4/29/12

teeka

टीकाकरण का उद्देश्य है बीमारियों से बचाव करना। इससे शरीर पहले ही संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार रहता है और व्यक्ति कष्ट से बच जाता है। बच्चों में टीकाकरण का मकसद विभिन्न बीमारियों से बचाव है। सभी सरकारी अस्पतालों में सामान्य टीके मुफ्त में लगाए जाते हैं। इन टीकों के अतिरिक्त भी कई टीके बाज़ार में उपलब्ध हैं जो यहाँ होने वाली बीमारियों से बच्चों को बचाते है। ये टीके थोड़े महंगे होते हैं इसलिए जो पालक इनका खर्च वहन कर सकें, उन्हें ये टीके लगवाना चाहिए। 
उपचार से बेहतर है बचाव। इसी वाक्य से प्रेरित होकर बच्चों के स्वस्थ भविष्य के लिए विभिन्न टीके (वैक्सीन्स) उपलब्ध है। बी.सी.जी., डी.पी.टी., पोलियो ड्रॉप्स, खसरा हिपेटाइटिस बी. जैसे सामान्य टीके सभी मुख्य अस्पतालों क्लीनिक्स पर उपलब्ध है। वैक्सीन को सही तापमान में रखना या उसका एक्पायरी होना और टीकाकरण के दौरान स्वच्छता कुशल तकनीक की कमी से भी टीके के प्रभाव में बड़ा अंतर पड़ता है।
बाल रोग विशेषज्ञों के पास अब कई आधुनिक टीके भी उपलब्ध है। दिमागी बुखार, एम।एम.आर., टाइफाइड, चिकनपॉक्स , हिपेटाइटिस . रोटावायरस आदि से संबंधित टीके लगवा कर आप अपने बच्चों को विभिन्न रोगों से सुरक्षित रख सकते है। अक्सर बुखार दर्द देने वाला डी.पी.टी. का टीका भी अब आधुनिक एसेल्युलर रूप में उपलब्ध है। इंजेक्टेबल पोलियो के बेहतर टीके द्वारा हम अपनी नन्हीं पीढ़ी को पोलियो के अभिशाप से सुरक्षित रख सकते है। इनके अतिरिक्त न्यूमोकॉकल, मैनिंगोकॉकल इंफ्लूएंजा जैसे टीके कुछ बच्चों के लिए आवश्यक है।

किन बीमारियों के लिए टीका दिया जाता है? 
o    Haemophilus influenzae type b (Hib) | हिमोफीलस इंफ्लुऎंज़ा बी
o    Mumps | मम्पस
o    Rubella | रुबेला
o    Typhoid | टायफोयड
o    Human Papilloma Virus | HPV | ह्युमन पेपिलोमा वाईरस
o    Rotavirus | रोटावायरस
o    Hepatitis A | Hep A | हेपाटाईटिस
 जन्म के तुरंत बाद
o    टी बी से बचने के लिये -
o    बी सी ज़ी
o    पोलियो से बचने के लिये -
o    पी वी (जीरो डोज़) के बूंदें पीने के लिये
o    हेपटाईटिस बी से बचने के लिये -
o    हेपटाईटिस बी (पहला डोज़)
 6 हफ्ते के उम्र पर
o    पोलियो से बचने के लिये
o    पी वी (पहला डोज़) के बूंदें पीने के लिये और आई पी वी (पहला डोज़) का सुई
o    केवल पी वी (पहला डोज़) के बूंदें पीने के लिये (अगर सुई उपलब्ध नहीं है तो)
o    डिपथेरिया, टेटनस और परट्युसिस से बचने के लिये -
o    डी टी पी डब्लयु (पहला डोज़) या डी टी पी (पहला डोज़)
o    हेपटाईटिस बी से बचने के लिये -
o    हेपटाईटिस बी (दूसरा डोज़)
o    हिमोफीलस इंफ्लुऎंज़ाबी से बचने के लिये
o    हिमोफीलस इंफ्लुऎंज़ाबी (पहला डोज़)
10 हफ्ते के उम्र पर
o    पोलियो से बचने के लिये
o    पी वी (दूसरा डोज़) के बूंदें पीने के लिये और आई पी वी (दूसरा डोज़) का सुई
o    केवल पी वी (दूसरा डोज़) के बूंदें पीने के लिये (अगर सुई उपलब्ध नहीं है तो)
o    डिपथेरिया, टेटनस और परट्युसिस से बचने के लिये -
o    डी टी पी डब्लयु (दूसरा डोज़) या डी टी पी (दूसरा डोज़)
o    हिमोफीलस इंफ्लुऎंज़ाबी से बचने के लिये
o    हिमोफीलस इंफ्लुऎंज़ाबी (दूसरा डोज़)
 14 हफ्ते के उम्र पर
o    पोलियो से बचने के लिये
o    पी वी (तीसरा डोज़) के बूंदें पीने के लिये और आई पी वी (तीसरा डोज़) का सुई
o    केवल पी वी (तीसरा डोज़) के बूंदें पीने के लिये (अगर सुई उपलब्ध नहीं है तो)
o    डिपथेरिया, टेटनस और परट्युसिस से बचने के लिये -
o    डी टी पी डब्लयु (तीसरा डोज़) या डी टी पी (तीसरा डोज़)
o    हेपटाईटिस बी से बचने के लिये -
o    हेपटाईटिस बी (तीसरा डोज़)
o    यह डोज़ 6 महीने के उम्र पर भी दिया जा सकता है
o    हिमोफीलस इंफ्लुऎंज़ाबी से बचने के लिये
o    हिमोफीलस इंफ्लुऎंज़ाबी (तीसरा डोज़)
 9 महीने के उम्र पर
o    मीज़ल्स से बचने के लिये
o    मीज़ल्स का टीका
15 से 18 महीने के उम्र पर अतिरिक्त टीका या बूस्टर दिया जाता है
o    पोलियो से बचने के लिये
o    पी वी (चौथा डोज़) के बूंदें पीने के लिये और आई पी वी (चौथा डोज़) का सुई
o    केवल पी वी (चौथा डोज़) के बूंदें पीने के लिये (अगर सुई उपलब्ध नहीं है तो)
o    डिपथेरिया, टेटनस और परट्युसिस से बचने के लिये -
o    डी टी पी डब्लयु बूस्टर (पहला डोज़) या डी टी पी बूस्टर (पहला डोज़)
o    हिमोफीलस इंफ्लुऎंज़ाबी से बचने के लिये
o    हिमोफीलस इंफ्लुऎंज़ाबी (चौथा डोज़) का बूस्टर
o    मम्पस, मीज़ल्स और रुबेला से बचने के लिये
o    मम्पस, मीज़ल्स और रुबेला का टीका (पहला डोज़)
 2 साल के उम्र पर
o    टायफोयड से बचने के लिये
o    टायफोयड का टीका
o    यह टीका हर 3 साल पर लगाना चाहिये
 5 साल के उम्र पर अतिरिक्त टीका या बूस्टर दिया जाता है
o    पोलियो से बचने के लिये
o    पी वी (पांचवा डोज़) के बूंदें पीने के लिये
o    डिपथेरिया, टेटनस और परट्युसिस से बचने के लिये -
o    डी टी पी डब्लयु बूस्टर (दूसरा डोज़) या डी टी पी बूस्टर (दूसरा डोज़)
o    मम्पस, मीज़ल्स और रुबेला से बचने के लिये
o    मम्पस, मीज़ल्स और रुबेला का टीका (दूसरा डोज़)
o    यह टीका आप कभी भी पहले टीके के आठ हफ्ते के बाद लगा सकते हैं।
10 साल के उम्र पर अतिरिक्त टीका या बूस्टर दिया जाता है
o    डिपथेरिया, टेटनस और परट्युसिस से बचने के लिये -
o    टी डेप
o    ह्युमन पेपिलोमा वाईरस से बचने के लिये,
o    केवल लड़कियों में, 0, 2, और 6 महीने पर

 कुछ अन्य टीका हैं, जो आप अपने डाक्टर से पूछ कर लगवा सकते हैं
 न्युमोकोकल कोंजुगेट
o    यह 6 हफ्ते से अधिक उम्र के बच्चे को लग सकता है
o    शुरू में 3 टीके, जो कि 6, 10, और 14 हफ्ते पर लग सकता है
o    एक बूस्टर टीका 15 से 18 महीना पर
 रोटावायरस का टीका
o    यह 6 हफ्ते से अधिक उम्र के बच्चे को लग सकता है
o    2 या 3 टीके, जो कि 4 से 8 हफ्ते के अंतराल पर लग सकता है
 वेरिसेला या चिकनपोक्स
o    यह 15 महीने से अधिक उम्र के बच्चे को लग सकता है
o    13 साल से कम उम्र के बच्चे को एक टीका
o    13 साल से अधिक उम्र के बच्चे को दो टीका, 4 से 8 हफ्ते के अंतराल पर
 हेपाटाईटिस
o    यह 18 महीने से अधिक उम्र के बच्चे को लग सकता है
o    2 टीके, जो कि 6 से 12 महीने के अंतराल पर लग सकता है
डी टी पी डब्लयु और डी टी पी में क्या अंतर है? 
o    डिपथेरिया, टेटनस और परट्युसिस से बचने के लिये टीका का नाम डी टी पी है। यह दो प्रकार का आता है, डी टी पी डब्लयु (whole cell या सेल्लुर) और डी टी पी (acellular या ऎसेल्लुर) दोनों एक जैसा काम करते हैं। डी टी पी (acellular या ऎसेल्लुर) से बच्चे को कम तकलीफ होता है, जैसे कि बुखार, सुई के जगह पर दुखना या खुजली होना। डी टी पी (acellular या ऎसेल्लुर) महंगा होता है।
 मां में हेपटाईटिस बी के बारे में जानकारी होने पर टीका में क्या फर्क पड़ता है? 
o    मां में हेपटाईटिस बी के बारे में जानकारी से तीन बातें हो सकती हैं
o    मां को हेपटाईटिस बी नहीं है
o    बच्चे को हेपटाईटिस बी का टीका, सारणी अनुसार दिया जा सकता है।
o    मां को हेपटाईटिस बी है
o    बच्चे को हेपटाईटिस बी का टीका, और हेपटाईटिस बी का इम्युनोग्लोबुलिन जन्म के तुरंत बाद दिया सकता है।
o    मां के हेपटाईटिस बी के बारे में पता नहीं है
o    बच्चे को हेपटाईटिस बी का टीका, जन्म के तुरंत बाद दिया सकता है।
 गर्भवती मां को टेटनस का टीका कब दिया जाता है? 
o    गर्भवती मां को टेटनस का टीका गर्भ के दौरान दिया जाता है। इसके 2 टीके होते हैं, जो कि 1 महीने के अंतराल पर दिया जा सकता है।

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