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आइये जाने सेक्स & कामसूत्र के बारे में

आज भी भारत में सेक्स को वर्जना की तरह देखा जाता है। जबकि हमारे देश में खजुराहो से लेकर वात्सायन के कामसूत्र जैसी कृतियों में सेक्स के हर पहलू पर रोशनी डाली गई है। स्वस्थ व सुखी जीवन के लिए संयमित सेक्स को उपयोगी बताया गया है। सेक्स का स्थान जीवन में पहला तो नहीं कह सकते हैं। सेक्स शरीर की एक जरुरत है और साथ ही इंसान के जीवन चक्र को जारी रखने वाला जरिया भी। आम जीवन में सेक्स को लेकर बहुत सारी भ्रांतियाँ हैं। जानकारी के अभाव में, परिस्थितियों के कारण या फिर मनोविकार के कारण इंसान बलात्कार जैसा घिनौना कृत्य करके सामाजिक बहिष्कार का पात्र बन जाता है। बलात्कार आज भारत में सबसे ज्वलंत मुद्दा है। बावजूद इसके इस समस्या के तह में जाने का कभी प्रयास नहीं किया गया है।

आज भी स्कूलों व कॉलेजों में सेक्स शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसी-किसी स्कूल में सेक्स शिक्षा को लागू किया गया है। किंतु उसको अमलीजामा अभी तक कागजों पर पहनाया जा रहा है। आमतौर पर सेक्स को घर में गुनाह के तौर पर देखा जाता है। माता-पिता अपने बच्चों को यौन संबंधित जानकारी देने से परहेज करते हैं। हालांकि इंसान की फितरत वर्जित माने जाने वाले विषयों के बारे में जानकारी हासिल करने की जिज्ञासा सबसे उत्कट होती है। मानसिक स्तर पर वैचारिक मतांतर की वजह से बच्चा अश्‍लील साहित्य पढ़ने का या साइबर सेक्स का आदी हो जाता है। इस क्रम में कुछ बच्चे मनोविकृति के शिकार हो जाते हैं। मनोविकार से ग्रसित बच्चे बाद में जाकर बलात्कार जैसे क्रूर व घिनौने जुर्म को अंजाम देते हैं। दरअसल सामाजिक सोच में टकराव के कारण युवक व युवतियों के बीच सेक्स के लिए आपसी सहमति बन ही नहीं पाती है। वैसे अब दूसरी वजहों से सहमति के इक्का-दुक्का मामले हमारे सामने आ रहे हैं। गाँवों में हालत और भी खराब हैं। वहाँ गाली या अपशब्द के आदान-प्रदान के दरम्यान पूरे कामसूत्र की झांकी आपको मिल सकती है। परन्तु उस कामसूत्र में मनोविकृति ज्यादा होती है। इसका दूसरा पहलू यह है कि गाँवों में नारी को महज वस्तु माना जाता है। आपसी दुश्‍मनी निकालने के लिए भी औरत को निशाना बनाया जाता है।


कामसूत्र

प्राचीन भारत के महत्त्वपूर्ण साहित्यकारों में से एक महर्षि वात्स्यायन  ने कामसूत्र में न केवल दाम्पत्य जीवन का श्रृंगार किया है वरन कला, शिल्पकला एवं साहित्य को भी संपदित किया है।  अर्थ के क्षेत्र में जो स्थान कौटिल्य का है, काम के क्षेत्र में वही स्थान महर्षि वात्स्यायन का है।  महर्षि वात्स्यायन का कामसूत्र विश्व की प्रथम यौन संहिता है  खजुराहो से लेकर वात्सायन के कामसूत्र जैसी कृतियों में सेक्स के हर पहलू पर रोशनी डाली गई है। स्वस्थ व सुखी जीवन के लिए संयमित सेक्स को उपयोगी बताया गया है।  सेक्स शरीर की एक जरुरत है और साथ ही इंसान के जीवन चक्र को जारी रखने वाला जरिया भी। आम जीवन में सेक्स को लेकर बहुत सारी भ्रांतियाँ हैं। जानकारी के अभाव में, परिस्थितियों के कारण या फिर मनोविकार के कारण इंसान बलात्कार जैसा घिनौना कृत्य करके सामाजिक बहिष्कार का पात्र बन जाता है।  काम एक अत्यन्त शक्तिशाली  मूल प्रवृत्ति है काम  ही जीवन का संपदन, जीवन का उद्गमउसके अस्तित्व तथा उसकी गतिशीलता तथा नर-नारी  के पारस्परिक अकर्षण एवं सम्मोहन का रहस्य है। वास्तव में काम ही विवाह एवं दाम्पत्य  सुख-शांति की आधारशिला है। काम का सम्मोहन ही नर-नारी को वैवाहिक-सूत्र में आबद्ध करता  है। अतः विवाहित जीवन में आनन्द की निरन्तर रस-वर्षा करते रहना ही कामसूत्र का वास्तविक  उद्देश्य है।

कामसूत्र सिर्फ सेक्स नही है...

कामसूत्र का नाम लेते ही आप चौंक जाते होंगे और अगर कोई आप से कामसूत्र पढ़ने के लिए कहें तो एक बारगी आप जरूर कतरायेंगे. लेकिन हम आपको बता दें कि कामसूत्र कोई सेक्स की किताब नहीं है, और ना ही कामशास्त्र है. हां इतना जरूर है कि जिसने कामसूत्र नहीं पढा वे इसे कामशास्त्र या सेक्स की किताब जरूर मानते है. लेकिन नहीं ये सच नहीं है.

कामसूत्र सिर्फ सेक्स की किताब नहीं है बल्कि कामसूत्र में सेक्स के अलावा व्यक्ति की जीवनशैली, पत्नी के कर्त्तव्य, गृहकला, नाट्यकला, सौंदर्यशास्त्र, चित्रकारी और वेश्याओं की जीवन शैली आदि जीवन से जुड़ी सभी की जानकारी है.

संभोग और प्रेम पर वात्स्यायन ने दुनिया का प्रथम और सर्वाधिक प्रसिद्ध दार्शनिक ग्रंथ लिखा 'कामसूत्र'. मूलत: रतिक्रीड़ा पर आधारित इस ग्रंथ की दुनियाभर में कहीं न कहीं चर्चा होती रहती है. सात खंड के छत्तीस अध्यायों में 1250 श्लोक के इस ग्रंथ में संभोग तथा रतिक्रीड़ा के आसनों पर आखिर ऐसा क्या लिखा है जो हर काल में प्रासंगिक बने रहने की ताकत रखता है. इसके सूत्र आज भी उतने ही ताजा हैं जितने कि वात्स्यायन के काल में रहे थे.

कामसूत्र महज एक ग्रंथ अथवा कागजों का पुलिंदा मात्र नहीं है बल्कि यह रतिक्रीड़ा के अलावा गृहस्थ जीवन को सही तरीके से जीने के उपाय बताता है. वास्तव में कामसूत्र प्रेम, सौंदर्य तथा जीवन के राग की संपूर्ण किताब है.

कामसूत्र का प्रेम
कामशास्त्र या कामसूत्र में स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना और मनोविज्ञान को अच्छी तरह समझाया गया है इसीलिए यह ग्रंथ शिक्षा देता है कि प्रेम का आधार है संभोग और संभोग का आधार है प्रेम. शरीर और मन दो अलग-अगल सत्ता होने के बावजूद दोनों एक दूसरे का आधार हैं.

प्रेम की उत्पत्ति सिर्फ मन या हृदय में ही नहीं होती शरीर में भी होती है. स्त्री-पुरुष यदि एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते हैं तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करने का कोई महत्व नहीं. प्रेम की शुरुआत ही शरीर से होती है. दो आत्माओं के एक दूसरे को देखने का कोई उपाय नहीं है. शरीर ही शरीर को देखता है. स्त्री यदि संपूर्ण तरह से स्त्रेण चित्त है और पुरुष में पौरुषत्व है तो दोनों एक-दूसरे के मोहपाश से बच नहीं सकते.

कामसूत्र का सेक्स
वास्तव में सेक्स या संभोग ही दाम्पत्य सुख-शांति की आधारशिला है. काम के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बँधने का तय करते हैं. अतः विवाहित जीवन में काम के आनन्द की निरन्तर अनुभूति होते रहना ही कामसूत्र का उद्देश्य है. यदि स्त्री-पुरुषों के बीच काम को लेकर उदासीनता है तो दाम्पत्य जीवन ऐसे होगा जैसे कि एक ही ट्रेन में सफर कर रहे लेकिन अगल-अलग डिब्बों में.

कामसूत्र यौन संबंधी जानकारियों का बेहतरीन खजाना है. कामसूत्र उन आसनों के लिए भी प्रसिद्ध है जिनके चित्र या मू्र्ति देखने के लिए लोग खजुराहो या अजंता-एलोरा जाते हैं या फिर चुपके से आसनों की सामग्री को बाजार से खरीदकर देखते हैं. दिमाग विकृत होता है बाजार के उस गंदे साहित्य को पढ़ने से जिसे पश्चिमी मानसिकता के चलते बेचा जाता है, लेकिन कामसूत्र या कामशास्त्र आपको उत्तेजित करने के बजाय सही ज्ञान देता है. कामसूत्र में संभोग के हर पहलू का वर्णन कर मनो-शारीरिक प्रतिक्रियाओं की जो विवेचना प्रस्तुत की है वह अद्भुत और रोमांचक है.

आज के भागदौड़ से भरे जीवन में पति-पत्नी के संबंध औपचारिक ही रह गए हैं, लेकिन कामसूत्र का ज्ञान आपके वैवाहिक जीवन को अंत तक तरोताजा बनाए रखने में सक्षम है. संभोग के आसनों से यौन सुख के साथ ही व्यायाम के लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं. बस, जरूरत है तो इसे सही रूप में समझने की.

कामसूत्र का सौंदर्यशास्त्र
नाट्य शास्त्र के प्रणेता भरत मुनि कहते हैं- संसार में जो कुछ भी शुभ, पवित्र और उज्ज्वल दर्शनीय है वह श्रृंगार रस से प्रेरित है अर्थात काम की कमनीयता है. कामसूत्र कहता है कि स्त्रियों को भी काम या जीवन की सभी कलाओं का ज्ञान होना चाहिए इसीलिए उन्होंने स्त्रियों के लिए मुख्यत: 64 कलाओं में कुछ शर्त के साथ पारंगत होने की शिक्षा दी है. स्त्री द्वारा 64 कलाओं का ज्ञान प्राप्त करने से ऐश्वर्य और सुख की वृद्धि होती है. पारंगत स्त्री को कामसूत्र में गणिका कहा गया है. गणिका अर्थात गुणवती या कलावती.

जिन चौंसठ कलाओं की चर्चा की गई है उनमें से ज्यादातर आज के युग अनुसार अप्रासंगिक मानी जा सकती हैं, लेकिन कुछ कलाएं आज भी प्रासंगिक हैं जैसे हर स्त्री गायन, वादन, नृत्य और चित्र में पारंगत हो सकती. अप्रासंगिक कलाएं- कल-पूर्जे बनाना स्त्रियों का काम नहीं. इंद्रजाल, बाजीकरण, हाथ की सफाई, घुड़सवारी करना, बढ़ईगिरी और तीतर, बटेर अथवा भेड़ को लड़ाने की कला तो अब बिल्कुल चलन से बाहर हो चुकी कलाएं हैं. खैर, जो भी हो कहने का आशय यह है कि कामसूत्र सिर्फ संभोग की ही शिक्षा नहीं देता यह जीवन के हर पहलुओं को छूता है.

संभोग से समाधि
ऐसा माना जाता है कि जब संभोग की चरम अवस्था होती है उस वक्त विचार खो जाते हैं. इस अमनी दशा में जो आनंद की अनुभूति होती है वह समाधि के चरम आनंद की एक झलक मात्र है. संभोग के अंतिम क्षण में होशपूर्ण रहने से ही पता चलता है कि ध्यान क्या है. निर्विचार हो जाना ही समाधि की ओर रखा गया पहला कदम है.

अत: संभोग की चर्चा से कतराना या उस पर लिखी गई श्रेष्ठ किताबों को न पढ़ना अर्थात एक विषय में अशिक्षित रह जाना है. कामशास्त्र या कामसूत्र इसलिए लिखा गया था कि लोगों में सेक्स के प्रति फैली भ्रांतियाँ दूर हों और वे इस शक्ति का अपने जीवन को सत्यम, शिवम और सुंदरम बनाने में अच्छे से उपयोग कर सकें.

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यदि आप जल्‍द ही शादी करने जा रहे हैं

तो आपके मन में सेक्‍स को लेकर तमाम सवाल उठ रहे होंगे। शादी के पहले ज्‍यादातर पुरुषों में सवाल उठता है- वो कब और कैसे राज़ी होगी?, अगर मैने शुरुआत की तो वो मेरे बारे में क्‍या सोचेगी?”, वहीं ज्‍यादातर महिलाएं सोचती रहती हैं- क्‍या वो पहले शुरुआत करेगा?, क्‍या मुझे पहल करनी चाहिए?” हालांकि शादी से पहले कई दोस्‍त-यार इन सब बातों को लेकर चुटकी भी लेते हैं, लेकिन सही मायने में देखा जाए तो शादी के बाद पहली रात जिसे हम सुहाग रात भी कहते हैं, मज़ाक नहीं होती। ये वो रात है, जहां से आपके जीवन की नई शुरुआत होती है।

खैर ये तो रही आम बात, अब आप बताएं कि आपके मन में क्‍या चल रहा है। यदि आप ये सोच रहे हैं, कि शादी की पहली रात सेक्‍स की बातें करने से पत्‍नी के सामने आपकी छवि खराब हो सकती है, तो आप गलत हैं। वहीं अगर महिलाएं सोचती हैं, कि उनका पहल करना सही नहीं है, तो वो भी गलत हैं। क्‍योंकि उस रात सेक्‍स से कहीं ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण आप दोनों के बीच बनने वाले संबंध होंगे।

प्‍यार ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण

पति-पत्‍नी के बीच संबंध जीवन भर के लिए होते हैं, उसकी शुरुआत अगर अच्‍छी बातों से हो तो अच्‍छा है। कम से कम शुरू के दो घंटे अपने लाइफ पार्टनर को जानने की कोशिश करें। इसके बाद यदि आप सेक्‍स की बातें करते हैं, तो इसे बुराई न समझें। क्‍योंकि सेक्‍स प्रेम का अंतिम रूप है। अपने साथी को पूरी तरह यकीन दिला दें, कि आप उसके लिए सबसे बेहतर पार्टनर हैं।

कैसे करें शुरुआत

पहली बार आप जल्‍दबाजी मत करें तो अच्‍छा होगा। बेहतर होगा यदि आप पहले अपनी पत्‍नी को बाहों में भर लें, उसके बाद चुंबन और फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ें। इसके साथ प्‍यार भरी बातें जरूर करें। महिलाओं के लिए बेहतर होगा, कि अगर पति शुरुआत नहीं करता है, तो वो खुद उनकी बाहों में सिमट जाएं। इससे आपका दोनों के बीच प्‍यार बढ़ेगा। यदि आपका/आपकी पार्टनर को असहज महसूस हो रहा है, तो थोड़ी देर रुक जाएं। जबर्दस्‍ती का प्‍यार मत करें।

कंडोम का प्रयोग

एक रात में कोई भी अपने परिवार का नियोजन नहीं कर सकता, उसके लिए पति-पत्‍नी के बीच अच्‍छी समझ जरूरी है। इसलिए बेहतर होगा यदि आप पहली रात अपने साथ कंडोम रखें। इसलिए भी क्‍योंकि जरूरी नहीं है, आपकी पत्‍नी जल्‍दी गर्भवती होना चाहती हो। कंडोम का प्रयोग करके आप बिना किसी तनाव के सेक्‍स कर सकते हैं।

सेक्‍स के बाद क्‍या

संभोग के बाद क्‍या करना है, यह जानना भी काफी जरूरी है। अपने जीवन में खुशियां भरने के लिए जरूरी है, आप दोनों के बीच अच्‍छी समझ और प्रगाढ़ रिश्‍ता। यदि आप सेक्‍स के तुरंत बाद सो गए, तो उसका नकारात्‍मक प्रभाव आपके पार्टनर के दिल पर पड़ सकता है। पार्टनर के मन में आपके बारे में गलत धारणाएं घर कर सकती हैं। लिहाजा कम से कम 45 मिनट या 1 घंटे बाद सोयें।

सोने की बात आ ही गई है, तो उसमें भी आपकी पोजीशन मायने रखती है। अगर आप पीठ करके सो गए, तो भी नकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा। बेहतर होगा यदि आप अपने पार्टनर की ओर या उसे बाहों में लेकर सोयें।

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क्‍या पीरियड में संभोग करना सुरक्षित है?

बात जब प्रेम और यौन संबंधों की हो तो हर कोई उसका असीम सुख प्राप्‍त करने की इच्‍छा व्‍यक्‍त करता है। लेकिन कई बार कुछ कारणवश आपका यौन संबंध स्‍थापित करने का मूड तब खराब हो जाता है जब आपकी पार्टनर पीरियड यानी मासिक धर्म से होती है। लोगों का मानना है कि पीरियड के दौरान संभोग करना सेहत के लिए बेहद खतरनाक है, लेकिन क्‍या यह बात वाकई में सत्‍य है या नहीं चलिये आज हम जानने की कोशिश करते हैं।

पहले बात करेंगे उस सर्वेक्षण की जो हाल ही में किया गया है। सर्वेक्षण में 1000 से ज्‍यादा लोगों से बात की गई और पूछा गया कि क्‍या वो उस दौरान संभोग करते हैं, जब उनकी पार्टनर के मेंसुरेशन चल रहे होते हैं। 90 प्रतिशत पुरुषों ने जवाब दिया नहीं वो उस दौरान संभोग नहीं करते, क्‍योंकि उन्‍हें लगता गंदगी महसूस होती है। वहीं 27 प्रतिशत ने कहा कि संभोग करते हैं, लेकिन मन में इंफेक्‍शन का डर बना रहता है। महिलाओं में 67 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वो मेंसुरेशन के दौरान सेक्‍स करती हैं या नहीं यह उनके पार्टनर पर निर्भर करता है, लेकिन पीरियड के दौरान सेक्‍स का मजा कई गुना बढ़ जाता है।

कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्‍होंने शुरुआत में अपनी पार्टनर से पीरियड के दौरान संभोग करने की कोशिश की, लेकिन अब नहीं करते। उनका मानना है कि ऐसे समय में संभोग करने से मानसिक तनाव सा बना रहता है। उस वजह से रोमांटिक नहीं हो पाते।

डॉक्‍टर की राय

दिल्‍ली के मेहरौली में निजी प्रेक्टिस करने वाले डॉक्‍टर शैशेश कुमार श्रीवास्‍तव की मानें तो पीरियड के दौरान बिना कंडोम संभोग करने से दोनों को ही संक्रमण का खतरा बना रहता है। यही नहीं ऐसे समय में यौन जनित बीमारियों (सेक्‍सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज) के होने का खतरा ज्‍यादा रहता है। इस दौरान संभोग करने से पुरुष से ज्‍यादा खतरा स्‍त्री को होता है। संभोग के कारण यूटरस से निकलने वाला द्रव्‍य पीछे की ओर चला जाता है और फिर जम जाता है, जो संक्रमण का कारण बनता है। इस वजह से यूटरस के अंदर इंफेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है।

डॉक्‍टर का कहना है कि इससे मेंसुरेशन पूरी तरह नहीं हो पाता है और उसकी साइकिल अधूरी रह जाती है। ठीक तरह से मेंसुरेशन नहीं होना भी यूटरस संबंधी बीमारियों का कारण है। पीरियड में संभोग करने से गर्भ ठहरता है, या नहीं इस पर डा. श्रीवास्‍तव का जवाब था हां। उन्‍होंने कहा कि पीरियड में संभोग करने से प्रेगनेंट होने के चांस सबसे ज्‍यादा होते हैं।

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कामसूत्र में संभोग की बात तो हर जगह की जाती है, लेकिन मैथुन की बात बहुत कम होती है। यह वो प्रक्रिया है, जिसमें इंटरकोर्स के बिना पुरुष या महिलाएं यौन सुख की चरम सीमा तक पहुंच सकते हैं। हम यहां बात करेंगे मैथुन से जुड़े कुछ ऐसे तथ्‍यों के बारे में जिनके बारे में शायद ही आपको पता होगा।

मैथुन से जुड़े कुछ महत्‍वपूर्ण तथ्‍य

आपको यह जानकर आश्‍चर्य होगा कि सात साल का बच्‍चा भी मैथुन कर सकता है और कई लड़के करते भी हैं। आप सोच रहे होंगे कि 7 साल के बच्‍चे में वीर्य कैसे निकल सकता है। जी हां वीर्य तो नहीं निकलता, लेकिन उसे यौन अनुभव ठीक उसी प्रकार होता है, जैसा की बड़ों को। जबकि लड़कियों में मैथुन करने की प्रक्रिया टीन-एज में ही शुरू होती है।

हाल ही में हुए एक बड़े रिसर्च में पता चला है कि लड़के 7 साल की उम्र में ही अपने यौन अंग को स्‍पर्श कर मैथुन शुरू कर देते हैं। कुछ मामलों में यह उम्र 6 वर्ष भी पायी गई है। बात अगर लड़कियों की करें तो वो 16 साल की उम्र के बाद ही मैथुन करती हैं। ऐसा काफी कम लड़कियों में पाया गया है। इस दौरान लड़कों की तुलना में उनमें यौन सुखों के बारे में जानने की ललक ज्‍यादा होती है। ज्‍यादातर लड़कियां 20 वर्ष की आयु में ही मैथुन शुरू करती हैं।

रिसर्च के मुताबिक 80 प्रतिशत लड़के 16 से 20 वर्ष की आयु के बीच नियमित रूप से मैथुन करते हैं। हालांकि इस मामले में लड़कियों की संख्‍या उनसे आधी है। रिसर्च के मुताबिक 80 प्रतिशत लड़कियां इस उम्र में मैथुन के प्रयास जरूर करती हैं।

यह धारणा कि मैथुन करने वाली या नहीं करने वाली महिलाएं या पुरुष यौन क्रियाओं के लिए स्‍वस्‍थ्‍य नहीं होते, बिलकुल गलत है। मैथुन का सेक्‍सुअल हेल्‍थ से कोई लेना देना नहीं है।

रिसर्च के मुताबिक 65 प्रतिशत पुरुष एवं महिलाएं शादी के बाद मैथुन बंद कर देते हैं। उसका कारण नियमित रूप से यौन सुखों का मिलना है। हालांकि उनमें भी कई महिलाएं व पुरुष खुद अपने पार्टनर के सामने मैथुन करते हैं।

रिसर्च के मुताबिक अपनी शुरुआती उम्र में मैथुन करने वाले पुरुषों में 25 प्रतिशत 70 वर्ष की आयु तक भी मैथुन करते हैं।

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सेक्‍स लाइफ को बेहतर बनाने की 10 टिप्‍स

यह बात हमेशा ध्‍यान में रखिएगा कि आप और आपकी पार्टनर के बीच संबंध में खटास का कारण्‍ा सेक्‍स भी हो सकता है। यदि आप अपनी पार्टनर को पूरी तरह संतुष्‍ट नहीं कर पा रहे हैं/रही हैं, तो यह खतरे की घंटी है। आइये हम आपको बताते हैं बेहतरीन सेक्‍स लाइफ जीने के टिप्‍स :
1. नियमित खान-पान, व्‍यायाम: पौष्टिक आहार और नियमित व्‍यायाम आपी सेक्‍स करने की क्षमता को बढ़ाता है। अपने हार्मोन को ऊर्जा मुहैया कराने के लिए आपको जंक फूड से बचना चाहिए। हरि सब्जियां, दूध, दही, हरे चने, बादाम, काजू, दाल, रोटी, मछली, आदि खाने से आपको जरूर फायदा होगा। यही नहीं सेक्‍स का सबसे बड़ा दुश्‍मन थकान है। थकान के कारण आप अपनी पार्टनर को निराश कर देते हैं। न्‍यमित व्‍यायाम और योग से फुर्ती आती है, जिससे सेक्‍स लाइफ बेहतर बनी रहती है।

2. बेडरूम में साफ-सफाई: एक बात हमेशा ध्‍यान रहे, सेकस करते वक्‍त आस-पास गंदगी नहीं होनी चाहिए। गंदगी के कारण ध्‍यान भंग होता है और चरम सीमा तक पहुंचने में कठिनाई होती है, खास तौर से महिलाओं में। इसके अलावा अपके बेडरूम में अगर सामान फैला है, तो आपको जल्‍दी नींद आएगी, जिससे आपकी सेक्‍स लाइफ प्रभावित होगी।

3. फिल्‍म देखें: जब भी मौका मिले तो अपनी पार्टनर के साथ सेक्‍सी फिल्‍म जरूर देखें, या फिर किताब पढ़ें। बाद में जब दोनों अकेले हों, तो फिल्‍म के सबसे हॉट सीन का जिक्र करें, उससे दोनों के बीच झिझक खत्‍म होगी और करीबियां बढ़ेंगी। जिस वजह से आप अपनी पार्टनर को आसानी से सेक्‍स के लिए राजी कर पाएंगे।

4. अपनी साफ-सफाई: अपनी सेक्‍स लाइफ को बेहतरीन बनाए रखने के लिए जरूर है खुद को साफ रखना। यदि आपके शरीर से दुर्गंध आएगी, तो आपका/आपकी पार्टनर आपके करीब आने में कतराएगी। यदि आपके पसीने में बदबू आती है, तो डियोडरेंट या परफ्यूम का इस्‍तेमाल करें।

5. ओरल सेक्‍स: सेक्‍स की शुरुआत हमेशा ओरल सेक्‍स यानी लिप किस/स्‍मूचिंग से करनी चाहिए। यह ध्‍यान रहे कि ओरल सेक्‍स यौन क्रिया का अभिन्‍न भाग है और महत्‍वपूर्ण भी। इससे पार्टनर न केवल आपके करीब महसूस करती है, बल्कि संभोग के लिए उत्‍तेजना बढ़ती है। ओरल सेक्‍स की शुरुआत अगर गाल या माथे पर चुंबन से करेंगे, तो ज्‍यादा अच्‍छा रहेगा। चुंबन के दौरान आपका हाथ पार्टनर की कमर या वक्ष पर होना चाहिए।

6. फोरप्‍ले: फोरप्‍ले यानी संभोग से पहले की क्रिया। अधिकांश महिलाओं को चरम सीमा तक पहुंचने या रतिनिष्‍पत्ति में दिक्‍कत होती है, या फिर ज्‍यादा समय लगता है, कई बार पूरी यौन क्रिया समाप्‍त होने के बाद भी वो चरम सीमा तक नहीं पहुंच पाती हैं, लिहाजा फोरप्‍ले वहां पर सहायक साबित होता है। फोरप्‍ले की शुरुआत संभोग से दस-पंद्रह मिनट पहले ही नहीं, बल्कि आप घंटो पहले से कर सकते हैं। किस करना, बाहों में भरना, उत्‍तेजना पैदा करने वाले अंगों को स्‍पर्श करना, व मसाज करना, धीरे-धीरे कपड़े उतारना, आदि शामिल है।

7. पोजीशन बदलना: एक ही पोजीशन पर सेक्‍स करने से सेक्‍स के प्रति उत्‍साह खत्‍म होने लगता है, इसलिए अच्‍छा होगा अगर आप हर बार नई पोजीशन में संभोग करें। उससे न केवल सेक्‍स मजा बढ़ जाता है, बल्कि सेक्‍स की बेहतरीन अनुभूति भी होती है। कामसूत्र की विभिन्‍न क्रियाओं को आजमाने से आपकी सेक्‍स लाइफ हमेशा बेहतरीन बनी रहेगी।

8 कंडोम का प्रयोग: यदि आप अभी संतान नहीं चाहते हैं, तो सेक्‍स के वक्‍त कंडोम का प्रयोग जरूर करें, क्‍योंकि ऐसा न करने पर सेक्‍स के दौरान आपकी पार्टनर के मन में एक बात हमेशा घूमती रहेगी कि कहीं वो गर्भवती न हो जाए।

9. सेक्‍स के बाद प्‍यार की बातें: पति-पत्‍नी के संबंधों में सेक्‍स से कहीं ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण उनके बीच का प्‍यार होता है। यह बात हमेशा ध्‍यान रहे कि अगर आप सेकस करने के तुरंत बाद सो गए, तो आपकी पत्‍नी को बुरा लग सकता है।

10. मदिरा, धूम्रपान न करें: सेक्‍स लाइफ बेहतर बनाने के लिए मदिरा का सेवन और धूम्रपान नहीं करना चाहिए। इन दोनों के कारण आपके अंदर सेक्‍स करने की क्षमता घट सकती है।

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यदि आपको अपनी रात सुहावनी बनानी है, तो खुद आगे बढ़ना भी आना चाहिए। अपनी रात को प्रेम और रस से भरा रखने के लिए आपको चाहिए आत्‍मविश्‍वास। सेक्‍स के मामले में पुरुष हमेशा से आगे रहते हैं, लेकिन महिलाएं पूरी तरह स्‍मार्ट नहीं हो पाती हैं। चलिए हम आपको बताते हैं कि स्‍वस्‍थ्‍य सेक्‍स के लिए आप क्‍या करें-

बेड पर महिलाओं के लिए टिप्‍स

1. सबसे पहले आपको निडर बनना होगा। आप अपने पार्टनर को यह अहसास दिलाएं कि आप क्‍या चाहती हैं।

2. अपने पार्टनर के साथ ज्‍यादा से ज्‍यादा समय बिताएं और उसके सामने अपने प्‍यार का इज़हार करें।

3. जब आपको लगने लगे कि वो आपकी ओर आकर्षित हो रहा है, तो उसे अपनी बाहों में भरने की कोशिश करें। या फिर खुद लिपट जाएं।

4. जब आपका पार्टनर आपके करीब आए, तो प्‍यार में जरा भी कंजूसी मत करें। यदि आपको उसकी कोई बात अच्‍छी लगती है, तो तारीफ जरूर करें।

5. यदि आपका पार्टनर सेक्‍स की शुरुआत नहीं करता है, या फिर वो किसी बात से परेशान है, तो उससे ऐसी बातें करें, कि वो अपनी सारी परेशानियां भूल कर आपके करीब आ जाए।

6. पार्टनर को फोर सेक्‍स का मौका दें। चुंबन व धीरे-धीरे मसाज से उसे पूरी तरह आगोश में ले लें।

7. इस बात का इंतजार मत करें क‍ि वो संभोग की शुरुआत करे। यदि आप शुरुआत करेंगी, तो उसे और भी ज्‍यादा अच्‍छा लगेगा।

8. आम तौर पर महिलाएं अनचाहे गर्भ की वजह से संभोग से कतराती हैं, इसका भी है। संभोग के दौरान कंडोम का इस्‍तेमाल आपके प्‍यार को कई गुना बढ़ा देगा।

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कामसूत्र के मुताबिक जितना ज्‍यादा पुरुष सेक्‍स को पसंद करते हैं, उतना ही महिलाएं भी। जिस प्रकार पुरुषों को विशेष क्रियाओं यानी पोजीशन में सेक्‍स करना पसंद होता है, उसी प्रकार महिलाओं को भी। अब सवाल उठता है कि महिलाओं को कौन सी क्रियाएं ज्‍यादा पसंद होती हैं, तो हम उसका जवाब यहां देंगे। इससे पहले हम आपको बता दें कि महिलाओं को संभोग की वो क्रियाएं ज्‍यादा पसंद होती हैं, जिनमें वो जल्‍दी चरम सीमा तक पहुंच सकती हैं।

महिलाओं की पसंदीदा यौन क्रियाएं

कुछ क्रियाएं इस प्रकार हैं-

1. पहली क्रिया जिसमें संभोग के दौरान पुरुष महिला के ऊपर होता है। यह सबसे पुरानी क्रिया है, जिसे महिलाएं सबसे ज्‍यादा पसंद करती हैं। इस क्रिया में महिलाओं को प्रेम और सेक्‍स दोनों का बराबर से अनुभव होता है।

2. दूसरी सबसे अच्‍छी क्रिया ’69′ है। यह क्रिया बैठ कर होती है, जिसमें पुरुष की जांघों पर उसकी पार्टनर बैठ जाती है। इस क्रिया में बैठकर संभोग किया जाता है। इसमें सीधे दिल से दिल का संपर्क होता है। यदि इस क्रिया के साथ चुंबन भी लिया जाए तो प्‍यार का अहसास कई गुना बढ़ जाता है।

3. तीसरी पोजीशन वो है, जिसमें महिला अपने पार्टनर के ऊपर बैठ जाती है। आम तौर पर महिलाओं को हावी होना पसंद होता है और इस पोजीशन में उसी बात का अहसास ज्‍यादा होता है। इस पोजीशन में महिलाएं बहुत जल्‍द चरम सीमा यानी रति निष्‍पत्ति की अवस्‍था में पहुंच जाती हैं।

4. महिलाओं को अलग-अलग तरह से सेक्‍स करना पसंद होता है। पोजीशन ’66′ प्‍यार और सेक्‍स का अलग अहसास कराता है। इसमें महिला अपने पुरुष पार्टनर के ऊपर पीठ करके बैठ जाती है। इस पोजीशन में अगर पुरुष अपनी पार्टनर की छाती पर मसाज करे तो ज्‍यादा सहायक सिद्ध हो सकता है।

5. महिलाओं को स्‍पून फिटिंग पोजीशन भी काफी पसंद होती है। इस पोजीशन में जिस प्रकार दो चम्‍मच एक दूसरे में फिट हो जाते हैं, उसी प्रकार महिला, पुरुष एक दूसरे के आलिंगन में खो जाते हैं। पुरुष पीछे की तरफ रहता है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि सेक्‍स न केवल प्रेम का एक भाग है, बल्कि स्‍वस्‍थ्‍य रहने का माध्‍यम भी है। यह न केवल आपको मानसिक व शारीरिक रूप से स्‍वस्‍थ्‍य रखता है, बल्कि आपकी पर्सनालिटी डेवलपमेंट यानी व्‍यक्तित्‍व विकास भी करता है। नियममित रूप से सेक्‍स करने वाले व्‍यक्ति तन और मन दोनों से स्‍वस्‍थ्‍य रहते हैं। जिसका सकारात्‍मक प्रभाव आपके शादी-शुदा जीवन के अलावा सामाजिक और व्‍यवसायिक जीवन पर भी पड़ता है।

व्‍यक्तित्‍व का विकास भी करता है सेक्‍स—-

यहां हम आपको बताएंगे कि सेक्‍स करने से आपकी पर्सनालिटी किस तरह से निखरती है। संभोग की क्रिया एक प्रकार का व्‍यायाम है। जिसे हम एरोबिक्‍स भी कह सकते हैं और यह शरीर व मस्तिष्‍क दोनों के लिए अच्‍छा होता है। सेक्‍स के दौरान खास-तौर से पेट, पैर और कमर की एक्‍सरसाइज होती है। इससे महिलाओं के शरीर का नीचला भाग सुडौल बनता है, जबकि पुरुषों को फुर्ती मिलती है। तनाव को खत्‍म करने की सबसे बेहतरीन दवा सेक्‍स है। संभोग के बाद आप न केवल आपका तनाव कम होता है, बल्कि आपके अंदर सकारात्‍मक सोच भी विकसित होती है। स्‍वस्‍थ्‍य यौन जीवन व्‍यक्ति का आत्‍मविश्‍वास बढ़ाता है। अध्‍ययन के मुताबिक जो लोग नियमित रूप से सेक्‍स करते हैं, वे व्‍यवसायिक क्षेत्र में आने वाली कठिनाइयों का सामना आसानी से कर लेते हैं। हर का में मनोबल ऊंचा रहता है।

स्‍वस्‍थ्‍य यौन जीवन से आपके परिवार में खुशियां आती हैं। जीवन साथी से मधुर संबंध बने रहते हैं, जिसका सकारात्‍मक प्रभाव आपके परिवार पर पड़ता है। खुश रहने की वजह से आपका चेहरा भी खिला-खिला रहता है। त्‍वचा में अलग सा निखार दिखाई देता है। खास-तौर से महिलाओं पर यह लागू होता है, क्‍योंकि जब महिलाएं किसी तनाव में नहीं रहती हैं, तो उनकी त्‍वचा ज्‍यादा खिली-खिली दिखती है।

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बेड पर महिलाओं को क्‍या पसंद

दुनिया में अधिकांश महिलाएं सेक्‍स के बारे में सोचती हैं। सोचते-सोचते वो ऐसी दुनिया में खो जाती हैं, जहां उनका पार्टनर उन्‍हें अपनी बाहों में भरे हुए होता है। सेक्‍स को लेकर उनकी उम्‍मीदें कहीं हटकर होती हैं। यही कारण है कि पुरुषों के लिए यह पता लगाना कठिन हो जाता है कि उनकी पार्टनर किस तरह का प्रेम चाहती है। खैर हम आपको कुछ ऐसी बाते बताएंगे, जो ज्‍यादातर महिलाएं अपने बिस्‍तर पर चाहती हैं।

हर बार कुछ नया
हर महिला अपने जीवन में हमेशा कुछ नया पन ढूंढ़ती है। यदि आप अपनी पार्टनर को नए-नए तरीके से खुश करने की कोशिश करेंगे तो वो आपके ज्‍यादा करीब आएगी। तरह-तरह के तोहफे देने, अलग-अलग तरह से प्रेम की इच्‍छा को जताने से आपकी पार्टनर हर बार आपके ज्‍यादा करीब आएगी।

पुरुषों पर हावी होना
ज्‍यादातर महिलाओं को सेक्‍स के दौरान अपने पार्टनर पर हावी होना अच्‍छा लगता है। जैसे वो संभोग के दौरान पुरुष के ऊपर आ जाती हैं और कई बार हिंसक प्रवृत्तियां भी दर्शाती हैं, जैसे- पुरुष को कस कर जकड़ लेना, पार्टनर के सीने, गर्दन, गाल, हाथ, आदि पर काटना, अपने पार्टनर के लिंग को कस कर पकड़ना, या उस पर मसाज करना, आदि। अगर आपकी पार्टनर ऐसा करती है, तो उन्‍हें रोकें मत, क्‍योंकि वो उनके प्रेम का एक हिस्‍सा है। बस ध्‍यान रहे आपके शरीर को कोई चोट न पहुंचे।

विभिन्‍न क्रियाएं
सेक्‍स के दौरान कई महिलाओं में चाहत होती है कि उनके पार्टनर वैसा ही करें, जैसा वो चाहती हैं। अपने पैरों तक ले जाने में भी उन्‍हें अच्‍छा लगता है। महिलाएं खुद भी पोजीशन बदल-बदल कर सेक्‍स करना पसंद करती हैं। इससे चरम सीमा तक पहुंचने में आसानी होती है, लिहाजा पोजीशन बदल-बदल कर यानी विभिन्‍न क्रियाओं का इस्‍तेमाल कर संभोग करें।

फोर सेक्‍स
एक अध्‍ययन के मुताबिक पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं को फोर सेक्‍स (यानी संभोग से पहले की क्रियाएं) पसंद होता है। इसलिए फोर सेक्‍स करते वक्‍त ये मत सोचें कि आप अपनी पार्टनर को महज उत्‍तेजित करने के लिए यह कर रहे हैं, बल्कि वो उसे भी अच्‍छा लगता है, लिहाजा जितनी देर तक हो सके फोर सेक्‍स करें। हो सके ता संभोग तब तक मत करें, जब तक आपकी पार्टनर खुद न कहे।

जबर्दस्‍ती नहीं
महिलाओं को जबर्दस्‍ती बिलकुल पसंद नहीं होती, खास-तौर से सेक्‍स के मामले में। इसके पीछे सबसे बड़ा मनो तथ्‍य यह है- उन्‍हें लगता है कि पुरुष अपनी लालसा पूरी करने के लिए उनका इस्‍तेमाल कर रहे हैं। कई बार वो सोचती हैं, कि उनका पार्टनर तभी करीब आता है, जब उसे सेक्‍स करना होता है।
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स्‍पून-फिटिंग पोजीशन में सेक्‍स—–प्‍यार के अंतिम चरण जिसे हम संभोग कहते हैं, उसे लेकर कामसूत्र में कई क्रियाएं यानी पोजीशन बताई गई हैं। सबसे अहम बात यह है कि पोजीशन बदल-बदल कर संभोग करने से प्रेम का अनुभव कई गुना बढ़ जाता है। सबसे अहम बात यह है कि हर पोजीशन का अपना महत्‍व है।

यहां पर हम बात करेंगे स्‍पून-फिटिंग पोजीशनजो न केवल संभोग का सुखद अहसास कराती है, बल्कि दो दिलों के बीच प्रेम के बंधन को मजबूत करती है।

क्‍या है पोजीशन

स्‍पून-फिटिंग पोजीशन के नाम से ही आप समझ गए होंगे, कि जिस तरह दो एक जैसे चम्‍मच एक दूसरे में फिट हो जाते हैं, उसी प्रकार इस पोजीशन में पुरुष व स्‍त्री एक दूसरे में फिट हो जाते हैं। स्‍त्री आगे की ओर होती है और बायीं या दायीं ओर करवट करके लेटती है, जबकि पुरुष उसके पीछे उसी करवट में लेटता है।

नवदंपत्तियों में यह पोजीशन सबसे अच्‍छी मानी जाती है। इस पोजीशन में पुरुष स्‍त्री के हर अंग को आसानी से स्‍पर्ष कर सकता है। यह ऐसी पोजीशन है जिसमें दोनों शरीरों का स्‍पर्ष भाग सबसे अधिक होता है। इस पोजीशन में पुरुष आसानी से अपने पार्टनर को सेक्‍स के प्रति उकसा सकते हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतर

यह पोजीशन गर्भवती महिला के लिए एक दम सही है खास तौर से अंतिम व पहले तीन महीनों में। क्‍योंकि यही वो समय होते हैं जब गर्भवती महिला को सबसे ज्‍यादा सावधानियां बरतनी होती हैं। इस पोजीशन में स्‍त्री पर सबसे कम दबाव पड़ता है। आम तौर पर स्त्रियों को सेक्‍स की चरम सीमा तक पहुंचने में काफी वक्‍त लगता है, ऐसे में यह पोजीशन बेहतर साबित हो सकती है। लगभग पूरे शरीर के स्‍पर्ष के कारण इस पोजीशन में स्‍त्री आसानी से संभोग के चरम तक पहुंच सकती हैं।
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सेक्‍स से संबंधित भ्रम: —-
कामसूत्र की के मुताबिक आलिंगन व संभोग प्रेम का अंतिम पड़ाव होता है। यह हमारे जीवन के लिए अत्‍यंत जरूरी भी है, लेकिन बेडरूम में सेक्‍स के वक्‍त पुरुषों में इसके प्रति कई भ्रम उत्‍पन्‍न होते हैं। शायद कई बातें आपके मन में भी हों, जो सिर्फ आपको भ्रमित करती हैं। आइये देखते हैं सेक्‍स के दौरान उठने वाले भ्रम क्‍या हैं-

1. गर्भवती न होने का भ्रम
पुरुष सोचते हैं कि संभोग के दौरान चरम सीमा तक पहुंचने से पहले यदि अगर वो अपना लिंग बाहर निकाल लेते हैं, तो उससे उनकी पार्टनर गर्भवती नहीं होगी। जबकि ऐसा नहीं है। चरम सीमा यानी रति निष्‍पत्ति से पहले निकलने वाले तरल पदार्थ में भी शुक्राणु मौजूद होते हैं, जो लड़की को प्रेगनेंट करने के लिए पर्याप्‍त होते हैं। लिहाजा कंडोम का इस्‍तेमाल ही बेहतर उपाय है।

2. किसी और के बारे में सोचना
तमाम पुरुष सोचते हैं कि संभोग के दौरान किसी अन्‍य स्‍त्री के बारे में सोचना गलत है। लेकिन ऐसा नहीं है। इससे आपकी वफादारी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। जबकि यह कई बार आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। खासतौर से तब जब आप जरा भी सेक्‍स के मूड में नहीं हों।

3. सेक्‍स से पहले ही चरम पर पहुंचना
कई पुरुष, खासतौर से 25 से 30 की उम्र वाले यह सोचते हैं कि संभोग से पहले रति निष्‍पत्ति से उनकी सेक्‍सुअल हेल्‍थ खराब होती है। या वो यौन रूप से पूरी तरह सशक्‍त नहीं हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। शुरू में समय से पहले चरम पर पहुचना स्‍वाभाविक है। हां यदि आगे चलकर भी ऐसा होता है, तब सोचने का विषय है।

4. ओरल सेक्‍स बेहतर
तमाम पुरुष मानते हैं कि संभोग से ओरल सेक्‍स बेहतर होता है। ओरल सेक्‍स यानी गुप्‍तांग को मुंह के संपर्क में लाना होता है। ऐसा नहीं है ओरल सेक्‍स से भी यौन जनित रोगों के फैलने का खतरा होता है। ऐसे में यदि आपके मुंह में कहीं भी कट है, तो पार्टनर के गुप्‍तांग से निकलने वाले पदार्थ के माध्‍यम से यौन जनित रोग आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।

5. खाने की चीजों से कामोत्‍तेजना
कई लोग सोचते हैं कि अपनी पार्टनर को चॉकलेट, मिठाई, स्‍ट्रॉबेरी, आदि खिलाने से कामोत्‍तेजना बढ़ती है। लेकिन ऐसा नहीं है। यह एक भ्रम है। सेक्‍स से पहले साथ खाने से सिर्फ प्रेम बढ़ता है।
1. साइस का टेंशन
साइज से कोई फर्क नहीं पड़ता ज्‍यादातर पुरुषों में अपने लिंग के साइज को लेकर काफी चिंता रहती है। ज्‍यादातर लोग जिनके लिंग का साइज छोटा होता है, उन्‍हें लगता है कि उन्‍हें सेक्‍स करने में दिक्‍कत आएगी। या फिर उनकी पार्टनर उनसे संतुष्‍ट नहीं हो पाएगी। यही नहीं कई बार लोग सोचते हैं कि लिंग छोटा होने से उनकी सेक्‍स लाइफ प्रभावित होगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। साइज का सेक्‍स की संतुष्‍टी से कोई ताल्‍लुक नहीं और न ही आपकी क्षमता से।

2. एक उम्र के बाद सेक्‍स महत्‍वपूर्ण नहीं रहता
तमाम लोग सोचते हैं कि एक उम्र के बाद उनके लिए सेक्‍स महत्‍वपूर्ण नहीं रह जाएगा, लेकिन ऐसा सोचना गलत है। यह एक भौतिक क्रिया है, जो हमेशा सुख प्रदान करती है। लोगों को लगता है कि उम्र के साथ सेक्‍स के प्रति उत्‍साह कम होने लगता है, जबकि सच पूछें तो यह तनाव और हार्मोन परिवर्तन के कारण होता है।

3. महिलाओं से ज्‍यादा पुरुष रहते हैं आतुर
सेक्‍सुअल फीलिंग्‍स की बात आते ही यह बात सभी सोचते हैं। जबकि सेक्‍स की चाहत जितनी पुरुषों में होती है, उतनी ही महिलाओं में भी। फर्क इतना है कि पुरुष हर समय तैयार रहते हैं, जबकि महिलाएं समय के साथ ही अपनी मंशा दर्शा पाती हैं। दोनों में सेक्‍स करने की चाहत खान-पान, नींद, स्‍वास्‍थ्‍य, तनाव, फिटनेस, आत्‍मविश्‍वास और संबंधों की प्रगाढ़ता पर निर्भर करती है।

4. मैथुन से प्रभाव
बहुत सारे पुरुष व महिलाएं यह सोचती हैं कि मैथुन से स्‍वास्‍थ्‍य पर गलत प्रभाव पड़ता है। उससे सेक्‍स करने की क्षमता कम होती है या फिर शुक्राणु बनने बंद हो जाते हैं। लोग सोचते हैं कि मैथुन से व्‍यक्ति कमजोर हो जाता है। वहीं महिलाएं सोचती हैं कि इससे गर्भधारण में दिक्‍कत आती है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। मैथुन से ये सभी बातें लोगों के मन की भ्रांतियां हैं।

5. वियागरा से मजबूती
तमाम लोग सोचते हैं कि वियागरा जैसी दवाएं खाने से लिंग मजबूत होता है, जबकि ऐसा नहीं है। यह सिर्फ कुछ क्षणों के लिए होता है, वो भी संभोग करने तक। बल्कि डायबटीज व हाइपरटेंशन के शिकार लोग यदि इन गोलियों का सेवन करते हैं, तो वो उनके लिए खतरनाक है।
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स्‍तन और सेक्‍स—-

बंद कमरे में जब आप अपने पार्टनर से मिलती हैं, तो क्‍या आपके पार्टनर को आपके सीने से लिपटना अच्‍छा लगता है? अधिकांश का जवाब होगा हां। जी हां यह सिर्फ इसलिए क्‍योंकि सेक्‍स के दौरान स्‍तन की काफी अहम भूमिका होती है। सही मायने में देखें तो यह पुरुषों को अपनी ओर आकर्षित कर सेक्‍स के लिए प्रेरित करता है। हालांकि यह काफी सामान्‍य बात है कि बेडरूम के अंदर अधिकांश पुरुष अपनी पार्टनर के गाल की जगह स्‍तन पर किस करना पसंद करते हैं, लेकिन यहां पर स्त्रियों की भूमिका भी काफी अहम होती है।

वो स्त्रियां जो स्‍तन को दबाने, किस करने, मसाज करने, आदि से अपने पार्टनर को रोकती हैं, उनकी सेक्‍स ड्राइव ज्‍यादा लंबी नहीं होती। सच पूछिए तो पार्टनर को इससे न रोकने से उन महिलाओं को फायदा पहुंचता है, जिन्‍हें सेक्‍स की चरम सीमा तक पहुंचने में काफी समय लगता है। देखा जाए तो फोर सेक्‍स यानी संभोग से पहले की क्रिया में स्‍तन पर मसाज करना या उस पर चुंबन लेना काफी कारगर साबित होता है।

स्त्रियों के लिए सबसे अहम बात यह है कि अगर ऐसा करने पर उन्‍हें किसी प्रकार का दर्द महसूस होता है, तो उसे खुलकर अपने पार्टनर को बताएं। यदि आपके पार्टनर को फोर सेक्‍स काफी अच्‍छा लगता है, लेकिन आप सहज महसूस नहीं करती हैं, तो एकदम से रोकने के बजाए अपनी समस्‍या बताएं। यदि आपका पार्टनर स्‍तन को मरोड़ने, दांत से काटने या कस कर दबाने जैसा काम करता है तो उसे समझाइये कि यह आपके शरीर का एक कोमल अंग है, उसे इस प्रकार चोट पहुंचाने से सेक्‍स में बाधा आती है। यह बात हमेशा ध्‍यान रहे, अपने पार्टनर से खुलकर बात करने से सेक्‍स लाइफ बेहतर ही होती है।
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संबंधों में सेक्‍स का महत्‍व

क्‍या आपकी पत्‍नी आपसे खुश नहीं रहती? महिलाओं की बात करें तो क्‍या आपके पती आपसे बात-बात पर नाराज़ हो जाते हैं? या फिर आप दोनों के बीच रोज-रोज झगड़े होते हैं? और आप इन सब बातों से परेशान रहते हैं। इसका हल आपके ही पास है। वो है सेक्‍स। जी हां पति-पत्‍नी के बीच प्‍यार को बढ़ाने का सबसे अच्‍छा माध्‍यम यही है। इससे न केवल आप एक-दूसरे को समझ सकते हैं, बल्कि दोनों के बीच संबंध और अच्‍छे होते हैं। इन सभी से जुड़े सवालों के जवाब हम आपको देंगे।

पति-पत्‍नी के संबंधों में सेक्‍स का काफी महत्‍व होता है, लेकिन यह आप ही तय कर सकते हैं कि यह किस तरह कारगर साबित हो सकता है। बहुत सारी महिलाएं ये मानती हैं कि सेक्‍स सिर्फ पुरुषों के लिए ही महत्‍वपूर्ण होता है, लेकिन बहुत सी ऐसी महिलाएं भी हैं जो अपने पार्टनर को सुख देने के लिए किसी भी वक्‍त सेक्‍स के लिए तैयार हो जाती हैं। सही मायने में सेक्‍स सिर्फ भौतिक सुख नहीं है, बल्कि मानसिक सुख भी है, जो हमारे जीवन में तनाव को कम करने के साथ-साथ खुशियां लाता है। सेक्‍स पति-पत्‍नी को भावनात्‍मक रूप से करीब लाता है।

कैसे बनती हैं दूरियां

सेक्‍स न करने की वजह से पति-पत्‍नी के बीच दूरियां भी बन सकती हैं। यदि आप सप्‍ताह में सिर्फ एक या दो बार ही अपने पार्टनर के करीब आते हैं तो यह गंभीर बात है। इससे दोनों तरफ न केवल मानसिक उलझनें उत्‍पन्‍न होती हैं, बल्कि तनाव भी बढ़ता है। सेक्‍स न करने की वजह से महिलाओं को लगने लगता है कि उनका पति उनसे प्रेम नहीं करता। वहीं पुरुषों को लगता है कि पत्‍नी को अब उनके करीब आने में रुचि नहीं है। यह दोनों बातें तब ज्‍यादा गहरी हो जाती हैं, जब परिवार में किसी भी प्रकार के झगड़े होते हैं। पत्‍नी असहाय महसूस करने लगती है।

वहीं पति को लगता है कि उनकी पत्‍नी उसकी भावना को नहीं समझती। देखते ही देखते बातें बढ़ती जाती हैं और संबंध कमजोर पड़ने लगते हैं। कई बार संबंध इतने बिगड़ जाते हैं कि एक-दूसरे को छोड़ने तक की नौबत आ जाती है।

पुरुष भले ही बंद कमरे की बातें अपने मित्रों के बीच नहीं करते हैं, लेकिन महिलाओं के बीच ऐसी बातें करना आम है। ज्‍यादातर महिलाएं जब अपनी सखी-सहेली से मिलती हैं, तो अकसर यौन संबंधों की बातें होती हैं। ऐसे में अगर आपकी पत्‍नी की सहेली यह कहती है कि वो अपने हफ्ते में सातों दिन अपने पति के करीब जाती है, या उसके पति जब मौका पाते हैं, उसके करीब आ जाते हैंतो उस वक्‍त आपकी पत्‍नी के मन में यह भावना जरूर आएगी कि मेरे पति मुझे प्‍यार नहीं करते।हालांकि आपकी पत्‍नी को उस समय झूठ बोलना पड़ता है। इसके अलावा यदि आपकी पत्‍नी अकेले बैठकर कोई ऐसी फिल्‍म देखती है, जिसमें पति-पत्‍नी के बीच बेशुमार प्‍यार है और वो रोजाना करीब आते हैं, तो भी उसके मन में ऐसी ही बातें आ सकती हैं। असल में यहीं से संबंधों में पहली दरार आती है।

वहीं अगर पुरुषों की बात करें तो उनके मन में संबंधों में खटास की बात तभी आती है, जब वो अकेले बैठकर अपनी सेक्‍सुअल लाइफ के बारे में सोचते हैं। इसके अलावा तब उनके दिल को और ज्‍याद ठेस पहुंचती है, जब वो सेक्‍स अपनी पत्‍नी के करीब आना चाहता है, और पत्‍नी मना कर दे। लाख मनाने के बाद भी अगर पत्‍नी करवट बदलकर सो जाती है, तो उसे लगने लगता है कि वो अपनी जिम्‍मेदारियों पर खरा नहीं उतर रहा। बाद में जब भी किसी प्रकार का झगड़ा होता है, तब वही गुस्‍सा दूसरी बातों पर फूट पड़ता है।

इन सभी बातों को अपने परिवार की सुख शांति से दूर रखने का सबसे अच्‍छा माध्‍यम सेक्‍स है। यदि आप हर रोज़ अपनी पत्‍नी के (महिलाएं अपने पति के) के करीब आते हैं तो दोनों के रिश्‍ते मजबूत होते हैं।

पुरुषों के लिए कुछ टिप्‍स

1. सेक्‍स का मतलब सिर्फ संभोग मत समझें। जब पत्‍नी राज़ी हो तभी संभोग करें। नहीं तो ओरल सेक्‍स तक ही सीमित रहें।
2. अकेले मिलने पर पत्‍नी को अपनी बाहों में भरें। चुंबन के माध्‍यम से अपने प्रेम का इज़हार करें।
3. करीब आते वक्‍त मन में किसी प्रकार का तनाव न रखें, न ही ऐसी बातें करें, जिनसे आपकी पत्‍नी नाराज़ हो सकती है।
4. करीब आने पर पत्‍नी से ऑफिस, मित्रों, परिवार के अन्‍य सदस्‍यों की बात बिलकुल मत करें। हो सके तो उससे पूछें कि उसके मन में क्‍या है।
5. यदि हाल ही में झगड़ा हुआ हो तो करीब आने पर पत्‍नी जो भी बात करे, उस पर सोच समझ कर ही बोलें। अनायास जवाब देने से वो फिर से रुष्‍ट हो सकती है।
6. बंद कमरे में अकेले मिलने पर तुरंत संभोग की बात मत करें, इससे नकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है।
7. करीब आने पर पत्‍नी को बाहों में भर लें, या सीने से लगा लें। चाहे कितना ही तनाव क्‍यों न हो पत्‍नी सब भूल जाएगी।
8. यदि संभव हो तो लाइट म्‍यूजि़क चला दें। कमरे की बत्‍ती डिम कर दें।
9. साफ कपड़े पहन कर ही करीब जाएं। शरीर से बदबू आती हो तो डियोडरेंट का इस्‍तेमाल करें।
10. संभोग के बाद तुरंत मत सोएं। जब तक पत्‍नी को नींद नहीं आ जाए, तब तक उससे बातें करते रहें।

महिलाओं के लिए टिप्‍स

1. कहते हैं पतियों के दिल तक पहुंचने का सबसे अच्‍छा रास्‍ता उनका पेट होता है। यदि पति से लड़ाई हो गई है, तो सबसे पहले उसके लिए उसके मन पसंद भोजन बनाएं। भोजन के वक्‍त कोई भी ऐसी बात मत करें, जिससे नाराज़गी बढ़ सकती है।
2. आम-तौर पर पुरुष ही सेक्‍स के लिए पहल करते हैं, लेकिन अगर आप पहल करेंगी, तो प्‍यार और बढ़ेगा।
3. करीब आने का सबसे अच्‍छा तरीका है पति से लिपट जाना। हो सकता है नाराज़गी के चलते वो कोई रिस्‍पॉन्‍स नहीं दे, ऐसा होने पर गुस्‍सा मत हों।
4. महिलाओं का सबसे बड़ा आकर्षण उनके कपड़ों से होता है। इसलिए ऐसे वस्‍त्र धारण करें, जो आपके पति को सबसे ज्‍यादा पसंद हों। अंत:वस्‍त्र भी।
5. करीब आने पर यह उम्‍मीद मत करें, कि पति तुरंत आपको बाहों में भर लेगा और संभोग शुरू हो जाएगा। सब कुछ धीरे-धीरे होने दें।
6. करीब आते वक्‍त उस बात को मत उखाड़ें, जिस पर पति नाराज़ हुआ था। दूसरों की बातें करने के बजाए अपनी बात करें।
7. संभोग से पहले पति को ओरल सेक्‍स के लिए प्रेरित करें। इसकी शुरुआत चुंबन से करें। यह इंतजार मत करें कि पति ही आपको बाहों में भरेगा, आप भी उसे अपने सीने से लगा सकती हैं।
8. यदि आपके पसीने में बदबू आती हो तो डियोडरेंट या परफ्यूम लगाकर करीब जाएं। ऐसा परफ्यूम जो पुरुषों को आकर्षित करता हो। बहुत ज्‍यादा मेकअप की जरूरत नहीं।
9. यदि पति किसी बात से परेशान हो, तो उसकी बात सुने और समझें। परेशानी का हल ढूंढ़ने के प्रयास करें।
10. संभोग के तुरंत बाद पति को अपने से अलग मत कर दें। कुछ देर तक प्‍यार भरी बातें करने से आपके संबंध पहले जैसे मधुर हो जाएंगे।
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मैथुन से जुड़ी भ्रांतियां

आपने जब 15 वर्ष की आयु में कदम रखा होगा, तो आपके साथियों ने कभी न कभी आपसे एक सवाल जरूर किया होगा- क्‍या तुम मैथुन करते हो? यदि आप मैथुन करते होंगे तो आप शर्म से झुक गए होंगे, आंखों में पानी आ गया होगा और हां या न का जवाब देते वक्‍त अंदर ही अंदर झिझक सी पैदा हुई होगी। जरा सोचिए क्‍यों? इस क्‍यों का जवाब आपको इस लेख में जरूर मिल जाएगा।

मैथुन वो होता है जब कोई लड़की या लड़का अपने गुप्‍तांग को मसल कर यौन सुख की अनुभूति प्राप्‍त करने की कोशिश करता है। इस क्रिया में बिना किसी साथी के ही व्‍यक्ति सेक्‍स की चरम सीमा तक पहुंच जाता है। कई लोग इसे हस्‍त मैथुन भी कहते हैं, जबकि अंग्रेजी में इसका अर्थ है मास्‍टरबेशन। मैथुन में भी उसी प्रकार रति-निष्‍पत्ति होती है, जिस प्रकार संभोग के दौरान, बस फर्क अकेल पन का होता है।
यदि हम इतिहास के झरोखे में देखें तो 60 के दशक में डॉक्‍टर लोगों को मैथुन न करने की सलाह देते थे। उनका तर्क रहता था कि इससे स्‍वास्‍थ्‍य गिर जाता है, व्‍यक्ति कमजोर हो जाता है, हड्डियां कमजोर पड़ जाती हैं, उम्र कम होती है, लंबाई नहीं बढ़ती, आंखें कमजोर पड़ जाती हैं, वीर्य पतला हो जाता है (लड़कियों में अंडाणु कम हो जाते हैं), लिंग कमजोर पड़ जाता है, लिंग छोटा हो जाता है, भविष्‍य में संतान पैदा करने योग्‍य नहीं रह जाता, वगैरह-वगैरह

तब से लेकर बीसवीं सदी तक मैथुन पर लाखों किताबें लिखी गईं। उनमें तमाम ऐसी थीं, जिनमें कहा गया कि मैथुन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक होता है। उन्‍हीं बातों का प्रभाव आज भी दिखाई देता है। जब व्‍यक्ति टीन एज में कदम रखता है, तो उसके संगी साथी मैथुन से जुड़ी वही बातें बताते हैं। अज्ञानतावश मैथुन करने वाले कई लोग मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं।

मैथुन करने वालों मन में तमाम सवाल उठते हैं, जिनके उत्‍तर वे किताबें, इंटरनेट, अखबारों और डॉक्‍टरों के पास खोजते हैं। कई बार शादी के बाद जब बच्‍चा नहीं पैदा होता है तो यह भी खयाल आता है कि कहीं इसकी वजह मैथुन तो नहीं। यही नहीं मैथुन करने वाले लड़के का दोस्‍त मजाक बनाने लगते हैं। कई बार दोस्‍त बड़ी नीची निगाहों से देखने लगते हैं, भले ही वो खुद मैथुन करते हों। इन सभी के कारण व्‍यक्ति हीन भावना का शिकार हो जाता है।

21वीं सदी में हुए अध्‍ययन और रिसर्च ने इन सभी सवालों के जवाबों को उलट कर रख दिया। दुनिया भर के चिकित्‍सकों ने इस बात कह दिया है कि मैथुन को लेकर जितनी भी बातें पहले होती आयीं हैं, वे सब महज भ्रांतियां हैं। सही मायने में तो मैथुन अकेले पन में सेक्‍स की भूख को मिटाने के लिए किया जाता है। यही नहीं शादीशुदा लोग भी मैथुन करते हैं।

वर्तमान समय में अगर मैथुन को परिभाषित किया जाए तो ये वो क्रिया है, जो सेक्‍स की भूख को मिटाती है। यही नहीं यह यौन संबंधी बीमारियों से भी बचाती है, यानी कुल मिलाकर यह सेक्‍स का सुरक्षित और आसान तरीका है।

हाल ही में हुए एक अध्‍ययन के मुताबिक 70 से 80 वर्ष की आयु के पुरुष भी मैथुन करते हैं। वहीं 35 से 50 वर्ष की आयु के पुरुष उसी दौरान मैथुन करते हैं, जब उनकी संगिनी साथ नहीं होती। हालांकि 35 की उम्र के बाद लोग बहुत कम मैथुन करते हैं। हां 30 की उम्र तक सप्‍ताह में छह सात बार ता आम बात है। वहीं टीन एज में दिन में दो तीन बार मैथुन करना आम है।
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संभोग के दौरान दर्द!!!!

पति-पत्‍नी के बीच संबंधों के बीच खटास का एक कारण एक दूसरे के करीब नहीं आना भी होता है। कई बार संभोग के समय तेज दर्द उठता है, जिस वजह से दोनों संभोग करने से कतराते हैं। संभोग के समय कहीं आपको भी दर्द तो नहीं होता? अगर हां, तो हम आपको बताएंगे कि आपको क्‍या करना चाहिए। पहले हम पुरुषों की बात करेंगे, फिर महिलाओं की। हालांकि संभोग के दौरान दर्द की शिकायत पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा काफी कम होती है।

हम आपको बताते चलें कि इस दर्द को विज्ञान की भाषा में डाइस्‍पेरेनिया कहते हैं। यह वो दर्द है जो अगर एक बार होने पर बार-बार उठ सकता है। इस दर्द का सबसे बड़ा असर पुरुष-स्‍त्री के संबंधों पर पड़ते हैं। ऐसा होने पर तो कई बार रिश्‍ते टूट तक जाते हैं। ज्‍यादातर लोग इसे लेकर गंभीर नहीं होते हैं।

संभोग के समय दर्द उठने का सबसे पहला कारण पर्याप्‍त मात्रा में लुब्रीकेंट (पारदर्शी द्रव) का नहीं होना होता है। संभोग के दौरान यदि अंग सूखे हैं, तो रगड़ खाने की वजह से काफी तेज़ दर्द उठता है। लेकिन इस समस्‍या का सबसे आसान हल फोर सेक्‍स है। संभोग से पहले लंबे समय तक आलिंगन करके स्‍त्री के अंदर प्राकृतिक लुब्रीकेंट उत्‍पन्‍न हो जाता है। तब आसानी से संभोग किया जा सकता है। यदि फिर भी प्राकृतिक द्रव्‍य नहीं उत्‍पन्‍न हो तो आप तुरंत चिकित्‍सक से सलाह लें।

पुरुषों में इस दर्द के उठने के कई कारण हो सकते हैं। लिंग के अधिक बड़े होने से यह दर्द उठ सकता है। लिंग में यदि किसी प्रकार का इंफेक्‍शन (संक्रमण) है। संक्रमण जैसे एक्जिमा, सोरिएसिस, जैसे त्‍वजा संक्रमण भी इसके मुख्‍य कारण हैं। यही नहीं यदि आपकी पार्टनर के सर्विक्‍स में संक्रमण है, तो वो भी आपके दर्द का कारण बन सकता है। इसके अलावा लिंग में सूजन होने के कारण भी ऐसा होता है। आमतौर पर बहुत ज्‍यादा मैथुन व संभोग करने से ही सूजन आती है।

स्त्रियों की बात करें तो योनि का संकुचन प्रमुख कारण है। यह तब होता है जब योनि की मांसपेशियां खिंच जाती हैं या उनमें सूजन आ जाती है। ऐसा होने पर संभोग के समय तीव्र दर्द उठता है। कई बार तो इसे ठीक होने में एक साल से भी ज्‍यादा लग जाता है। ऐसा उन स्त्रियों के साथ होने की संभावना ज्‍यादा

रहती है, जो सेक्‍स को खराब समझती हैं। और सेक्‍स के दौरान पूरा सहयोग नहीं करतीं। ऐसे में संभोग के दौरान मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं और तीव्र दर्द उठता है। योनि में संक्रमण दर्द का बड़ा कारण है। अकसर योनी के आकार में परिवर्तन हो जाता है जिसे एंडोमी‍ट्रियोसिस कहते हैं। या अगर योनि के अंदर पुटक बन जाए। ऐसा होने पर संभोग के समय तेज दर्द उठता है।

यदि आपके साथ ऐसा है, तो तुरंत चिकित्‍सक से सलाह लें, क्‍योंकि किसी भी प्रकार का संक्रमण आपके यौन जीवन को प्रभावित कर सकता है। यही नहीं यौन जीवन में खटास आने के कारण आपके रिश्‍ते भी खराब हो सकते हैं
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पुरुष क्‍यों पसंद करते हैं चुंबन????
यौन संबंध स्‍थापित करते वक्‍त पुरुष और स्‍त्री में किसे सेक्‍स की ज्‍यादा भूख है, इसका आंकलन उनकी वो एक दूसरे की गतिविधियों को देख लगा लेते हैं, लेकिन सही यदि चुंबन की बात करें तो पुरुषों में चुंबन की चाहत महिलाओं की अपेक्षा ज्‍यादा होती है। खास तौर से गीले चुंबन उन्‍हें ज्‍यादा पसंद होते हैं। अब तो एक शोध ने भी यह बात सिद्ध कर दी है कि संभोग के दौरान पुरुष गीले चुंबन लेने के लिए ज्‍यादा आतुर रहते हैं।

शोध के मुताबिक इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि स्‍त्री को संभोग के लिए प्रेरित करने का यह सबसे अच्‍छा अस्‍त्र है। यही नहीं अध्‍ययन के मुताबिक पुरुष गीले चुंबन के माध्‍यम से यह भी देखते हैं कि सामने वाली स्‍त्री के अंदर सेक्‍स के लिए कितनी चाहत है। सही कारण है कि पहली बार संबंध स्‍थापित करते वक्‍त पुरुष चुंबन पर ज्‍यादा जोर देते हैं, ताकि स्‍त्री के अंदर सेक्‍स की भूख का आंकलन लगा सकें।

ग‍लतियां जो पुरुष बिस्‍तर पर करते हैं

रुजर विश्‍वविद्यालय में हुए एक अध्‍ययन में कहा गया है कि पुरुष चुंबन के दौरान अपनी ज़बान का प्रयोग ज्‍यादा करते हैं। वो चुंबन के दौरान अपने मुंह की लार से स्‍त्री को उकसाने के प्रयास करते हैं। इंटरनेट पर हुए एक सर्वेक्षण में पता चला है कि पुरुष चुंबन के माध्‍यम से ही स्‍त्री को सेक्‍स की चरम सीमा तक पहुंचाने में मदद करते हैं.

हालांकि वैज्ञानिकों की माने तो गीले चुंबन में एक प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रिया होती है, जिसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है, जिसकी वजह से ही संभोग के लिए उत्‍तेजना पैदा होती है।
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पहली बार कैसे करें संभोग?

शादी के बाद पहली रात और पार्टनर के साथ पहली बार सेक्‍स। उस रात चाहे स्‍वस्‍थ्‍य संभोग किया हो, या फिर पूरी तरह फ्लॉप रहे हों, वो पल व्‍यक्ति कभी नहीं भूलता। तो आप क्‍या चाहत हैं, आपकी रात जीवन की सबसे यादगार बने या फिर एक हादसे की तरह आपको जीवन भर याद आती रहे। जाहिर है आप अपने साथी के साथ पहली बार सेक्‍स को चाह कर भी नहीं भुला पाएंगे। चलिए हम आपको बताते हैं कि पहली बार संभोग करते वक्‍त किन-किन बातों का ध्‍यान रखें।

साथी के इशारों को समझें

आमतौर पर पुरुष के करीब आने वक्‍त स्त्रियां सीधे सेक्‍स की शुरुआत नहीं करतीं। शुरुआत पुरुष को ही करनी होती है, लेकिन ज़रा ध्‍यान से, क्‍योंकि करीब आते ही जंगली हो जाने से आपके संबंधों में खटास आ सकती है। पार्टनर क मन में तमाम तरीके की ऐसी बातें उठ सकती हैं, जो संबंधों में खटास डाल दें। जाहिर है, जिस तरह आप अपनी रात को जीवन की यादगार रात बनाना चाहते हैं, उसी प्रकार आपकी पार्टनर भी। तो कुल मिलाकर एक अच्‍छे और करीबी दोस्‍त की तरह पार्टनर के करीब जाएं और सकारात्‍मक सोच के साथ बात करें। बात करते वक्‍त पार्टनर का हाथ पकड़ें और उसकी उम्‍मीदों को परखें। देखते ही देखते बाहों में भर लेना अच्‍छा रहेगा। यह बात तय है कि सामने से आपको ग्रीन सिगनल मिलने लगेंगे।

यहां पर यह ध्‍यान रहे कि आप पार्टनर के करीब इसलिए नहीं जा रहे हैं, कि आप उसके साथ संभोग करना चाहते हैं, बल्कि संभोग प्‍यार को बढ़ाता है, आपके संबंधों को प्रगाढ़ बनाता है, इस बात का अहसास होना चाहिए। यही अहसास अपने पार्टनर को भी दिलाएं।

प्रोटेक्‍शन जरूर लें

पार्टनर के साथ सेक्‍स करते वक्‍त कंडोम का प्रयोग जरूर करें। आप सोच रहे होंगे कि कंडोम क्‍यों? उसका भी जवाब यहां है। पहली बात कंडोम यौन संबंधी बीमारियों से बचने का सबसे अच्‍छा उपाए है। दूसरी बात शादी की पहली रात में सेक्‍स के वक्‍त अगर अपक या आपके पार्टनर के मन में यह बात आती रही, कि कहीं वो गर्भवती न हो जाए, तो आपका और आपके पार्टनर दोनों का ध्‍यान सेक्‍स के दौरान भटक सकता है। जिससे यौन सुख फीका पड़ सकता है।

यह बात निश्चित है कि प्रोटेक्‍टेड सेक्‍स करने से आपको वो अनुभूति नहीं होगी, जो बिना कंडोम के होती, लेकिन बेहतर होगा कि पहली बार में आप एक दूसरे का यौन इतिहास जान लें। दूसरी बात यह कि अपनी पार्टनर से यह बात पक्‍की कर लें कि वो कब तक गर्भवती होना चाहती है।

कतई घबराएं नहीं

पहली बार सेकस करते वक्‍त आप तनाव में आ सकते हैं, या फिर घबराहट भी हो सकती है। इसके लिए लंबी सांस लें और अपने शरीर को ढीला छोड़ दें। ऐसे समय में आपके मस्तिष्‍क को ज्‍यादा ऑक्‍सीजन की जरूरत होती है। यदि आपकी सांसें तेज या धीमी चलने लगीं तो आपको हलका पन महसूस होने लगेगा, या फिर चक्‍कर आएगा और सिर दर्द भी। ऐसा होने पर यदि आप अपने पार्टनर को पूर्ण यौन सुख नहीं दे पाए तो उसके मन में आपके बारे में गलत धारणाएं आ सकती हैं, लिहाजा घबराएं नहीं। सेक्‍स के वक्‍त बीच बीच में लंबी सांसें लेने से फायदे में रहेंगे।

परफेक्‍शन की उम्‍मीद मत करें

ज्‍यादातर लोग अपने पार्टनर को पहली बार के सेक्‍स में पूरा यौन सुख देने की कोशिश करते हैं, लेकिन नाकाम हो जाते हैं। यही नहीं दोनों के मन में एक दूसरे से परफेक्‍शन यानी प्रवीणता की उम्‍मीद होती है। ऐसी उम्‍मीद न करें, क्‍योंकि पहली बार सेक्‍स के दौरान पुरुष या स्‍त्री या फिर दोनों थोड़ा डरे रहते हैं। दोनों में शीघ्रपतन की संभावना अधिक रहती है। यदि ऐसा हो भी जाए, तो उसके गलत नजरिए से नहीं देखें। यही नहीं आप भी अपने आप से उम्‍मीद मत बांधें कि आप भी सेक्‍स का पूर्ण सुख अपने पार्टनर को दे पाएंगे। यह प्रेम की वो क्रिया है, जो धीरे-धीरे बढ़ती है।

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Source;-internet

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