12/29/11

कैरियर निर्माण


बदलते परिवेश में जितना मुश्किल कैरियर निर्माण करना होता जा रहा है उससे भी कहीं ज्यादा कठिन कैरियर का चुनाव करना हो गया है। आज हमारे देश में ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्वभर में शिक्षा समाप्त करने के पश्चात अकसर छात्र इस असमंजस में पड़ जाते है कि किस क्षेत्र में भविष्य संवारा जाए। यही वह समय होता है जब लिया गया कोई भी निर्णय कैरियर को बना तथा बिगाड़ सकता है।
आज ऐसा दौर चल पड़ा है कि किसी भी क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए उससे जुड़े पाठयक्रमों का अनेकों संस्थाओं द्वारा संचालन एवं प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि सभी अपने कोर्सों की विशेषताओं को इस तरह से पेश करते हैं कि लगता है कि उस क्षेत्र में ही भविष्य निर्माण कर लिया जाए। लेकिन किसके लिए क्या उचित और क्या अनुचित है, यह तो वही व्यक्ति बखूबी जानता है जिसे अपने कैरियर का निर्माण करना है।
यह बात बिल्कुल सही है कि निर्णय लेने में भमz तथा भाववेश जरूर आड़े आते हैं लेकिन यदि इन दस मूलमंत्रों पर अमल किया जाए तो जाहिर तौर पर सही फैसला लेने में मदद मिल सकती है।
योग्यता को ध्यान में रखें:- हमेशा कैरियर चुनने से पहले अपनी योग्यता को ध्यान में रखें। क्योंकि वही व्यक्ति अपना भविष्य उज्जवल बना सकता है जो अपनी रूचि व काबिलियत के अनुरूप कैरियर चुनता है।
चमक-दमक में न पड़े:- अक्सर देखा जाता है कि छात्र कैरियर विकल्प को अपनाते समय उसकी चमक-दमक को देखते हैं। लेकिन यह सोच भविष्य निर्माण के लिहाज से अत्यंत घातक सिद्ध हो सकती है। क्योंकि इस तरह की चमक-दमक मात्र कुछ दिनों तक ही कायम रहती है। अत: कैरियर का चुनाव करते समय इससे परहेज करना बेहतर होता है।
दो-चार विकल्प रखें:- आज के प्रतियोगिता के दौर में सिपर्फ एक राह पर चलना कतई फायदे का सौदा नहीं है। हर व्यक्ति को चाहिए कि वह कैरियर में दो-चार विकल्प जरूर रखे। हो सकता है कि आप एक तरपफ असपफल हों तो अन्य विकल्पों को अपनाकर कामयाबी भी पा सकते हंै। जो व्यक्ति इस प्रकार की व्यवस्था पर अमल करता है वह सदा मानसिक तनाव झेलने से बच जाता है।
पसंदीदा कैरियर से स्वयं का आंकलन करें:- यह अति आवश्यक है कि आप खुद का आंकलन पसंदीदा कैरियर से कर लें। इसके लिए सबसे पहले अपनी योग्यता तथा कार्य क्षमता की एक रूपरेखा तैयार करें तथा इसके पश्चात~ पसंदीदा कैरियर का खाका तैयार करें और पिफर दोनों को दृष्टि में रखकर ही निर्णय लें।
भाववेश में चुनाव न करें:- कैरियर का चयन हमेशा शांतचित तथा सोच-विचार के उपरांत करना ही फायदेमंद होता हैं। किसी के बहकावे में या दबाव में आकर फैसला लेने से सदा बचें। सुने सबकी लेकिन करे अपने मन की। क्योंकि भविष्य में इसके परिणाम आपको स्वयं भुगतने पड़ेंगे। अक्सर देखने में आता है कि बच्चे मां-बाप की इच्छाओं के चलते भाववेश में आकर अपनी रूचि व योग्यता के विपरीत चयन कर बैठते हैं जोकि बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है।
सभी पहलुओं पर नजर डालें:- यह बात कापफी अहमियत रखती है कि जिस कैरियर का चुनाव आप कर रहे हैं उसके हर पहलू से आप रूबरू हो जाएं। जैसे भविष्य में सफलता की कितनी संभावनाएं मौजूद हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यह कितना सुरक्षित है तथा वेतन व तरक्की को घ्यान में यह कितना कारगर हो सकता है इत्यादि।
जानकारों की सलाह लें:- किसी भी क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए अति आवश्यक है कि आप समय-समय पर उन कार्यों से जुड़े व्यक्तियों से सलाह जरूर लें। इससे सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि आप इस बात से अवगत हो जाते हैं कि उक्त क्षेत्र में भविष्य में क्या-क्या संभावनाएं मौजूद है तथा इस क्षेत्र में कदम रखने के बाद आप कितने सफल हो सकेंगे।
तमाम परिस्थितियों को ध्यान में रखें:- किसी भी व्यक्ति के लिए कैरियर संबंधी निर्णय मंे यह बेहद आवश्यक होता है कि वह सबसे पहले अपनी आर्थिक स्थिति को देखे। उसके बाद व्यक्तिगत तथा इसके पश्चात~ सामाजिक। अगर इन तीनों बातों को ध्यान में रखकर चयन किया जाए तो जाहिर तौर पर सफल कैरियर बनाया जा सकता है।
श्रम एवं पूंजी बाजार को भी नजर में रखें:- यह बात काफी मायने रखती है कि किस क्षेत्र में कितने परिश्रम के पश्चात कितनी आय अर्जित की जा सकती है। किसी भी क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले इस बात पर जरूर ध्यान दें कि वर्तमान ही नहीं अपितु भविष्य में भी उसमें श्रम के अनुरूप पूंजी मिल सकती है अथवा नहीं। इसके पश्चात~ ही यह फैसला करें कि आपका इस क्षेत्र में प्रवेश करना उचित है या अनुचित।
आत्मसंतुष्टि का भी ध्यान रखें:- इंसान की प्रवृति होती है कि वह किसी भी कार्य को तब तक रूचिपूर्वक नहीं करता है, जब तक की उसमें उसे आत्मसंतुष्टि का आभास न हो। अगर कोई ऐसा कैरियर चुन लिया जाए जिसमें आत्मसंतुष्टि ही नहीं मिले तो जाहिर है कि उसमें सफलता पाना भी कठिन होगा। सफलता तभी मिल सकती है जब कार्य आत्मसंतुष्टि प्रदान करने वाला हो।

        10वीं और 12वीं के बाद

10वीं उत्तीर्ण करने के बाद हायर एजूकेशन में सबसे महत्वपूर्ण चुनौति होती है सब्जेक्ट चयन की। क्योंकि यही चुनाव भविष्य के निर्माण में सहायक है। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हर सब्जेक्ट अपने आप में महत्वपूर्ण है।
प्रत्येक व्यक्ति की रूचियां और क्षमताएं अलग-अलग होती है इसलिए यदि आपकी रूचि जिस सब्जेक्ट में हो उसे ही चुने। क्योंकि कुछ की दिलचस्पी बायोलाजी में रहती है और कुछ को मैथ्स या कामर्स में या किसी की स्पोर्ट्स या आर्ट आदि में। अगर किसी छात्र की रूचि मैथ्स में नहीं है, परन्तु किसी दबाव या ग्लैमर की वजह से मैथ्स के क्षत्र में जाने की तैयारी करता है तो उसको असफलता का ही सामना करना पड़ेगा। इसलिए जिस विषय में आप रूचि रखते है और जिसमें आपकी कमांड अच्छी है उन्हें उसी फिल्ड में कैरियर अपनाना चाहिए। तो आपके करिअर की उड़ान को कोई नहीं रोक सकता। अत: 11वीं में प्रवेश के समय विषयों के चयन में कुछ ध्यान रखने योग्य बाते निम्नलिखित है:-
विषयों के चयन में अपनी क्षमता और योग्यता के आधार पर निर्णय लिया जाना चाहिए। क्योंकि यह आप ही जानते हो कि आप सबसे अच्छा किस सब्जेक्ट में कर सकते हो।
इसके लिए शिक्षाविदों, रिश्तेदारों और संरक्षक से सलाह अवश्य लेना चाहिए।
आज के समय में, विज्ञान, गणित, वाणिज्य या कला तक ही विकल्प सीमित नहीं हैं, बल्कि इनके अलावा आप दूसरे क्षेत्र जैसे विविध व्यवसायों,व्यावसायिक कोर्स, प्रोफेसनल कोर्स आदि में भी अपना भविष्य संवार सकते है।
यदि आपक स्वभाव लिखने का अधिक है और भाषा पर अच्छी कमांड है तो आप ग्यारहवीं कक्षा में आर्ट्स सब्जेक्ट  के साथ ही अपने लेखन कौशल विकसित कर सकते हैं। बाद में आप स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान पत्रकारिता का कोर्स कर सकते हैं।
इसी तरह, अगर आपकी रूचि संगीत या अभिनय या फिर मॉडलिंग में है तो आप बारहवीं में किसी भी विषय के बाद  इन क्षेत्रों में अपना भविष्य संवार सकते हैं।
यदि आपकी खेल में अधिक रूचि है और आप उसमें बहुत अच्छा कर रहे हो तो विशेष रूप से खेल में ही अभ्यास  करना चाहिए और खेल के साथ साथ अपनी पढ़ाई आगे बढ़ाने के लिए कोई औपचारिक शिक्षा का चयन करे जिसे तुम पर्याप्त समय दे सकते हो।
औपचारिक शिक्षा आप के लिए पूर्व में अपने कौशल का प्रदर्शन, विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर का मौका प्रदान  करता है।
आपको, सामाजिक स्थिति, अपने परिवार की प्राथमिकताओं, अपनी शारीरिक विशेषताओं, अपनी सीमाओं और क्षमताओं पर भी ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
यदि तुम्हें लगता है कि तुम अपनी क्षमताओं, योग्यता एवं अपने पसंद का सब्जेक्ट चुनने में अपने आपको असहाय महसूस कर रहे हो तो पेशेवर कैरियर सलाहकार की मदद लेने की शर्म नही करना चाहिए।
एक बात ध्यान रखने योग्य है कि तुम्हें अपनी खुद की क्षमताओं पर कभी शक नहीं करना चाहिए। क्योंकि जब तुम  अपनी क्षमताओं पर शक शुरू करते हो तो अपने भविष्य निर्माण की आधी लड़ाई तो उसी समय हार जाते हो।
फिर भी आपके समक्ष निम्नलिखित विकल्प है जिनका चयन आप अपने स्तर पर कर सकते हैं।
गणित
विज्ञान
एक व्यवसाय
कॉमर्स स्ट्रीम
मानविकी
एक व्यवसाय
मानविकी
गणित के साथ विज्ञान स्ट्रीम
व्यावसायिक पाठ्यक्रम
व्यावसायिक पाठ्यक्रम
जीव विज्ञान के साथ विज्ञान स्ट्रीम
मानविकी के साथ विज्ञान स्ट्रीम या इंजीनियरिंग
मानविकी के साथ विज्ञान स्ट्रीम या इंजीनियरिंग
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ऐसा कतई न सोचें!
कैरियर को लेकर भ्रमित करने वाली कई ऐसी बातें हैं, जो कैरियर निर्माण में बाधक बन सकती हैं...

कैरियर निर्माण से संबंधित कई ऐसी परिस्थितियां हैं, जो छात्रों को भ्रमित करती हैं। इनके सुलझे हुए जवाब कैरियर चयन के दृष्टिकोण से अत्यंत ही महत्वपूर्ण हैं। आइए ऐसी ही कुछ परिस्थितियों पर नजर डालते हैं :

हॉबी को जॉब के रूप में बदलना आसान नहीं है। यह अवधारणा बिल्कुल गलत है। यदि आपने अपनी हॉबी को ही कैरियर निर्माण की राह के रूप में चुन लिया, तो सफलता की गुंजाइश कहीं ज्यादा होगी।

मेरे फ्रेंड ने ऐसा कर लिया तो मैं भी कर सकता हूं।
सिर्फ देखादेखी नहीं, बल्कि अपनी योग्यता को आंककर ही किसी दिशा में कदम बढ़ाएं।

कैरियर काउंसलर की मदद के बगैर कैरियर निर्माण की दिशा तय नहीं की जा सकती।
कैरियर काउंसलर किसी खास फील्ड में आगे बढ़ने का बेहतर मार्गदर्शन देता है। तैयारी, संस्थान या स्कोप के बारे में भी वह बेहतर ज्ञान दे सकता है। पर कैरियर निर्माण किस क्षेत्र में करना है, इसका फैसला तो निश्चय ही आपको करना होगा।

स्कूली जीवन के दौरान ही कैरियर के विकल्पों पर विचार कर लेना चाहिए। स्कूल टाइम में ही अपने कैरियर का निर्धारण कर लेना अच्छी बात है, पर कॉलेज तक पहुंचते-पहुंचते आप और परिपक्व हो जाते हैं। इसलिए कैरियर विकल्पों का चयन और बेहतर ढंग से कर सकते हैं।

यदि आप हॉट कैरियर फील्ड में नहीं गए, तो बेकार है। हॉट फील्ड का तात्पर्य यह है कि उस फील्ड में जॉब के मौके ज्यादा होंगे, लेकिन यदि आपकी योग्यता उसके लिए नहीं है, तो आप असफल ही होंगे। इसलिए कोई फील्ड कितनी हॉट है, यह देखने के बजाय अपनी योग्यता का आकलन करें।

एक बार चयन कर लेने के बाद कैरियर फील्ड में बदलाव नहीं हो सकता। तमाम प्रयत्नों के बावजूद यदि किसी फील्ड में बार-बार असफलता मिल रही हो, तो किसी दूसरे कैरियर ऑप्शन पर विचार किया जा सकता है।

सबसे बड़ा रुपया ही है। जॉब या स्वरोजगार, दोनों ही मामलों में पैसे की काफी अहमियत है। पर यह कहना कि रुपया ही सबसे बड़ा है, एक गलत अवधारणा है। पैसे के अलावा पद, माहौल, काम में संतुष्टि, घर से दूरी आदि कई ऐसी बातें हैं, जिनके आधार पर जॉब का चयन किया जा सकता है।

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दोस्ती, प्रेम, विवाह या कैरियर
एक समय वह था कि जब युवा वर्ग के लोग अपने विवाह या प्रेम को अधिक महत्व देते थे, लेकिन आज की युवा पीढ़ी इनके स्थान पर अपने कैरियर को अधिक महत्व देने लगी है। इन युवाओं का कहना है कि वर्तमान समय प्रतियोगिता का समय है और इसमें वही युवा सफल हो सकता है जो अपनी समस्त शक्ति एवं क्षमता को एकत्रित कर अपने कैरियर में लगा दे। आज के युवक-युवतियां बहुत महत्वाकांक्षी हैं। ये अपने कैरियर को लेकर न केवल गम्भीर हैं, बल्कि उतावले भी हैं।
आज के जीवन में एक तो पैसे का महत्व बहुत बढ़ गया है और दूसरे आज के युवा अपने विवाह को लेकर अधिक चिन्तित भी नहीं हैं। इनके लिए विवाह या प्रेम का महत्व गौण होता जा रहा है। ये युवा मानते हैं कि प्रेम या विवाह एक उम्र के बाद कभी भी किया जा सकता है, परन्तु नौकरी एक उम्र के बाद कभी नहीं मिलेगी। वर्तमान परिस्थितियां देखते हुए माता-पिता भी यही चाहने लगे हैं कि उनके बच्चे पहले अपने कैरियर पर ध्यान देकर आत्मनिर्भर हो जाएं और उसके बाद ही विवाह के बंधन में बंधें। शायद यही कारण है कि आज के युवा प्रेम या विवाह के स्थान पर अपने कैरियर के प्रति अधिक सजग रहने लगे हैं और इस विषय में इन युवाओं की कमोबेश एक सी राय नज़र आ रही है।
युवाओं की राय
दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. कर रहे 24 वर्षीय रोहण गुप्ता कहते हैं, “मेरे विचार से तो आज के दौर में हरेक युवा की पहली पसन्द उसका कैरियर ही होगा। आजकल कंपटीशन का जो रूख है उसे देखते हुए हमें पहले अपने कैरियर पर ही ध्यान देना चाहिए। मैरिज या लव अफेयर करने के बाद कैरियर बनाना और भी मुश्किल हो जाता है। कैरियर के बिना मैरिज या अफेयर करने को तो मैं अपने पैरों पर अपने आप कुल्हाड़ी मारना कहुंगा और ऐसी गलती कम से कम मैं तो कभी नहीं करना चाहूंगा।´´
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से बी.ए. कर रहे के.एम. कुरैशी भी ऐसा ही कुछ कहते हैं कि अपना कैरियर छोड़कर प्यार-मोहब्बत में पड़ना बेवकूफी है। लेकिन मेरे कहने का मतलब यह नहीं है कि युवाओं को प्यार करने का हक ही नहीं है, बल्कि मैं तो यह कहना चाहता हूं कि युवाओं की पहली पसन्द उनका कैरियर ही होना चाहिए। प्यार-मोहब्बत की जगह कैरियर के बाद ही आनी चाहिए। तभी उनका कैरियर और प्यार कामयाब हो सकता है। मैंने खुद कुछ ऐसे लोगों को देखा है जिन्होंने प्यार-मोहब्बत के चक्कर में मजनू बनकर अपना सारा कैरियर बर्बाद कर लिया और अब उन्हें अपनी गलती का अहसास भी हो रहा है। जहां तक मेरा सवाल है, मैं तो ऐसा कभी नहीं करूंगा।
एक प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत 27 वर्षीय दीप्ति सेठ अपनी बेबाक राय प्रकट करती हैं। उनके अनुसार,“वर्तमान पीढ़ी पहले की तुलना में बहुत समझदार हो गई है। पहले अगर माता-पिता विवाह के लिए कहते थे, तो उनके युवा बच्चे चुपचाप उनकी आज्ञा का पालन कर लेते थे। और फिर उस समय आज की तरह कैरियर, जॉब या बिजनेस को लेकर इतनी मारा-मारी भी नहीं होती थी, लेकिन आज जमाना बदल गया है। मुझे नहीं लगता कि आज का कोई भी पढ़ा-लिखा समझदार युवा बिना अपना कैरियर संवारे शादी-विवाह जैसी भयानक भूल करेगा। हां, वह कुछ समय के लिए किसी के प्रति आकर्षित तो जरूर हो सकता है, लेकिन अगर उसके पास बहुत ज्यादा दौलत और विकल्प नहीं है, तब तो वह शादी के बारे में सोचेगा भी नहीं। और उसे सोचना भी नहीं चाहिए।´´

34 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर सिद्धार्थ गौतम के मुताबिक, “वर्तमान समाज की परिस्थितियों को देखते-समझते हुए ऐसा कौन सा समझदार युवा होगा जो अपने कैरियर को ताक पर रखकर प्रेम या शादी को प्राथमिकता देना चाहेगा। आज के युवक-युवतियां आज की परिस्थितियों के हिसाब से चलते हुए बहुत प्रतिस्पर्धी और प्रतियोगी हो गए हैं। आज शादी से ज्यादा जरूरी है आत्मनिर्भर होना।
शादी या प्रेम के बिना तो जीवन चल सकता है, लेकिन नौकरी या व्यवसाय के बिना जीवन नहीं चल सकता। जीवन में प्रेम या शादी भी जरूरी है, लेकिन उनका स्थान कैरियर के बाद ही आना चाहिए। एक न्यूनतम आयु सीमा के बाद जीवन में कभी भी प्रेम और शादी की जा सकती है, किन्तु कैरियर के सम्बंध में यह बात विपरीत है। नौकरी आदि एक अधिकतम आयु सीमा तक ही मिल पाती हैं। उसके बाद आपके लिए नौकरी के रास्ते बन्द हो जाते हैं।´´
मनोविज्ञानी की राय
मनोविज्ञानी डॉ. सी.एस. अग्रवाल इस विषय में बताती हैं कि आज के पढ़े-लिखे शहरी युवाओं के लिए उनका कैरियर अधिक महत्व रखता है। आज के ये युवा अपने कैरियर के प्रति काफी संवेदनशील रहने लगे हैं। उनके लिए उनका कैरियर, भविष्य, पद और पैसा ज्यादा महत्व रखता है। अगर आप ध्यान दें, तो पाएंगे कि आज के पढ़े-लिखे शहरी युवाओं में कम पढ़े-लिखे या ग्रामीण परिवेश के युवाओं की तुलना में महत्वाकांक्षाएं भी अलग हैं। परीक्षाओं या उनके परिणाम वाले दिनों में आत्महत्या करने जैसी जो दु:खद घटनाएं सामने आती हैं उनके पीछे भी कारण भिन्न होते हैं।
जहां ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं में प्रेम को लेकर आत्महत्याएं अधिक देखने-सुनने को मिलती हैं, वहीं शहरों के पढ़े-लिखे युवाओं के आत्महत्या करने वाली ज्यादातर घटनाओं का कारण कैरियर से सम्बंधित होता है। हालांकि आत्महत्या हताशा को प्रकट करती है और युवाओं को ऐसा गलत कदम कभी भी नहीं उठाना चाहिए फिर भी इस उदाहरण से इतना तो पता चल ही जाता है कि आज के पढ़े-लिखे शहरी युवाओं में अपने कैरियर को लेकर कितना तनाव है और कितनी जबरदस्त चाह है।
अभिभावकों की भूमिका
एक बैंक में कार्यरत 52 वर्षीय श्रीमती सुधा पाठक 3 युवा बच्चों की मां हैं। वे मानती हैं, “आज की युवा पीढ़ी में आ रहे इस बदलाव के पीछे उनके माता-पिता की भी मुख्य भूमिका है। वे भी अपने बच्चों पर शादी के लिए नहीं, बल्कि कैरियर बनाने के लिए दबाव डालने लगे हैं। जबकि पहले बच्चों पर इस बात के लिए दबाव डाला जाता था कि वे एक निश्चित उम्र या पढ़ाई के बाद शादी करके अपना घर बसा लें।
माता-पिता के लिए यह जरूरी नहीं था कि उनके बच्चे अपने पैरों पर खड़े हुए हैं या नहीं। उस समय आज जैसी महंगाई भी नहीं थी। लेकिन आज के समय में ये सारी चीजें एकदम बदली हुई हैं। अब न केवल बच्चे, बल्कि उनके माता-पिता भी यही चाहते हैं कि शादी से पहले बच्चे आत्मनिर्भर हो जाएं। और यह ठीक भी है। अब महंगाई ही इतनी बढ़ चुकी है कि अकेले आदमी की कमाई में घर चलाना बहुत मुश्किल हो जाता है।´´

  
कहीं आपकी डिग्री आपके सपने तो नहीं तोड़ रही ?
इस  article का  title आपको  थोडा  अटपटा  लग  सकता  है . क्योंकि  generally इंसान  बड़ी-बड़ी डिग्रीयां   लेकर  तो  बड़े  बड़े  सपने  पूरे  करता  है , कोई  MBBS की  degree लेकर  Doctor बनने  का  सपना  तो  कोई  Engineering की  degree लेकर  Engineer बनने  का सपना , और मैं इन्ही के द्वारा सपने टूटने की बात कर रहा हूँ!!
मेरा  सवाल  ये  है  कि  आज  आप  जो  हैंक्या  आपने  ही  वो  बनने  का  सपना  देखा  था  या  आपको  जबरदस्ती  वो  सपना  दिखाया  गया  था ??
मैं  एक  middle class family से  हूँ  और  बचपन  से  मेरे  मित्र -यार  भी  ऐसे  ही  परिवारों  से  रहे  हैं ; और  ज्यादातर  लोग  जो  इस  blog को  पढ़ते  हैं  वो  भी  ऐसे  ही  परिवारों  से  होते  हैं ….शायद  आप  भी . ऐसे  घरों  में  पढाई -लिखी  को  विशेष  महत्त्व  दिया  जाता  है , अक्सर  parents यही  expect करते  हैं  कि उनके  बच्चे  Engineer/ Doctor बने . और  ये  बात  बच्चे  के  दिमाग  में  इतनी  बैठा  दी  जाति  है  कि वही  उसका  सपना  बन  जाता  है . इस  process में  कई  बच्चे  सचमुच  उस  सपने  को  अपना  बना  लेते  हैं  और  इसी  क्षेत्र  में  आगे  चल  कर  बड़े  बड़े  काम  करते  हैं .पर  समस्या  वहां  आती  है  जब  आपके  mature होने  के  साथ  साथ  आपके  अपने  सपने  जन्म  लेने  लगते  हैं ऐसे  सपने  जिसका  उस  पढ़ाई  लिखी  से  कोई  सीधा  वास्ता  नहीं  होता . For example: Computer Engineering कि  पढ़ाई करके  किसी  अच्छी  IT company में  काम  करने  वाला  बंदा  अपना  Restaurant खोलने  का  सपना  देख  सकता  है , कोई  MBA करके   किसी  multinational company में  काम  करने   की  बजाये  किसी  NGO में   काम  करने  की  सोच  सकता  है , कोई  Doctor किसी  हॉस्पिटल  में  operation करने  की  बजाये  Artist बनने का dream देख सकता है.
पर  अधिकतर  लोग  ऐसे  कदम  नहीं  उठा  पाते  क्योंकि  उनका  उनकी  degree उनके  सामने  आ  जाती  है , उनके  मन  में  कुछ ऐसे  विचार  आ  सकते  हैं :
मैंने  तो  Engineering की  है , इतनी  अच्छी  नौकरी  कर  रहा  हूँ , अब  इस  field को  छोड़  कर  Restaurant खोलूँगा  तो  लोग  क्या  कहेंगे .
अगर  मैंने  Artist बनने  के  बारे  में  किसी  से  बोला  तो  लोग  मुझे पागल  समझेंगे . .मेरी  पढ़ाई  में  इतने  पैसे लगे  हैं  इतना  वक़्त  लगा  है …it’s not possible to change my profession.”
और वो लोग  खुद  को   समझा  लेते  हैं   की  जो  होता  है  अच्छा  होता  है , मेरी  किस्मत  में  यही  करना  लिखा  था …etc.
ज्यादातर  लोग  परिस्थितियों  से  समझौता  क्यों  कर  लेते  हैं ?
क्योंकि  ये  करना  आसान  होता  है इसके  लिए  कोई  risk नहीं  उठाना  पड़ता ,खुद  को  comfort zone से  नहीं  निकलना  पड़ता …, इसके  लिए  हिम्मत   नहीं  चाहिए  होती  और  साथ  ही  आप  दुनिया  की   नजरो   में  एक  normal इंसान  बने  रहते  हैं .
अगर आप उन ज्यादातर लोगों में नहीं हैं तो बहुत अच्छी  बात है ,आप अपने दिल की आवाज़ सुनकर सचमुच अपने और सोसाइटी के लिए अच्छा काम कर रहे हैं.और यदि आप उनमे से हैं जो अपने  दिल की आवाज़ को दबा कर बैठे हों तो आपको सोचना होगा!!!!
सिर्फ अपने past decisions को सही ठहराने के लिए आप कब तक  गलत future decisions लेते रहेंगे? जो डिग्री आपको आज़ाद करने की बजाये बांधे उसका भला क्या काम? और ऐसा भी नहीं है कि आप जो नया काम करने की सोच रहे हैं वहां आपका पिछला ज्ञान बिलकुल ही काम ना आये.  वो भले आप  directly ना use कर पाएं, पर किसी भी उच्च शिक्षा को हासिल करने में आपके brain का जो development होता है और आपका जो outlook broad होता है वो हर एक काम में आपकी मदद करेगा.
अपने चेहरे पर किसी और का मुखौटा लगा कर ज़िंदा तो रहा जा सकता है पर जिया नहीं जा सकता, एक fulfilling life जीने के लिए आपको अपने मन का काम चुनना होगा., कुछ ऐसे ही जैसा Harsha Bhogle ने , IIM Ahmedabad से  MBA करने  के  बाद  कुछ साल corporate world में काम तो किया पर खुद को अपने दिल की आवाज़ सुनने से नहीं रोक पाए और एक जाने-माने cricket commentator बन गए. Chetan Bhagat भी IIT और IIM से पढ़ाई करने के बाद एक author हैं. Samir Soni , University of California, Los Angeles से  Economics. की पढाई करने के बाद as an Investment Banker काम करते थे पर आज वो acting की दुनिया में नयी ऊँचाइयाँ छू रहे हैं.
और आपको 3 Idiots का Farhaan (Madhavan ) तो याद होगा ही . उसने अपने पिता की इच्छा पूरी करते हुए Engineering तो कर ली पर Rancho की motivation ने finally उसे अपने दिल का काम करने की हिम्मत दे डाली और वो एक renowned wild life photographer बन गया.
इस movie की तरह असल ज़िन्दगी में भी आपके parents तभी सबसे ज्यादा खुश होते हैं जब आप खुद सबसे ज्यादा खुश होते हैं. और आप तभी सचमुच खुश और संतुष्ट हो सकते हैं जब आप अपने दिल की सुने.
दोस्तों जब आप सचमुच किसी चीज को पूरी शक्ति से चाहते हैं तो  Law of Attraction अपना काम करने लगता है,भले शुरू में कोई आपका साथ ना दे पर यदि आप determined हैं तो धीरे-धीरे लोग आपको support करने लगते हैं  और आपके सामने ऐसी opportunities आने लगती हैं जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होता.
सपने देखना और उन्हें साकार करना सिर्फ आपको inner satisfaction ही नहीं देता बल्कि long term में financially भी ये कहीं अच्छा निर्णय साबित होता है. मैंने जो भी examples ऊपर लिए हैं , ये सभी लोग शायद नौकरी करके इतने पैसे नहीं कम पाते जितना वो अपने दिल का काम करते हुए कमा पा रहे हैं.
यदि  आप भी किसी trap में फंसे हैं और अपनी degree का बोझ ढो रहे हैं तो उस बोझ  को उतार फेंकिये,दोस्तों , Steve Jobs  की कही ये बातें याद रखिये:
आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर व्यर्थ मत कीजिये. बेकार की सोच में मत फंसिए,अपनी जिंदगी को दूसरों के हिसाब से मत चलाइए. औरों के विचारों के शोर में अपनी अंदर की आवाज़ को, अपने intuition को मत डूबने दीजिए.
आपका काम आपकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा होगा, और truly-satisfied होने का एक ही तरीका है की आप वो करें जिसे आप सच-मुच एक बड़ा काम  समझते हों. और बड़ा काम करने का एक ही तरीका है की आप वो करें जो करना आप enjoy करते हों.
उम्मीद है ये बातें मेरी तरह आपको भी अपना दिल की सुनने की प्रेरणा देंगी.
जन्‍मांक से कैरियर चुनकर सफलता प्राप्‍त करें!
आप अपना जन्‍मांक जानना चाहते हैं। यदि हां तो आईए आपको बताते हैं कि इसे कैसे जानें।
जन्‍मांक आपकी जन्‍म दिनांक का मूलांक है। जन्‍मांक 1से9 तक ही होते हैं।
आपको मात्र अपनी जन्म दिनांक चाहिए जिससे आप अपना जन्‍मांक ज्ञात कर सकें। मान लो आप किसी मास की 12 दिनांक को उत्‍पन्‍न हुए हैं तो आपका जन्‍मांक होगा 1+2 =3 अर्थात् आपका जन्‍मांक 3 है। यदि किसी का जन्‍म 20 दिनांक को होता तो उसका जन्‍मांक होता 2+0 =2 अर्थात् जन्‍मांक 2 है। यदि किसी का जन्‍म 31 दिनांक को होता तो उसका जन्‍मांक होगा 3+1=4 अर्थात् उसका जन्‍मांक 4 है। इस प्रकार आप किसी का जन्‍मांक सरलता से ज्ञात कर सकते हैं।
आपका जन्‍मांक 1 है तो आपका स्‍वामी सूर्य ग्रह है। आप चिकित्‍सक, वकालत, प्रशासक, नेता, राजकीय सेवा, मन्त्री, डिजाइनर, ग्रुप लीडर, आविष्कारक या नेतृत्‍व प्रधान कार्यों से आजीविका अर्जित कर जीवन सफल बना सकते हैं।
आपका जन्‍मांक 2 है तो आपका स्‍वामी चन्‍द्र ग्रह है। आप कलात्‍मक कार्यों में विशेष सफल हो सकते हैं। चित्रकारी, कलाकार, संगीतकार, अध्‍यापक, कथाकार, उपन्‍यासकार, कैमिस्‍ट, दार्शनिक, तरल पदार्थ, सुगन्धित पदार्थ, कलात्‍मक व सजावट की वस्‍तुएं, रत्‍न व्‍यवसाय, आभूषणों का व्‍यवसाय, डेयरी, दूध, शोधकर्त्ता, नृत्य, संगीत, कविता आदि कार्यों को करके आजीविका अर्जित कर सकते हैं।
आपका जन्‍मांक 3 है तो आपका स्‍वामी गुरु ग्रह है। आप विद्वता, गुरुता एवं शोध या मस्तिष्‍क सम्‍बन्‍धी कार्यों में विशेष सफल रह सकते हैं। आप अध्‍यापन, पुरोहित, लेखन, संपादक, पत्रकारिता, पादरी, पंडित, कथावाचक, दलाली, खाद्य पदार्थ, कन्‍फैक्‍सनरी, कानूनज्ञ, दार्शनिक, विज्ञापन ऐजन्‍सी, चिकित्‍सक, लेखक, इंजीनियर सचिव, राजदूत, जननेता, टेकनीशियन, कम्युनिकेशन और मनोरंजन, एक्टिंग, म्यूजिक, राइटिंग से आजीविका चयन करके जीवनयापन कर सकते हैं।
आपका जन्‍मांक 4 है तो आपका स्‍वामी राहु या नकारात्‍मक सूर्य ग्रह है। आप तकनीकी कार्य, कम्‍प्‍यूटर, प्रशासक, फैशन डिजाइनर, ग्राफिक कलाकार, योजना विभाग, सलाहकार, पुरातत्त्व विभाग, वायुयान विभाग, ऑपरेटर, डाकविभाग, सूचना विभाग, बिजली, इंजीनियर, बिल्डर, प्रोग्रामर, अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट, इकोलॉजिस्ट या मैकेनिक के रूप में कैरियर बनाकर आजीविका अर्जित कर सकते हैं।
आपका जन्‍मांक 5 है तो आपका स्‍वामी बुध ग्रह है। आप बैंक, एकाउन्‍टेण्‍ट, डेरी, पुस्‍तकालय, मैनेजमैन्‍ट, कैमिकल, ऑटोमोबाईल, खोजी पत्रकारिता, प्रकाशन, विज्ञापन, स्टॉक्स, ट्रेवल, लेखन या एविएशन के क्षेत्र में कैरियर बनाकर जीवनयापन कर सकते हैं।
आपका जन्‍मांक 6 है तो आपका स्‍वामी शुक्र ग्रह है। आप शराब, रेस्‍टोरेण्‍ट, फिल्‍म, सजावट, मॉडलिंग, विज्ञापन, फिल्‍म, प्रचारक, ऩत्‍य, गायन, कलाकार, अभिनेता, अध्यापक, सोशल वर्कर, मेडिकल प्रोफेशनल, कुक या सिविल सर्वेंट के रूप में आजीविका चयन करके सफल हो सकते हैं।
आपका जन्‍मांक 7 है तो आपका स्‍वामी केतु या नकारात्‍मक चन्‍द्र ग्रह है। आप गुप्‍तचरी, जासूस, औषधि विक्रेता, धर्मगुरू, अध्‍यात्‍म, ज्‍योतिष, पर्यटक, आविष्‍कारक, उद्योग, योगी, तरल पदार्थ, साहित्‍यकार, फिल्‍म व्‍यवसाय, ललित कला, कैमिस्‍ट, लैक्‍चरार, वैज्ञानिक, मनोचिकित्सक, जाँचकर्ता, दार्शनिक, जासूस या मिस्ट्री लेखक के रूप में कैरियर चयन करके सफलता संग जीवनयापन कर सकते हैं।
आपका जन्‍मांक 8 है तो आपका स्‍वामी शनि ग्रह है। आप बीमा, मशीनरी, ठेकेदारी, मुद्रण, ज्‍योतिषी, कूटनीतिज्ञ, जंगलात विभाग, सिगरेट, धातु व्‍यवसाय, तेल व्‍यवसाय, दलाली, भूमि व भवन व्‍यवसाय, रत्‍न व्‍यवसाय, पशु उद्योग, हॉकर, शोधकार्य, सेवा कार्य, समाजसेवा, नेता, सेल्स मैनेजर, बैंकर, स्टॉक ब्रोकर, मैनेजिंग डायरेक्टर या एथलिट के रूप में कैरियर चयन करके जीवनयापन कर सकते हैं।
आपका जन्‍मांक 9 है तो आपका स्‍वामी मंगल ग्रह है। आप खेल, सेना, पुलिस, जज, खनिज, सीमेण्‍ट, टेलीफोन, श्रमिक, योद्धा, सैनिक, रेडियो, आकाशवाणी, जमीन-जायदायद, रंग व्‍यवसाय, पेंट व्‍यवसाय, सर्जिकल व्‍यवसाय, लेक्चरर, फिजिशियन, मानवतावादी, वकील, कसाई, विद्युत आदि के क्षेत्र में कैरियर चयन करके आजीविका अर्जित कर सकते हैं।

आप अपने जन्‍मांक के अनुसार कैरियर चयन करेगे तो इससे आपके विकास का पथ सरल हो जाएगा। आप कुछ और करना चाहते हैं तो उसके लिए पूर्ण समर्पण भावना से प्रयास करें। प्रयासों में ही भाग्‍य परिवर्तन की क्षमता होती है।

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