1/2/12

साइबर सिक्योरिटी


कंप्यूटर और इंटरनेट पर तेजी से बढ़ती हमारी निर्भरता से वर्चुअल वर्ल्ड से जुड़े अपराधों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है। ऐसे में साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स की जरूरत काफी बढ़ गई है।

भले ही इंटरनेट ने हमें तमाम सुविधाएं दी हों, पर इस कारण साइबर क्राइम भी विभिन्न रूपों में हमारे सामने आया है। आजकल अक्सर हमें वेबसाइट हैकिंग, ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग, साइबर बुलिंग, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, पोर्नोग्राफी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी भी अहम चुनौती बनती जा रही है। आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल शुरू कर देने से साइबर टेररिज्म को भी काफी बढ़ावा मिला है। ऐसे में साइबर क्राइम के विभिन्न रूपों का सामना करने तथा उनको रोकने के लिए जागरूकता भी काफी बढ़ी है और इसी का नतीजा है कि साइबर सिक्योरिटी आज कैरियर के रूप में हमारे सामने मौजूद है।

कार्य का स्वरूप
हैकिंग कंप्यूटर यूजर्स की परेशानी का मुख्य कारण है, जिसके जरिए अपराधी गोपनीय सूचनाओं को हैक कर सकता है, जैसे पासवर्ड, के्रडिट कार्ड नंबर और पिन कोड, इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड आदि। हैकिंग से संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए एथिकल हैकिंग प्रोग्राम की मदद ली जाती है। किसी साइबर क्राइम के बाद यह पता लगाना कि उससे संबंधित ई-मेल कहां से भेजा गया, किस आईपी एड्रेस का उपयोग किया गया आदि कार्य साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के ही जिम्मे होते हैं। इंटरनेट से संबंधित विभिन्न अपराधों को हैंडल करने के लिए साइबर लॉ का भी इस्तेमाल किया जाता है। साइबर एक्सपर्ट की नजर साइबर क्राइम की चुनौतियों पर भी होती है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

कैसे-कैसे कोर्स
साइबर सिक्योरिटी से जुड़े विभिन्न तकनीकी पहलुओं की ट्रेनिंग देने के लिए कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। ये कोर्स शॉर्ट टर्म और लांग टर्म दोनों तरह के होते हैं। इसके तहत सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और बैचलर स्तर तक के पाठ्यक्रम हैं। इन पाठ्यक्रमों को आप अपनी सुविधानुसार रेगुलर, डिस्टेंस या ऑनलाइन, किसी भी मोड से चुन सकते हैं। साइबर सिक्योरिटी से संबंधित पाठ्यक्रमों में साइबर सिक्योरिटी की चुनौतियां, उनसे बचने के उपाय, साइबर क्राइम और जांच की विधि, रोकथाम के उपाय, साइबर लॉ, ऑनलाइन डाटा सिक्योरिटी, ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड आदि के बारे में विस्तार से बताया जाता है।

शैक्षणिक योग्यता
कंप्यूटर और आईटी से संबद्ध होने के बावजूद साइबर सिक्योरिटी से संबंधित पाठ्यक्रमों में एडमिशन लेने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपके पास कंप्यूटर/आईटी में उच्च डिग्री हो। साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स, किसी भी स्ट्रीम के विद्यार्थी इस क्षेत्र में कैरियर बना सकते हैं, पर इसके लिए कंप्यूटर की बेहतर जानकारी जरूरी है। चूंकि इस कैरियर का मुख्य आधार आईटी है, इसलिए ऐसे कोर्स आईटी प्रोफेशनल्स के कैरियर को एक नई दिशा दे सकते हैं। साइबर सिक्योरिटी से संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं है, जबकि कुछ कोर्स ग्रेजुएशन के बाद ही किए जा सकते हैं। लॉ, आईटी, पुलिस, सुरक्षा विभाग आदि में कार्यरत व्यक्ति भी इन कोर्सेज के लिए आवेदन कर सकते हैं।

मुख्य संस्थान
साइबर सिक्योरिटी से संबंधित उच्च स्तर के कोर्स फिलहाल गिने-चुने संस्थानों में ही उपलब्ध हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद द्वारा साइबर लॉ ऐंड इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी में मास्टर डिग्री का कोर्स कराया जाता है। इसके लिए बीई/बीटेक जरूरी है। एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर होता है। इसके अतिरिक्त इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट, दिल्ली द्वारा भी साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा करवाया जाता है, जिसके लिए योग्यता किसी भी विषय में ग्रेजुएशन है। ई-काउंसिल सर्टिफाइड एथिकल हैकर और स्कूल ऑफ एथिकल हैकिंग, हैदराबाद में भी कई पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। साइबर सिक्योरिटी से संबंधित सेमिनार और वर्कशॉप भी समय-समय पर आयोजित होते रहते हैं। इन वर्कशॉप और सेमिनार की जानकारी आप गूगल सर्च से ले सकते हैं। पर विजिट कर आपको कई वर्कशॉप्स की जानकारी मिल जाएगी।

सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा भी साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल तैयार करने के उद्देश्य से साइबर सिक्योरिटी में सर्टिफिकेट कोर्स करवाया जाता है। कोई भी डिग्री या डिप्लोमा धारी इस सर्टिफिकेशन को कर सकता है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन साल में दो बार होता है। विशेष जानकारी के लिए आप पर विजिट कर सकते हैं। इसके बाद आप सी-डैक सर्टिफाइड साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल के रूप में काम कर सकते हैं।

रोजगार की संभावनाएं
आईटी इंडस्ट्री, ई-बिजनेस, ई-टिकटिंग, ई-गवर्नेंस, ई-कॉमर्स आदि से संबंधित जितने भी क्षेत्र हैं, उन सभी जगहों पर इस फील्ड के प्रोफेशनल्स की मांग बनी रहती है। कोर्स के बाद विभिन्न आईटी कंपनियों में रोजगार के मौके मिलते हैं, जहां साइबर एक्सपर्ट एवं कंसल्टेंट के रूप में उन्हें मौका मिलता है। बैंकों में भी नियुक्ति होती है। ई-कॉमर्स तथा फाइनेंशियल संस्थानों में ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने तथा हैंडल करने के लिए इन प्रोफेशनल्स की मांग होती है। साइबर लॉ एवं सिक्योरिटी से संबंधित ट्रेनिंग सेंटरों में ट्रेनर के रूप में भी काम किया जा सकता है। पुलिस विभाग एवं सुरक्षा एजेंसियों में साइबर क्राइम एक्सपर्ट के रूप में जरूरत बनी रहती है। फॉरेंसिक फील्ड में भी साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स की मांग होने लगी है। लॉ फर्म्स में लीगल एक्सपर्ट (साइबर) की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा साइबर लॉ कंसल्टेंसी के रूप में इसमें स्वरोजगार के भी मौके हैं। ई-गवर्नेंस के पूरी तरह अस्तित्व में आने के बाद विभिन्न सरकारी विभागों में ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए रोजगार के काफी मौके उपलब्ध होंगे।

साइबर सिक्योरिटी से संबंधित कुछ अन्य संस्थान हैं :
इग्नू, नई दिल्ली
एमिटी लॉ स्कूल, नोएडा
दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
एशियन स्कूल ऑफ साइबर लॉ, पुणे
इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी, मुंबई
आईएमटी, सेंटर फॉर डिस्टेंस लर्निंग, गाजियाबाद

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