हमारी शिक्षा प्रणाली में 12वीं मील का पत्थर माना जाता है।
10+2: कंपटीशन की खुली आजमाइश
आज वह दौर नहीं है जिसमें छात्र पहले स्कूल, फिर कॉलेज की लंबी शक्षिक प्रक्रिया से गुजर कॅरियर के बारे में सोचा करते थे। इन दिनों तो इंजीनियरिंग से लेकर मेडिकल, डिफेंस, जर्नलिज्म जैेसे तमाम क्षेत्रों में 10+2 के बाद अवसर ही अवसर हैं। आज इन कोर्सो के जरिए सही मायने में योग्यकमिर्यों की खेप तैयार की जा रही है जिन्हें पूरा करने के बाद बेहतरीन सैलरी पैकेज, सफल व्यवासायिक जिंदगी उम्मीदवारों का स्वागत करती नजर आएगी। लेकिन बडा सवाल है?इनकी प्रवेश परीक्षाएं। इस बारे में विशेषज्ञ व आंकडे कहते हैं कि यदि स्टूडेंट्स, तैयारी के दौरान उपयुक्त मनोयोग दर्शाते हैं तो आसान हो सकता है आने वाला कल।
इंजीनियरिंग
10+2 (पीसीएम ग्रुप) से उत्तीर्ण छात्रों के लिए इंजीनियरिंग आज भी पसंदीदा च्वाइस है। यहां राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर इंजीनियरिंग परीक्षाओं का आयोजन होता है। इनमें क्वालीफाइड उम्मीदवारों को उनकी मेरिट के बरक्स इंजीनियरिंग कॉलेज आवंटित होते हैं। यदि आप 12वीं मैथ्स ग्रुप के साथ टेक्निकल माइंड हैं तो इंजीनिरिंग से बेहतर कुछ नहीं। जोरदार रोजगार संभावनाओं के चलते युवाओं के पास इस क्षेत्र में खूब मौके हैं। यदि आप 12वीं पीसीएम ग्रुप से हैं तो कॉमन इंजीनियरिंग टेस्ट(सीईटी) आपके सपने सच कर सकता है। यहां हम इंजीनियरिंग में भी कई ऐसे रास्ते दे रहे हैं जो 10+2 के बाद आपके अरमानों को परवाज दे सकते हैं।
-टेक्सटाइल इंजीनियरिंग
12वीं बाद टेक्सटाइल इंजीनियरिंग,युवाओं के लिए बेहतर राहों का दूसरा नाम है। वे छात्र जिनके पास बीई-टेक्सटाइल, बीटेक -टेक्सटाइल इंजीनियरिंग तथा एमई, एम-टेक जैसी डिग्रियां हैं या डिप्लेामा कोर्स हैं, उनके पास इस क्षेत्र में अवसरों की कमी नही है।
-कंप्यूटर इंजीनियरिंग
पिछले कुछ सालों में भारत कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियरिंग व सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का गढ बनकर उभरा है। यदि आप 12वीं सांइस स्ट्रीम से हैं तो कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बीटेक, बीई, एमई, एमटेक जैसे कोर्स करके पैर जमा सकते हैं।
-न्यूक्लियर इंजीनियरिंग
ऊर्जा के परंपरागत श्चोतों पर बढते बोझ को देखते हुए न्यूक्लियर एनर्जी को भविष्य के ऊर्जा श्चोत के तौर पर देखा जा रहा है। कम प्रदूषण व ऊर्जा उत्पादन की असीम क्षमताओं के चलते न्यूक्-ि लयर इंजीनियरिंग में कॅरियर स्कोप बढा है।
-स्पेस इंजीनियरिंग
कृषि, विज्ञान, मेडिकल, जलवायु, डिफेंस सेक्टर के विकास में स्पेस इंजीनियरिंग अप्रत्यक्ष रूप से ही सही लेकिन बडी भूमिका निभाती है। ऐसे में स्पेस इंडस्ट्री 12वीं बाद छात्रों के लिए उम्दा विकल्प बन चुकी है। पीसीएम ग्रुप के स्टूडेंट्स के लिए डीआरडीओ, एचएएल, एनएएल (नेशनल एयरोनॉटिकल लैब), इसरो जैसे संस्थान पूरा मौका देते है।
- आईटी
इन दिनों साइंस स्ट्रीम के छात्रों के लिए आईटी मुख्य पसंद है। देश के साथ विदेशों में बढती आईटी प्रोफेशनल की मांग के कारण इस क्षेत्र में अच्छी कॅरियर संभावनाएं हैं। आप चाहें तो 12वीं बाद बीसीए, एमसीए कर इस क्षेत्र की ग्रोथ में साझीदार बन सकते हैं।
- नैनो
नैनो टेक्नोलॉजी में इन दिनों शोध व विकास का दायरा विस्तृत हुआ है। मेडिकल, फार्मास्ट्युकिल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैग्नेटिक्स, केमिकल, एडंवास मैटेरियल प्रोडक्शन जैसे क्षेत्रों में नैनो की मदद से आप भी 12वीं बाद कॅरियर का झंडा बुलंद कर सकते हैं।
मेडिकल में
पीडा झेलती मानवता को सुकून देने की इच्छा रखने वालों के लिए यह फील्ड खास है। 10+2 के बाद यहां आप बहुत कुछ कर सकते हैं। इस क्षेत्र में खुद को स्थापित करने के लिए इंटीग्रेटेड नेशनल इलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट यानि नीट सबसे बडा नाम है। इसके जरिए आप एमबीबीएस व बीडीएस डॉक्टर बनने का ख्वाब पूरा कर सकते हैं।
डिफेंस में
12वीं बाद डिफेंस में कॅरियर बनाने वालों की कमी नहीं है, बस जरूरत है अपेक्षित योग्यता व बेशुमार जुनून की। साल में दो बार आयोजित होने वाली एनडीए परीक्षा इस लाइन में आपका सबसे बडा लक्ष्य होना चाहिए। एनडीए में सफल हो आप तीनों ही सेनाओं में बतौर ऑफीसर काम कर सक ते हैं। एनडीए के अलावा नेवी, एयरफोर्स, कोस्ट गार्ड्स में भी टेक्निकल व नॉन टेक्निकल कैटागिरी में 12वी उत्तीर्ण कैंडीडेट्स को मौके मिलते हैं।
क्लैट
क्लैट यानि कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट कम उम्र में वकील बनने का पूरा मौका देता है। क्लैट के जरिए आप 12वीं बाद ही एलएलबी करने के योग्य हो जाते हैं। इस टेस्ट का उपयोग देश के 14 नेशनल लॉ स्कूल / यूनिवर्सिटीज अपने अंडर ग्रेजुएट व पीजी प्रोग्राम के लिए करते हैं।
नेशनल एप्टीट्यूट टेस्ट इन आर्किटेक्चर
12वीं पीसीएम ग्रुप के रचनात्मक अभिरुचि रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए नेशनल एप्टीट्यट टेस्ट इन आर्किटेक्चर नई शुरुआत का अवसर देता है। इस कोर्स के जरिए आपको सरकारी व निजी संस्थानों में बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर कोर्स में दाखिला मिल सकता है। ?
एकेडमिक कोर्स: आज भी हैं पंसद
कॅरियर के सफर में 12वीं एक बडा मुकाम माना जाता है। यह एक ऐसा मुकाम है जहां से आपके भावी कॅरियर के रण की शुरुआत होती है। यदि आप भी इसके लिए कमर कस रहे हैं तो यहां दिए जा रहे एकेडमिक शिक्षा के चुनिंदा गढों के बारे में जरूर जानें, जहां से मिल सकता है आपके कॅरियर संग्राम को मुकम्मल आगाज..
आज युवाओं में 12वीं बाद प्रोफेशनल कोर्सो का जादू सिर चढकर बोल रहा है। लेकिन इसका मतलब यह?नहीं है कि परंपरागत स्नातक /परास्नातक शिक्षा के केंद्र डिग्री कॉलेज की कोई पूछ नहीं रही। सच तो यह है कि प्रोफेशनल कोर्सो से मिल रही चुनौती के मद्देनजर इन्होंने अपना रंग-ढंग तेजी से बदला है। और आज स्थित यह है कि विश्वस्तरीय फैकेल्टी, शानदार स्टडी एनवॉयरमेंट, एक से बढकर एक संसाधनों से लैस इन संस्थानों में दाखिला ज्यादातर छात्रों के ख्वाबों की फेरहिस्त में होता है। हम यहां देश के ऐसे ही प्रमुख कॉलेजों के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिनकेबीए, बीएससी, बीकॉम जैसे कोर्सो की रंगत आज चारों ओर बिखर रही है। अगर आप अच्छे कॉलेजों में पढना चाहते हैं तो आपके लिए जरूरी है कि आप कॉलेजों के बारे में सभी तरह की जानकारी प्राप्त कर लें।
1 श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स
दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंतर्गत एसआरसीसी यानि श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स?की साख देश में ही नहीं पूरी दुनिया में है। एसआरसीसी में दाखिले का अर्थ है सबसे अलग।
स्थापना वर्ष-1926
प्रमुख कोर्स-कॉमर्स व इकोनॉमिक्स, एमबीए
2 सेंट जेवियर कॉलेज, कोलकाता
कलकत्ता यूनिवर्सिटी से संबद्ध इस कॉलेज के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में दाखिला अपने आपमें प्रतिष्ठा का विषय होता है। इंडिया टुडे व नेल्सन के पिछले कई सर्वे में यह कॉलेज टॉप 10 की पोजीशन पर बरकरार है।
प्रमुख कोर्स- बीकॉम, बीएससी
स्थापना वर्ष-1860
3 हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली
हंसराज कॉलेज की गिनती दिल्ली यूनिवर्सिटी के सबसे बडे कॉलेजो में होती है। यह कॉलेज डीयू के नॉर्थ कैंपस में आता है।
स्थापना वर्ष-1948
प्रमुख कोर्स-सांइस, आर्ट्स, कॉमर्स
4 हिंदू कॉलेज, नई दिल्ली
डीयू के अंतर्गत आने वाला हिंदू कॉलेज देश के सबसे पुराने व सम्मानित शक्षिक संस्थानों में शामिल है।
स्थापना-1899
प्रमुख कोर्स-सांइस, कॉमर्स, ह्यूमेनटीज
5 लोयोला कॉलेज, चेन्नई
मद्रास यूनिवर्सिटी के अंतर्गत लोयोला कॉलेज बेहतरीन डिग्री कोर्स संचालित करता है। इसी के चलते देश ही नहीं विदेशों से भी छात्र इसका रुख करते हैं।
स्थापना-1925
प्रमुख कोर्स- कॉमर्स, ऑर्ट्स, नेचुरल सांइस, सोशल सांइस, लिबरल सांइस
6 सेंट स्टीफेंस कॉलेज, नई दिल्ली
आज की तारीख में आपको सेंट स्टीफे ंस से पास आउट ऐसे कई स्टूडेंट्स मिल जाएंगे जो अपने क्षेत्र में सेलीब्रेटी का दर्जा रखते हैं। अपने साइंस कोर्सो के लिए प्रख्यात यह कॉलेज डीयूनॉर्थ कैंपस में आता है। अगर आप बेहतर और अलग कॅरियर की तलाश में हैं तो आपके लिए यह कॉलेज बेहतर हो सकता है।
स्थापना-1881
प्रमुख कोर्स-सांइस, लिबरल आर्ट (पीजी, यूजी)
7 प्रेसीडेंसी कॉलेज
आजादी पूर्व देश में स्वतंत्र विचार मंथन का स्रोत रहा यह कॉलेज आज युवा कॅरियर को ऊंची उडान दे रहा है। अपनी स्थापना के समय इसे हिंदू कॉलेज के नाम से जाना जाता था।
स्थापना वर्ष-1818
प्रमुख कोर्स- बीएससी (इकोनॉमिक्स), सांइस, नेचुरल सांइस, लैंग्वेज
दिमाग से करें फैसला
12वीं के बाद अपने भविष्य का सही राह चुनना एक कठिन फैसला होता है। इस दौरान यदि आपने सचमुच अपने मौजूदा हालातों को दिमाग में रखकर कल की सोची तो आसान हो जाएगी कॅरियर की पहेली..
आज का दौर उस जमाने जैसा नहीं रहा, जब कॅरियर निर्माण के रास्ते गिनती के हुआ करते थे पर आज इन रास्तों का संजाल बिछ चुका है। लेकिन इससे एक नई?समस्या छात्रों के समक्ष उठ खडी हुई है- समस्या है सही विकल्प चुनने की। इस समस्या के बीच हम कुछ ऐसी सुझाव दे रहे हैं जिनका अनुसरण किया जाए तो 12वीं के बाद इसका सुगम हल पाया जा सकता है।
एरिया ऑफ इंट्रेस्ट को दें वरीयता- हम कक्षाएं तो पार करते रहते हैं लेकिन न तो हमें न ही हमारे अभिभावकों को पता रहता है कि आखिर हमारी रुचियां किस दिशा में हैं और कई बार पता भी चलता है तो तब तक बडी देर हो चुकी होती है। इस कारण जरूरी है कि हम अपना कॅरियर चुनते वक्त रूचियों को भी समझें। पर्सनेलिटी से बनेगा कॅरियर- आज 10+2 बाद कॅरियर की कई च्वाइसेज ह्यूमन पर्सनेलिटी के इर्द-गिर्द घूमती हैं। राइटिंग, स्पोर्ट्स, जर्नलिज्म, डिजाइनिंग आदि ऐसे ही पर्सनेलिटी बेस्ड कॅरियर हैं। यदि आपका व्यक्तित्व इन विकल्पों से मेल खाता है तो अच्छा होगा कि इनमें प्रवेश लें।
ताकत जानना है अहम- कहा जाता है कि यदि आप अपनी ताकत से परिचित हैं तो अपनी कमजोरियों से वाकिफ होना भी उतना ही अनिवार्य है। यदि आप ऐसा सोचते हैं तो 10+2 के बाद खुल सकते हैं कई रास्ते।
स्किल्स तो चाहिए ही चाहिए- हर कंपनी चाहती है उसका इम्प्लॉई कंपनी के लिए शत-प्रतिशत दे। पर शत- प्रतिशत दे पाना तभी संभव है कि जब कर्मचारी कुछ खास स्किल्स में भी निपुण हों। कम्यूनिकेशन स्किल्स, टेक्नोसेवी, भाषा पर अच्छी पकड, पर्सुएशन पावर, लीडरशिप, राइटिंग आदि ऐसी ही गुणों में आते हैं।
समझिए कार्य की प्रगति- तेज इकोनॉमिक ग्रोथ ने ऑफिस वर्क कल्चर को बदला है। लिहाजा आज यहां कार्य करने वालों केलिए इस बदली प्रकृति के साथ खुद में परिवर्तन लाना भी जरूरी है। आज मीडिया से लेकर इंडस्ट्रियल यूनिट, मार्केटिंग तक सभी का नेचर ऑफ वर्क अलग-अलग है। जिनमें देर रात शिफ्ट, फील्ड वर्क जैसी चीजें आम हैं। यदि आप भी 12वीं बाद बेहतर कॅरियर की चाह रखते हैं तो संबंधित कार्य संस्कृति को भी समझें।
वित्तीय सामर्थ्य है महत्वपूर्ण- किसी खास कॅरियर विकल्प को चुनने से पहले अपनी व अपने परिवार की आर्थिक सामर्थ्य जरूर देख लेना चाहिए। अन्यथा कई उदाहरण हैं? जिसमें छात्रों को महंगे कॅरियर विकल्प में प्रवेश लेने के बाद पछताना पडा। इस दौरान पैरेंट्स से सलाह, कॅरियर कांउसलर से बातचीत फायदेमंद हो सकती है
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