4/12/12

hair care tips in hindi



बाल विकास और हानि की सामान्य चक्र क्या है?
प्रत्येक व्यक्ति के लिए बालों के भूग्रस्त का एक सामान्य चक्र 2- 6 साल रहता है, इस दौरान बाल प्रति माह लगभग 1 सेंटीमीटर बढ़ता है, फिर यह रेस्टिंग चरण में होता है, क्षरण होने पर एक नया बाल फिर से विकसित होता है। किसी भी समय खोपड़ी पर90 प्रतिशत बाल विभिन्न चरणों में बढ़ रहे होते हैं। शेष बाल रेस्टिंग चरण में होते हैं।2 से 3 महीने के बाद, बाल झड कर एक नया बाल अपने भूग्रस्त पर विकसित करता है।
इसके परिणामस्वरूप इस चक्र, के हिस्से में प्रत्येक दिन कुछ बाल झडना सामान्य होता है। जो कि प्रत्येक दिन में 50 से 100 बाल के बीच हो सकता है। ये बाल उनके स्थान पर नए बाल स्ट्रेंडेस पैदा करते हैं और यह बालों के झड़ने के साथ पूरी तरह से सामान्य होता है और चिंता का कोई कारण नहीं होता। बहरहाल, अगर एक दिन में इससे अधिक बाल झडते हैं, तो और, कुछ गलत होने की संभावना होती है।
यदि इस स्थिति जारी रहती है, तो डॉक्टर को दिखाना आवश्यक है और इसके कारण का मूल्यांकन और तदनुसार इलाज किया जाना चाहिये।
बालों के झड़ने का क्या कारण हो सकता है?
· अंतर्निहित बीमारी या चिकित्सकीय अवस्था के कारणः कुछ हार्मोनल रोग जैसे गंभीर मधुमेह या थाइरॉइड के कारण बालों के उत्पादन और बालों के झड़ने के कारण हो सकते हैं। पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम में किशोरीयों और वयस्क महिलाओं के बाल झड़ने लग सकते हैँ।
· दवाओं के दुष्प्रभाव: आईसोट्रेटिनॉइन, लिथियम है, जो द्विध्रुवी मावसिक विकार के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है, कुछ अवसाद विरोधी और आहार की गोलियाँ जिसमें एम्फेटेमाइन होता है, इसके प्रभाव से बालों के झड़ने का कारण बन सकती है। कैंसर के लिये की जाने वाली कीमोथैरेपी चिकित्सा के कारण खोपड़ी से ही नहीं बल्कि आइब्रो और भौहें की बाल झड़ जाते हैं।
· ऑटोईम्यून एलॉपेशिया एरियेटा: एलॉपेशिया एरियेटा एक ऑटोईम्यून रोग है, जिसमें किसी व्यक्ति के स्वयं के केशकूप क्षतिग्रस्त होते हैं, स्वस्थ कोशिका ऊतक गलती से बाल की प्रतिरक्षा प्रणाली और शरीर के अंग पर हमला कर देते हैं। यह खोपड़ी पर छोटी, गोल गंजा पैच से शुरु होता है और जो जारी रह कर और अधिक हो जाता है, कुछ व्यक्तियों में कुल बालों के झड़ने के रूप में शुरू हो सकता है। बाल पुनः सकते है या नहीं भी आते हैं और मरीज की हालत में पुनरावृत्ति हो सकती हैं।
· ट्रिचोटिलोमेनियाः यह एक मनोवैज्ञानिक विकार है, जिसमें लोग अपने बालों को बार बार खींच कर, अक्सर एक गंजा पैच और विभिन्न लंबाई में बालों को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। इस तरह के रोगियों को अंतर्निहित मनोवैज्ञानिक समस्या को हल करने के लिए एक चिकित्सक या एक मनोचिकित्सक से पेशेवर मदद की जरूरत होती है।
· केश उपचार और स्टाइलिंग: बालों का रंग, सफेद, स्ट्रेटनिंग,पर्मिंग आदि बालों के लिये हानिकारक साबित हो सकते हैं जैसे कि वे टूट सकते हैं या अस्थायी तौर पर झड जाते हैँ। इसके अलावा, बालों को अधिक कसने से खोपड़ी पर अक्सर तनाव की स्थिति होकर उस स्थान पर कर्षण एलॉपेशिया हो सकता है।पर्याप्त लंबे समय या बार बार होने पर यह बाल केशकूप क्षति के लिए कारण बन जाती है, ट्रैक्शन एलॉपेशिया स्थायी नुकसान का कारण बन सकती है।
· अपोषण: अल्प आहार बालों के झड़ने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देता है। बालों की विकास दर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त प्रोटीन, विटामिन और खनिज लेना महत्वपूर्ण है। शाकाहारियों को यदि वे गैर मांस स्रोत से पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलने उनके पर बाल झड सकते हैं। आयरन की कमी से होने वाली रक्ताल्पता भी बालों के झड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान हो सकती है।
· बाल विकास चक्र का विघटन: कुछ प्रमुख तनावपूर्ण घटनायें, प्रसव, सर्जरी, या कोई दर्दनाक घटना से बालों के वृद्धिचक्र में फेरबदल होने से अस्थायी तौर पर बाल बड़ी मात्रा में झड सकते हैं। बालों की इस प्रकार की हानि समय के साथ रोगी की स्थिति ठीक होने पर सही हो जाती है।
· पुरुष-पैटर्न का गंजापन(एन्ड्रोजेनिक एलॉपेशिया): वयस्कों में, पुरुष पैटर्न गंजापन बालों के झड़ने का एक आम कारण है यह कई कारकों के संयोजन से होता है, हार्मोन, एण्ड्रोजन और आनुवंशिकी कारण। अगर पारिवारिक इतिहास होने पर मध्यम किशोरावस्था में ही बालों का झड़ना जल्दी शुरू हो सकता है। यह कभी कभी जो टेस्टॉस्टेरॉन जैसे स्टेरॉयड शरीर के निर्माण लिए या किसी अन्य कारण से लेते हैं उनमें पाया जाता है।
निदान कैसा किया जाता है?
निम्नलिखित कारकों पर विचार किया जाए करने की आवश्यकता होगी:
· हाल ही की कोई बीमारी
· महिलाओं में मासिक नियमितता और यदि कोई विकार होने पर
· गर्भावस्था या प्रौढ महिलाओं में रजोनिवृत्ति
· बालों की मूलभूत देखभाल दिनचर्या का पालन
· प्रणालीगत विकारों की जाँच के लिए जनरल परीक्षा
· त्वचा की संरचना आदि के लिए जांच करने के लिए रक्त परीक्षण या खोपड़ी की बायोप्सी
बालों के झड़ने का इलाज कैसे होता है?
बालों के झड़ने का एकल या संयोजन कारण के आधार पर, विभिन्न उपचार की कोशिश की जा सकती है।
दवा के साइड इफेक्ट के कारण बालों के झड़ने पर कोई वैकल्पिक चिकित्सा की जा सकती है।
खोपड़ी के किसी भी संक्रमण को पहचान पर उसकी चिकित्सा करने से बालों का झडना रोकने में मदद मिले सकती है।
हार्मोन संबंधी विकारों के मामलों में हार्मोन असंतुलन संशोधन में आगे के बाल झडने को रोकने में मदद मिल सकती है।
कुछ दवाएं आम गंजापन की एक हद तक झडने की गति धीमी करने में मदद कर सकती हैं. तथापि, यह है भले ही वे डॉक्टर के नुस्खे के बिना उपलब्ध हों,यह याद रखना महत्वपूर्ण है, कि यह महत्वपूर्ण दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकती हैं। किसी भी दवा का प्रभाव कम से कम 6 महीने हो सकता है।
कुछ मामलों में जहां स्थाई बाल झडते हों, विभिन्न नई प्रौद्योगिकियों द्वारा आपकी खोपड़ी पर पुनः बालों को बहाल करने में मदद कर सकते हैं, जैसे री-बॉन्डिंग,वीविंग, बाल प्रत्यारोपण, आदि।
बालों का गिरना > कारण
बाल झडने पर एक या एकाधिक प्रमुख कारक हो सकता है, जो निचे संक्षिप्त दिया है:

 
1. अनुवांशिक प्रवृत्ती
2.
प्रोषणिक आभाव (लोहा, प्रोटीन, जस्ता)
3.
स्थानीय कारक (चमडी की बीमारियाँ जैसे सोरियासिस, लाइकेन प्लेनस )
4.
होरमोनिकल कारक (हाइपर या हायपोथाइरोडिस्म, मेनोपोज़ )
5.
दैहिक कारक (लिवर डिज़ीज या गुर्दे की बिमारी) 
6.
तीव्र बीमारियों के बाद (वायरल इनफेक्शन, टोयफोइड) 
7.
स्ट्रेस कारक (डत्कण्टा, डिप्रेशन )
8.
औषाियाँ (बीटाक्लोकर्स रक्तचाप के लिए, कीमोथेरपी, कोलेस्टेरोल के लिए दवाई)
9.
अज्ञात कारक

मेल पेटर्न गंजापन अनुवांशिक प्रवृत्ति का होता है और उसमें टेस्टोस्टेरोन हारमोन अत्याािक मात्रा में खून में घूमता है जो डी हाइड्रोस्टेस्टोसेसेन में बदलकर बालों की जड़ों से जुडकर, बालों को गिराता है। 

1.
स्थानीय कारक:

कुछ स्थानीय कारक इस प्रकार हैं।:
() स्थानीय चमडों के रोग: 
कुछ स्थानीय चमड़ों के रोग बालों के गिरने का कारण बनते हैं। स्थानिय चमड़ी के रोग जैसे फगंल इन्फेक्शन, पायोडरमा, सिफिलिस की दूसरी श्रेणी इत्यादी। स्पर्श असंचारी बीमारीयाँ जैसे कि डँडरफ, सोरिएसिस, लाइकेन प्लेनस, एकज़ीमा इत्यादी
()स्थानीय विषैले तत्वों से मेल: 
केमीकल शैम्पू, साबून, लोशन का अत्याािक इस्तेमाल से बाल गिरते हैं।.
()खोपडी की असावाानियाँ:
खोपडी का गंदा रहना जैसे कि बाल कम ाोना, सूर्य की किरणों से प्रभावित होना, औद्योगिक रसायनों से प्रभावित होना इत्यादी।
2. सार्वत्रिक कारण:
()पोषणिक आभाव: 
पोषणिक आभाव से बालों की बढ़ाव और गुणवत्ता पें असर करता हैं। विटामिन बी ग्रुप, विटामिन की कमी से बाल गिर सकते हैं। प्रोटोन, लोहा, कुछ जीवतत्वों की कमी से बाल गिरते हैं। लोहे की कमी अत्याािक खून की कमी होने से या पोषम में कमी होने से स्त्रियों में पाया जाता है। लोहे के समीकरण और समीक्षण के कारण भी हो सकता है। लंबी बीमारी के बाद जैसे कि इरिटेबेल बॉवेल सिन्द्गोम के बाद।
()होर्मोनल कारण:
कुछ होर्मोन जैसे कि ऍण्ड्रोगेन, इस्ट्रोगेन और प्रोजेस्टरोन में फेर बदल बालों को ज्यादा गिरा सकता है। थाइरोइद होरमोन की बीमारियों के कारण भी बालों का गिरना बढ़ सकता है। रजोनिवृत्ति की उमर में बाल गिरना बढ़ सकता है। गर्भावस्था और प्रसुति के बाद भी बाल गिरना बढ़ सकता है।
()तीव्र बीमारी के बाद:
निमोनिया, वायरल इन्फेक्शन, टाइफोइड जैसी बिमारीयों के बाद बाल गिर सकते हैं।
()दवाओं के कारण:
कुछ दवाईयाँ बालों पे नाकारात्मक असर करती हैं। जैसे कि कीमोथेरपी, केन्सर मेडिकेशन, स्टेरोइड्, ऍन्टिबायोटिक्स, अँन्टीएविलेप्टिक्स, अँन्टीहाइपरटेसिवस् गर्भ निराोक गोलियाँ भी बाल गिरना बढ़ाते हैं।
3)मनोवैज्ञानिक कारण:
मन बहुत भारी प्रभाव बालों पें पड़ता है। कुछ मनोभाव जो स्ट्रेस को जनम देते हैं, वे इस प्रकार हैं।
अतिमात्रा में उत्कष्ठा, चिंता, फिक्र, दुःख जो पारिवारिक या काम के कारण हो सकता है। परिवार में किी की मौत, आर्थिक नुकसान, कोई भय बालों का गिरना बढ़ाते हैं। कुछ गलत रवैये भी बालों का गिरना बढ़ाते हैं, जैसे कि अत्याािक गुस्सा आना, औरों को मारना, पीटना, जल्दबाजी, इत्यादी।

कितने स्वस्थ हैं आपके बाल?
आपको बालों का असमय पकना, झड़ना, डैंड्रफ जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तनाव, भागदौड़, अनियमित खान-पान, प्रदूषण आदि कई बार हमारे बालों को एकदम बेजान बना देते हैं। इसका परिणाम केवल बालों को बल्कि हमारे सिर की त्वचा को भी भुगतना पड़ता है। 
सिर की त्वचा में खुजली
सिर की त्वचा में खुजली की समस्या से आज दुनियाभर में सभी उम्र के लोग परेशान हैं। त्वचा रोग विशेषज्ञ प्रीतम सिंह के अनुसार, ‘मानसिक तनाव, थकान, असंतुलित आहार, पोषक तत्वों की कमी और सबसे अहम संक्रमण गंदगी सिर की त्वचा में खुजली या बीमारी होने के प्रमुख कारण हैं। आज लगभग सभी लोग प्रदूषण भरे वातावरण में रहने को मजबूर हैं। इस कारण अन्य बीमारियों के साथ बालों और त्वचा के रोगों से शायद ही कोई बच पाता है। वैसे तो बालों संबंधी कई रोगों से लोग परेशान रहते हैं, लेकिन हमारे पास जिस समस्या की शिकायत सबसे ज्यादा आती है वह है डैंड्रफ। बड़ी संख्या में लोग डैंड्रफ या रूसी की समस्या से प्रभावित हैं। इसके अलावा कई अन्य परेशानियां भी हैं जो सिर में खुजली या अन्य रोग उत्पन्न करती हैं।’ 

रूसी या डैंड्रफ
बालों की समस्या एक ऐसी समस्या है जिससे महिला और पुरुष दोनों ही परेशान हैं। खासकर रूसी या डैंड्रफ की समस्या। आइए जानते हैं बालों की समस्या और उससे निजात पाने के उपाय। 

डैंड्रफ बाल के साथ एक ग्रंथि होती है, जो तेल बनाती है। इसे सीवम कहते हैं। सीवम एक ऐसा तैलीय पदार्थ है जो हमारी त्वचा को मुलायम और चिकना रखता है। जिन लोगों में ये तैलीय ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं उनमें तैलीय पदार्थ सफेद मवाद के रूप में त्वचा के ऊपर आकर जम जाते हैं और सूखकर कंधों और कपड़ों पर झड़ने लगते हैं। इस अवस्था को सबोरिया कहा जाता है। 

लक्षण 
डैंड्रफ हमारे सिर की त्वचा में स्थित मृत कोशिकाओं में पैदा होती है। इसकी वजह से सिर में खुजली रहती है और बाल गिरने लगते हैं। 
सिर में फुंसिया हो जाती हैं। सिर में लाल चकत्ते हो जाते हैं। 
डैंड्रफ होने पर सिर की चमड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े निकलकर बालों में जमा होने लगते हैं। 
कई बार डैंड्रफ के कारण मुंहासे भी निकल आते हैं। 

कारण 
सिर की त्वचा की देखभाल में कमी मौसम में बदलाव एलर्जी समुचित पोषण की कमी हैवी वर्कआउट प्रदूषण कई तरह की एंटीबॉयोटिक्स के इस्तेमाल कम गुणवत्ता वाले शैम्पू का प्रयोग मानसिक तनाव 

उपचार 
डैंड्रफ से मुक्ति के लिए जरूरी इलाज से पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि रूसी का कारण फंगस है या बैक्टीरिया। उसके बाद ही त्वचा रोग विशेषज्ञ इलाज शुरू करते हैं। इलाज के दौरान मरीज को सिर की त्वचा और बालों की देखभाल के लिए टिप्स दी जाती हैं।

सिर की त्वचा में दाद 
ये त्वचा में होने वाला फंगल संक्रमण है। सिर और बालों की अच्छी तरह सफाई हो पाने के कारण सिर की त्वचा पर दाद हो जाती है। 

उपचार 
इसके लिए एंटीफंगल टेबलेट कम से कम छह हफ्तों तक खाने को दी जाती है। सिर की सफाई तो जरूरी है ही। 

जुएं 
बालों की एक बहुत बड़ी समस्या है जुएं। जुएं सिर की त्वचा में चिपककर खून चूसती रहती हैं जिससे सिर में खुजली पैदा होती है और ज्यादा खुजाने से सिर की त्वचा कट-फट जाती है। आमतौर पर स्कूल जाने वाले बच्चों, लंबे बालों वाली महिलाओं और अस्वच्छ बालों में जुओं की समस्या होती है। 

उपचार 
बालों में जुएं पड़ने का मुख्य कारण बालों में गंदगी होना होता है। इसलिए जितना ज्यादा हो, बालों और सिर को साफ रखना चाहिए। जुएं निकालने वाली कंघी का इस्तेमाल करने में हिचकें। मालथियोन या परमेथ्रीन युक्त लोशन का हफ्ते में एक बार इस्तेमाल करें। किसी अच्छी कंपनी के जुएं मारने वाले शैम्पू का प्रयोग करें

बालों का झडना ( धीमा गंजापन )
          45-50 की उम्र पार करने तक बालों का झडना, उडना या सफेद होना सामान्य स्थिति होती है जिसमें पुरुषों में आगे से पीछे की तरफ गंजापन आना और स्त्रियों में बालों का घनापन कम होने लगता है किन्तु यही समस्या यदि 20-30 वर्ष की युवा उम्र में ही सामने आने लगे तो प्रभावित व्यक्ति का चिन्तित होना स्वाभाविक हो जाता है चिंता के इसी दौर में लोग बिना सोचे विचारे जल्द से जल्द इस समस्या से मुक्ति पा लेने की चाह में कई बार समस्या और बढा लेते हैं
            इस समस्या के समाधान हेतु सबसे पहले इस समस्या से प्रभावित लोगों को निम्न नियमों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना अत्यन्त आवश्यक होता हैअन्यथा इनके लिये कोई भी उपचार कारगर नहीं हो सकता-
          1. देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोये रहना इस समस्या का मुख्य कारण है अतः सबसे पहले जल्दी सोकर सुबह जल्दी जागने की दिनचर्या अनिवार्य रुप से बनाना आवश्यक समझें
          2. महिलाएं प्रायः इस सोच से अपने बाल काट लिया करती हैं कि काटने से बाल अधिक बढेंगे जबकि यह एक गलत धारणा है अतः महिलाएँ इस सोच से अपने बाल कभी काटें
          3. अपना कंघा तौलिया हमेशा अलग रखें, दूसरे का कंघा टावेल कभी भी प्रयोग में लें
          4. बालों को कभी भी किसी बाजारी या इश्तहारी शेम्पू से धोयें
          5. हमेशा एक ही प्रकार का तेल प्रयोग करें तेल बदल-बदल कर नहीं नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर लगाने से बाल स्वस्थ चमकीले बने रह सकते हैं
          6. दोनों वक्त सुबह-शाम या रात को सोने से पहले शौच क्रिया अवश्य करें जिससे पेट साफ रहे और कब्ज रहने पावे किसी भी स्थिति में तनाव से बचें
          7. भोजन के साथ सलाद के रुप में मूली, गाजर, हरी ककडी, पके टमाटर, पालक, पत्ता गोभी आदि कोई भी हरी पत्तेदार सब्जी का सलाद काली मिर्च सेंधा नमक बुरककर बिना चूके प्रतिदिन कम से कम एक बार तो अधिकतम मात्रा में अवश्य खावें

उपचार-
          हमदर्द कम्पनी की जवारिश जालीनूश 6 ग्राम और कुश्ता कुर्स खुबशुल हदीद 2 गोली दोनों मिलाकर सुबह खाली पेट लें
          प्रतिदिन सोने से पहले चाय के दो चम्मच (लगभग 8-10 ग्राम मात्रा में) त्रिफला चूर्ण गर्म मीठे दूध के साथ लें
          स्नान के समय बालों में कोई साबुन या शेम्पू लगावें आंवला, रीठा और शिकाकाई का चूर्ण दो-तीन घण्टे पानी में भिगोकर छानलें और बालों में घण्टे भर लगा ऱखकर स्नान करते समय धो डालें
          सोते समय बालों की जडों में भृंगराज केश तेल लगाकर 20-25 मिनिट तक मालिश करें भृंगराज चूर्ण 1-1 चम्मच सुबह, दोपहर शाम को भोजन के एक घंटे बाद पानी के साथ फांक लें यह चू्र्ण बना हुआ बाजार में मिलता है यदि घर पर बनाना पडे तो इसका फार्मूला यह है-
          काला भांगरा 50 ग्राम, सूखा आंवला 25 ग्राम, काले तिल 25 ग्राम और मिश्री 50 ग्राम इसमें तिल अलग करके शेष तीनों को कूट-पीसकर बारीक चूर्ण करलें और फिर चारों द्रव्यों को मिलाकर रखलें यही भृंगराज चूर्ण है इसे कम से कम 6 माह तक प्रयोग करें बालों को झडने से रोकने के लिये यह अत्यन्त परीक्षित गुणकारी नुस्खा है
काले घने बाल
बालों को स्वाभाविक काला (नेचरल ब्लेक) बनाये रखने के लिये-
            सामग्री : शिकाकाई, आंवला, रीठा, भृंगराज, ब्राह्मी, मैथीदाना, तिल का शुद्ध तेल सब 100-100 ग्राम और कपूर काचरी 50 ग्राम
             निर्माण विधि : तेल अलग रखकर शेष सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट पीसकर चूर्ण करके मिलालें और तीन बार छानकर लोहे की कडाही में रखकर तिल का तेल तथा 1500 ग्राम पानी डालकर गर्म करके उबालें जब पानी आधा रह जावे और काले रंग का हो जावे तब उतार लें ठण्डा हो जाने पर छान लें और द्रव्यों का बुरादा फेंक दें छना हुआ यह पानी बाटल में भरलें
          प्रयोग विधि : स्नान करने के बाद बालों को अच्छी तरह से पोंछकर थोडी देर बालों को हवा लगने दें जिससे कि बाल पूरी तरह सूख जावें और उनमें नमी रहे फिर बाटल से यह मिश्रण हथेली पर लेकर बालों पर लगाकर अंगुलियों के पोरों से पूरे सिर के बालों की जडों में यह तेल पानी लगाएँ और बालों को हवा लगने दें यदि आप बालों को चिकना नहीं रखना चाहते तो आपको यह तेल-पानी इसलिये रुचिकर लगेगा कि इससे बाल पर्याप्त पोषण मिलने के बाद भी रुखे ही दिखेंगे और जिन्हे बालों को चिकना चमकदार देखने की चाहत हो वे इस प्रयोग के बाद अपना मनपसन्द तेल बालों में लगा सकते हैं

          वैसे शुद्ध नारियल तेल या ब्राह्मी आंवला तेल अथवा भृंगराज तेल ही बालों के लिये बेहतर हैं अतः इनके अलावा अन्य कोई भी तेल सिर में नहीं लगाना चाहिये विशेष यह ध्यान रखें कि इस प्रयोग के चलते समय शेम्पू या मेंहदी का प्रयोग बालों पर करें
वैकल्पिक उपचार- यदि उपरोक्त से हटकर भी आप कोई उपाय तलाशना चाहें तो
            1. देशी गाय का ताजा गौमूत्र कपडे की आठ तह करके छानकर एक कप मात्रा में सुबह खाली पेट एक कप मात्रा में शाम को भोजन से एक घंटे पहले सेवन करें इसके साथ कासीस भस्म 2 रत्ती लौह भस्म 1 रत्ती एक चम्मच त्रिफला चूर्ण और थोडे से शहद में मिलाकर सुबह शाम 6 महिने तक नियमित सेवन करें इसके इस विधि से नियमित सेवन करने से असमय सफेद होने वाले बाल जड से काले होना प्रारम्भ हो जाते हैं
          2. मेंहदी, नीम और बेर की पत्तियां, पोदीना और अमरबेल इन सबको समान मात्रा में लेकर पानी से धो साफ कर पानी के छिंटे मारते हुए सिल पर या मिक्सर में पीसकर लुगदी बनालें लोहे की कडाही में काले तिल या नारियल का तेल डालकर यह लुगदी भी उसमें डाल दें और इस मिश्रण को आंच पर चढाकर इतना गर्म करें कि लुगदी काली पड जावे और तेल से झाग उठने लगे अब कडाही आंच से उतारकर किसी सुरक्षित स्थान पर ढककर तीन दिनों तक सुरक्षित रखें चौथे दिन तेल को कपडे से छानकर कांच की बोतल में सुरक्षित भर लें यह तेल रात को सोते समय कटोरी में लेकर दोनों हाथ की उंगलियां इस तेल में डुबाकर बालों की जडों में लगाते हुए 15-20 मिनिट तक मालिश करें इस प्रयोग से बाल जड से काले पैदा होने लगते हैं, सिर में ठण्डक बनी रहती है और गहरी नींद भी इससे आती है  याने अनिद्रा रोग यदि हो तो उसका भी उपचार इस विधि से होता चलता है
          इस तेल का प्रयोग करते समय सिर के लिये किसी भी प्रकार के तेल, साबुन या शेम्पू का प्रयोग सख्ती से बंद रखें बालों को धोने के लिये मुल्तानी मिट्टी या खेत की मिट्टी पानी में गलाकर कपडे से छान लें और इस छने हुए पानी से बालों को मसलकर साफ करते हुए फिर साफ पानी से बालों को धोकर सुखालें बाल गीले रखकर पूरी तरह बाल सूखने पर ही यही तेल बालों में लगावें
       3. मेंहदी में ग्वारपाठे का गूदा या रस मिलाकर बालों पर 1 घण्टे लगाए रखकर नहाते रहने से भी असमय की बालों की सफेदी के उपचार की बात कुछ जानकार वैद्य करते हैं
          उपरोक्त विधियां उन जरुरतमंद लोगों के लिये प्रस्तुत हैं जिनके बाल युवावय में ही सफेद हो रहे हैं पिछले लेख में प्रस्तुत कारणों से बचते हुए इनमें से कोई भी प्रयोग आप अपनी सुविधानुसार आजमा सकते हैं लेकिन धीरज और निरन्तरता पहली आवश्यकता भी समझें सिर्फ महिने 20 दिन में किसी चमत्कार की अपेक्षा करें
  
पुरुषों में बालो के झड़ने का कारण
बालों की प्राकृतिक नवीकरण प्रक्रिया के दौरान दैनिक आधार पर 50 से 60 बाल झडते हैं। हालांकि, कुछ लोग अत्यधिक बालों के झड़ने कि शिकायत करते हैं, जो सामान्य नहीं है और इसपर जल्दी ध्यान दिया जाना चाहिए। पुरुषों में बालों के झड़ने के कई कारण होते हैं, जिससे अस्थायी या स्थायी बालों का झड़ना शुरु हो सकता हैं। चलो  हम पुरुषों में बालों के झड़ने के मुख्य कारणों पर नजर डालते हैं।

स्वास्थ्य समस्याऐं जिससे बालों का झड़ना शुरु हो सकता हैं
·         आयरन की कमीः कुछ मामलों में लोहे की कमी बालों का झड़ना शुरु कर सकते हैं।  जो लोग अपने आहार में लोहे की पर्याप्त राशि नहीं लेते है या जिनका शरीर पूरी तरह से भोजन में मौजूद लोहे को अवशोषित नहीं कर सकता हैं, उनमें यह समस्या दिखती हैं। यह समस्या आसानी से प्रयोगशाला में परीक्षण करके पता लगायी जा सकती है और लोहे की मात्रा बढ़ाने द्वारा इसको सुधारा जा सकता हैं।
·         दवाओं के दुष्प्रभावकुछ दवाओं के दुष्प्रभाव पुरुषों में अस्थायी रुप से बालों के झड़ने के लिए नेतृत्व कर सकते हैं। जो लोग गठिया, हृदय की समस्याओं, उच्च रक्तचाप, अवसाद, खून पतली करनी वाली दवओं और गठिया के लिए उपचार के माध्यम से दवा ले रहे हैं, वह बालों के झड़ने का अनुभव कर सकते हैं।  इसके अलावा, विटामिन की उच्च खुराक भी बालों के झडने का नेतृत्व कर सकती हैं।
·         थायराइड: असामान्य रुप से निष्क्रिय और अति सक्रीय थाइरोइड से भी बालों का झड़ना शुरु हो सकता हैं। थाइरोइड रोग की वजह से बालों का झडना रोग के उचित उपचार द्वारा ठीक किया जा सकता हैं।
·         कम आहारजो लोग कम प्रोटीन आहार ले रहे हैं या जिनका खाने के तरिके असामान्य है, उनमें प्रोटीन कुपोषण का विकास हो सकता है। प्रोटीन के अभाव से शरीर बालों को उगाना रोक सकती हैं, जिससे कुछ महिनों बाद बाल झडना शुरू होता हैं। बाल आसानी से जड़ों द्वारा बाहर निकाले जा सकते हैं, यह इस प्रकार से बाल झडने का मुख्य संकेत हैं। यदि आप वजन कम करने के लिए या किसी भी अन्य कारणों से डाएटिंग पर हैं, तो आपको प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा में उपभोग करना सुनिश्चित करना चाहिए।
·         तनावबाल गिरने के मुख्य कारणों में से तनाव एक हैं। विभिन्न अध्ययनों नें यह साबित किया हैं, कि बालों का झडना तनावपूर्ण घटनाओं के 2 से 3 महीने के बाद शुरू होता हैं। अधिकांश मामलों में यह अस्थायी होता है, लेकिन दूसरों में यह आनुवंशिक बालों के झड़ने को गति प्रदान कर सकता हैं।

बालों के झड़ने के हार्मोनल कारण

पुरुषों में बालों के झड़ने का सबसे आम कारण एन्ड्रोजेनेटिक एलोपिका(गंजापन) माना जाता हैं। इसको 'पुरुष पैटर्न गंजापन' के रूप में भी जाना जाता हैं, यह समस्या बाल पुटिका पर डीहायड्रोटेस्टोस्टेरोने (DHT) हार्मोन के कारण होती हैं। खोपड़ी के सामने का, उपर का, और मुकुट  क्षेत्र DHT के प्रति संवेदनशील होता हैं।

हेयर स्टाइलिंग और बालों का झड़ना 

ब्लिच, स्ट्रेनग्थनरर्स, रंग, टिंट, रिलॅक्सर्स और परमनंट वेव्ह (घुंगराले बनाना) जैसे रासायनिक उपचार भी पुरुषों में बालों के झड़ने के साथ जुडे हुए हैं। यह विशेष रूप से अगर उत्पादों और प्रक्रिया का इस्तेमाल सुरक्षित रुप से नहीं किया गया तो होता हैं।
पुरूषों में बढता हेयरफाल, पाएं निजात
हेयरफाल का जितना खतरा महिलाओं को होता है, उससे कहीं ज्यादा पुरूषौं को होता है। हालांकि बालों का झडना एक आम समस्या है पर कम उम्र में बाल झडना किसी मुसीबत से कम नहीं है। लेकिन समय रहते यदि उपाय किए जाएं तो इस समस्या से बचा जा सकता है।
1. हेयरविशेषज्ञों के अनुसार 30 की उम्र के बाद हेयरफाल का जितना खतरा महिलाओं को होता है, पुरूषों में भी इस उम्र के बाद हेयरफाल की समस्या हो जाती है। कई बार तो कम उम्र में बाल झडना शुरू हो जाते हैं और कम उम्र में ही गंजेपन की समस्या से सामना करना पडता है। 60 का पडाव पार करने तक ऎसे पुरूष बिलकुल गंजे हो सकते हैं।
2. पुरूषों में भी फैशन का क्रेज बढता जा रहा है। ऎसे में पुरूष अपनी गर्लफ्रैंड या पत्नियों के सौंदर्य प्रसाधनौं का इस्तेमाल करते हैं। उनका तेल और कंडीशनर यूज करते हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि जो तेल, शैम्पू आपकी गर्लफ्रैंड या पत्नी को सूट करता है वह आपको भी करे। यदि आपको बालो संबंधी कोई समस्या हो तो सबसे पहले हेयर एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
3. एंटीडैंड्रफ शैंपू का ज्यादा प्रयोग करें। क्योकी एंटीडैंड्रफ शैंपू का ज्यादा प्रयोग सिर की नेचुरल नमी को खत्म कर देता है।
4. गंदे बालों पर जैल या कोई हेयर स्प्रे करें। ऎसा करना आपकी बालों की सेहत के लिएहानिकारक हो सकता है।
5. बालों को कभी-कभी शैंपू करें। साथ ही गर्दन तक शैंपू का प्रयोग करें। उंगलियौं के पोरों से हल्के-हल्के शैंपू से मसाज करें। ऎसा करने से आपके सिर का ब्लड सर्कुलेशन बढेगा।
6. हर समय कैप पहनने से बचें। कैप पहनने से पसीना, कीटाणु और गंदगी सिर के किनारों पर जम जाती है। इससे बालों की जडों को नुकसान पहुंचता है और बाल गिरने शुरू हो जाते हैं।
7. गीले बालों में कंघी करने से बचें। यदि गीले बालों में कंघी करें तो चौडे दांतों वाले कंघे का प्रयोग करें। साथ ही दिन में तीन-चार बार कंघी करें। ऎसा करने से बालों में जमीं तेल की चिपचिपाहट दूर होती है और नए बाल उगने में मदद मिलती है।
8. पुरूषों मे हेयरफाल का सीधा संबंध तनाव से होता है। तनाव के कारण बालों की जडें कमजोर हो जाती हैं। इसलिए जहां तक हो सके तनाव को अपनी जिंदगी से दूर रखें। साथ ही जंकफूड के बजाय घर का पौष्टिक भोजन करें। पानी भरपूर मात्रा में पिएं।
9. सिर पर तेल से मसाज करें। इसके लिए आप सरसों और जैतून के तेल को बराबर मात्रा में मिला कर बालों में हल्के-हल्के उंगलियों के पोरों से मसाज करें। साथ ही हथेलियों से सिर को थपथपाएं। ऎसा करने से बालौं में डैंड्रफ और हेयरफाल की समस्या से निजात मिलता है। मसाज करने के बाद तौलिये को गर्म पानी में भिगोएं फिर उसे निचोड कर सिर को भाप दें। इससे आपके रोमछिद्र खुल जाते हैं और तेल बालों की जडों के अंदर तक समा जाता है। इससे आपके बाल मजबूत होंगे।
10. 1 अंडे को फेंट कर उसकी जर्दी को बालों में लगाएं और आधे घंटे बाद शैंपू से बालौं को धो लें। ऎसा सप्ताह में एक बार करें। ऎसा करने से आपके बाल मजबूत होंगे। समय रहते यदि आप अपने झडते बालों में उपरोक्त बातें ध्यान में रखकर उपाय करेंगें तो आपको कम उम्र में गंजेपन की समस्या का सामनानहीं करना पडेगा। साथ ही आपके बाल मजबूत, घने और चमकदार रहेंगे। 

महिलाओं में बालों के झड़ने का कारण


हार्मोनल गर्भनिरोधक जिन महिलाओं को बालों के झड़ने की समस्या है, विशेष रूप से, अगर उनमें एक आनुवंशिक प्रवृत्ती है, तो उनमें बहुत छोटी उम्र में गर्भनिरोधक गोलियाँ लेने से बालों का झड़ना हो सकता है। आमतौर पर, हार्मोनल जन्म नियंत्रण की गोलियाँ लेना बंद करने के छह महीने बाद बाल फिर से बढ़ जायेंगे।

पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (पीसीओ) - इस हालत के साथ पड़ित महिलाओं में कई विभिन्न प्रकार के संभावित लक्षण दिख सकते है, जिनमें से एक बालों का झड़ना भी हो सकता है। इस हार्मोन के असंतुलन की जटीलता को समग्र उपायों के माध्यम से संबोधित करना सबसे अच्छा है।

गर्भावस्था / बच्चे के जन्म - जैसा कि पहले ही उल्लेख किया गया है, कुछ महिलाओं को हार्मोन में उतार चढ़ाव की वजह से अपने बालों में बड़े बदलाव का अनुभव होता है। इसका अर्थ सामान्य, घने बालों की अपेक्षा घुँघराले या सीधे बाल और अक्सर बालों के झड़ना हो सकता है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान इन परिवर्तनों का अनुभव होता है जबकि अन्य महिलाओं को गर्भावस्था के बाद इसका अनुभव होता है। बहरहाल, ज्यादातर मामलों में, यह अपने आप पूरी तरह से ठिक हो जाते है।

थायराइड रोग - अति सक्रिय थाइरोइड और कम सक्रिय थायराइड दोनों बालों के झड़ने का कारण बन सकते है। थायराइड असंतुलन का निदान एक प्रयोगशाला परीक्षण के माध्यम से आपके चिकित्सक द्वारा किया जा सकता है। ये असंतुलन समग्र उपायों के माध्यम से पूरी तरह से ठिक किये जा सकते हैं।

अपर्याप्त पोषक आहार - कई सनकी आहार कार्यक्रम और बाजार के चरम "विषहरण" योजनाओं से अनजाने में महिलाओं के बालों की बनावट और घनेपन को प्रभावित करना बहुत आसान है। आमतौर पर, आहार में अचानक चरम बदलाव, विशेष रूप से प्रोटीन आहार में कमी, चरम कैलोरी प्रतिबंध या एक प्रिडॉमिनेटली जंक फूड के शाकाहारी भोजन से प्रोटीन की कमी के कारण भारी राशी में बालों का झड़ना शुरु हो सकता है, जो अक्सर आहार में बदलाव की शुरुआत के दो या तीन महीने तक चलता है।अपने आहार के लिए एक उचित संतुलन बहाल करके, बालों के झड़ना बंद किया जा सकता है।

चिकित्सा - चिंता और अवसाद के साथ साथ रक्तचाप की पर्चे दवाऐं एक छोटे प्रतिशत लोगों में अस्थायी रुप में बालों के झड़ने का कारण हो सकती है। महिलाओं के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है, की कई महिलाऐं जब जीवन में उनको परिवर्तन के प्रमुख दौर में नुकासन से गुजरना पड़ता है,तब वह मनोदशा-स्थिरकारी दवाओं का सहारा लेती है। ज्यादातर मनोदशा-स्थिरिकारी और अवसाद विरोधी दवाओं के कारण यह दुष्प्रभाव पैदा हो सकता है।

सीरम आयरन की कमी - आयरन की कमी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है। जिन महिलाओं को अक्सर बहुत ज्यादा या जरूरत से ज्यादा मासिक स्त्राव होता है, उनमें लोहे की कमी का विकास हो सकता है। लोहे की कमी का प्रयोगशाला में परीक्षणों द्वारा पता लगाया जा सकता है और लोहे की पूरक खुराक के साथ ठीक किया जाता है।

तनाव - तनाव बालों के झड़ने से संबंधित एक दिलचस्प कारण है। प्रमुख तनाव प्रकरण के परिणाम स्वरुप यह समस्या सकती हैं और प्रकरण के बाद तीन महीने तक जारी रहती है, और तीन महीने के बाद फिर से बाल बढ़ना शुरू कर सकते हैं। कई महिलाऐं दार्घकालीन कम श्रेणी के तनाव का सामना कर सकती है, और उनकी आनुवंशिक प्रवृत्ती  पर इस प्रकार के तनाव से शुरवाती एन्ड्रोजेनिक  बालों का झड़ना शुरु करना निर्भर कर सकते हैं।

बालों का झड़ना रोकने के लिए, गर्भनिरोधक या अवसाद विरोधी गोलियाँ जब तक बहुत जरुरत ना हो, लेने से बचे। यहां तक कि अगर आपको लगता है कि आपको यह लेनी है, तो भी अन्य राय और वैकल्पों का शोध ले। यदि आप हार्मोन के कारण संवेदनशील हैं, तो सिंथेटिक हार्मोन जोड़ने से आगे हार्मोनल समस्याओं को बढ़ावा मिल सकता हैं। इसके अलावा, एक स्वस्थ आहार को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है - सनक आहार, चरम विषहरण कार्यक्रमों या मार्गदर्शन के बिना शाकाहार के साथ प्रयोग से बचें। शारीरिक गतिविधि एक अन्य बहुत अच्छा प्रतिबंधात्मक उपाय है, यह बालों के पुटिका को महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के संचलन को बढ़ावा देने के साथ आपके शरीर पर के तनाव हार्मोन के प्रभाव से बालों के झड़ने को कम करने जैसी डबल ड्यूटी में कार्य करता है।
बालों का खयाल कैसे रखें
::पत्ते डालों वाली कंघियों से गीले बालों में कंघी न करें, इससे बाल जल्दी टूटते हैं। इससे बाल के डंडे पर जोर पड़ता है और वह कमजोर पड़ जाता है।
::कंघी ज्यादा करना भी बालों के गिरने का कारण होता है जो 100 बार कंघी करने के नीयम से उल्टा है।
::बाल ाोने के पहले कंघी करने से सारी गंदगी छूट जाती है और बाल साफ करने में मदद मिलती है।
::ज्यादा शाम्पू करने से जरूरी तत्व जैसे लोहा, जस्ता, कॅलशिअ, फोस्फोरस, नाइट्रोजन बालों से निकाल देते हैं।
::शम्पू जिसकी सही 5.5 की PH वह चुनें।
:: बाल ाोने के बाद, बालों को सूखे टोवेल से सुखाएँ। बालों को घसने से बचें खासकर टेरी कपड़े से जो बालों को ज्यादा खींचता है जब वे कमजोर होते हैं, गीली अवस्था में।
:: बालों को रंग लगाना, स्टाइल करना, गरम ट्रीटमेन्ट और केमिकल ट्रीटमेंट कमजोर करके गिराता है।
::बालों को ऐसी स्टाईल करना जो बहुत खिचान वाली हो जैसे पोनीटेल्स, कसी हुई गुत्ते साईद से बालों को तोड़ते है। इसे ट्रक्शन एलोपेशिया कहते हैं। 

क्या कहता है आयुर्वेद-
आयुर्वेद बाल धोने के बाद तेल लगाने की हिमायत करता है। महाभृंगराज या ब्रा±मी तेल से बालों को अच्छा पोषण मिलता है। इसमें त्रिफला होता है, जो बालों की सेहत के लिए अच्छा है। महाभृंगराज तेल से बालों का कालापन भी बढ़ता है, हालांकि यह सफेद बाल काले नहीं कर सकता।आयुर्वेद के मुताबिक हफ्ते में एक-दो बार तेल लगाकर अच्छी तरह सिर की मसाज करें। मसाज किसी भी तेल से कर सकते हैं लेकिन आंवला, ऑलिव, नारियल या तिल का तेल अच्छा है। रात भर तेल रखकर सुबह किसी अच्छे हर्बल शैंपू से बाल धो लें।
खुराक-
ऎसी चीजों से परहेज करना चाहिए, जिनसे सर्दी, जुकाम होता है। सॉस, सिरका, अचार, नमक और खट्टी चीजें कम खाएं। बादाम, दूध, दही, घी, मक्खन का सेवन संतुलित मात्रा में करें।
खुश्की का इलाज-
बालों में खुश्की या खुजली हो रही हो, तो नीम के पत्तों को पानी में उबालें। उस पानी में थोड़ी-सी हल्दी मिलाकर छान लें। इससे सिर धोएं, खारिश दूर हो जाएगी। बालों में दही या छाछ लगाने से बाल चिकने होते हैं। बालों को रीठा, शिकाकाई से धोना अच्छा है। एलोवेरा जेल या गुड़हल के पत्तों को मसल कर बालों की जड़ों में लगा लें। इससे कूलिंग इफेक्ट मिलता है।
ऎसे करें शैंपू—–
पहले बालों को गीला करें। फिर थोड़े पानी में घोलने के बाद शैंपू को बालों और स्किन पर लगाएं। झाग बनाते या बालों को रगड़ते समय उन्हें उलझाएं नहीं, ही ज्यादा रगड़ें। शैंपू 3-4 मिनट तक लगाकर रखना चाहिए। शैंपू को अच्छी तरह साफ करने के बाद कंडीशनर लगाएं। एक मिनट तक लगाए रखने के बाद कंडीशनर को अच्छी तरह से धो डालें। इसमें शैंपू से भी ज्यादा सावधानी बरतें। गीले बालों को तो बहुत तेजी से झटक कर सुखाएं और ही तौलिए से रगड़कर पोंछें। ध्यान रखें कि इस स्टेज में बाल सबसे ज्यादा सॉफ्ट और कमजोर होते हैं। बाल धोने के बाद उन्हें तौलिए से हल्के से साफ करें या तौलिए को बांधकर छोड़ दें। गीले बालों में कंघी भी करें। बारीक कंघी के इस्तेमाल से बचें। लंबे बालों में कंघी करते हुए पहले आधे बालों को कंघी करें, ताकि आसानी से सुलझ जाएं।


मिथ्स और फैक्ट्स-
जल्दी-जल्दी धोने पर बाल टूटेंगे—–
सिर को गंदा रखने पर ज्यादा बाल झड़ते हैं जबकि नियमित शैंपू करने पर कम। जो लोग एसी में रहते हैं, वे हफ्ते में दो-तीन बार शैंपू करें। जो बाहर का काम करते हैं या जिन्हें पसीना ज्यादा आता है, उन्हें रोजाना बाल धोने चाहिए।
हर्बल शैंपू में डिटर्जेंट नहीं—–
जो शैंपू झाग देता है, उसमें डिटर्जेंट जरूर होता है। हर्बल शैंपू भी इसका अपवाद नहीं है। रीठा, शिकाकाई और मेहंदी का मिक्सचर घर में बनाकर लगाएं।
एक्स्ट्रा प्रोटीन वाले शैंपू या लोशन बेहतर कई शैंपू एक्स्ट्रा प्रोटीन होने का दावा करते हैं। बाल धोने के दौरान शैंपू का प्रोटीन बालों के अंदर नहीं जाता। बालों को प्रोटीन की जरूरत है, लेकिन वह खुराक से मिलता है।
रोजाना तेल लगाने से मजबूत बाल—–
तेल बालों को भारी और गंदा बनाता है। नहाने के बाद तेल लगाने का कोई फायदा नहीं है। तेल लगाने से बाल लंबे होने की बात भी गलत है।
तेल से राहत
युवावस्था में हॉर्मोन लेवल में बदलाव की वजह से सिर की स्किन तैलीय हो जाती है और इस वजह से डैंड्रफ होने लगती है। लोगों को लगता है कि बालों में तेल लगाने से डैंड्रफ की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन ऎसा नहीं होता।
नजला-जुकाम से टूटते हैं बाल-
नजला-जुकाम से बाल टूटने की भ्रांति बहुत लोगों में होती है। असल में इससे पीडित लोग ज्यादातर दवाएं खाते रहते हैं और उनकी सेहत ठीक नहीं होती। इस वजह से कई बार बाल गिरने लगते हैं।
गंजे होने या बाल कटाने से ग्रोथ तेज——–
कई लोग अपने बालों को बहुत छोटा करा देते हैं। उन्हें लगता है कि ऎसा करने से बालों का झड़ना कम हो जाएगा और नए बाल ज्यादा तादाद में आएंगे।
शीर्षासन से मजबूत होते हैं बाल——
शीर्षासन के बारे में कहा जाता है कि इससे बाल मजबूत होते हैं, नेचुरोपैथी और योग के समर्थक इसे सही मानते हैं, लेकिन मॉडर्न साइंस नहीं।

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