भगवान
( God )का अस्तित्व है या नहीं इस बात को लेकर
सदियों से बहस चली आ रही है। कुछ लोग जहां इसे महज अंधविश्वास मानते हैं तो वहीं
कुछ लोगों के लिए ये आस्था का सवाल है। आस्था और अंधभक्ति के इस खेल को परखने के
लिए वैज्ञानिकों (Scientist
) ने भी कई दावे
किए हैं।
धर्म
और विज्ञान Science aur
Bhagwan , God exist or not
अक्सर
साइंस और भगवान को लेकर दुनिया भर में चर्चा होती रहती है. कोई विज्ञान को ताकतवर
मानता है तो कोई भगवान को. दो विचारधारा के लोग हैं. जो अलग अलग मानसिकता के होने
के कारण साइंस और भगवान में भेद पैदा करते हैं. ऐसी विचार धारा हर समय में दुनिया में मौजूद रही है. आप
इस तरह के लोगों का कुछ कर नहीं सकते हैं. आप उन्हें कितना भी समझा लें लेकिन वो
नहीं मानते. उनके अनुसार उनकी मानसिकता ही विजयी है. बार बार इस अताढ़ के सवाल उठते
रहे हैं कि क्या वाकई इस ब्रह्मांड में ईश्वर का स्वरूप मौजूद है? क्या वाकई एक ऐसी ताकत है जो इंसानी
जीवन के हर क्षेत्र में दखल रखती है? जिसे
आम भाषा में ईश्वर कहा जाता है, क्या
सच में उसका कोई वज़ूद है?
ये सवाल ही हैं जो साइंस और भगवान के
बीच बड़ी खाई खड़ी करते हैं.
लगभग
हर धर्म में ये अवधारणा मौजूद है कि 'भगवान
या खुदा ने यह पूरा ब्रह्मांड, पूरी
सृष्टि और मानव जाति की रचना की है, और ‘वह’ ही
एक दिन इसे नष्ट भी करेगा। और वह दिन कयामत या प्रलय का दिन होगा।
विज्ञान
आस्था में विश्वास नहीं करता इस बात को हॉकिंग ने भी अपनी किताब के
जरिए साबित कर दिया था। हॉकिंग ने अपनी किताब 'द
ग्रांड डिजाइन' में ईश्वर के अस्तित्व को ही सिरे से
नकार दिया था। हालांकि, इस बात के लिए उन्हें काफी विरोध का
सामना भी करना पड़ा था। हॉकिंग सबसे ज्यादा चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने
भगवान के अस्तित्व को ही नकार दिया था। हॉकिंग ने ब्लैकहोल और बिगबैंग थ्योरी को
समझने में अहम योगदान दिया था। उनका मानना था ब्रम्हांड किसी अलौकिक शक्ति ने नहीं
बनाया बल्कि ये खुद बना था। ये दिया था तर्क...- हॉकिंग का मानना था कि ब्रह्मांड एक अनोखा और अद्भुत डिजाइन है, लेकिन इसका भगवान से कोई लेना देना नहीं
है। वे कहते थे कि साइंस अब 'The Theory of Everything' के करीब आ रहा है। यानी हर चीज का तर्क आपको मिल जाएगा और जब ऐसा होता है तो हम भव्य
डिजाइन को जान जाएंगे। ऐसे में जब स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि भगवान का अस्तित्व
नहीं है और मैं 'नास्तिक' हूं, तो पूरी दुनिया में तहलका मच गया था।
हम
बंदारों की उच्च नस्ल हैं -हॉकिंग ने 2014 में स्पैनिश भाषा के समाचार पत्र एल
मुंडो के पत्रकार पाब्लो जरुगुई को दिए साक्षात्कार में ये बातें कही थीं।
उन्होंने कहा, हम एक बहुत ही औसत तारे के एक छोटे ग्रह पर बसे बंदरों की उन्नत नस्ल
हैं। मगर, हम ब्रह्मांड को समझ सकते हैं। यह बात हमें बहुत खास बना देती है।
- धर्म और विज्ञान के बीच एक बुनियादी
अंतर है। धर्म जहां आस्था और विश्वास पर टिका है, वहीं विज्ञान ऑब्जर्वेशन (अवलोकन) और रीजन (कारण) कारण पर चलता है।
विज्ञान जीत जाएगा क्योंकि यह काम करता है।
हम खुद लिखते हैं भाग्य - हम सभी जो चाहें, उस
पर विश्वास करने के लिए स्वतंत्र हैं। मेरा मानना है कि कोई भगवान नहीं है। किसी
ने भी हमारे ब्रह्मांड नहीं बनाया है और कोई भी हमारे भाग्य को निर्देशन नहीं करता
है ये हम स्वयं करते हैं।
scientist-stephen-hawking-who-never-believe-in-god
stephen-hawking-raisd-questions-on-god-existence-in-his-book-the-grand-design
असल
में धर्म और विज्ञान के रहस्य को समझना बहुत मुश्किल है. ये आसान नहीं है, जिसे यूँ झट से समझ लिया जाए. जी हां, आप सही समझ रहे हैं, ईश्वर के अस्तित्व पर पड़े पर्दे को
उठाने के लिए किए गए अत्याधिक प्रयासों के बाद अब यह प्रमाणित हो गया है कि धरती पर ईश्वर का वजूद
है।आजकल हम बहुत तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भरी बातें करने लगे हैं. कभी
विज्ञान कहता है कि वही सब कुछ है तो कभी वो भगवान के सामने हार मान जाता है.
हाल
ही में स्टीफन हाकिंस का निधन हुआ. बहुत बड़े वैज्ञानिक माने जाते थे और वास्तव में
थे भी. उन्होंने
भी भगवान को मानने से इनकार कर दिया था. उनके अनुसार जो भी चीज़ें हैं वो सिर्फ
विज्ञान की बदौलत ही हैं. यकीन कीजिए ईश्वर से जुड़े इन सवालों को भी वैज्ञानिकों
ने, अपनी वैज्ञानिक तकनीकों की सहायता से
ही सुलझाया है. वैसे कभी-कभी आपको
हैरानी
नहीं होती कि एक ओर तो हम समस्त ब्रह्मांड की रचना का श्रेय ईश्वर को देते हैं और
वहीं दूसरी ओर उसके वजूद पर संदेह भी करते हैं. हालाँकि ऐसे कई नमूने हमें समय समय
पर मिले हैं जब हम ये मानने को तैयार हुए हैं कि ये दोनों के बीच अजीब सा रहस्य है.
साइंस
और भगवान – आप भी इस तरह से किसी बहस में न पड़ें, क्योंकि इन दोनों का रहस्य जानना आपके
बस की बात नहीं है. यकीन कीजिये, क्योंकि
उसी पर दुनिया कायम है.
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