8/2/15

स्वस्थ रहने के आसान उपाय

स्वस्थ रहने के 5 आसान उपाय

व्यायाम : आप योगासन या हल्की-फुल्की कसरत करें और इस बता को अच्छी तरह से तय कर लें कि किसी भी कीमत में पेट और कमर की चर्बी न बढ़ने पाएं। आर्काइव्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित शोध के परिणाम कहते हैं कि लंबी उम्र के लिए हमारे जीन सिर्फ 30 प्रतिशत तक जिम्मेदार होते हैं बाकी का काम तो जीवन शैली करती है।

पौष्टिक भोजन : कहते हैं कि खान-पान में मात्रा जानने वाले, संभोग में नियम पालने वाले और अन्य बातों और इंद्रियों में संयम और सम्यकता समझने वाले को जब आंधी आती है तो सिर्फ छूकर चली जाती है, इससे विपरीत उक्त बातों का पालन न करने वाले को जड़ सहित उखाड़कर फेंक देती है। अच्छा भोजन चयन करना जरूरी है। ज्यादा मिर्च और तेल का भोजन नहीं करना चाहिए। सम्यक आहार लेला चाहिए अर्थात न ज्यादा और न कम। भोजन करते वक्त जितनी भूख है उससे दो रोटी कम खाएं। भोजन में सलाद का ज्यादा प्रयोग करें। भोजन बैठकर (पालथी मारकर) ही करें। भोजन करते वक्त मन प्रसन्नचित्त रखें। ऐसा भोजन न करें, जिससे दांतों और आंतों को अतिरिक्त श्रम करना पड़े। भोजन करने के एक घंटे बाद ही पानी पीएं। यह भी ध्यान रखें क‍ि थाली में हाथ न धोएं। रात्रि का भोजन बहुत कम ही करें।

स्वस्थ मस्तिष्क : चिंता, दुख: या दिमागी बहस हमारी श्वासों की गति को अनियंत्रित करते हैं, जिससे खून की गति भी असंतुलित हो जाती है। इसका सीधा असर हृदय, फेफड़े और पेट पर होता है और यह गंभीर रोग का कारण भी बन सकता है। मानसिक द्वंद्व या दुख हामारी उम्र घटाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सुख-दुख से परे मन और मस्तिष्क को शांत और प्रसन्न चित्त रखने के लिए आप सुबह और शाम को 10 मिनट का ध्यान करें। ध्यान करना जरूरी है। ध्‍यान से मस्तिष्क और मन को अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है और इसके नियमित अभ्यास से किसी भी प्रकार की समस्या और दुख से व्यक्ति मुक्त हो जाता है।

अच्छी नींद : नींद एक डॉक्टर है और दवा भी। आपकी नींद कैसी होगी, यह निर्भर करता है इस पर कि  आप दिनभर किस तरह से जीएं। जरूरी है कार्य, विचार, आहार और व्यवहार पर गंभीर मंथन करना। यदि यह संतुलित और सम्यक रहेगा तो भरपूर ‍नींद से स्वास्थ्‍य में लाभ मिलेगा। यह भी ध्यान रखें कि ज्यादा या कम नींद से सेहत और मन पर विपरीत असर पड़ता है। अच्छे स्वप्नों के लिए अच्छी दिनचर्या को मैनेज करें। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

जल-वायु : धरती की जलवायु अच्छी होगी तो धरती पर सेहतमंद होगी उसी तरह हमारे शरीर के भीतर की जल वायु का शुद्ध और तरोताजा होना जरूरी है। प्रदूषित जल और वायु से जहां भोजन खराब होता है वहीं इससे गंभीर रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। पानी पीएं छानकर। ध्यान रहे पानी हलका और मीठा पीएं। जब प्यास लगे तब पानी पीएं। पानी बैठकर ही पीएं। पानी गिलास से पीएं या फिर हाथों की अंजुली बनाकर ही पीएं। ऊपर से मुंह में पानी डालकर पीने के अपने नुकसान हैं। जिस पात्र में पानी भरा जाता है व पात्र ईशान कोण में रखा हो, उसके आसपास की जगह साफ हो। भोजन कुछ दिन न मिले तो जीवन चल जाएगा। पानी कुछ घंटे न मिले तो भी चल जाएगा, लेकिन हवा हमें हर पल चाहिए। हलके प्रेशर से सांस बाहर फेंक दें, फिर पूरी गहराई से सांस भीतर खींचें, भ्रस्त्रिका और कपालभाति के इस हिस्से को जब भी समय मिले करते रहें। छींक आए तो पूरी ताकत से छींकें।


स्वस्थ रहने के 13 आसान तरीके

हमारे आसपास हवा और पानी में कई तरह की बीमारियां मौजूद होती हैं, जिन पर हम ध्यान नहीं देते. लेकिन खुद को इनसे दूर रखने के लिए कुछ बातें अपनाना बेहद जरूरी है...

कार, रिक्शा, कुर्सी हो या दरवाजे का हैंडल, कब उन पर किस तरह के संक्रमण मौजूद हैं हमें पता नहीं चलता. ये हमें गंभीर रूप से बीमार कर सकते हैं. इन्हें छूने के बाद साबुन से हाथ धोना हमें इनसे बचा सकता है.
आजकल लगभग हर काम के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है. काम खत्म करने के बाद हाथों को सफाई से धोना या फिर सैनिटाइजर से साफ करना अच्छा होता है. कहीं बाहर से घर आने पर भी हाथ मुंह सफाई से धोना चाहिए.

रसोई में भी कई भयानक बीमारियों वाले जीवाणु हमारे मुंह में जा सकते हैं. कटिंग बोर्ड पर मांस या कोई भी सब्जी काटने के बाद इसे धोना जरूरी है. इस्तेमाल से पहले चेक कर लें कि आप धुला हुआ बोर्ड ही इस्तेमाल कर रहे हैं.

नहाने की जगह भी कई बीमारियों को न्यौता देती है. स्नानगृह का गीला होना खतरे पैदा कर सकता है. जितना हो सके इसे साफ और सुखाकर रखना चाहिए.

आपके घर में इस्तेमाल होने वाले तरह तरह के ब्रश भी कई बीमारियों का घर हो सकते हैं. इस्तेमाल के बाद इन्हें धो कर रखना चाहिए. अगर मुमकिन हो तो ब्रश को हर महीने बदलना चाहिए.

टूथब्रश इस्तेमाल करने के बाद इसमें कई जीवाणु छूट सकते हैं. जरूरी है कि इस्तेमाल के बाद इसे हमेशा सफाई से धोकर रखा जाए. और गर्म पानी से धोना सबसे अच्छा है.

पौधों के लिए पानी जरूरी है ये सही है लेकिन गमलों में जमा पानी बीमारियों की वजह बन जाता है. ज्यादा पानी भरा रहने से मच्छर और अन्य कीड़ों के पानी में रहने की आशंका बढ़ जाती है. ये कीड़े आपको बीमार कर सकते हैं.

कभी भी इंजेक्शन लगवाएं तो इस बात का खास ख्याल रखें कि सूई हमेशा नई हो. किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इस्तेमाल की जा चुकी सूई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है.

बस, ट्रेन या मीटिंग में किसी बीमार व्यक्ति से आपको भी जुकाम और अन्य हवा से फैलने वाली बीमारियां लग सकती हैं. इनसे दूर रहें. खासकर वे जो शारीरिक रूप से कमजोर हैं क्योंकि ऐसे में बीमारी ज्यादा आसानी से आक्रमण करती है.

पानी पीने से पहले यह पता करना जरूरी है कि वह पानी साफ है या नहीं. कई बीमारियों को फैलाने वाले सूक्ष्म जीव पानी में रहते हैं. अगर शक हो तो केवल मिनरल वॉटर ही लें.

बच्चों को बहुत बचपन में ही संक्रमण के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए. उन्हें यह समझाना बहुत जरूरी है कि गंदगी उन्हें बीमार कर सकती है. खासकर शरीर की साफ सफाई की जानकारी अच्छे से दी जानी चाहिए.

सड़क पर ठेलों पर बिकने वाला चटपटा खाना किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन यह बीमारियों की जड़ हो सकता है. जितना हो सके इससे बचना चाहिए. फल और सलाद को खाने से पहले बहुत देर तक खुला नहीं रखना चाहिए. इन्हें काटते ही खा लेना चाहिए.

कई बार छुट्टियों से लौट कर हम बीमार हो जाते हैं. यात्रा के दौरान हम खानपान और सफाई का ज्यादा ख्याल नहीं रखते. यह ठीक नहीं. इस दौरान सेहत का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए.

2 comments:

  1. Thank you very much Mr. Chandan for this wonderful post. http://ignitingbrains.com

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  2. Hello bloggers..


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    धन्यवाद

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