिए भी अंग्रेजी जरूरी है, इसलिए जब हिंदी पट्टी, खास कर छोटे शहरों और गांवों के युवा बाहर निकलते हैं तो उन्हें अलग से इंग्लिश स्पोकन क्लासेज की सहायता लेनी पड़ती है।
ग्लोबल दुनिया में खुलती राहें
आज की दुनिया बडी तेजी से सपाट हो रही है। हर भाषा, समुदाय के लोग
अपनी आर्थिक सामाजिक जरूरतों के चलते करीब आ रहे हैं। इस दौरान अंग्रेजी इन विपरीत
संस्कृतियों के बीच सेतु का काम कर रही है। केवल कम्यूनिकेशन ही क्यों, जीवन के हर
क्षेत्र में हो रहे हर छोटे बडे बदलावों को फायदे में तब्दील करने में भी अंग्रेजी
उपयोगी बन रही है। चीन में हुए ओलंपिक का ही उदाहरण लें जहां आयोजन को सफल बनाने
के लिए लाखों लोगों को इंग्लिश भाषा में पारंगत बनाया गया। क्या कैब ड्राइवर,क्या
रेस्टोरेंट ऑनर, क्या सुरक्षाकर्मी सभी को इस दौरान फर्राटेदार इंग्लिश बोलना
सिखाया गया।
भारत के पास है एज
अनेक पारंपरिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक वजहों से इंग्लिश विदेशी भाषा
होकर भी हमारे लिए अंजान नहीं है, बल्कि यह तो आज हमारे आस-पास घरेलू भाषा की तरह
इस्तेमाल होती है। देश के किसी भी कोने में चले जाएं, अंग्रेजी जानने समझने वाले
लोग मिल ही जाएंगे। अंग्रेजी जानने वालों की इतनी बडी संख्या आज देश के लिए वरदान
सरीखी है। जिसका मीठा फल हमें देश की तेज इकनॉमिक ग्रोथ के तौर पर मिल रहा है।
बीपीओ, केपीओ/आईटी/ एकेडेमिक्स में इसकी साफ झलक देखी जा सकती है। इन क्षेत्रों
में शानदार इंग्लिश की बदौलत युवा, देश के लिए रेवेन्यू पैदा कर रहे हैं।
इंग्लिश: स्कूल लेवल पर
माना जाता है कि निश्चित समय में चीजें अपनी शक्ल बदल लिया करती हैं।
इंग्लिश की भी तासीर कुछ ऐसी ही है, जो प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर महज एक विषय
के तौर पर पढाई?जाती है तो बीतते वक्त के साथ कॅरियर ग्रोथ की जरूरत में तब्दील हो
जाती है। पर पहले ऐसा नहीं था यहां तक कि इंग्लिश की पढाई ही अमूमन कक्षा 6 से
शुरू हुआ करती थी। इंग्लिश बोलने जानने वाले लोग भी कम ही थे। आज चीजें तेजी से
बदली हैं। नतीजतन मदर लैंग्वेज न होने के बाद भी आज देश में अंग्रेजी समझने वालों
की संख्या बढी है और शायद इसी के चलते विदेशों में भारतीय इंग्लिश के ग्राहक भी
बढे हैं। कॉल सेंटर, ऑनलाइन ट्यूशन से लेकर इंटरनेशनल बिजनेस मीट तक में भारतीयों
का यह हुनर सिर आंखों पर लिया जा रहा है। यह सब संभव हुआ प्राथमिक स्तर पर इंग्लिश
लर्निग टीचिंग के मजबूत ढांचे के चलते। माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में तेज
सरकारी प्रयास व मौजूदा संसाधन की बदौलत इंग्लिश आने वाले समय में बडे अवसरों को
पैदा कर रही है।
सामाजिक बदलावों का प्रतीक
कोई कुछ भी कहे लेकिन अंग्रेजी भाषा समाज केताने बाने में फर्क ला
रही है। यह सिर्फ एक भाषा नहीं बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा का कारण भी बन रही है। एक
टीवी कॉमर्शियल में पहले अपनी कमजोर इंग्लिश से दरकिनार महसूस करने वाली मिसेज
शर्मा जब फर्राटे से इंग्लिश बोलती हैं, तो वे एक ब्रांड के प्रचार के साथ साथ
बदलते दौर की धारणाएं भी बयां कर जाती हैं। समझा जा सकता है कि आज सामाजिक संदर्भो
में अंग्रेजी किस तरह प्रभावी हो रही है।
कंपटीशन में इंग्लिश
कार्यक्षेत्र में अंग्रेजी के बढे महत्व के चलते अमूमन सभी प्रतियोगी
परीक्षाओं में इंग्लिश नॉलेज को अनिवार्य?बना दिया गया है। आइएएस से लेकर रेलवे तक
ज्यादातर परीक्षाओं में इंग्लिश, सफलता का बडा कंपोनेंट मानी जाती है। तो वहीं
इंटरव्यू व जीडी में भी स्पोकन इंग्लिश के बगैर काम नहीं चलता। ऐसे में जरूरी है
कि कॅरियर की ट्रेन पकडने से पहले अपना इंग्लिश का प्लेटफॉर्म मजबूत बनाएं।
इंटरव्यू, जीडी की राह
इन दिनों इंग्लिश, कॅरियर में कामयाबी पाने की बडी शर्त है। कंपटीशन
में तो इसका महत्व है?ही, जॉब की अंतिम सीढी यानि इंटरव्यू में भी इसकी कम अहमियत
नहीं है। जॉब के दौरान भी यह उतना ही काम आती है। बकौल विशेषज्ञ आज जॉब में तरक्की
की गुंजाइश उस व्यक्ति के लिए सर्वाधिक है, जो इंग्लिश में फ्लूयंट है। इसके अलावा
इन दिनों तमाम तरह के जॉब हैं, जहां आपकी इंग्लिश नॉलेज व स्पीकिंग को ही परखा
जाता है। ज्यादातर आउटसोर्सिग से संबंधित काम इस दायरे में आते हैं।
ट्रांसलेटर
आज देश में सक्षम अनुवादकों की बहुत मांग है। इनकी जरूरत विदेश
मंत्रालय, दूतावासों, शोध-संस्थानों से लेकर पब्लिेकशन हाउस तक सभी जगह होती है।
यहां काम करके आप अंतरराष्ट्रीय हलकों में भी पहचान बना सकते हैं।
मीडिया
मीडिया मेअंग्रेजी पर पकड रखने वालों को हाथों-हाथ लिया जा रहा है।
यहां वेब, इलेक्ट्रानिक, प्रिंट जैसे माध्यमों में अच्छे इंग्लिश कंटेंट राइटर्स,
प्रूफ रीडर्स, सब-एडीटर के लिए कई च्वाइसेस हैं। हिंदी अखबारों में भी काम करने के
लिए अच्छी इंग्लिश आनी चाहिए।
आउटसोर्स वर्क
पूर्ण ग्लोबलाइजेशन की ओर बढती दुनिया में आउटसोर्सिग का चलन तेज हुआ
है। इसके अंतर्गत विदेशी कंपनियां अपना अतिरिक्त काम संबंधित बीपीओ फर्मो के
माध्यम से पूरा करती है। इन दिनों भारत इस क्षेत्र का बडा खिलाडी है जिसका बीपीओ
साम्राज्य 50 बिलियन डॉलर के पार पहुंचने को है तो केपीओ सेक्टर में भी पंख लगे हैं।
टीचर व ट्रेनर
रोजगार के लिए अंग्रेजी के बढे महत्व के चलते देश में इंग्लिश के
बेहतरीन अध्यापकों की मांग बढी है। इन दिनों ज्यादा से ज्यादा छात्र अंग्रेजी में
अपना भविष्य संवारने के लिए पीजी स्पेशल कोर्सेस, शॉर्ट टर्म कार्सेस अटेंड कर रहे
हैं। ऐसे में इंग्लिश विषय में पीजी, एमफिल लोगों के लिए इंग्लिश अध्यापन के
क्षेत्र में पूरी संभावनाएं हैं। कॉलेजों, स्कूलों के अलावा प्राइवेट ट्यूशन,
स्पीकिंग इंस्टीट्यूट्स में योग्य लोगों की दरकार है।
अंग्रेजी सीखने के आसान तरीके...
कोई भी भाषा सीखने में जहाँ उसे दूसरे के
द्वारा बोला हुआ या लिखा हुआ ठीक-ठीक समझने की जरूरत होती है, वहीं इंटरप्रिटेशन भी
ठीक से आना चाहिए याने भाषा की समझ व उसकी अभिव्यक्ति दोनों ही जरूरी हैं।
हम अपनी मातृभाषा की सीख पर ध्यान देकर देखें तो हमें पता चलेगा कि हमने उसे अपनी फेमेली और आस-पड़ोस में दिन-रात सुनकर व बोलकर सीखा है। उसके लिए हमारे पैरेंट्स ने न कोई क्लास लगाई, न कोई टीचर रखा। इस तरह अंग्रेजी भी सीखी जा सकती है।
भाषा बोलने वालों का माहौल- अँग्रजी चूँकि हमारे यहाँ आम भाषा नहीं है तो उसका हमें ठीक मातृभाषा की तरह का माहौल तो नहीं मिल सकता, पर बहुत-कुछ वैसा ही हम निर्मित कर सकते हैं। पहले तो चौथी-पाँचवीं कक्षा तक अपनी मातृभाषा का अभ्यास बहुत अच्छा कर लें। इसके बाद ऐसा स्कूल चुनें, जहाँ अंग्रेजी में पढ़ाई होती हो, तो आपको भाषा बार-बार सुनने को मिलेगी। स्कूल से आने पर जब भी टीवी देखें तो अंग्रेजी में चल रहे कार्यक्रम बार-बार ध्यान से सुनते रहें, भले ही उनकी बातें आप पूरी तरह न भी समझ पाएँ।
इसी तरह रेडियो या ट्रांजिस्टर पर भी अंग्रेजी न्यूज पेपर और दूसरे अंग्रेजी के कार्यक्रम सुनते रहें। याद रखें, भाषा सीखने का पहला कदम सुनते रहने से ही शुरू होता है। हिन्दी न्यूज पेपर के ठीक बाद यदि अंग्रेजी न्यूज पेपर भी टीवी पर उन्हीं दृश्यों के साथ देखेंगे तो निश्चित रूप से आपकी अंग्रेजी की समझ लगातार बढ़ती जाएगी।
माहौल में सुने हुए सेंटेस को खुद बोलने की प्रैक्टिस- पहले तो सही रिफर्रेंस में आप सीन देखकर कोई बात सुनेंगे तो निःसंदेह बहुत-कुछ समझ में आएगा। सुने हुए छोटे-छोटे सेंटेंस बने तो नोट कर लें या याद रह जाएँ तो उन्हें बार-बार दोहराएँ। उन्हीं में नामों की जगह अपने घर के लोगों के नाम रखकर वैसे ही और वाक्य भी बोलें। याद रखें, अंग्रेजी भी अन्य भाषाओं की तरह पहले बोलना सीखनी चाहिए, लिखना व पढ़ना बाद में।
अपने भाई-बहनों और फ्रेड सर्कल के बीच डिस्कशन में बोलते रहने का अभ्यास बहुत करें। बोलने में थोड़ी गलती होगी तो उसकी परवाह न करें, क्योंकि मातृभाषा सीखते समय हमारे घर के बच्चे भी गलती करके सीखते हैं। हाँ, अगर ठीक बोलने में घर के किसी बड़े या अंग्रेजी ट्यूटर की भी मदद मिल सकती हो, तो बोलना जल्दी आ सकेगा और गलतियाँ भी कम होती जाएँगी।
वोकेब (शब्दकोश) बढ़ाएँ- याद रखें भाषा की नींव शब्दों के साथ-साथ सेंटेंस हैं, पर सेंटेंस शब्दों के सही संयोग से ही बनते हैं तो हम लगातार नए शब्दों को सेंटेंस व सही रिफर्रेंस में सीखते चले जाएँ। किसी शब्द की केवल सही स्पेलिंग और मिनिंग याद कर लेना पर्याप्त नहीं है। उसका सही जगह उपयोग भी आना चाहिए। बेशक डिक्शनरी तो आपके पास होनी ही चाहिए, जिसमें से मिनिंग निकालें और याद करें।
शब्दों के अर्थ भी संदर्भ से जुड़कर बदलते रहते हैं, तो उन्हें वाक्यों में प्रयोग करना सीखना चाहिए व सही परिस्थिति से जोड़कर। तो, शब्द कोश की लगातार बढ़ोतरी से भाषा सीखने में उसी तरह मदद मिलती है जैसे किसी बिल्डिंग बनाने में लगातार मटेरियल लाना ही पड़ता है।
ग्रामर- ग्रामर पहले पढ़कर ही लेंग्वेज सीखी जाती हो, ऐसा नहीं है। हमने अपनी मातृभाषा भी बिना ग्रामर पढ़े समझने और बोलने की प्रैक्टिस करके ही सीखी थी। ग्रामर भले ही सीधे अंग्रेजी की प्रैक्टिस नहीं कराती, पर वह एक सही स्टेज पर सीखने में भी सहायक होती है और उसकी गलतियाँ भी दूर करती है। जैसे हम सामान्य रूप से चलना तो बचपन में गिरते-पड़ते सीख जाते हैं, पर सैनिक बनना चाहें तो मार्चिंग के लिए हमें नियम-कायदे सीखने ही होते हैं और उसकी प्रैक्टिस भी उतनी ही जरूरी है। इस तरह की ग्रामर 'वॉकिंग' सीखे हुए को 'मार्चिंग' सिखा देती है अतः बोलने प्रैक्टिस करते हुए ग्रामर का भी सहारा लें।
हम अपनी मातृभाषा की सीख पर ध्यान देकर देखें तो हमें पता चलेगा कि हमने उसे अपनी फेमेली और आस-पड़ोस में दिन-रात सुनकर व बोलकर सीखा है। उसके लिए हमारे पैरेंट्स ने न कोई क्लास लगाई, न कोई टीचर रखा। इस तरह अंग्रेजी भी सीखी जा सकती है।
भाषा बोलने वालों का माहौल- अँग्रजी चूँकि हमारे यहाँ आम भाषा नहीं है तो उसका हमें ठीक मातृभाषा की तरह का माहौल तो नहीं मिल सकता, पर बहुत-कुछ वैसा ही हम निर्मित कर सकते हैं। पहले तो चौथी-पाँचवीं कक्षा तक अपनी मातृभाषा का अभ्यास बहुत अच्छा कर लें। इसके बाद ऐसा स्कूल चुनें, जहाँ अंग्रेजी में पढ़ाई होती हो, तो आपको भाषा बार-बार सुनने को मिलेगी। स्कूल से आने पर जब भी टीवी देखें तो अंग्रेजी में चल रहे कार्यक्रम बार-बार ध्यान से सुनते रहें, भले ही उनकी बातें आप पूरी तरह न भी समझ पाएँ।
इसी तरह रेडियो या ट्रांजिस्टर पर भी अंग्रेजी न्यूज पेपर और दूसरे अंग्रेजी के कार्यक्रम सुनते रहें। याद रखें, भाषा सीखने का पहला कदम सुनते रहने से ही शुरू होता है। हिन्दी न्यूज पेपर के ठीक बाद यदि अंग्रेजी न्यूज पेपर भी टीवी पर उन्हीं दृश्यों के साथ देखेंगे तो निश्चित रूप से आपकी अंग्रेजी की समझ लगातार बढ़ती जाएगी।
माहौल में सुने हुए सेंटेस को खुद बोलने की प्रैक्टिस- पहले तो सही रिफर्रेंस में आप सीन देखकर कोई बात सुनेंगे तो निःसंदेह बहुत-कुछ समझ में आएगा। सुने हुए छोटे-छोटे सेंटेंस बने तो नोट कर लें या याद रह जाएँ तो उन्हें बार-बार दोहराएँ। उन्हीं में नामों की जगह अपने घर के लोगों के नाम रखकर वैसे ही और वाक्य भी बोलें। याद रखें, अंग्रेजी भी अन्य भाषाओं की तरह पहले बोलना सीखनी चाहिए, लिखना व पढ़ना बाद में।
अपने भाई-बहनों और फ्रेड सर्कल के बीच डिस्कशन में बोलते रहने का अभ्यास बहुत करें। बोलने में थोड़ी गलती होगी तो उसकी परवाह न करें, क्योंकि मातृभाषा सीखते समय हमारे घर के बच्चे भी गलती करके सीखते हैं। हाँ, अगर ठीक बोलने में घर के किसी बड़े या अंग्रेजी ट्यूटर की भी मदद मिल सकती हो, तो बोलना जल्दी आ सकेगा और गलतियाँ भी कम होती जाएँगी।
वोकेब (शब्दकोश) बढ़ाएँ- याद रखें भाषा की नींव शब्दों के साथ-साथ सेंटेंस हैं, पर सेंटेंस शब्दों के सही संयोग से ही बनते हैं तो हम लगातार नए शब्दों को सेंटेंस व सही रिफर्रेंस में सीखते चले जाएँ। किसी शब्द की केवल सही स्पेलिंग और मिनिंग याद कर लेना पर्याप्त नहीं है। उसका सही जगह उपयोग भी आना चाहिए। बेशक डिक्शनरी तो आपके पास होनी ही चाहिए, जिसमें से मिनिंग निकालें और याद करें।
शब्दों के अर्थ भी संदर्भ से जुड़कर बदलते रहते हैं, तो उन्हें वाक्यों में प्रयोग करना सीखना चाहिए व सही परिस्थिति से जोड़कर। तो, शब्द कोश की लगातार बढ़ोतरी से भाषा सीखने में उसी तरह मदद मिलती है जैसे किसी बिल्डिंग बनाने में लगातार मटेरियल लाना ही पड़ता है।
ग्रामर- ग्रामर पहले पढ़कर ही लेंग्वेज सीखी जाती हो, ऐसा नहीं है। हमने अपनी मातृभाषा भी बिना ग्रामर पढ़े समझने और बोलने की प्रैक्टिस करके ही सीखी थी। ग्रामर भले ही सीधे अंग्रेजी की प्रैक्टिस नहीं कराती, पर वह एक सही स्टेज पर सीखने में भी सहायक होती है और उसकी गलतियाँ भी दूर करती है। जैसे हम सामान्य रूप से चलना तो बचपन में गिरते-पड़ते सीख जाते हैं, पर सैनिक बनना चाहें तो मार्चिंग के लिए हमें नियम-कायदे सीखने ही होते हैं और उसकी प्रैक्टिस भी उतनी ही जरूरी है। इस तरह की ग्रामर 'वॉकिंग' सीखे हुए को 'मार्चिंग' सिखा देती है अतः बोलने प्रैक्टिस करते हुए ग्रामर का भी सहारा लें।
कैसे सीखें अंग्रेजी बोलना
?
तो आइये सबसे पहले
मैं आपके साथ अंग्रेजी बोलने से
सम्बंधित कुछ myths share करता हूँ :
English बोलने के लिए grammar अच्छे
से आना चाहिए : यह एक बहुत बड़ा
myth है , आप ही सोचिये कि जब आपने
हिंदी बोलना सीखा तो क्या आपको संज्ञा ,
सर्वनाम , इत्यादि के बारे में पता था ?
नहीं पता था , क्योंकि उसकी जरूरत ही
नहीं पड़ी वो तो बस आपने दूसरों
को देखकर -सुनकर सीख लिया . उसी तरह अंग्रेजी
बोलने के लिए भी Grammar की knowledge जरूरी
नहीं है . English Medium school से अच्छी शिक्षा
मिलने के कारण मैं अच्छी English बोल
लेता हूँ , पर यदि आप मेरा Tenses का test
लें तो मेरा पास होना भी मुश्किल होगा
.:)
कुछ ही दिनों में अंग्रेजी
बोलना सीखा जा सकता है : गलत ! अपनी
मात्र भाषा से अलग कोई भी भाषा सीखने
में समय लगता है . कितना समय लगेगा यह person
to person differ करेगा . पर मेरा मानना है कि
यदि कोई पहले से थोड़ी बहुत अंग्रेजी
जानता है और वो dedicated होकर effort करे तो
6 महीने में अच्छी अंग्रेजी बोलना सीख
सकता है .और यदि आप सीख ही रहे
हैं तो कामचलाऊ मत सीखिए , अच्छी English सीखिए .
English Medium से पढने वाले ही
अच्छी अंग्रेजी बोल पाते हैं: यह
भी गलत है . अपने घर की ही बात
करूँ तो मेरे बड़े भैया ने Hindi Medium
से पढाई की है , पर आज वो बतौर
Senior Consultant काम करते हैं और बहुत
अच्छी English लिखते – बोलते हैं . यदि आपको ऐसी
schooling नहीं मिली जहाँ आप अंग्रेजी बोलना
सीख पाए तो उसपर अफ़सोस मत कीजिये , जो
पहले हुआ वो past है , present तो आपके हाथ
में है जो चीज आप पहले नहीं सीख
पाए वो अब सीख सकते हैं , in fact as an adult
आप अपनी हर उपलब्धि या नाकामयाबी के
लिए खुद जिम्मेदार हैं.
अंग्रेजी बोलने के लिए अच्छी
vocabulary होना जरूरी है : नहीं ,
vocabulary जितनी अच्छी है उतना अच्छा है ,
पर generally आम -बोल चाल में जितने words
बोले जाते हैं , वो आपको पहले से
ही पता होंगे या थोड़ी सी मेहनत से आप इन्हें जान जायेंगे.
दरअसल हम जो words जानते हैं बस उन्ही
को सही जगह place करने की बात होती है
. मैंने कई बार लोगों को एक से एक कठिन words की meaning रटते देखा है, पर ऐसा
करना आपकी energy ऐसी जगह लगाता है जहाँ लगाने की फिलहाल ज़रुरत नहीं है.
अगर आप ऊपर दिए गए किसी मिथक को मानते हों तो अब
उनसे छुटकारा पा लीजिये , और स्पोकेन इंग्लिश सीखने के लिए नीचे दिए गये सुझावों
को अपनाइए .
12
Ideas to Learn Spoken English
स्पोकेन
इंग्लिश सीखने के 12 सुझाव
1. अपना महौल English बनाएं : किसी भी भाषा को
सीखने में जो एक चीज सबसे महत्त्वपूर्ण
होती है वो है हमारा environment, हमारा
माहौल . आखिर हम अपनी मात्र -भाषा छोटी
सी ही उम्र में कैसे बोलने लगते
हैं :- क्योंकि 24X7 हम ऐसे माहौल में
रहते हैं जहाँ वही भाषा बोली , पढ़ी,
और सुनी जाती है . इसीलिए अंग्रेजी
बोलना सीखना है तो हमें यथा संभव
अपने माहौल को English बना देना चाहिए .
इसके लिए आप ऐसा कुछ कर सकते हैं:
•
हिंदी अखबार की जगह English Newspaper पढना
शुरू कीजिये .
•
हिंदी गानों की जगह अंग्रेजी गाने सुनिए .
•
अपने interest के English program / movies देखिये .
•
अपने room को जितना English बना सकते हैं
बनाइये ….English posters, Hollywood actors,English books,Cds ..जैसे
भी हो जितना भी हो make it English.
2. ऐसे लोगों के साथ group बनाएं
जो आप ही की तरह स्पोकेन इंग्लिश सीखना चाहते हों : कुछ
ऐसे दोस्त खोजिये जो आप ही
की तरह अंग्रेजी बोलना सीखना चाहते हैं .
अगर आपके घर में ही कोई ऐसा है
तो फिर तो और भी अच्छा है . लेकिन
अगर ना हो तो ऐसे लोगों को खोजिये ,
और वो जितना आपके घर के करीब हों
उतना अच्छा है . ऐसे दोस्तों से अधिक से
अधिक बात करें और सिर्फ English में . हाँ
,चाहें तो आप mobile पर भी यही काम
कर सकते हैं .
3. कोई mentor बना लें: किसी ऐसे व्यक्ति को अपना mentor बना लें जो अच्छी English
जानता हो, आपका कोई मित्र, आपका कोई रिश्तेदार, कोई पडोसी, कोई अंग्रेजी सीखाने
वाला institute ….कोई भी जो आपकी मदद के लिए तैयार हो. आपको अपने मेंटर से जितनी
मदद मिल सके लेनी होगी. अगर आप को मेंटर ना मिले तो भी मायूस होने की ज़रुरत नहीं
है आप अपने efforts में लगे रहे , मेंटर मिलने सी आपका काम आसानी से होता लेकिन ना
मिलने पर भी आप अपने प्रयास से यह भाषा सीख सकते हैं.
4. पहले दिन
से ही correct English बोलने का प्रयास मत करें : अगर
आप ऐसा करेंगे तो आप इसी
बात में उलझे रह जायेंगे की आप
सही बोल रहे हैं या गलत . पहला एक -दो
महिना बिना किसी tension के जो मुंह
में आये बोले , ये ना सोचें कि आप
grammatically correct हैं या नहीं . जरूरी है
कि आप धीरे -धीरे अपनी झिझक को मिटाएं
.
5. English सीखने के
लिए Alert रहे : वैसे
तो मैं अपनी spoken English का श्रेय
अपने school St.Paul’s को देता हूँ पर अंग्रेजी के
लिए अपनी alertness की वजह से भी मैंने
बहुत कुछ सीखा है . मैं जब TV पर
कोई English program देखता था तो ध्यान देता
था की words को कैसे pronounce किया जा रहा
है , और किसी word को sentence में कैसे use
किया जा रहा है . इसके आलावा मैंने नए words
सीखने के लिए एक diary भी बनायीं थी
जिसमे मैं newspaper पढ़ते वक़्त जो words नहीं
समझ आते थे वो लिखता था , और उसका use
कर के एक sentence भी बनता था , इससे word
की meaning याद रखने में आसानी होती थी
.
6. बोल कर पढ़ें : हर रोज आप अकेले या
अपने group में तेज आवाज़ में English का
कोई article या story पढ़ें . बोल -बोल कर
पढने से आपका pronunciation सही होगा , और
बोलने में आत्मविश्वास भी बढेगा .
7. Mirror का use करें : मैं
English बोलना तो जानता था पर मेरे
अन्दर भी fluency की कमी थी , इसे ठीक
करने के लिए मैं अक्सर अकेले शीशे
के सामने खड़े होकर English में बोला
करता था . और अभी भी अगर मुझे कोई
presentation या interview देना होता है तो
मैं शीशे के सामने एक -दो बार
practice करके खुद को तैयार करता हूँ .
आप भी अपने घर में मौजूद mirror का
इस्तेमाल अपनी spoken English improve करने के लिए
कीजिये . शीशे के सामने बोलने का सबसे
बड़ा फायदा है कि आप को कोई झिझक
नहीं होगी और आप खुद को improve कर
पाएंगे .
8. Enjoy the process: English
बोलना सीखेने को एक enjoyment की तरह
देखें इसे अपने लिए बोझ ना बनाएं .
आराम से आपके लिए जो speed comfortable हो
उस speed से आगे बढें . पर इसका ये
मतलब नहीं है कि आप अपने प्रयत्न
एकदम से कम कर दें , बल्कि जब
आप इसे enjoy करेंगे तो खुद -बखुद इस
दिशा में आपके efforts और भी बढ़ जायेंगे
. आप ये भी सोचें कि जब आप
fluently बोलने लगेंगे तब कितना अच्छा लगेगा ,
आप का confidence भी बढ़ जायेगा और आप
सफलता की तरफ बढ़ने लगेंगे .
9. English में सोचना शुरू
करें : जब इंसान मन में
कुछ सोचता है तो naturally वो अपनी
मात्र भाषा में ही सोचता है . लेकिन
चूँकि आप English सीखने के लिए committed हैं
तो आप जो मन में सोचते हैं उसे
भी English में सोचें . यकीन जानिये आपके ये
छोटे -छोटे efforts आपको तेजी से आपकी मंजिल
तक पंहुचा देंगे .
10. ऐसी चीजें
पढ़ें जो समझने में बिलकुल आसान हों: बच्चों की English comics आपकी हेल्प कर सकती है, उसमे दिए
गए pictures आपको story समझने में हेल्प करेंगे और simple sentence
formation भी आम बोल चाल में बोले जाने वाले सेंटेंसेस पर आपकी पकड़ बना
देंगे.
11. Internet का use करें : आप स्पोकेन
इंग्लिश सीखने के लिए इन्टरनेट का भरपूर प्रयोग करें. You
Tube पर available videos आपकी काफी हेल्प कर सकते
हैं. सही pronunciation और meaning के लिए आप TheFreeDictionary.Com का
use कर सकते हैं.
12. Interest मत loose कीजिये : अधिकतर
ऐसा होता है कि लोग बड़े जोशो -जूनून
के साथ English सीखना शुरू करते हैं . वो
ज्यादातर चीजें करते हैं जो मैंने ऊपर
बतायीं , पर दिक्कत ये आती है कि हर
कोई अपनी comfort zone में जाना चाहता है .
आपकी comfort zone Hindi है इसलिए आपको कुछ
दिनों बाद दुबारा वो अपनी तरफ खींचेगी
और ऊपर से आपका माहौल भी उसी को
support करेगा . इसलिए आपको यहाँ पर थोड़ी
हिम्मत दिखानी होगी , अपना interest अपना enthusiasm
बनाये रखना होगा . इसके लिए आप English
से related अपनी activities में थोडा innovation डालिए .
For example : यदि आप रोज़ -रोज़ serious topics पर
conversation करने से ऊब गए हों तो कोई
abstract topic, या फ़िल्मी मसाले पर बात
करें , कोई इंग्लिश मूवी देखने चले जाएँ, या फिर कुछ और करें जो
आपके दिमाग में आये.आप एक -दो दिन का break भी
ले सकते हैं , और नए जोश के साथ
फिर से अपने mission पर लग सकते हैं .
पर कुछ ना कुछ कर के अपना interest
बनाये रखें . वरना आपका सारा effort waste चला
जायेगा .
Friends, English एक universal language है, इसे
दुनिया भर में अरबों लोग बोलते हैं, तो आप ही सोचिये जो काम अरबों लोग कर सकते हैं
भला आप क्यों नहीं!!! बस इतना याद रखिये कि अंग्रेजी बोलना सीखने का सबसे
सरल तरीका है “अंग्रेजी बोलना” और इस लिए आपको ऐसे लोगों के साथ अधिक
से अधिक रहना चाहिए जिनसे आप इंग्लिश में बात कर सकते हैं. अपनी
झिझक मिटाइए और ऐसे हर एक मौके का फायदा उठाइए जहाँ आपको English बोलने का मौका
मिल रहा हो.
तो फिर देर किस बात की है बस लग जाइये अपने
efforts में और अपने भाषा ज्ञान में अंग्रेजी भी जोड़ लीजिये.
कुछ यूजफुल वेबसाइट्स
पढ़ाई-लिखाई, रोजगार और कारोबार के क्षेत्र में अंग्रेजी का महत्व किसी से छिपा नहीं
है। जिन लोगों को अंग्रेजी में परेशानी महसूस होती है, उनकी मदद के लिए इंटरनेट पर
काफी कुछ है। अंग्रेजी सिखाने वाली ऐसी ही कुछ यूजफुल वेबसाइट्स के बारे में बता रहे
हैं
Dave's ESL Cafe (कक्षा 6 से 12 तक)
जिन्हें ग्रामर के पेंच सुलझाने हैं, वे इसे जरूर आजमाएं क्योंकि यहां टेन्स और वर्ब्स की जटिलताओं को दर्जनों उदाहरण देकर समझाया गया है। बोल-चाल की भाषा, उच्चारण, लहजे वगैरह पर दर्जनों चैप्टर हैं जो सिखाते हैं कि लिखने और बोलने की भाषा में क्या फर्क हैं। अंग्रेजी बोलने के इच्छुक लोगों को भी यहां से मदद मिलेगी। अंग्रेजी मुहावरों, कहावतों, सवालों आदि का भी अच्छा-खासा भंडार मिलेगा। साइट पर बाईं ओर मौजूद Stuff for students सेक्शन में जाकर अपने मतलब के चैप्टर्स ढूंढ लें। यहां सवाल भी पूछे जा सकते हैं जिनके जवाब दूसरे यूजर देते हैं। वेबसाइट है : www.eslcafe.com
About.com के ईमेल कोर्स (नर्सरी से आठवीं तक)
इस मशहूर वेबसाइट पर दूसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी सिखाने की व्यवस्था है। यह ऐसे स्टूडेंट्स के लिए उपयोगी है जो नियमित रूप से साइट पर जाकर चैप्टर्स नहीं पढ़ सकते। एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद आपको रेग्युलर ईमेल मिलने लगते हैं जिनमें अंग्रेजी सीखने के टिप्स होते हैं। रजिस्ट्रेशन के वक्त आपको कई विकल्प दिखाई देते हैं, जिनमें अपनी जरूरत और पसंद के लिहाज से विकल्प चुन सकते हैं। ये Kenneth Beare नामक एक्सपर्ट के बनाए बेसिक लेवल के कोर्स हैं, जो अल्फाबेट के साथ शुरू होते हैं और धीरे-धीरे अडवांस लेवल तक जाते हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए हर हफ्ते आपको एक ईमेल भेजी जाती है। वेबसाइट का पता है :www.esl.about.com
Voice of America का क्लासरूम (तीसरी से आठवीं तक)
अंग्रेजी बेहतर करने के लिए यहां विडियो देख सकते हैं। अंग्रेजी शब्दों और वाक्यों के सही उच्चारण भी यहां मिलेंगे। रोजमर्रा की जिंदगी में अंग्रेजी बोलने का अभ्यास करने के लिए ऐक्टिविटी सेक्शन में जाएं। यहां तीन अलग-अलग लेवल (बिगनर, इंटरमीडिएट और अडवांस्ड) में से अपने लिए सही लेवल चुनें और पढ़ाई शुरू करें। इस सेक्शन में अलग-अलग स्थितियों में बोली जाने वाली अंग्रेजी के उदाहरण हैं, मसलन बस स्टैंड पर, कॉफी होम में, रेस्तरां में, डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेना, टेलिफोन पर बातचीत। साइट है :voanews.com/learningenglish/theclassroom/home/
Private English Portal (नर्सरी से आठवीं तक)
स्टीव फोर्ड नाम के इंग्लिश एक्सपर्ट अपनी वेबसाइट पर दर्जनों विडियो के जरिए अंग्रेजी की ट्रेनिंग देते हैं। अगर उच्चारण तेजी से किया जा रहा है और समझ में नहीं आया तो विडियो के साथ-साथ सब-टाइटल भी हैं। प्राइवेट इंग्लिश पोर्टल पर बेसिक से लेकर अडवांस इंग्लिश तक की ट्रेनिंग है। आप चाहें तो बिजनेस इंग्लिश और TOEFL/IELTS की तैयारी के लिए भी इंग्लिश लेसंस ले सकते हैं। स्टीव फोर्ड का अंदाज तो दिलचस्प है ही, अपने विडियो में वे छात्रों का हौसला भी बढ़ाते है। वेबसाइट है : privateenglishportal.com स्टीव के विडियो यूट्यूब पर भी हैं : youtube.com/user/PrivateEnglishPortal
english-grammar-lessons.com (मिडल क्लासेज के लिए)
सही टेन्स, वर्ब आदि का इस्तेमाल न कर पाना समस्या है, तो इस वेबसाइट के फ्री लेसन्स आजमाइए। यहां तीस के करीब ग्रामर लेसन्स हैं जिनके साथ दर्जनों एक्सर्साइज हैं। पियर्सन ब्राउन नाम के अंग्रेजी एक्सपर्ट और उनकी पत्नी कैरोलिन यह वेबसाइट चलाते हैं और उनके लेसन्स ईमेल के जरिए उपलब्ध हैं। ब्राउन दंपति अंग्रेजी की ट्रेनिंग के लिए कुछ और वेबसाइट भी चलाते हैं। ये हैं :
carolinebrownlisteninglessons.com (अंग्रेजी सुनने का अभ्यास)
carolinebrownenglishlessons.com (अंग्रेजी मुहावरे और कहावतें)
hrenglish.com (कामकाज, दफ्तर संबंधी अंग्रेजी)
effective-public-speaking.com (अंग्रेजी बोलने का अभ्यास)
http://business-english.com/ (कारोबारी अंग्रेजी)
Grammar Monster (तीसरी से छठी कक्षा के लिए)
अंग्रेजी ग्रामर के Adverbs, adjectives, conjunctions, pronouns, verbs वगैरह को अच्छी तरह समझने के लिए यह सही ठिकाना है। यहां बेसिक इंग्लिश के कुछ पहलुओं को तीन हेडलाइंस के तहत विस्तार से कवर किया गया है - Punctuation Lessons, Eight Parts of Speech और Miscellaneous. पहले सेक्शन में जहां ब्रैकेट, कॉमा, डैश, सेमी-कोलन आदि का प्रयोग सीखते हैं, वहीं दूसरे सेक्शन में Adjectives, Adverbs, Conjunctions, Interjections, Nouns, Prepositions, Pronouns Verbs के कॉन्सेप्ट्स समझते हैं। तीसरे सेक्शन में Singular, Plural, Abbreviations, Vocative Case, Comparatives आदि की जानकारी दी गई है। वेबसाइट है : grammar-monster.com
इंग्लिश पेज (अडवांस क्लासेज के लिए)
जिन्हें अंग्रेजी की ठीकठाक जानकारी है, मगर जो इसमें अडवांस लेवल की दक्षता चाहते हैं, उन्हें यहां दिए गए ट्यूटोरियल्स पर नजर डालनी चाहिए। यहां इंग्लिश ग्रामर बुक, वीकली लेसन्स, रीडिंग रूम, लिसनिंग लाउंज, लैंग्वेज गेम्स जैसी उपयोगी सेवाएं हैं और अपने इंग्लिश ज्ञान को आजमाने के लिए दर्जनों एक्सर्साइज भी। वीकली लेसन्स में हर हफ्ते एक कॉन्सेप्ट से जुड़ी एक्सरसाइज को लिया जाता है। यहां डिक्शनरी भी हैं और स्टूडेंट्स का फोरम भी चलाया जाता है जहां आप सवालों के जवाब पूछ सकते हैं। पता है :englishpage.com
इंग्लिश ग्रामर लेसन्स (प्राइमरी से अडवांस क्लास के लिए)
यहां ढेरों अंग्रेजी ट्यूटोरियल्स पीडीएफ फाइलों के रूप में डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं। उन्हें डाउनलोड करना मजबूरी नहीं है। आप चाहें तो टेक्स्ट फॉर्मैट में वेबसाइट पर भी इन्हें पढ़ सकते हैं। सैंकड़ों पेज वाली इस वेबसाइट को इंटरनेट पर अंग्रेजी से जुड़ी एजुकेशनल सामग्री के सबसे अच्छे ठिकानों में गिना जा सकता है। ग्रामर के नियमों को और साफ करने के लिए आप Grammar rules review पर नजर डाल सकते हैं। साइट पर विडियो भी हैं, जिन्हें देखकर लगता नहीं कि अंग्रेजी इतनी जटिल भाषा है। वेबसाइट है :englishgrammar.org/lessons/
Dave's ESL Cafe (कक्षा 6 से 12 तक)
जिन्हें ग्रामर के पेंच सुलझाने हैं, वे इसे जरूर आजमाएं क्योंकि यहां टेन्स और वर्ब्स की जटिलताओं को दर्जनों उदाहरण देकर समझाया गया है। बोल-चाल की भाषा, उच्चारण, लहजे वगैरह पर दर्जनों चैप्टर हैं जो सिखाते हैं कि लिखने और बोलने की भाषा में क्या फर्क हैं। अंग्रेजी बोलने के इच्छुक लोगों को भी यहां से मदद मिलेगी। अंग्रेजी मुहावरों, कहावतों, सवालों आदि का भी अच्छा-खासा भंडार मिलेगा। साइट पर बाईं ओर मौजूद Stuff for students सेक्शन में जाकर अपने मतलब के चैप्टर्स ढूंढ लें। यहां सवाल भी पूछे जा सकते हैं जिनके जवाब दूसरे यूजर देते हैं। वेबसाइट है : www.eslcafe.com
About.com के ईमेल कोर्स (नर्सरी से आठवीं तक)
इस मशहूर वेबसाइट पर दूसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी सिखाने की व्यवस्था है। यह ऐसे स्टूडेंट्स के लिए उपयोगी है जो नियमित रूप से साइट पर जाकर चैप्टर्स नहीं पढ़ सकते। एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद आपको रेग्युलर ईमेल मिलने लगते हैं जिनमें अंग्रेजी सीखने के टिप्स होते हैं। रजिस्ट्रेशन के वक्त आपको कई विकल्प दिखाई देते हैं, जिनमें अपनी जरूरत और पसंद के लिहाज से विकल्प चुन सकते हैं। ये Kenneth Beare नामक एक्सपर्ट के बनाए बेसिक लेवल के कोर्स हैं, जो अल्फाबेट के साथ शुरू होते हैं और धीरे-धीरे अडवांस लेवल तक जाते हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए हर हफ्ते आपको एक ईमेल भेजी जाती है। वेबसाइट का पता है :www.esl.about.com
Voice of America का क्लासरूम (तीसरी से आठवीं तक)
अंग्रेजी बेहतर करने के लिए यहां विडियो देख सकते हैं। अंग्रेजी शब्दों और वाक्यों के सही उच्चारण भी यहां मिलेंगे। रोजमर्रा की जिंदगी में अंग्रेजी बोलने का अभ्यास करने के लिए ऐक्टिविटी सेक्शन में जाएं। यहां तीन अलग-अलग लेवल (बिगनर, इंटरमीडिएट और अडवांस्ड) में से अपने लिए सही लेवल चुनें और पढ़ाई शुरू करें। इस सेक्शन में अलग-अलग स्थितियों में बोली जाने वाली अंग्रेजी के उदाहरण हैं, मसलन बस स्टैंड पर, कॉफी होम में, रेस्तरां में, डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेना, टेलिफोन पर बातचीत। साइट है :voanews.com/learningenglish/theclassroom/home/
Private English Portal (नर्सरी से आठवीं तक)
स्टीव फोर्ड नाम के इंग्लिश एक्सपर्ट अपनी वेबसाइट पर दर्जनों विडियो के जरिए अंग्रेजी की ट्रेनिंग देते हैं। अगर उच्चारण तेजी से किया जा रहा है और समझ में नहीं आया तो विडियो के साथ-साथ सब-टाइटल भी हैं। प्राइवेट इंग्लिश पोर्टल पर बेसिक से लेकर अडवांस इंग्लिश तक की ट्रेनिंग है। आप चाहें तो बिजनेस इंग्लिश और TOEFL/IELTS की तैयारी के लिए भी इंग्लिश लेसंस ले सकते हैं। स्टीव फोर्ड का अंदाज तो दिलचस्प है ही, अपने विडियो में वे छात्रों का हौसला भी बढ़ाते है। वेबसाइट है : privateenglishportal.com स्टीव के विडियो यूट्यूब पर भी हैं : youtube.com/user/PrivateEnglishPortal
english-grammar-lessons.com (मिडल क्लासेज के लिए)
सही टेन्स, वर्ब आदि का इस्तेमाल न कर पाना समस्या है, तो इस वेबसाइट के फ्री लेसन्स आजमाइए। यहां तीस के करीब ग्रामर लेसन्स हैं जिनके साथ दर्जनों एक्सर्साइज हैं। पियर्सन ब्राउन नाम के अंग्रेजी एक्सपर्ट और उनकी पत्नी कैरोलिन यह वेबसाइट चलाते हैं और उनके लेसन्स ईमेल के जरिए उपलब्ध हैं। ब्राउन दंपति अंग्रेजी की ट्रेनिंग के लिए कुछ और वेबसाइट भी चलाते हैं। ये हैं :
carolinebrownlisteninglessons.com (अंग्रेजी सुनने का अभ्यास)
carolinebrownenglishlessons.com (अंग्रेजी मुहावरे और कहावतें)
hrenglish.com (कामकाज, दफ्तर संबंधी अंग्रेजी)
effective-public-speaking.com (अंग्रेजी बोलने का अभ्यास)
http://business-english.com/ (कारोबारी अंग्रेजी)
Grammar Monster (तीसरी से छठी कक्षा के लिए)
अंग्रेजी ग्रामर के Adverbs, adjectives, conjunctions, pronouns, verbs वगैरह को अच्छी तरह समझने के लिए यह सही ठिकाना है। यहां बेसिक इंग्लिश के कुछ पहलुओं को तीन हेडलाइंस के तहत विस्तार से कवर किया गया है - Punctuation Lessons, Eight Parts of Speech और Miscellaneous. पहले सेक्शन में जहां ब्रैकेट, कॉमा, डैश, सेमी-कोलन आदि का प्रयोग सीखते हैं, वहीं दूसरे सेक्शन में Adjectives, Adverbs, Conjunctions, Interjections, Nouns, Prepositions, Pronouns Verbs के कॉन्सेप्ट्स समझते हैं। तीसरे सेक्शन में Singular, Plural, Abbreviations, Vocative Case, Comparatives आदि की जानकारी दी गई है। वेबसाइट है : grammar-monster.com
इंग्लिश पेज (अडवांस क्लासेज के लिए)
जिन्हें अंग्रेजी की ठीकठाक जानकारी है, मगर जो इसमें अडवांस लेवल की दक्षता चाहते हैं, उन्हें यहां दिए गए ट्यूटोरियल्स पर नजर डालनी चाहिए। यहां इंग्लिश ग्रामर बुक, वीकली लेसन्स, रीडिंग रूम, लिसनिंग लाउंज, लैंग्वेज गेम्स जैसी उपयोगी सेवाएं हैं और अपने इंग्लिश ज्ञान को आजमाने के लिए दर्जनों एक्सर्साइज भी। वीकली लेसन्स में हर हफ्ते एक कॉन्सेप्ट से जुड़ी एक्सरसाइज को लिया जाता है। यहां डिक्शनरी भी हैं और स्टूडेंट्स का फोरम भी चलाया जाता है जहां आप सवालों के जवाब पूछ सकते हैं। पता है :englishpage.com
इंग्लिश ग्रामर लेसन्स (प्राइमरी से अडवांस क्लास के लिए)
यहां ढेरों अंग्रेजी ट्यूटोरियल्स पीडीएफ फाइलों के रूप में डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं। उन्हें डाउनलोड करना मजबूरी नहीं है। आप चाहें तो टेक्स्ट फॉर्मैट में वेबसाइट पर भी इन्हें पढ़ सकते हैं। सैंकड़ों पेज वाली इस वेबसाइट को इंटरनेट पर अंग्रेजी से जुड़ी एजुकेशनल सामग्री के सबसे अच्छे ठिकानों में गिना जा सकता है। ग्रामर के नियमों को और साफ करने के लिए आप Grammar rules review पर नजर डाल सकते हैं। साइट पर विडियो भी हैं, जिन्हें देखकर लगता नहीं कि अंग्रेजी इतनी जटिल भाषा है। वेबसाइट है :englishgrammar.org/lessons/
http://www.englishspeak.com/
अगर आप हिंदी में इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स पढना चाहते हैं तो नीचे दिए link पर click करें
ReplyDeleteEnglish सीखने के लिए best इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स
English speaking course को Android mobile में पढ़ने के लिए नीचे दिए link से app डाउनलोड करें
इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स Android mobile में पढने के लिए यहाँ से डाउनलोड करें
मेरा सुझाव है हततपस://www.penpaland.com भाषा का आदान-आधारित वेबसाइट
ReplyDeleteAndroid:http://app.appsgeyser.com/Penpaland
इंग्लिश स्पीकिंग के लिये आपको इंग्लिश grammer का ज्ञान होना बहुत जरुरी है इसलिए आप यहाँ से सभी प्रकार के tense in hindi to english सीख सकते हैं
ReplyDeleteEnglish सिखने के लिए आपको Tense आना चाहिए इसलिए आप यहाँ से simple present tense in hindi and english आसानी से सिख सकते हैं
ReplyDeleteSuperb Brother English Kaise Seekhe
ReplyDelete