12/29/11

सेल और रिटेल


सेल और रिटेल

प्रतिस्पर्द्धा से युक्त आज के कारोबारी माहौल में जहां सेल्स मार्केटिंग प्रोफेशनल्स की मांग है, वहीं इससे जुड़ी रिटेलिंग फील्ड में भी अवसरों में तीव्र बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में सेल्स और रिटेलिंग फिलहाल बढ़िया कैरियर ऑप्शंस हैं...

पिछले कुछ दिनों से रिटेलिंग सेक्टर में एफडीआई को लेकर काफी चर्चा है। इसको लेकर राजनीति-सामाजिक परिदृश्य चाहे जो भी हो, इतना तो तय है कि इससे ऑर्गेनाइज्ड रिटेलिंग में ट्रेंड प्रोफेशनल्स के लिए अवसर बढ़ेंगे। यदि ऐसा नहीं होता है
तो भी अपने देश में पिछले एक दशक में रिटेलिंग सेक्टर में जबरदस्त विस्तार हुआ है और ऐसा होना जारी है। सिर्फ रिटेलिंग में, बल्कि सेल्स मार्केटिंग में भी स्थिति ऐसी ही है। यदि आप शोरूम स्टोर से बाहर निकलकर कुछ बेचना चाहते हैं तो सेल्स ऐंड मार्केटिंग की फील्ड बस आपके लिए ही है। देखा जाए तो विस्तृत क्षेत्र के कारण आउटडोर सेल्स मार्केटिंग की फील्ड में मौके रिटेलिंग से भी अधिक हैं।

बढ़ती जरूरत
अधिक-से-अधिक ग्राहकों तक उत्पाद पहुंचें, इसके मद्देनजर सेल्स मार्केटिंग प्रोफेशनल्स की जरूरत तो हमेशा से ही रही है। बाजार की वर्तमान प्रतियोगी परिस्थितियों में सेल्स प्रोफेशनल्स की मांग में और इजाफा हुआ है। इसी तरह रिटेलिंग का संबंध भी अब सिर्फ सामान्य दुकानदारी तक ही सीमित नहीं है। यह एक ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर का रूप ले चुका है। तमाम देशी-विदेशी रिटेलिंग ग्रुप मार्केट में एक-दूसरे से प्रतिस्पर्द्धा कर रहे हैं, जिनका आकार कार्यशैली किसी बड़े उद्योग-धंधे से कम नहीं है। ट्रेंड रिटेलिंग प्रोफेशनल्स ऑर्गेनाइज्ड रिटेलिंग की जरूरत बन चुके हैं।

बेहतर होता परिदृश्य
भारतीय रिटेलिंग सेक्टर विश्व स्तर पर बड़े बाजारों में से एक है और यहां ऑर्गेनाइज्ड रिटेल सेक्टर में विकास की दर भी काफी तेज (करीब 10 प्रतिशत सालाना) है। सिर्फ बड़े शहरों में, बल्कि दूसरे स्तर के शहरों में भी लोगों की दिलचस्पी ऑर्गेनाइज्ड रिटेलिंग सेल्स में बढ़ी है। विभिन्न शहरों में निरंतर खुलने वाले शॉपिंग मॉल्स से यह बात स्वतः साबित होती है। इससे महानगरों के साथ-साथ दूसरे तीसरे स्तर के शहरों में भी काफी संख्या में जॉब उपलब्ध होंगे।

मौके हैं सबके लिए
रिटेलिंग हो या सेल्स ऐंड मार्केटिंग, इनका संबंध किसी विशेष संकाय से नहीं है। आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस, किसी भी फील्ड के विद्यार्थी इन दोनों क्षेत्रों में अपने कैरियर की शुरुआत कर सकते हैं। यही रिटेलिंग सेल्स की खासियत है, जिससे इनका आकर्षण और बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, आपकी शैक्षणिक योग्यता यानी 12वीं या ग्रेजुएशन के अनुरूप भी इसमें हर स्तर के मौके उपलब्ध हैं।

पाठ्यक्रम और शैक्षणिक योग्यता
यदि आप सेल्स में कैरियर बनाना चाहते हैं, तो 12वीं के बाद इससे संबंधित कोई सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स किया जा सकता है। ग्रेजुएशन के बाद एमबीए और पीजी डिप्लोमा इन सेल्स ऐंड मैनेजमेंट जैसे कोर्स उपलब्ध हैं। एमबीए करने के दौरान आप मार्केटिंग में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। कई ऐसे एंटे्रंस टेस्ट हैं, जिनके माध्यम से एमबीए संस्थानों में प्रवेश मिलता है, जैसे कैट, मैट, जैट आदि। रिटेलिंग में रिटेल एंटरप्रेन्योरशिप, रिटेल मर्केंडाइजिंग, रिटेल मैनेजमेंट, स्टोर ऑपरेशन मैनेजमेंट, विजुअल मर्केंडाइनिंज एेंड स्पेस प्लानिंग, सप्लाई चेन आदि से संबंधित डिप्लोमा, ग्रेजुएट पोस्टग्रेजुएट कोर्स उपलब्ध हैं। डिप्लोमा कोर्सेज कुछ महीनों के हो सकते हैं, जबकि पीजी कोर्स 2 वर्ष का होता है। पाठ्यक्रमों के स्वरूप के अनुसार शैक्षणिक योग्यता 12वीं, ग्रेजुएशन आदि हो सकती है। रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा भी रिटेलिंग में संबंधित विभिन्न कोर्स कराए जाते हैं।

खास स्किल्स
जो अभ्यर्थी रिटेलिंग सेल्स में कैरियर बनाना चाहते हैं, उनका कम्युनिकेशन स्किल बेहद अच्छा होना चाहिए। हिंदी अंग्रेजी पर तो पकड़ होनी ही चाहिए, किसी स्थानीय भाषा की जानकारी भी फायदेमंद हो सकती है। तभी ग्राहकों को किसी उत्पाद के बारे मे अच्छी तरह समझाया जा सकता है। कब ग्राहकों से कौन-सी बात कहनी है, इसकी परख आपको होनी चाहिए। इन दोनों ही क्षेत्रों में प्रोफेशनल्स को अपने लुक पर भी खास ध्यान देना चाहिए, क्योंकि स्मार्टनेस से सफलता की संभावना बढ़ जाती है। आपमें आत्मविश्वास भरपूर होना चाहिए। इसी आधार पर आप ग्राहकों को अपनी सेवा अथवा उत्पाद के बारे में दृढ़ता के साथ बता सकेंगे। आपमें बिक्री से संबंधित आइडियाज भी भरपूर होने चाहिए।

स्वरोजगार के लिए महत्वपूर्ण
पूंजी की स्थिति के अनुसार जब आपको अपना काम करने की इच्छा हो, तो रिटेलिंग सेल्स से संबंधित डिग्री और योग्यता के कारण आप औरों के मुकाबले बेहतर परफॉर्मेंस देंगे। प्रशिक्षित अनुभवी रहने पर आप शोरूम, स्टॉक की उपलब्धता, ग्राहकों की जरूरत, ब्रिकी की स्वरूप, लॉजिस्टिक्स आदि से संबंधित परेशानियों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं, जिससे अपने बिजनेस में काफी मदद मिल सकती है।

मौके कैसे-कैसे
यदि आपके पास सेल्स एेंड मार्केटिंग की कोई डिग्री है तो आप विभिन्न उत्पाद निर्माता या सेवा प्रदाता कंपनियों में जॉब पा सकते हैं। ऐसी नेशनल मल्टीनेशनल कंपनियों की कोई कमी नहीं है। रिटेलिंग से संबंधित जॉब विभिन्न रिटेलिंग चेन और शोरूम में मिलते हैं। सेल्स में जहां आप मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव से शुरुआत कर सेल्स ऑफिसर, एरिया सेल्स मैनेजर, रीजनल/डिविजनल मैनेजर, नेशनल सेल्स मैनेजर और वाइस प्रेसीडेंट (मार्केटिंग) तक का जॉब पा सकते हैं, वहीं रिटेलिंग में ट्रेंड प्रोफेशनल्स को सेल्स पर्सन, स्टोर मैनेजर, सेल्स एग्जीक्यूटिव, रिटेल मैनेजर, विजुअल मर्केन्डाइजर, ब्रांड मैनेजर, सप्लाई चेन डिस्ट्रीब्यूटर, डेवलपमेंट मैनेजर आदि रूप में मौके मिलते हैं।


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