2/16/22

दामाद और ससुराल

शादी (Marriage) एक बेहद पवित्र बंधन है. इस बंधन में दो लोगों का नहीं बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है. शादी के बाद वर पक्ष को बहू के रूप में बेटी, तो वधू पक्ष को दामाद के रूप में एक बेटा मिलता है. ससुराल (Sasural) जाने पर दामाद की खूब खातिरदारी भी होती है. लेकिन कई बार ससुराल जाते समय दामाद (Son in law) कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिनका खामियाजा उन्हें जीवनभर भुगतना पड़ता है.

 

ससुराल जाते वक्त इन बातों का रखें ख्याल

1. अगर आप किसी बात को लेकर तनाव में हैं तो ससुराल जाने का प्लान कैंसिल कर दें. आप ससुराल तभी जाएं, जब आप बिल्कुल टेंशन फ्री हों.

2. कभी भी ससुराल खाली हाथ न जाएं. साथ में फल या मिठाई जरूर लेकर जाएं. ऐसा करने से ससुराल में आपका इंप्रेशन (Impression) अच्छा पड़ेगा.

3. ससुराल पहुंचने पर सास-ससुर के पैर छुएं और तसल्ली से उनके हालचाल पूछें. 

4. कभी भी ससुराल में पत्नी के साथ ही न बात करते रहें. ऐसा करने से ससुराल के लोग आपका मजाक उड़ा सकते हैं. ससुराल में साले-सालियों, घर के बड़े-छोटे सदस्यों, सभी के साथ समय बिताएं. 

5. कभी भी ससुराल में साले-सालियों के साथ गलत मजाक न करें. ऐसा करने से उनकी नजर में आपकी इज्जत कम हो जाएगी. साले-सालियों से हमेशा सम्मानपूर्वक बात करें.

6. ससुराल में किसी के सामने अपनी पत्नी की बुराई करने से बचें. चूंकि अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी पत्नी के साथ आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं.

7. ससुराल वालों के सामने अपने परिवार की बुराई न करें. ऐसा करने से उनकी नजर में आपके परिवार का सम्मान कम होगा.

8. ससुराल में घर के सदस्य की तरह ही व्यवहार करें. सब के साथ बैठकर खाना खाएं और खाने में कमियां न निकालें. 

9. ससुराल में अगर आपसे कोई मजाक करता है तो उसको गंभीरता से न लें और उसको हंसी-मजाक में ही उड़ा दें.

10. ससुराल में शराब, धूम्रपान और किसी नशीली चीज का सेवन न करें.

 

  

सम्मान और समझ से रखें जीजा-साले का अनोखा रिश्ता बरकरार

 

शादी के बाद नए रिश्तों का तानाबना न सिर्फ लड़कियों के जीवन में बुनता है, बल्कि लड़के के लिए भी रिश्ता की नई परिभाषा गढ़ी जाती है। ऐसे ही कुछ कीमती रिश्तों में से एक होता है जीजा-साले का रिश्ता। यह रिश्ता जितना प्रेम से भरा है उतना ही नाजुक भी है। अक्सर अहं का टकराव इस रिश्ते को दीमक की तरह खा जाता है। कई बार इसमें दो पुरुषों की आपसी सोच तो ज्यादातर मामलों में पत्नी और उसके भाई के बीच की बाॅन्डिंग इसका कारण बनती है। मानसिक शांति के लिए या तो रिश्तें खत्म कर दिए जाएं या फिर समझदारी दिखाते हुए उन्हें नए सिरे से पनपने दिया जाए।

 

बहुत बार देखने को मिलता है कि वधु पक्ष अक्सर लड़की के ससुराल में हस्तक्षेप करता है, जिसमें दुल्हन के भाई का दखल जरूरत से ज्यादा होता है। इसकी वजह कई बार आर्थिक तो कई बार नए व्यक्ति पर अविश्वास होता है। साले का यह हस्तक्षेप जीजा के मन में कड़वाहट पैदा करता है।

 

टिप्स जो अच्छा दामाद बनने में कर सकते हैं मदद, ससुराल में मिलेगा खूब प्यार

How to Be A Better Son In Law

हर बेटा मां का लाडला हो सकता है लेकिन हर शादीशुदा लड़का अपनी सासू मां का कितना प्यारा है, ये बड़ा सवाल है। शादी के बाद ससुराल वालों का दिल जीतने की बारी है। वैसे भी कौन-सा लड़का ससुराल वालों का प्यार और सम्मान खोना चाहता है। मगर इसके लिए आपको एक अच्छा दामाद बनना होगा।

 

 

पहली बार ससुराल जाने पर क्या करें?

 

आप शादी के बाद पहली बार ससुराल जाएं तो अच्छी तरह तैयारी के साथ जाएं। वहां पर जाने के बाद सास-ससुर को पूरा समय दें। ऑफिस या अन्य काम को वहां लेकर न जाएं। साथ ही अपनी पत्नी के परिजनों के अलावा अन्य लोगों से मिलने पर भी अच्छी तरह पेश आएं।अपने से बड़ों को रिस्पेक्ट दें और छोटो को प्यार देना न भूलें। अगर आपको अपनी पत्नी से कुछ शिकायत है तो उन बातों को सास-ससुर के साथ शेयर करने से बचें। अपनी पर्सनल प्रॉब्लम को खुद से दूर करने की कोशिश करें।

 

'सुपरमैन' बनने से बचें

 

ससुराल वालों की नजर में अधिकतर लड़के हीरो बनना चाहते हैं जबकि दिल जीतने के लिए 'सुपरमैन' बनने की जरूरत नहीं होती। जो काम आपने पहले कभी नहीं किया है, उसको ससुराल में जबरन करने की कोशिश न करें। साथ ही ससुराल वालों के सामने दिखावा करने से बचें और खुद को 'बिजीमैन' की तरह पेश न करें।

 

नादान न बनें

 

आपकी मासूमियत से सास-ससुर, साली या ससुराल के अन्य लोगों को प्यार हो सकता है,लेकिन शादी के बाद आपकी नादानी को शायद ही कोई नजरअंदाज करे। इससे आपका इंप्रेशन बिगड़ सकता है इसलिए बचकानी हरकतों को ससुराल में करने से बचें। आप अब जिम्मेदार पुरुष बन चुके हैं इसलिए मैच्योरिटी दिखाएं। मैच्योरिटी का मतलब यह नहीं है कि हर वक्त गंभीर बने रहें।

 

रिश्तेदार की तरह न करें व्यवहार

 

रिश्तेदार बनना बुरी बात नहीं है, लेकिन भारतीय समाज में दामाद को रिलेटिव के तौर पर नहीं देखा जाता । भारतीय परिवारों में दामाद को बेटे जैसा ही मानते हैं इसलिए पत्नी के माता-पिता के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप अपने पेरेंट्स के साथ करते हैं। अगर आप रिश्तेदार बनकर केवल आदर-सम्मान कराने में लगे रहेंगे तो ये बात ससुराल वालों को थोड़ी तकलीफ पहुंचा सकती है। अब आप उस परिवार के सदस्य की तरह हैं अपने दिल को भी यह बात समझा दें।

 

सास-ससुर के साथ बाहर घूमने जाना

ससुराल जाने का मतलब यह नहीं है कि आप नई-नवेली बहू की तरह घर में ही रहें। अपनी ससुराल के लोकल मार्केट या वहां की किसी प्रसिद्ध जगह पर जाएं। आपके साथ ससुराल वालों को भी घूमने-फिरने और अच्छा टाइम बिताने का मौका मिल जाएगा।

 

रिश्ते की मर्यादा न भूलें

हर रिश्ते की मर्यादा होती है इस बात को भूले नहीं। आप साली से मर्यादा में रहकर ही मजाक करें। जीजा-साले के बीच होने वाले फूहड़ गाली-गलौज से भी बचें, किसी के पर्सनल मैटर में दखल न दें इत्यादि। आपके रिश्ते का वजूद आप पर निर्भर करता है। अगर आपने रिश्ते की बाउंड्री लांघ दी तो शायद ससुराल वालों की नजर में उठ नहीं पाएंगे।

 

मजाक को दिल पर न लें

 

आपको ससुराल में मजाक करने वाले बहुत मिल जाएंगे। कई बार तो आपके सास-ससुर भी चुटकी ले लेंगे। अगर कोई मजाक कर रहा है तो उस पर अच्छी तरह रिएक्शन दें। उस मजाक को एंजॉय करें न कि उस पर गुस्सा और नाराजगी जाहिर करें।

 

नशा करने से बचें

 

आप अगर शौकिया तौर पर सिगरेट, शराब का सेवन करते हैं तो इसमें कुछ आपत्तिजनक नहीं। लेकिन ससुराल में जाकर अगर आप यही काम करेंगे तो ये बात बहुत लोगों को पसंद नहीं आएगी। आप कुछ दिन के लिए इन सब चीजों को करने से बचें।

 

 

दामाद को लेना होगा पुत्र का स्थान

 

परंपरागत मान्यताओं के कारण दामाद और ससुर के संबंधों में सामंजस्य का अभाव बना रहता है.क्योंकि पुरुष सत्तात्मक समाज होने के कारण महिलाओं को दोयम दर्जा दिया जाता है. यही कारण है जहाँ एक तरफ बेटे का पिता होना गौरव का आभास दिलाता है,तो पुत्री का पिता सदैव उसकी ससुराल वालों के समक्ष झुका रहता है.तथा बेटे के बराबर दामाद के सामने भी झुकने को मजबूर होना पड़ता है,कभी कभी तो अपमानित भी होना पड़ता है.दामाद और उसके पिता वर पक्ष के होने के कारण विजयी मुद्रा में देखे जाते हैं, जबकि बेटी का बाप होना  अपमान का प्रतीक बन जाता है.यही अपमान और निरंकुशता समाज में पुत्र को श्रेष्ठ और पुत्री को बोझ ठहरता है. और महिला वर्ग को समान अधिकार और सम्मान से वंचित करता है.

 

यदि समाज में पुत्री के पिता को पुत्र के पिता के समान भरपूर सम्मान मिले ,दामाद अपने सास ससुर को अपने माता पिता का स्थान दे और परिवार में पुत्र की भांति दामाद को भी समान अधिकार प्राप्त हों जाएँ, तो पुत्र प्राप्ति की इच्छा में भ्रूण हत्या को रोका जा सकेगा ,और परिवार में पुत्र के समान ही पुत्री के आगमन पर जश्न मनाया जायेगा. माता पिता को अपनी दोनों संतान (बेटा या बेटी) से भविष्य में बराबर मान-सम्मान और संरक्षण की सम्भावना होने  पर उसे लड़के या लड़की में भेद भाव करने की  आवश्यकता नहीं रह जायेगी.

 

इस  प्रकार जहाँ बेटी के कर्तव्य अपनी ससुराल वालो के प्रति असीमित हैं,वहीँ बेटे के अपनी ससुराल वालों के प्रति कर्तव्यों की कोई लिस्ट नहीं होती.यदि उपरोक्त मान्यताओं में बदलाव लाया जा सके तो ससुर और दामाद के सम्बन्ध अपने आप मानवीय स्तर के हो सकते हैं.बेटी भी अपने माएके में अपने को उस परिवार की संतान का फर्ज निभा पायेगी ,समाज में पुत्र प्राप्ति की ललक को विराम लग सकेगा,वृद्धो को पुत्र न होने गम नहीं सता पायेगा .

 

 

 

ससुराल से नहीं बन रही तो दामाद अपनाएं ये बैस्ट टिप्स

 

1. उन्हें भी अपना परिवार समझें

 

शादी के बाद जिस तरह लड़के के माता-पिता उसका परिवार बन जाता है। उसी तरह एक लड़के के लिए लड़की का परिवार भी अहमियत रखता है। उन्हें कभी ऐसा फिल न होने दे कि आप उनके परिवार को अहमियत नहीं देते है। उन्हें हमेशा अपने जरूरी काम में शामिल रखें।

 

2. पत्नी को मिलने न रोके

 

कुछ लड़कों का मानना होता है कि शादी के पहले भले ही मेरी पत्नी उनकी बातें मानती थी लेकिन अब मैं ही उसका सबकुछ हूं। मेरी इजाजत के बिना वह अपने मायके वालों न मिलें। ऐसा बिल्कुल न करें क्योंकि सभी पेरेंट्स के लिए अपने बच्चे खास होते है, उनकी एक झलक ही उन्हें खुशी दे देती है।

 

3. दोस्ती का रिश्ता भी निभाएं

 

शादी के बाद लड़का-लड़की को दोस्त के रूप में सास-ससुर मिल जाते है क्योंकि उनके साथ तो टाइम बिताना पड़ता है। ऐसे में अपने सास-ससुर को अच्छे फिल करवाएं। उनके साथ दोस्तों जैसा व्यवहार ऱखें, ताकि वह भी अपने आप को सही से एडजेस्ट कर सकें।

 

4. झगड़ों को आपस में सुलझाएं

 

अगर आपकी अपने ससुर वालों से नहीं बन रही है तो इस बात को अपनी पत्नी से शेयर करें। फिर सास-ससुर वालों के साथ बैठकर बात को अच्छे सुलझा लें कि आपको उनसे क्या दिक्कत है या उनको आप से क्या परेशानी है।

 

5. ससुराल वालों पर शक न करें

 

कुछ लड़कों को लगता है कि ससुर वाले ही उनकी पत्नी को भड़काते है। इसी चक्कर में वह अपने ससुराल वालों से नफरत करने लगता है। जरूरी नहीं कि पत्नी अपने मम्मी-पापा के भड़काने पर ही घर पर ऐसा व्यवहार कर रही है। हो सकता है कि इसमें शायद आपकी ही कोई गलती हो।

 


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