एमबीए आज एक सर्वमान्य प्रचलित डिग्री है जो
आपको व्यवसाय चलाना ही नहीं बल्कि उचित अनुसंधान के द्वारा उसका प्रभावी रूप से
प्रबंधन करना भी सिखाती है. सरल शब्दों में, एमबीए डिग्रीधारी छात्र व्यावसायिक
सिद्धांतों का ज्ञाता होता है. वह व्यावसायिक लाभ पर नज़र रखकर तथा बिजनेस टूल्स
एवं कार्यपद्धतियों का अनुसरण करते हुए व्यावसायिक कार्ययोजना बनाता है.
विभिन्न कॉलेजों के विभिन्न पाठ्यक्रम के
अनुसार यह कोर्स दो से तीन वर्ष का होता है तथा छह-छह महीनों के सेमिस्टरों में
विभाजित रहता है. वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम होता है
जिसकी अवधि यूनिवर्सिटी और कॉलेज के अनुसार एक से दो वर्ष की होती है.
एमबीए करने के पश्चात आपके पास दो
विकल्प होते हैं.
एक, आप अपना खुद का टेक्सटाइल, एक्सपोर्ट, रिक्रूटमेंट, विनिर्माण या अन्य कोई ऐसा व्यवसाय
शुरू कर सकते हैं जिसमें कोई उत्पाद अथवा सेवा को बेचकर लाभ कमाना होता है.
दूसरा विकल्प है किसी ऐसी फर्म में जॉब तलाशना
जिसे कॉस्टिंग व बजटिंग, कार्य को सही तरह बांटने व निष्पादित
करने, इमोशनल
इंटेलिजेंस व टीम मैनेजमेंट स्किल्स रखने वाले मैनेजरों की तलाश हो. कम्पनियों को आज दूसरों से काम करवाने वाले
मैनेजरों की तलाश होती है. अतः एक मैनेजर को समझदार होना ज़रूरी है तथा उसमें
कॉस्ट और समय-सीमा का ध्यान रखते हुए टीम-बिल्डिंग तथा लोगों से काम निकलवाने की
क्षमता होनी चाहिए.
MBA की डिग्री के लिये
एमबीए की डिग्री स्नातक के बाद ली जा सकती है .
एमबीए बहुप्रचलित प्रोफेशनल पीजी प्रोग्रामों में से एक है तथा इसे कर आप बिजनेस व
इंडस्ट्री एक्सपोज़र के साथ-साथ बहुत अच्छे वेतनमान पर किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी
में जॉब कर सकते हैं.
इसके लिए आपको पहले से ही कॉलेजों की लिस्ट बना
लेनी चाहिए तथा स्नातक के अंतिम वर्ष में एमबीए कराने वाले कॉलेजों में आवेदन करना
शुरू कर देना चाहिए. आपको ज़ल्द से ज़ल्द प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर
देनी चाहिए. आवेदन करने के लिए आपको विभिन्न संस्थानों के आवेदन-पत्र खरीदने होंगे . कुछ छात्र तो कॉलेज के दूसरे वर्ष से
ही प्रवेश परीक्षा की तैयारी शुरू कर देते हैं जोकि उनको परीक्षा में बेहतर स्कोर
करने में मदगार साबित होता है. विदेश में पढ़ने की चाहत रखने वाले छात्र जीआरई व
जीमैट की तैयारी शुरू कर सकते हैं. भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित व प्रतिष्ठित
प्रवेश-परीक्षा है- कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट).
भारतीय प्रबंध संस्थान व अन्य कई प्रतिष्ठित संस्थान कैट स्कोर को उनके
संस्थानों में प्रवेश का आधार बनाते हैं.
वैसे तो एमबीए एक परास्नातक कोर्स है परन्तु
इसकी तैयारी स्कूल के दिनों से ही शुरू कर देना श्रेयस्कर रहता है. इसके लिए रीडिंग, विश्लेषण,
लॉजिकल
रीजनिंग, डाटा इंटरप्रिटेशन, शब्दज्ञान, सामान्य-ज्ञान
जैसी स्किल्स अपने आपमें विकसित करनी शुरू कर देनी चाहिए.
इसके अतिरिक्त एमबीए करने की चाहत रखने वालों
को इसमें उपलब्ध विभिन्न स्पेशलाइज़ेशनो में से एक क्षेत्र विशेष चुनकर उसकी पढ़ाई
शुरू कर देनी चाहिए.
क्या यह मेरे लिए सही करियर है?
एमबीए में आवेदन करने से पूर्व यह प्रश्न
प्रत्येक छात्र को खुद से पूछना चाहिए कि क्या यह क्षेत्र आपके लिए उपयुक्त है.
यदि आप किसी कंपनी में प्रबंधन के किसी पद के लिए जाना चाहते हैं तो आपको एमबीए की
प्रवेश परीक्षा में बैठना चाहिए.
एमबीए आपको विपणन, बिक्री, मानव-संसाधन,
बीमा
एवं वित्त प्रबंधन जैसे विषयों, उनकी
संकल्पना एवं रणनीतियों तथा उनके व्यापारिक अनुप्रयोगों को समझाता है. हो सकता है
कि यह कोर्स आपको गहराई से तकनीकी अथवा विश्लेषण संकल्पना का ज्ञान न करा पाए
परन्तु यह आपको व्यवसाय को चलाने के तरीके जैसे कॉस्टिंग, बजटिंग का
सम्पूर्ण ज्ञान करा देगा.
खर्चा कितना होगा?
कॉलेज के अनुसार एमबीए फीस 5 से
15 लाख तक हो सकती है. आईआईपीएम जैसे कई कॉलेज छात्रों को लैपटॉप देते
हैं तथा उन्हें इंडस्ट्री ट्रिप पर विदेश भी ले जाते हैं. अतः कोर्स के आधार पर
फीस का निर्धारण होता है.
छात्रवृत्ति
दो से तीन वर्ष के एमबीए कोर्स की फंडिंग के कई
रास्ते हैं. आप बैंकों से एजूकेशन लोन ले सकते हैं और यदि आप नौकरी पेशा हैं तो
आपकी कम्पनी आपकी शिक्षा को प्रायोजित कर सकती है.
रोज़गार के अवसर
एमबीए डिग्रीधारी के लिए भारत तथा विदेशों में
अच्छे अवसर हैं. यदि आपके पास आईआईएम व एक्सएलआरआई जैसे प्रथम श्रेणी के संस्थानों
की डिग्री है तो अवसरों की कमी नहीं है. इनके अलावा आईआईपीएम, आईएमटी
(गाज़ियाबाद) व एमडीआई (गुड़गांव) जैसे कुछ प्रतिष्ठित निजी संस्थान हैं जो अपने
छात्रों को बेहतर वेतनमान वाली नौकरी दिलाते हैं.
प्रबंधन छात्रों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में
जॉब के अवसर हैं. यदि आपने बिक्री एवं विपणन में एमबीए किया है तो आपको आसानी से
किसी बैंक में सेल्स अफसर, मैनेजर अथवा बीमा अधिकारी की जॉब मिल
सकती है. इसी प्रकार, यदि
आपने मानव संसाधन में एमबीए किया है तो आपको किसी रिक्रूटमेंट फर्म में जॉब मिल
सकती है. कई आईटी कम्पनियाँ एमबीए पास-आउट्स को ट्रेनी के रूप में रखती हैं तथा एक
निश्चित समय के पश्चात उन्हें नौकरी पर रख लेती हैं.
वेतनमान
कॉलेज की प्रतिष्ठा एवं प्राप्त अंकों के आधार
पर एक फ्रेश मैनेजमेंट ग्रेजुएट को 1,20,000 वार्षिक से 20
लाख रूपये वार्षिक तक वेतन मिल सकता है. कई विदेशी कम्पनियां आईआईएम, एक्सएलआरआई,
एफएमएस,
आईआईपीएम
पास-आउट्स को 40 लाख वार्षिक तक की नौकरी भी देती हैं.
परन्तु वेतनमान के क्रम में धीरे-धीरे आगे
बढ़ाना ही बेहतर रहता है चूंकि ज़्यादा वेतनमान पाने पर कंपनी को आपसे ज़्यादा
अपेक्षाएं रहती हैं जिनको पूरा न कर पाने पर निराशा ही हाथ लगती है.
मांग एवं आपूर्ति
किसी भी शैक्षणिक पाठ्यक्रम की मांग बाज़ार में
उसकी मांग एवं आपूर्ति के आंकड़ों पर निर्भर करती है. वर्ष 2001
में आर्थिक मंदी की वजह से एमबीए प्रोफेशनल्स की मांग अपने निम्नतम स्तर पर थी
जिसकी वजह से आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों को भी नौकरी के लिए
काफी इंतज़ार करना पढ़ा था.
दूसरी ओर, जब अर्थव्यवस्था कुलांचे भर रही होती
है तब एमबीए कराने वाले संस्थानों को अपनी सीटें तक बढानी पड़ जाती हैं.
हालांकि लगभग सभी प्रकार के उद्योगों एवं
कंपनियों को ऐसे मैनजर तथा सुपरवाइज़रों की सदैव आवश्यकता रहती है जो कि कार्य की
योजना, उसका
क्रियान्वयन एवं उसका निष्पादन करा सकें.
मार्केट वॉच
जॉब मार्केट पर हमेशा नज़र रखनी चाहिए. विभिन्न
जॉब साइट्स पर जाकर आप अपने आपको जॉब मार्केट में हो रहे बदलावों से अवगत करा सकते
हैं.
अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन
कैट अथवा जीमैट पास करके एमबीए करने वाले
छात्रों को विदेशों में आसानी से 15 लाख रूपये वार्षिक से ऊपर की नौकरी
मिल जाती है. उनके जीमैट स्कोर के आधार पर
उन्हें आगे की शिक्षा के लिए विदेशी विश्विद्यालयों में भी प्रवेश मिल जाता है.
बहुराष्ट्रीय कम्पनियां आईआईएम, एक्सएलआरआई,
आईआईपीएम
और एफएमएस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों को लेना पसंद करती हैं चूंकि यहाँ
की पढ़ाई विश्व-स्तर की मानी जाती है. फिर भी टॉप-30 कॉलेजों से
एमबीए करना सुरक्षित रहेगा जो कि आपके पैसे व समय दोनों के निवेश को सार्थक
बनाएगा.
सकारात्मक / नकारात्मक पहलू
सकारात्मक
1. कम्पनियां एमबीए
पेशेवरों को नौकरी पर रखना पसंद करती हैं चूंकि इनमें प्रबंधन व प्रोफेशनल वातावरण
में काम करने की क्षमता होती है.
2. नए व्यवसाय को
शुरू करने के लिए भी एमबीए डिग्रीधारी लोगों की ज़रुरत पड़ती है चूंकि ये नए-नए
बिजनेस मॉडल, टूल्स व रणनीतियों के बारे में जानकारी रखते
हैं जो कि कंपनी के किसी भी कार्य की योजना बनाने, उसकी रणनीति
बनाने एवं उसका निष्पादन करने में सहायक सिद्ध होती हैं.
3. दूसरी परास्नातक
डिग्रियों एवं डिप्लोमा की तुलना में एमबीए डिग्रीधारी को कम्पनियाँ ज्यादा
तनख्वाह देती हैं.
नकारात्मक
1. एमबीए छात्र
शुरूआती दौर में ही बहुत उच्च वेतन की चाह रखते हैं जो कि कम्पनियाँ कभी-कभी पूरी
नहीं कर पातीं हैं. इससे छात्रों को निराशा हाथ लगती है.
2. पिछले कुछ
वर्षों में उच्च फीस पर एमबीए डिग्री कराने वाले बहुत निजी संस्थान लगभग हर
गली-मोहल्ले में खुल गए हैं. ये संस्थान छात्रों को अच्छे पैकेज व अन्य लोक-लुभावन
वादे करते हैं तथा बाद में पूरे नहीं कर पाते हैं.
3. चूंकि आईआईएम,
एक्सएलआरआई
व एफएमएस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में सीटों की संख्या सीमित होती है अतः कई
छात्र इनमें प्रवेश लेने के लिए बार-बार प्रयास करते हैं जिससे छात्रों का अमूल्य
ही समय बर्बाद होता है.
रोज़गार प्राप्त करने के लिए सुझाव
एमबीए का छात्र होने के नाते आपको सभी
व्यावसायिक सिद्धांतों, उनके विश्लेषणों एवं प्रबंधन का पूर्ण ज्ञान
होना चाहिए. इसके लिए आप निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए:
1. आत्मविश्वासी
बनें, चाहे वह आपकी बोलचाल हो या आपका खुद को प्रस्तुत करने का तरीका.
2. अपने नियोक्ता
को समझायें कि आप कम्पनी के लिए उत्कृष्ट कार्य करेंगे. अपने दावे को कॉलेज में
आपके प्रदर्शन व प्राप्त किये हुए पुरुस्कारों से प्रमाणित भी करें.
3. चयन से पूर्व
होने वाले ग्रुप डिस्कशन, टेस्ट व अन्य व्यवहारिक साक्षात्कारों
के लिए स्वयं को पहले से ही तैयार रखें.
4. अपने लिए एक
उचित पैकेज को सदैव दिमाग में रखें ताकि
आप नियोक्ता से उसके ऊपर या नीचे के लिए मोल-भाव कर सकें.
5. अपनी शिक्षा व
योग्यता एवं उनके द्वारा ऑफर किये पैकेज
के बीच तालमेल बैठाने का प्रयास करें ताकि एचआर विभाग आपको कम से कम अगले कुछ
वर्षों के लिए आपको नौकरी पर रखने के लिए तत्पर रहे.
उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए आप अपने
एमबीए परीक्षा तैयारी की तैयारी कर सकते हैं
MBA के
चयन से पहले
आपके किसी दोस्त ने प्रबंधन पाठ्यक्रम (एमबीए)
में प्रवेश लिया और उसको देखकर आप भी उसी फील्ड में जाने का मन बना बैठे। यह
कैरियर के चयन का कोई आधार नहीं है। ऐसे में सफलता निश्चय ही संदिग्ध रहेगी। इसलिए
सोच-समझकर ही इस फील्ड की ओर कदम बढ़ाएं कि आखिर आप क्यों एमबीए करने के इच्छुक
हैं।
क्या आपकी रुचि इस फील्ड में है? इससे
जुड़े विषयों, जैसे फाइनेंस, मार्केटिंग या
एचआर के बारे में आपको कितनी जिज्ञासा है? क्या संबंधित विषयों पर आपकी बेहतर
पकड़ है? ऐसे सवालों पर विचार करें। यदि जवाब सकारात्मक मिले, तभी
इस बारे में विस्तार से कोई योजना बनाएं।
चलिए आपने एमबीए करने का मन बना ही लिया,
तो
अब इसके फॉरमेट के बारे में भी सोच लीजिए। इसकी पढ़ाई कई फॉरमेट में होती है,
जैसे
फुल टाइम, पार्ट टाइम, कॉरेस्पॉन्डेंस कोर्स आदि। इनकी अवधि
भी अलग-अलग होती है, जैसे 1 वर्ष, 2 वर्ष, 3
वर्ष (ग्रेजुएशन), 5 वर्ष (इंटिग्रेटेड)। आप विचार कर लें कि आप
किस फॉरमेट में फिट बैठते हैं। फिर उसी के अनुसार एडमिशन की कोशिश कीजिए।
आपकी शैक्षणिक योग्यता क्या है? क्या
आप 12वीं पास हैं, फ्रेश ग्रेजुएट हैं अथवा जॉब करते हैं?
अपनी
शैक्षणिक योग्यता और जॉब का आकलन करके ही एमबीए से संबंधित पाठ्यक्रमों का चयन
करें।
एमबीए संस्थानों के चयन के पहले अपनी आर्थिक
स्थिति का भी आकलन कर लें। संस्थानों की फीस व अन्य खर्चों के बारे में पहले से
पता लगा लेने से बाद में आर्थिक परेशानी नहीं होती है।
एडमिशन के लिए जबरदस्त तैयारी भी जरूरी है।
आवश्यक हो तो किसी अच्छे कोचिंग संस्थान की मदद भी लें।
किसी दबाव में आकर एमबीए का चयन न करें। अन्य
विकल्पों पर बारीकी से नजर डालें। हो सकता है कि आपको कोई और बेहतर विकल्प मिल
जाए!
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