1/10/22

कोरोना वायरस

 वर्तमान समय में पुरे विश्व में अगर कोई बात चर्चा में हैं तो वो है कोरोना जिसे कोविद-१९ का भी नाम दिया गया हैं| पूरी दुनिया में फैलने के कारण कोरोना सिर्फ कोई बीमारी ही नहीं बल्कि कोरोना एक वैश्विक महामारी बन गयी है, जिसका प्रकोप इतना भयंकर रूप ले लेगा हमने कभी नहीं सोचा था |     

 विश्व स्वास्थ्य संगठन (www.who.int) के मुताबिक, कोविड-19 एक नए कोरोनावायरस के कारण होने वाली बीमारी है, जिसे SARS-CoV-2 कहा जाता है। चीन के वुहान में वायरल निमोनियाके मामलों के एक समूह की रिपोर्ट के बाद, डब्ल्यूएचओ को पहली बार 31 दिसंबर 2019 को इस नए वायरस के बारे में पता चला था।

 

कोरोना वायरस क्या है?

कोरोना वायरस को सबसे पहले शोधकर्ताओं ने 1937 में खोजा था। यह ब्रोंकाइटिस का एक प्रकार था और यह रेस्पिरेटरी या श्वसन तंत्र पर अपना प्रभाव डालता है। ये सबसे पहले चिड़ियों और मुर्गियों में पाया गया था । लेकिन 1960 में मानव शरीर में पहली बार कोरोना वायरस के सबूत मिले । विशेष रूप से वे व्यक्ति जिनको हल्का जुकाम या सर्दी हुआ करती थे, उनकी नाकमें साधारण रूप से यह वायरस पाया गया। उस समय इसका असर सिर्फ, सर्दी-जुकाम तक ही सीमित हुआ करता था। फिर समय के साथ-साथ इसने अपने रूपों को बदलना भी शुरू किया । यदि इसके नाम का विश्लेषण किया जाए तो, लैटिन भाषा में, “कोरोनाका अर्थ है क्राउन“, क्योंकि यह दिखने में लगभग एक क्राउन या मुकुट जैसा ही दिखता था। साधारणत: इस वायरस का असर मौसम बदलने के अनुसार, होने वाले सर्दी जुकाम के साथ-साथ हलके बुखार आदि के साथ होता था और इसका कोई निश्चित समय नहीं होता था, यह कभी भी हो सकता था।

 

कोरोना वायरस विश्व में कैसे फैला? Corona virus Spread in World

कोरोना वायरस 1937 से अपने रूप या प्रकार को लगातार बदलता रहता था। चिड़ियों, मुर्गियों के साथ-साथ यह कोरोना वायरस दूसरे जानवरों, चमगादड़ों के साथ मानव शरीर पर भी इसका प्रभाव पाया गया। चूँकि यह एक संपर्क में आने से होने वाली बीमारी है और इसका रूप अब और भी खतरनाक हो चला था, वुहान, चीन से इसके इस खतरनाक रूप की शुरुआत हुई थी। पशु-पक्षियों के अलावा जब से यह मनुष्य शरीर में आया है, और चूँकि मनुष्य सबसे ज़्यादा सबके पास रहता है और अक्सर भीड़ में ही होते हैं, तो इस वायरस का संक्रमण मानव शरीर पर ज़्यादा असर डालता है।

 

 

कोरोना वायरस की शुरुआत का मुख्य स्थान COVID-19 spread from Wuhan

 

इस वायरस की खोज के शुरूआती दिनों में इसको वुहान कोरोना वायरसऔर कभी-कभी वुहान निमोनियाभी कहा जाता रहा है । भौगोलिक आधार पर इसको स्पेनिश फ्लू”, “मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोमऔर ज़ीका वायरसके नाम से भी जाना जाता रहा है। मार्च 2020 में इस वायरस का नाम COVID -19 दिया गया जिसका अर्थ था, “CO for Corona ” “VI for Virus”, “D for disease” aur चूँकि यह 2019 में इसने कहर बरपाना शुरू किया था, इसलिए इसको “COVID-19” नाम दिया गया । कोरोना एक वैश्विक महामारी, के रूप में दिसंबर 2019 में देखा गया था और इसका असर मानव शरीर पर बहुत ही खतरनाक और जानलेवा था। लेकिन शोधकर्ताओं का एक अनुमान है कि वुहान, चीन के एक मांस-मछली बेचने वाले बाज़ार से शुरुआत हुई थी । COVID -19 एक तरह की संपर्क द्वारा फैलने की बीमारी है, जो मुख्य रूप से “Severe acute respiratory syndrome coronavirus 2” (SARS -COV 2 ) द्वारा जीव-जंतुओं में फैलती है।

 

इस वायरस को सबसे पहले वुहान”, चीन में पाया गया था, जिसका प्रकोप इतनी तेज़ी से बढ़ा कि, पूरे विश्व में तहलका मचा दिया। अभी, अप्रैल 2021 तक यह लगभग 20 मिलियन लोगो को विश्व में अपनी चपेट में ले चुका है। चूँकि या पहले सामान्य से सर्दी-जुकाम, बुखार के रूप में लोगो के सामने आया, तो बहुत से लोगो के बचने का एक तरीका यही रहा है , कि सर्दी-जुकाम, बुखार के इलाज़ एकदम शुरू किया जाए।

 

इस बीमारी के लक्षण क्या हैं?

 

    कोरोना के सबसे आम लक्षण बुखार, सूखी खांसी व थकान हैं। अन्य लक्षण जो कम आम हैं और कुछ रोगियों को प्रभावित कर सकते हैं उनमें स्वाद या गंध की हानि, नाक बंद, नेत्रश्लेष्मलाशोथ (जिसे लाल आँखें भी कहा जाता है), गले में खराश, सिरदर्द, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, विभिन्न प्रकार के त्वचा लाल चकत्ते, मतली या उलटी, दस्त या फिर ठंड लगना या चक्कर आना शामिल है। गंभीर रोग के लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, भूख में कमी, भ्रम की स्थिति, सीने में लगातार दर्द या दबाव, उच्च तापमान (38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर) शामिल हैं। अन्य कम आम लक्षण हैं: चिड़चिड़ापन, भ्रम की स्थिति, कम चेतना (कभी-कभी दौरे से जुड़ी), चिंता, अवसाद, नींद संबंधी विकार, अधिक गंभीर और दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल जटिलताएं जैसे स्ट्रोक, मस्तिष्क की सूजन, प्रलाप और तंत्रिका क्षति।

सभी उम्र के लोग जिन्हें सांस लेने में कठिनाई या सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या दबाव, या बोलने या चलने-फिरने में तकलीफ के साथ बुखार और / या खांसी का अनुभव होता है, उन्हें तुरंत चिकित्सा देखभाल लेनी चाहिए। अगर हो सके तो पहले अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता, हॉटलाइन या स्वास्थ्य सुविधा को कॉल करें, ताकि आपको सही क्लिनिक के लिए निर्देशित किया जा सके।

 

कोरोना संक्रमितों को क्या दिक्कतें आती हैं?

    जिन लोगों में लक्षण विकसित होते हैं, उनमें से अधिकांश (लगभग 80%) अस्पताल में उपचार की आवश्यकता के बिना बीमारी से ठीक हो जाते हैं। लगभग 15% गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं और उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और पांच प्रतिशत गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं और उन्हें गहन देखभाल की आवश्यकता होती है। मौत की ओर ले जाने वाली जटिलताओं में श्वसन विफलता, तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम (एआरडीएस), सेप्सिस और सेप्टिक शॉक, थ्रोम्बेम्बोलाइज्म, और / या मल्टीऑर्गन विफलता शामिल हो सकती है, जिसमें हृदय या गुर्दे की चोट शामिल है। दुर्लभ स्थितियों में, संक्रमण के कुछ सप्ताह बाद बच्चे गंभीर सूजन सिंड्रोम विकसित कर सकते हैं।

 

कोरोना से गंभीर बीमारी का सबसे अधिक खतरा किसे है?

    60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों, और उच्च रक्तचाप, हृदय और फेफड़ों की समस्याओं, मधुमेह, मोटापा या कैंसर जैसी अंतर्निहित चिकित्सा समस्याओं वाले लोगों में गंभीर बीमारी विकसित होने का अधिक खतरा होता है। हालांकि, कोई भी व्यक्ति COVID-19 से बीमार हो सकता है और गंभीर रूप से बीमार हो सकता है या किसी भी उम्र में मर सकता है।

 

अगर हम नहीं जानते कि कौन संक्रमित है तो हम दूसरों की और अपनी सुरक्षा कैसे कर सकते हैं?

    कुछ साधारण सावधानियां बरतकर सुरक्षित रहें मसलन शारीरिक दूरी बनाना, मास्क पहनना, विशेष रूप से जब दूरी बनाए नहीं रखी जा सकती, कमरों को अच्छी तरह हवादार रखना, भीड़ और निकट संपर्क से बचना, नियमित रूप से अपने हाथों की सफाई करना, और मुड़ी हुई कोहनी या टिश्यू में खांसना। आप जहां रहते हैं और काम करते हैं वहां स्थानीय सलाह देखें। यह सब करें!

 

अगर आप में कोरोना के लक्षण हो तो क्या करें?

    अगर आपमें कोरोना के संकेत देने वाले कोई लक्षण हैं, तो निर्देशों के लिए अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता या कोविड हॉटलाइन पर कॉल करें और पता करें कि कब और कहाँ परीक्षण करवाना है। दूसरों से 14 दिनों के लिए घर पर रहें और अपने स्वास्थ्य की निगरानी करें। अगर आपको सांस लेने में तकलीफ या सीने में दर्द या दबाव है, तो तुरंत किसी स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा सहायता लें। सही स्वास्थ्य सुविधा के लिए दिशा-निर्देश के लिए अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता या हॉटलाइन को अग्रिम रूप से कॉल करें। अगर आप मलेरिया या डेंगू बुखार वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो बुखार होने पर चिकित्सकीय देखभाल लें। अगर स्थानीय मार्गदर्शन परीक्षण, मूल्यांकन या अलगाव के लिए किसी चिकित्सा केंद्र में जाने की सलाह देता है, तो चिकित्सा देखभाल के दौरान और सुविधा के लिए यात्रा करते समय एक चिकित्सा मास्क पहनें। साथ ही अन्य लोगों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें और अपने हाथों से सतहों को छूने से बचें। यह वयस्कों और बच्चों पर लागू होता है।

 

कोरोना टीका के लिए भारत में कहां और कैसे रजिस्टर कर सकते हैं?

    आप http://www.cowin.gov.in लिंक का उपयोग करके CoWIN पोर्टल में लॉग इन कर सकते हैं और COVID-19 टीकाकरण के लिए पंजीकरण करने के लिए “Register/Sign Inself” टैब पर क्लिक कर सकते हैं। टीका लगवाने के लिए कोविन पोर्टल पर कौन से आईडी प्रूफ लगते हैं?

    आईडी प्रूफ की लिस्ट इस प्रकार है:

    a. Aadhaar Card,    b. Driving License,    c. PAN Card,    d. Passport,    e. Pension Passbook

    f. NPR Smart Card,    g. Voter ID (EPIC),    h. Unique Disability ID (UDID),    i. Ration Card

 

वैक्सीन लगवाने के बाद प्रमाण पत्र की जरूरत क्यों है?

    सरकार द्वारा जारी एक कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट (CVC) लाभार्थी को टीकाकरण, इस्तेमाल किए गए टीके के प्रकार पर एक आश्वासन प्रदान करता है और प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी अगले टीकाकरण के कारण प्रदान करता है। यह लाभार्थी के लिए किसी भी संस्था को साबित करने का एक प्रमाण भी है, जिसे विशेष रूप से यात्रा के मामले में टीकाकरण के प्रमाण की आवश्यकता हो सकती है। टीकाकरण न केवल व्यक्तियों को बीमारी से बचाता है, बल्कि उनके वायरस फैलने के जोखिम को भी कम करता है। इसलिए, भविष्य में कुछ प्रकार की सामाजिक बातचीत और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता हो सकती है। इस संदर्भ में कोविन द्वारा जारी प्रमाण पत्र में प्रमाण पत्र की वास्तविकता की गारंटी के लिए सुरक्षा विशेषताओं का निर्माण किया गया है जिसे कोविन पोर्टल में प्रदान की गई स्वीकृत उपयोगिताओं का उपयोग करके डिजिटल रूप से सत्यापित किया जा सकता है।

 

कोविड वायरस के लक्षणों को जल्दी ठीक करने के लिए खाएं

अगर किसी को कोरोना हो जाता है तो, उसे अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। किसी भी संक्रमण से निपटने और जल्दी ठीक होने में हेल्दी डाइट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कोरोना के मरीज के खाने में जिंक, विटामिन सी और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों के साथ बहुत सारे तरल पदार्थ शामिल हों।

जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ

यह जरूरी है कि आप अपने खाने में कद्दू के बीज, काजू, छोले और मछली जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें क्योंकि इनमें भारी मात्रा में जिंक पाया जाता है। जिंक एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इतना ही नहीं, जिंक में एंटीवायरल गुण भी होते हैं, जो वायरस को बढ़ने या गंभीर संक्रमण का कारण बनने की क्षमता को कम कर सकता है।

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ

विटामिन सी से भरपूर खाने की चीजों को इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए जाना जाता है। इसे एस्कॉर्बिक एसिड के रूप में भी जाना जाता है, यह एक पानी में घुलनशील विटामिन है, जो एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है और इम्यून पावर को बढ़ाता है। इसके लिए आपको खट्टे फल, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, अमरूद, कीवीफ्रूट, ब्रोकोली, स्ट्रॉबेरी और पपीता जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए।

विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ

एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में विटामिन डी को शामिल करने से बेहतर परिणाम हो सकते हैं। इसका मतलब यह है कि विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा होने से रोगी का जल्दी सही होने में मदद मिल सकती है। इसलिए कोरोना के मरीजों की डाइट में मशरूम, अंडे की जर्दी, दही और दूध जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाना चाहिए। इसके अलावा रोजाना एक घंटे धूप में बैठना भी जरूरी है।

प्रोटीन वाली चीजें

प्रोटीन शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। यह मसल्स बनाने और डैमेज सेल्स को रिपेयर करने का काम करता है। इसके अलावा यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता देता है। प्रोटीन कोरोना के कारण डैमेज हुई सेल्स को ठीक करने में मदद करता है। जो लोग कोरोना से पीड़ित हैं या ठीक हुए हैं, उन्हें बीज और नट्स, दाल, डेयरी उत्पाद, चिकन, अंडा और मछली जैसे खाद्य पदार्थ खाने चाहिए।

नैचुरल एंटीवायरल फूड्स

कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनमें एंटीवायरल गुण होते हैं। इनका सेवन सर्दी और खांसी को दूर करने के लिए सर्दियों में अधिक किया जाता है। इनमें तुलसी, अदरक, काली मिर्च, लौंग और लहसुन जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं। इनका सेवन खाली पेट या काढ़े के रूप में किया जा सकता है।

तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें

कोरोना मरीज की ऊर्जा और शक्ति को छीन लेता है। शरीर को शक्ति देने के लिए मिनरल्स और विटामिन्स बहुत जरूरी हैं। तरल पदार्थ शरीर में मिनरल्स और विटामिनों की पूर्ति करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। आपको नारियल पानी, आंवला का रस, लस्सी, छास, ताजा संतरे का रस और पानी का अधिक सेवन करना चाहिए।

 

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

 

टीकाकरण और सावधानियों दोनों की जरूरत

लंदन स्थित स्कूल ऑफ हायजेनिक एंड ट्रॉपिकल मेडिसीन में प्रोफेसर मार्टिन मैकी ने कहा है कि अभी लंबे समय तक लोगों को मास्क पहनने की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस से संघर्ष में टीकाकरण और सावधानियों दोनों की जरूरत बनी रहेगी। इस संस्था में संक्रामक रोग और महामारी विषय के प्रोफेसर डेविड हिमैन ने चेतावनी दी है कि किसी अधिक खतरनाक वैरिएंट के सामने आने का खतरा लगातार बना रहेगा। उन्होंने सलाह दी है कि लोगों को खुद अपने लिए मौजूद खतरे का जायजा लेना चाहिए। उन्हें ऐसी जगहों या लोगों के पास जाने से बचना चाहिए, जहां संक्रमण लग सकता हो। तभी लॉकडाउन से बचा जा सकेगा।

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