रहें हमेशा चिंतारहित
जल्दी से जल्दी पद, पैसा और प्रतिष्ठा पाने की अंधी
दौड़ में आधुनिक मनुष्य कई अनचाही टेंशनों की भूल - भुलैया में घिरता जा रहा है. जिसे
पाने के लिये वह अपने मन का सुकून और तन का स्वास्थ्य गंवा बैठता है, उसे पाकर भी वह
उसका सुख नहीं उठा पाता. क्योंकि किसी भी प्रकार का सुख भोगने के लिये इंसान का चिंतारहित
यानी कि टेंशन फ्री होना बेहद जरूरी है. ज़िन्दगी मे तनाव आनी ही आनी है, कभी ये कुछ
घंटों के लिए आती है तो कभी ये महीनो तक हमारे पीछे लगी रहती है. अगर आप ध्यान दें
तो अक्सर हमारी जिंदगी में जो तनाव आती है उसकी शुरुआत छोटी होती है, लेकिन हम खुद
ही उसे अपनी नकारात्मक विचारों से फीड करते जाते हैं और धीरे -. धीरे वो बड़ा रूप लेने
लगती है हमें इस बात को स्वीकार करना होगा की हमारी टेंशन का मुख्य कारण बाहरी नहीं
आंतरिक होता है, और उसे नियंत्रण करना सिर्फ और सिर्फ हमारे हाथ में है, और यकीन जानिये
हम अपने थोड़े से प्रयास से बहुत हद्द तक तनाव मुक्त हो सकते हैं. और ऐसा करने के लिए
सबसे पहला कदम यही है कि हम तनाव को पालने की बजाये उसे टालने का प्रयास करें.
अपने टेंशन का कारण किसी
करीबी से शेयर करें:
किसी ऐसे
से जो आपके साथ सहानुभूति कर सके, मैंने अपना चिंता अपनी पत्नी से साझा किया, या ये
कहें कि वो खुद ही ये समझ गयीं, आप भी अपने जीवन साथी, माता पिता या किसी दोस्त से
अपनी बात कह सकते हैं. बस इतना ध्यान रखिये की वह व्यक्ति की कोशिश की और परीक्षण किया
गया हो, जिसपर आप आँख मूँद कर भरोसा कर सकते हों. जब आप ऐसा करेंगे तो आपका मन हल्का
होगा और चूँकि सामने वाला आपके लिए उतना ही चिंतित है तो वो भी आपको तनाव से छुटकारा
करने में कुछ मदद कर सकता है, और आप मानसिक रुप से बेहतर महसूस करेंगे की अब आप अकेले
नहीं है, कोई है जो आपकी समस्या को समझता है.
खुद को बदलें
दूसरों में
बदलाव की सोच रखने वाला व्यक्ति हमेशा परेशान रहता है. सच यह है कि आप दूसरों को अपने
अनुसार ढाल नहीं सकते और न ही उन्हें बदल सकते हैं. ऐसे में दूसरों में बदलाव की कोशिश
छोड़कर खुद में बदलाव लाएं. इस बात को स्वीकार करें कि हर चीज आपके नियंत्रण में नहीं
है. इससे तनाव पैदा करने वाले हॉरमोन 'कॉटिर्सोल' को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
साथ ही आप अपनी समस्याओं को बेहतर तरीके से निबटा सकेंगे.
ऐसे लोगों
से बात करें जिससे बात करने में खुशी मिलती हो
हमारी
जिंदगी में कई लोग होते हैं जिनसे हमारे बहुत अच्छे रिश्ते होते हैं ओर हम उन्हें बहुत
मानते हैं. लेकिन मैं जिन लोगो से बात करने की बात कर रह हूँ वो भले आपके पसंदीदा सूची
मे आते हों या नही पर आपको उनसे बात करने मे मजा आता हो, जिनके साथ आप खिलखिला कर हँस
सकते हों. ज़ब आप हँसते हैं तो आपकी शरीर हार्मोन तनाव को कम करने कर देती है जिससे
तनाव कम हो जाती है.
खुश रहने के बारे में पढ़ें:
आप
इंटरनेट पे खोज कर के ऐसे कई लेख पढ़ सकते हैं जो आपको खुश रहने के बारे अच्छी जानकारी
दे सकते हैं. मनोविज्ञान आज पर कुछ लेख पढ़े. इसके अलावा आप आध्यात्मिक लेख, उद्धरण
भी पढ़ कर अपनी तनाव कम कर सकते हैं. ओर अगर इंटरनेट आसानी से सुलभ नही है तो आप ऐसी
कुछ पत्रिकाएं पढ़ सकते हैं, या इंटरनेट से प्रिंट लेकर अपने पास रख सकते हैं. दरअसल,
पढ़ना हमारी विचारों को परिवर्तन करता है ओर ... सारा खेल इन्हीं विचारों का ही तो
है!
ये समझें की आप जितना तनाव में होंगे
आपकी जिंदगी में उतनी ही कठिनाइयाँ आयेंगी:
जैसा
की मैं पहले भी बता चुका आकर्षण का हूँ कानून हर जगह काम करता है इसलिए हम जितना अधिक
दुखी रहते हैं, दुख के बारे मे सोचते हैं उतना अधिक ये हमारी वास्तविकता मे दिखाई देता
है. मुझे ये अच्छे से पता था, मैं जीवन में ओर तनाव नही चाहता था इसलिए ... मैं जानबूझकर
अपनी विचारों को विपरीत दिशा मे ले जाने की कोशिश कर रहा था ओर जल्द ही इसका फायदा
भी मुझे मिल गाय.
भगवान से अकेले मे बात करें:
अगर
आप नास्तिक हैं तो बात अलग है, पर अगर आप भगवान को मानते हैं तो उनसे अकेले में बात
करें. आप किसी शान्त जगह चले जाएँ ओर ... भागवान ने आपको जो कुछ दिया है उसके लिए धन्यवाद
करें. आप इस बात को समझें कि दुनिया मे करोड़ो लोग हैं जो आपसे कहीं बदतर स्थिति मे
हैं पर ईश्वर की कृपा से आपकी स्थिति उनसे बहुत अच्छी है ओर ... उससे भी बड़ी बात कि
भागवान ने आपको वो सब कुछ दिया है जिससे आप अपनी जिंदगी ओर भी अच्छी बना सकते हैं
बेहतर संबंध कारगर
आपने शायद
हिंदी फिल्मों का यह मशहूर गीत जरूर सुना हो- 'साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा,
मिलकर बोझ उठाना।' यह गीत हम अपनी जिंदगी में भी लागू करें, तो तनाव से मुक्ति मिल
सकती है। हम अपने दोस्तों की मदद करें, तो वे भी हमारा साथ देंगे। इससे तनाव कुछ न
कुछ जरूर कम होगा।
बात छोड़ें
प्रतियोगिता
हमेशा फायदेमंद रहती है, पर इसमें हर समय आप सौ फीसदी परिणाम नहीं दे सकते। अगर सिर्फ
100 फीसदी चाहेंगे, तो तनाव होना लाजमी है। आपकी कोशिश यह होनी चाहिए कि आप अपना बेस्ट
दें। बाकी सब ऊपर वाले पर छोड़ दें। इसके लिए भगवत गीता में कही गई बातों को आधार बना
सकते हैं कि कर्म करो और फल की चिंता मत करो।
दिमागी तनाव
जड़ से नष्ट करें
मन उदास-अशांत
हो...तुरंत करें ये 5काम...
1. खुल कर करें मेल-मिलाप
अक्सर देखने
में आता है कि व्यक्ति काम की अधिकता और व्यस्तता के कारण परिवार और मित्रों के साथ
केलिये भी वक्त नहीं निकाल पाता।होना यह चाहिये कि प्रतिदिन, चाहे आधा घंटा ही सही
पर अपने प्रियजनों के लिये वक्त अवश्य निकालनाचाहिये। अपनों के साथ अपने सुख-दु:ख बांटने
से तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
2. संगीत में स्नान
संगीत को
सिर्फ मनोरंजन मानना बहुत बड़ी भूल है। संगीत सिर्फ कला ही नहीं वह ध्यान, चिकित्सा
पद्धति औरआध्यात्मिक साधना सब कुछ एक साथ है। प्रतिदिन 20 से 30 मिनट तक कोई अच्चा
संगीत अवश्य सुने।संगीत ऐसा हो जो आपके दिमाग से विचारों की उथल-पुथल को शांत करके
आपको गहरे मौन और ध्यान कीगहराइयों में पहुंचा सके।
3. आसन और व्यायाम
सामान्य व्यायाम
में उठक-बैठक, घूमना, दौडऩा, रस्सी कूदना, दंड लगाना...आदि आते हैं, जबकि आसनों केद्वारा
शरीर के सूक्ष्म और अंदरुनी अंगों का व्यायाम होता है। दोनों ही बेहद जरूरी हैं। आसन-व्यायाम
को अपनेडेली रुटीन में शामिल किये बगैर आपकी पूर्ण स्वास्थय की इच्छा कभी भी पूरी नहीं
हो पाएगी।
4. फिल्म देखना/ पुस्तक पढऩा
सकारात्मक
विषयों पर बनी फीचर फिल्मों को देखकर स्वस्थ मनोरंजन करना भी तनाव को घटाने का अच्छाविकल्प
है। इसके अतिरिक्क किसी अच्छी पुस्तक को पढऩा भी दिमाग के लिये पाष्टिक खुराक का काम
करताहै।
5. मेडिटेशन
अगर कहा जाए
कि संसार की अधिकांश समस्याओं को सिर्फ ध्यान के बल पर ठीक किया जा सकता है तो इसमेंकोई
भी अतिशयोक्ति नहीं है। नियमित ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति में इंसानियत और मानवीयता
के सद्गुणोंका जन्म होता है। ध्यान से मानसिक तनाव को दूर करना सबसे अधिक कारगर और
अचूक उपाय है।
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