संतुलित आहार, जीवन का आधार
जब हम खाना खाते हैं, तब हमारा शरीर पोषक तत्वों को खाने से निचोड़ कर शरीर को चलाने, विकास, मरम्मत और निर्माण के लिए ऊर्जा पैदा करता है। संतुलित आहार वो है, जो शरीर के कार्यो के लिए सभी महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करे। हर किसी के लिए एक ही आहार संतुलित नहीं हो सकता क्योंकि हर किसी की शारीरिक जरूरतें अलग-अलग होती हैं। एक बच्चे की आवश्यकताएं अलग होंगी और एक गर्भवती महिला की आवश्यकताएं साधारण महिला से अलग होगी। उम्र बढ़ने पर पोषक तत्वों की जरूरतें फिर से बदल जाती हैं। सभी के लिए एक निश्चित संतुलित आहार की अवधारणा मौजूद नहीं है। आहार की जरूरत उम्र, लिंग, शरीर संरचना, काम के स्तर व गतिविधि के स्तर पर निर्भर करता है। जो लोग अपने काम और जीवन में संतुलन बनाए रखने की कोशिश करते हैं, उन्हें अपनी डाइट में निम्नलिखित चीजों को शामिल करना चाहिए:
कैसा है गतिविधि का स्तर?
अगर आप दिन भर में काफी काम करती हैं या आप व्यायाम करती हैं, तो आपको अपनी डाइट में काबरेहाइड्रेट ज्यादा मात्र में शामिल करना चाहिए। काबरेहाइड्रेट उच्च फाइबर वाली होनी चाहिए। अगर आपकी शारीरिक गतिविधियां ज्यादा हैं और फिर भी आप चीनी, मैदा, मक्का, स्टार्च, मीठे बेकरी की वस्तु के रूप में सरज काबरेहाइड्रेट ले रही हैं, तो इससे आपकी डाइट का संतुलन बिगड़ जाएगा। वहीं, अगर आपकी गतिविधियों का स्तर काफी कम है, तो अपनी डाइट में चावल, पास्ता और मक्का आदि की मात्र का ध्यान रखें। डाइट में मूंग दाल, अंकुरित चना, लोबिया और अन्य दालों को ज्यादा मात्रा में शामिल करें।
अगर आप दिन भर में काफी काम करती हैं या आप व्यायाम करती हैं, तो आपको अपनी डाइट में काबरेहाइड्रेट ज्यादा मात्र में शामिल करना चाहिए। काबरेहाइड्रेट उच्च फाइबर वाली होनी चाहिए। अगर आपकी शारीरिक गतिविधियां ज्यादा हैं और फिर भी आप चीनी, मैदा, मक्का, स्टार्च, मीठे बेकरी की वस्तु के रूप में सरज काबरेहाइड्रेट ले रही हैं, तो इससे आपकी डाइट का संतुलन बिगड़ जाएगा। वहीं, अगर आपकी गतिविधियों का स्तर काफी कम है, तो अपनी डाइट में चावल, पास्ता और मक्का आदि की मात्र का ध्यान रखें। डाइट में मूंग दाल, अंकुरित चना, लोबिया और अन्य दालों को ज्यादा मात्रा में शामिल करें।
कैसा होना चाहिए खानापान
पौष्टिक नाश्ता वह है जो विटामिन से भरपूर हो। आपका नाश्ता फल, मिश्रित सब्जियों और उच्च फाइबर अनाज जैसे दलिया या जई से मिलकर बना हो सकता है। सही वक्त पर खाना खाएं। खाली पेट रहना आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इससे शरीर में आवश्क ऊर्जा की कमी हो जाएगी। दिन के दौरान अपने आप को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है क्योंकि पानी मेटाबॉलिक कचड़े को गुर्दे के द्वारा शरीर से बाहर निकालता है। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी, नारियल पानी या हर्बल चाय आदि भरपूर मात्र में पिएं। जब हम पानी नहीं पीते हैं, तो हमारे अंदर सुस्ती और एसिड के स्तर में वृद्घि हो जाती है।
पौष्टिक नाश्ता वह है जो विटामिन से भरपूर हो। आपका नाश्ता फल, मिश्रित सब्जियों और उच्च फाइबर अनाज जैसे दलिया या जई से मिलकर बना हो सकता है। सही वक्त पर खाना खाएं। खाली पेट रहना आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इससे शरीर में आवश्क ऊर्जा की कमी हो जाएगी। दिन के दौरान अपने आप को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है क्योंकि पानी मेटाबॉलिक कचड़े को गुर्दे के द्वारा शरीर से बाहर निकालता है। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी, नारियल पानी या हर्बल चाय आदि भरपूर मात्र में पिएं। जब हम पानी नहीं पीते हैं, तो हमारे अंदर सुस्ती और एसिड के स्तर में वृद्घि हो जाती है।
दैनिक आहार में एक फल, कुछ सलाद (गाजर, ककड़ी, मूली, ब्रोकोली आदि), कुछ साबुत अनाज, दाल, डेयरी प्रोडक्ट्स और कुछ प्राकृतिक तेल जरूर शामिल करें। ये सब मिलकर मुख्य खाद्य समूह बनाते हैं। अगर आप कामकाजी हैं, तो भी अपने साथ नाश्ते के लिए सामान रखें। नाश्ते में आप फल (केला, सेब, नाशपाती), दही, भुना हुआ स्नैक्स अपने साथ रख सकती हैं। अन्य विकल्प इडली, खांडवी, ढोकला, उबले हुए आलू, चाट, भेलपुरी, भुना हुआ चना और मूंगफली आदि हो सकते हैं। आप अपने साथ कुछ सूखे हुए मेवे जैसे अखरोट, बादाम, पिस्ता आदि भी रखें। इन सब खाद्य पदार्थ को अपने नियमित भोजन का हिस्सा बनाएं। भोजन संतुलित रहेगा तो जीवन भी संतुलित रहेगा।
ऐसा हो दिनभर का खानपान
स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि आप हमेशा सतुलित और पोषक आहार लें। इससे आपका शरीर न केवल रोगमुक्त रहेगा बल्कि उम्र भी बढ़ेगी। जानिए ऐसे खानपान के बारे में जिससे वजन तो नियत्रित रहता ही है साथ ही तमाम बीमारिया होने की आशका भी कम हो जाती है -
सुबह का नाश्ता: अक्सर लोग सुबह का नाश्ता करना जरूरी नहीं समझते। जबकि ब्रेकफास्ट से शरीर को दिन भर की ऊर्जा मिलती है। ब्रेकफास्ट में वसायुक्त चीजें कतई न लें, इससे आलस्य आता है और मोटापा बढ़ता है। नाश्ते के लिए कम वसा वाला दूध, जूस, सैंडविच, पोहा, अंकुरित अनाज, उबले अंडे, दलिया और उपमा बेहतर विकल्प हैं।
लच: दोपहर के खाने में हरी सब्जिया और दाल को अवश्य शामिल करें, जिससे आपकी प्रोटीन और विटामिन दोनों की जरूरत पूरी होती है। इसके अलावा अधिक से अधिक मात्रा में सलाद खाएं। यह वजन नहीं बढ़ने देता और सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। मासाहारी भोजन पसद करने वालों के लिए मछली और चिकन बेहतर विकल्प है।
डिनर: रात का भोजन गरिष्ठ नहीं होना चाहिए। रात में खाने से पहले सूप पिएं, इससे खाना जल्दी पचता है। नॉनवेज खाने वाले कम तेल में बना खाना या रोस्टेड मछली खाएं। खाने में चीनी, आलू, चावल आदि कार्बोहाइड्रेट वाले भोज्य पदार्थ कम लें। खाना सोने के कम से कम दो घटे पहले खाएं। खाना खाते समय टीवी न देखें, इससे आप जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं।
संतुलित आहार और आप
आपकी थाली
आपकी थाली में आधा से ज्यादा अनाज यानी चावल, रोटी आदि नहीं होनी चाहिए। आधी थाली में दाल, सब्जियां और फल रखें। खाने के अतिरिक्त एक मुट्ठी मिक्स सूखे मेवे लें, जिनमें काजू, किशमिश, बादाम, अखरोट, पिस्ता आदि शामिल हों। अगर आप नॉनवेज पसंद करते हैं तो मछली को प्राथमिकता दें। इसमें ओमेगा 3 फैट, सेलिनियम आदि होता है। मछली के बाद अंडे और चिकेन को प्राथमिकता दें। मटन लेना चाहें तो कभी-कभार ही लें और इस बात का ध्यान रखें कि उसमें चर्बी कम से कम हो।
आपकी थाली
आपकी थाली में आधा से ज्यादा अनाज यानी चावल, रोटी आदि नहीं होनी चाहिए। आधी थाली में दाल, सब्जियां और फल रखें। खाने के अतिरिक्त एक मुट्ठी मिक्स सूखे मेवे लें, जिनमें काजू, किशमिश, बादाम, अखरोट, पिस्ता आदि शामिल हों। अगर आप नॉनवेज पसंद करते हैं तो मछली को प्राथमिकता दें। इसमें ओमेगा 3 फैट, सेलिनियम आदि होता है। मछली के बाद अंडे और चिकेन को प्राथमिकता दें। मटन लेना चाहें तो कभी-कभार ही लें और इस बात का ध्यान रखें कि उसमें चर्बी कम से कम हो।
खाने का समय
आपका पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहे, इसके लिए कुछ बातों का खास ध्यान रखें। खाना तीन बार लेने के बजाय, उसे छह बार में लिया करें। सोने और खाने में तीन घंटे का अंतर जरूर रखें। रात में खाना ज्यादा देर से न खाएं, बल्कि 7-8 बजे तक जरूर खा लें। हल्दी, आंवला, अदरक का नियमित सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में काफी सहायक होता है।
आपका पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहे, इसके लिए कुछ बातों का खास ध्यान रखें। खाना तीन बार लेने के बजाय, उसे छह बार में लिया करें। सोने और खाने में तीन घंटे का अंतर जरूर रखें। रात में खाना ज्यादा देर से न खाएं, बल्कि 7-8 बजे तक जरूर खा लें। हल्दी, आंवला, अदरक का नियमित सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में काफी सहायक होता है।
इनसे बचें
जंक फूड और खासकर तले-भुने खाने तो सेहत के दुश्मन होते ही हैं, इस मौसम में ऐसे खाने आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं। इसलिए नमकीन, समोसे, कचौड़ी, पकौड़े आदि व बेकरी प्रोडक्ट से बचें। इनकी जगह सूखे मेवे लेने की आदत बनाएं।
जंक फूड और खासकर तले-भुने खाने तो सेहत के दुश्मन होते ही हैं, इस मौसम में ऐसे खाने आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं। इसलिए नमकीन, समोसे, कचौड़ी, पकौड़े आदि व बेकरी प्रोडक्ट से बचें। इनकी जगह सूखे मेवे लेने की आदत बनाएं।
अगर ड्रिंक करते हैं..
ड्रिंक की सलाह तो आपको दी नहीं जा सकती। अगर आप ड्रिंक करते हैं तो रात में एक पैग से ज्यादा न लें। सप्ताह में सात ड्रिंक्स से अधिक न हो, इस बात का पूरा ध्यान रखें। एक ग्राम अल्कोहल में लगभग 7 कैलोरी होती है, जो कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की समान मात्र से लगभग दोगुनी होती है। बीयर की एक केन में लगभग 150 कैलोरी होती है। आपके शरीर को इसकी जरूरत नहीं है। शरीर की जरूरतें फल, सब्जियों, मसालों आदि से पूरी हो जाती हैं।
ड्रिंक की सलाह तो आपको दी नहीं जा सकती। अगर आप ड्रिंक करते हैं तो रात में एक पैग से ज्यादा न लें। सप्ताह में सात ड्रिंक्स से अधिक न हो, इस बात का पूरा ध्यान रखें। एक ग्राम अल्कोहल में लगभग 7 कैलोरी होती है, जो कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की समान मात्र से लगभग दोगुनी होती है। बीयर की एक केन में लगभग 150 कैलोरी होती है। आपके शरीर को इसकी जरूरत नहीं है। शरीर की जरूरतें फल, सब्जियों, मसालों आदि से पूरी हो जाती हैं।
संतुलित आहार, स्वास्थ्य जीवन का आधार
सन्तुलित आहार लेना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। गलत खानपान की आदतों की वजह से इंसान कभी भी सेहतमंद नहीं रह पाता । डायटीशियनों के अनुसार सन्तुलित आहार सेहत के लिए जरूरी है। आपके खानपान में निम्न चीजें होनी चाहिए, तभी भोजन सन्तुलित कहलाएगा ।
कैलोरी- उम्र के अनुसार अपने वजन का ध्या न रखते हुए पर्याप्त मात्रा में कैलोरी लें । गर्भावस्था और बुखार के दौरान कैलोरी की मात्रा बढ़ा सकते हैं।
प्रोटीन- किशोरों, गर्भवती महिलाओं व बीमार व्यक्तियों को प्रोटीनयुक्त डाइट का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए । बढ़ते बच्चोन्त के शारीरिक विकास के लिए जरूरी होने के साथ इससे शरीर की क्षतिग्रस्तच कोशिकाअें की क्षतिपूर्ति शीघ्र होती है। एक स्वास्य्रीर व्यरक्ति को प्रोटीन के रूप में 10-20 प्रतिशत कैलोरी प्रतिदिन लेना चाहिए।
वसा- प्रतिदिन सन्तृप्तन वसा 10 फीसदी कैलोरी से कम लें। पूरी कैलोरी का 10 फीसदी तक पॉलिसेचुरेटेड फैट हो सकता है। इलाज के दौरान फैट की मात्रा कम- अधिक किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉसल- प्रतिदिन 300 मिलीग्राम से कम मात्रा में कोलेस्ट्रॉटल का उपयोग करना चाहिए।
सीएचओ- यह इलाज व इंसुलिन की मात्रा के साथ बदलता रहता है।
मीठा- मीठे के रूप में यदि सुक्रोज का सेवन यिा जाए तो काफी हद तक मधुमेह पर कंट्रोल किया जा सकता है। भोजन व दवाइयो के साथ ऐसी चीजें ले सकते हैं, जिसमें मीठे की मात्रा कम हो।
फाइबर- प्रतिदिन लगभग 20-35 ग्राम फाइबर ले सकते हैं।
संतुलित आहार रखें स्वस्थ दिमाग
कहते हैं कि आहार अच्छा हो तो दिमाग भी सेहतमंद रहता है। यह सही भी है। यानी संतुलित आहार न सिर्फ आपकी सेहत दुरूस्त रखता है, बल्कि तनाव कम करने में मददगार होता है। इससे दिमाग स्ट्रेस फ्री और एक्टिव रहता है। यदि आप भी माइंड स्ट्रेस से बचना चाहती हैं तो अपने खानपान में कुछ बदलाव लाएं।
*कुछ ड्रिंक्स स्ट्रेस का कारण बनते हैं। जैसे कॉफी, चाय, चॉकलेट और केक आदि। इनमें कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है, जिनसे तनाव का स्तर बढ़ जाता है। इनसे बचें।
*अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट्स युक्त चीजों को शामिल करें। चावल, पास्ता, आलू, ब्रेड कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्त्रोत होते हैं। ये आपको पूरा दिन चिंतामुक्त बनाए रखते हैं।
*खाने में कम से कम तेल का प्रयोग करें। वसायुक्त भोजन से दूर रहें।
*फाइबरयुक्त चीजों को डाइट में शामिल करें। इससे पाचन-क्रिया संतुलित होती है। फल, सब्जियां और साबुत अनाज फाइबर के बेहतरीन जरिया हैं।
*तनाव से बचने के लिए ब्रेकफास्ट में जूस की बजाय फल खाएं। गेहूं से बनी ब्रेड, होल ग्रेन सीरियल्स लें।
साबुत अनाज ब्रेन न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन को बढाता है, जो सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाता है और तनाव को कम करने में मदद करता है।
*पत्तेदार सब्जियां रेगुलर लें। हरी, पीली और नारंगी रंग की सब्जियों में मिनरल्स, विटामिंस और फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, ताकि आप तनाव जैसी समस्याओं से लड़ सकें।
*हाई प्रोटीन फूड का भी कम प्रयोग करें। शरीर में प्रोटीन बढ़ने से कई प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
*कुछ ड्रिंक्स स्ट्रेस का कारण बनते हैं। जैसे कॉफी, चाय, चॉकलेट और केक आदि। इनमें कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है, जिनसे तनाव का स्तर बढ़ जाता है। इनसे बचें।
*अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट्स युक्त चीजों को शामिल करें। चावल, पास्ता, आलू, ब्रेड कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्त्रोत होते हैं। ये आपको पूरा दिन चिंतामुक्त बनाए रखते हैं।
*खाने में कम से कम तेल का प्रयोग करें। वसायुक्त भोजन से दूर रहें।
*फाइबरयुक्त चीजों को डाइट में शामिल करें। इससे पाचन-क्रिया संतुलित होती है। फल, सब्जियां और साबुत अनाज फाइबर के बेहतरीन जरिया हैं।
*तनाव से बचने के लिए ब्रेकफास्ट में जूस की बजाय फल खाएं। गेहूं से बनी ब्रेड, होल ग्रेन सीरियल्स लें।
साबुत अनाज ब्रेन न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन को बढाता है, जो सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाता है और तनाव को कम करने में मदद करता है।
*पत्तेदार सब्जियां रेगुलर लें। हरी, पीली और नारंगी रंग की सब्जियों में मिनरल्स, विटामिंस और फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, ताकि आप तनाव जैसी समस्याओं से लड़ सकें।
*हाई प्रोटीन फूड का भी कम प्रयोग करें। शरीर में प्रोटीन बढ़ने से कई प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
बेहतर सेक्स के लिए बेहतर भोजन
जिस तरह अच्छा भोजन आपको शरीर और मन से स्वस्थ रखता है, ठीक उसी तरह अच्छा भोजन आपको सेक्स लाइफ में भी फिट रखता है। सारी दुनिया में खानपान से जुड़ी ऐसी तमाम मान्यताएं हैं, जिन्हें मनुष्य के यौन जीवन में प्रभावी माना जाता था। आज भी यह माना जाता है कि अपने खाने में थोड़ा सा परिवर्तन करके आप अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बना सकते हैं और यहां तक कि बहुत सी यौन दुर्बलताओं पर काबू पा सकते हैं। आइए एक नजर डालें कुछ इसी तरह की खानपान परंपराओं पर जो कि अनुभव की कसौटी पर भी खरी साबित हुई हैं।
शहदः फारसी कहावत के मुताबिक कोई भी जोड़ा लगातार तीस दिनों तक शहद और पानी का सेवन करता है तो उनकी वैवाहिक जीवन बहुत सुखमय और स्वर्गिक आनंद से भरा हुआ होता है। दरअसल इस मान्यता के पीछे वैज्ञानिक आधार यह है कि शहद में उच्च गुणवत्ता वाले अमीनो-एसिड और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जो दंपति को लंबी यौनक्रिया के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करते हैं।
गाजरः इसे पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाने वाला माना जाता है। लंबे समय से गाजर का इस्तेमाल पु्रुषों की यौन क्षमता को मजबूती प्रदान करने में होता आया है। माना जाता है कि गाजर में मौजूद विटामिन्स का सामंजस्य व्यक्ति के स्नायु तंत्र को मजबूत बनाता है और व्यक्ति के जीवन में यौन सक्रियता लाता है।
सरसों: वर्षों से सरसों को सेक्सुअल ग्लैंड्स के लिए लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि सरसों के इस्तेमाल से स्त्री-पुरुष में यौन भावना को बढ़ाता है।
अदरकः इसकी तीखी खुशबू और स्वाद का यौन भावना से सीधा रिश्ता है। इसमें मौजूद तत्व व्यक्ति के भीतर रक्त संचार को तेज करते हैं। इसीलिए इसे हर लिहाज से एक बेहतर सेक्स उत्प्रेरक माना जाता है।
चाकलेटः इसमें मौजूद तत्व मस्तिष्क से एक खास तरह के हारमोन के रिसाव को प्रेरित करते हैं। इस हारमोन की मौजूदगी व्यक्ति में शांति और आनंद की भावना को लाता है, जो कि सेक्स उत्प्रेरक का काम करता है। आम तौर पर डार्क चाकलेट एक बेहतर सेक्स उत्प्रेरक का काम करती है।
समुद्री भोजन
यह लिस्ट काफी लंबी हो सकती है। बहुत सी खाने-पीने की चीजें सीधे यौन शक्तिवर्धन से जुड़ी हुई मानी जाती हैं। आम तौर पर समुद्री भोजन को एक बेहतर सेक्स उत्प्रेरक माना जाता है। जहां एक तरफ सेक्स क्षमता को बढ़ाने में इस तरह की बहुत सी खानपान से जुड़ी मान्यताएं काफी कारगर साबित हुई हैं वहीं दूसरी तरफ इस बारे में किसी तरह की वैज्ञानिक जागरुकता के अभाव में भ्रामक धारणाएं भी कम नहीं हैं।
कुछ भ्रामक धारणाएं
इन भ्रामक धारणाओं में बाघ व कछुए का मांस तथा स्पेनिश फ्लाई को यौन शक्तिवर्धक मान लिया गया है। इन धारणाओं से जहां बाघ और कछुए जैसी खतरे में मानी जाने वाली प्रजातियों को मारकर उनका मांस चोरी-छिपे बेचा जाता है, वहीं स्पेनिश फ्लाई में मौजूद जहरीले तत्व थोड़ी देर के लिए यौन उत्तेजना तो देते हैं मगर वे शरीर तथा मनुष्य की सेक्स क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि बेहतर सेक्स के लिए स्वास्थ्यवर्धक खाने की आदत डालें। बेहतर स्वास्थ्य बेहतर सेक्स की कुंजी है।
शहदः फारसी कहावत के मुताबिक कोई भी जोड़ा लगातार तीस दिनों तक शहद और पानी का सेवन करता है तो उनकी वैवाहिक जीवन बहुत सुखमय और स्वर्गिक आनंद से भरा हुआ होता है। दरअसल इस मान्यता के पीछे वैज्ञानिक आधार यह है कि शहद में उच्च गुणवत्ता वाले अमीनो-एसिड और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं जो दंपति को लंबी यौनक्रिया के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करते हैं।
गाजरः इसे पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाने वाला माना जाता है। लंबे समय से गाजर का इस्तेमाल पु्रुषों की यौन क्षमता को मजबूती प्रदान करने में होता आया है। माना जाता है कि गाजर में मौजूद विटामिन्स का सामंजस्य व्यक्ति के स्नायु तंत्र को मजबूत बनाता है और व्यक्ति के जीवन में यौन सक्रियता लाता है।
सरसों: वर्षों से सरसों को सेक्सुअल ग्लैंड्स के लिए लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि सरसों के इस्तेमाल से स्त्री-पुरुष में यौन भावना को बढ़ाता है।
अदरकः इसकी तीखी खुशबू और स्वाद का यौन भावना से सीधा रिश्ता है। इसमें मौजूद तत्व व्यक्ति के भीतर रक्त संचार को तेज करते हैं। इसीलिए इसे हर लिहाज से एक बेहतर सेक्स उत्प्रेरक माना जाता है।
चाकलेटः इसमें मौजूद तत्व मस्तिष्क से एक खास तरह के हारमोन के रिसाव को प्रेरित करते हैं। इस हारमोन की मौजूदगी व्यक्ति में शांति और आनंद की भावना को लाता है, जो कि सेक्स उत्प्रेरक का काम करता है। आम तौर पर डार्क चाकलेट एक बेहतर सेक्स उत्प्रेरक का काम करती है।
समुद्री भोजन
यह लिस्ट काफी लंबी हो सकती है। बहुत सी खाने-पीने की चीजें सीधे यौन शक्तिवर्धन से जुड़ी हुई मानी जाती हैं। आम तौर पर समुद्री भोजन को एक बेहतर सेक्स उत्प्रेरक माना जाता है। जहां एक तरफ सेक्स क्षमता को बढ़ाने में इस तरह की बहुत सी खानपान से जुड़ी मान्यताएं काफी कारगर साबित हुई हैं वहीं दूसरी तरफ इस बारे में किसी तरह की वैज्ञानिक जागरुकता के अभाव में भ्रामक धारणाएं भी कम नहीं हैं।
कुछ भ्रामक धारणाएं
इन भ्रामक धारणाओं में बाघ व कछुए का मांस तथा स्पेनिश फ्लाई को यौन शक्तिवर्धक मान लिया गया है। इन धारणाओं से जहां बाघ और कछुए जैसी खतरे में मानी जाने वाली प्रजातियों को मारकर उनका मांस चोरी-छिपे बेचा जाता है, वहीं स्पेनिश फ्लाई में मौजूद जहरीले तत्व थोड़ी देर के लिए यौन उत्तेजना तो देते हैं मगर वे शरीर तथा मनुष्य की सेक्स क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि बेहतर सेक्स के लिए स्वास्थ्यवर्धक खाने की आदत डालें। बेहतर स्वास्थ्य बेहतर सेक्स की कुंजी है।
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