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हॉस्पिटल मैनेजमेंट

स्वास्थ्य सेवाओं का जो आधुनिक रूप बना है, उसके तहत रोगियों का उपचार बेहतर ढंग से हो सके, इस दृष्टिकोण से अस्पताल प्रबंधन का महत्व अब पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है। सेहत को लेकर लोग अब काफी सजग रहने लगे हैं और जिस तरह से इस क्षेत्र में तकनीकी बदलाव आया है, उससे अस्पतालों का स्वरूप भी अब तेजी से बदलता हुआ फाइव स्टार हॉस्पिटल बनने लगा है। स्पष्ट है कि ऐसे में बेहतर हॉस्पिटल मैनेजमेंट के लिए संबंधित प्रोफेशनल की जरूरत तो पड़ेगी ही।

बदलते समय के साथ स्वास्थ्य क्षेत्रों में कई नए सेक्टर भी सामने आए हैं. इन्हीं सेक्टरों में से एक हॉस्पिटल मैनेजमेंट का सेक्टर समय के साथ बड़ा होता जा रहा है. बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं को देने के लिए हॉस्पिटलों के मैनेजमेंट पर खास ध्यान दिया जाता है. अगर आप की रुचि हेल्थ सेक्टर में है तो हॉस्पिटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में आप करियर बना सकते हैं.

हॉस्पिटल मैनेजमेंट तेजी से उभरता हुआ फील्ड है. लगभग सभी हॉस्पिटल्स में प्रबंधन का एक अलग से विभाग होता है. आप स्नातक और शॉर्ट टर्म कोर्स करके इस फील्ड में आसानी से एंट्री कर अपना भविष्य बना सकते हैं हॉस्पिटल मैनेजर का कार्य पूरे संगठन और प्रंबधकीय कार्यों को सुचारु रूप से चलाना होता है.


कार्य का स्वरूप

अस्पताल से संबंधित सभी व्यवस्थाओं पर हॉस्पिटल मैनेजमेंट प्रोफेशनल की नजर रहती है, ताकि एक ओर जहां उपचार में किसी तरह की दिक्कत न आए, वहीं दूसरी ओर अस्पताल के प्रबंधन किसी तरह की अव्यवस्था न हो। इसके अलावा वित्तीय नियोजन, कर्मचारियों की सुविधा आदि कार्य भी उन्हें करने होते हैं।

शैक्षणिक योग्यता

बैचलर ऑफ हॉस्पिटल मैनेजमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, एमबीए इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन आदि इस क्षेत्र के मुख्य कोर्स हैं। शॉर्ट टर्म से संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स और डिप्लोमा कोर्स भी हैं। कोर्स की प्रकृति के अनुसार ही इस क्षेत्र में शैक्षणिक योग्यता भी अलग-अलग मांगी जाती है। इससे मेडिकल और नन-मेडिकल, दोनों ही संकाय के अभ्यर्थी जुड़ सकते हैं। 12वीं (पीसीबी) के बाद बैचलर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेश (बीएचए) में दाखिला लिया जा सकता है, जबकि मास्टर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (एमएचए) में किसी भी संकाय की बैचलर डिग्री के बाद एडमिशन मिल सकता है।

व्यक्तिगत गुण

प्रबंधन क्षमता के अलावा कम्युनिकेशन स्किल भी अच्छी होनी चाहिए। टीम वर्क के साथ काम करने की क्षमता भी जरूरी है।

मौके यहां मिलेंगे

ऐसे प्रोफेशनल्स की मांग विभिन्न अस्पतालों, नर्सिंग सेंटर, मानसिक स्वास्थ्य संगठनों, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभागों, फिटनेस सेंटर, पुनर्वास केंद्रों, दवाइयों और अस्पताल की आपूर्ति कंपनियों, चिकित्सा सॉफ्टवेयर कंपनियों, अस्पताल सलाहकार फर्मों आदि में बनी रहती है। उच्च शिक्षा प्राप्त करके आप टीचिंग फील्ड में भी कदम बढ़ा सकते हैं। अस्पताल प्रबंधन में विभिन्न पदों पर सेवा दी जा सकती है। अनुभव के साथ पद और वेतन में बढ़ोतरी होती जाती है।

इससे संबंधित कोर्सेज:

हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स करने के लिए साइंस और आर्ट्स दोनों स्ट्रीम के लोग उपयुक्त हैं. अलग-अलग कोर्सेज में विभिन्न स्ट्रीमों की मांग की जाती है. इस क्षेत्र में बैचलर ऑफ हॉस्पिटल मैनेजमेंट, एमबीए इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन जैसे कोर्सेज उपलब्ध हैं.

क्या करेंगे आप?

हॉस्पिटल की सुविधाओं से जुड़ी सारी व्यवस्थाओं पर नजर रखनी होगी. अस्पताल के प्रबंधन का भी ख्याल रखना होगा. वित्तीय नियोजन से लेकर कर्मचारियों की सुविधा का कार्य भी करना पड़ता है.

कहां मिलेंगे रोजगार के मौके?

विभिन्न सरकारी व निजी अस्पतालों में, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभागों में, फिटनेंस सेंटरों में, दवा कंपनियों में, हेल्थ सेक्टर की फर्मों में नौकरी मिलने की संभावना रहती है.

अवसर

सरकारी अस्पताल तथा प्राइवेट अस्पताल दोनों अस्पताल प्रबंधकों की नियुक्ति करते हैं। एक फ्रेशर अगर चाहे तो किसी भी स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं या किसी अस्पताल में बतौर असिस्टेंट हॉस्पिटल मैनेजर करियर शुरू कर सकता है। इसके अलावा उसके पास कई क्षेत्रों में मैनेजर बनने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। अनुभवी व सीनियर हॉस्पिटल प्रबंधक सीईओ के पद पर भी पहुंच सकते हैं। जिन्होंने हॉस्पिटल मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री की हो तथा जिनके पास 4-5 साल का अनुभव हो, वे लेक्चरर बन सकते हैं। कई वर्षो के अनुभव के बाद अपना नर्सिग होम तथा हॉस्पिटल भी खोल सकते हैं।

कौन कर सकता है यह कोर्स

हॉस्पिटल मैनेजमेंट में स्नातक डिग्री पाने के लिए 12वीं में बायोलॉजी में कम से कम 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं। अगर कोई चाहे तो स्नातक डिग्री पाने के बाद हॉस्पिटल मैनेजमेंट में एमबीए या स्नातकोत्तर तथा डिप्लोमा कोर्स भी कर सकता है। स्नातकोत्तर कोर्सेज करने के लिए योग्यता संस्थान के अनुसार भिन्न हो सकती है। इस क्षेत्र में मुख्यत: प्रोफेशनल कोर्स बैचलर ऑफ हॉस्पिटल मैनेजमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट, मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, एमबीए इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन और एमडी या एम फिल इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन उपलब्ध हैं। इन सबके अलावा करीबन 70 मान्यताप्राप्त प्रोग्राम इस क्षेत्र में उपलब्ध हैं। कुछ इंस्टीटय़ूट हॉस्पिटल मैनेजमेंट में शॉर्ट टर्म कोर्सेज, सर्टिफिकेट, डिप्लोमा तथा कॉरेसपॉन्डेंस कोर्सेज दूरस्थ शिक्षा द्वारा भी मुहैया कराते हैं।

कैसे होता है चयन

हॉस्पिटल प्रबंधन में हॉस्पिटल प्रबंधन स्नातक (बीएचए) में प्रवेश मुख्यत: 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही होता है। इसके अलावा ग्रुप डिस्कशन तथा इंटरव्यू के आधार पर भी चयन किया जाता है।

कितने साल का होता है कोर्स

बीबीएम तथा बीएचए का कोर्स जहां 3 साल का होता है, वहीं एमबीए तथा हॉस्पिटल प्रबंधन में मास्टर्स (एमएचए) करने के लिए दो साल की अवधि निर्धारित है, जो चार छमाही में बंटा होता है। हॉस्पिटल प्रबंधन में स्नातकोत्तर प्रोफेशनल प्रोगाम 11 माह का होता है तथा ईएमबीए, पीजीडीएचएम तथा एडीएचएम जैसे कोर्सेज करने के लिए एक साल की अवधि सुनिश्चित है।

प्रमुख संस्थान

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली
www.aiims.edu
डेल्ही पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
www.dpmii ndia.com
अपोलो इंस्टीटय़ूट अफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, हैदराबाद
www.apolloiha.ac.in
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल वेलफेयर और मैनेजमेंट, कोलकाता
www.iiswbm.edu
टाटा इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल साइंस, मुम्बई
www.tiss.edu



हॉस्पिटल मैनेजमेंट

हॉस्पिटल मैनेजमेंट का काम बेहद जिम्मेदारी और भरोसे का है। देश भर में अस्पतालों की संख्या बढ़ रही है और कई सुविधाओं से लैस बड़े और शानदार अस्पतालों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। जब तक पृथ्वी पर जीवन रहेगा अस्पताल चलते रहेंगे और आगे भी बढ़ते रहेंगें। हेल्थकेयर एक रिसेसन प्रूफ क्षेत्र है चिकित्सा या गैर चिकित्सा क्षेत्र के छात्र भी इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं। समय के साथ आप अस्पताल में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसरयानी सी-ई-ओ- की पोस्ट तक भी पहुंच सकते हैं। हॉस्पिटल मैनेजमेंट प्रबंधन का एक ऐसा क्षेत्र है, जो कैरियर के कई रास्ते खोलता है। यह मैनेजमेंट में एक नया कांसेप्ट है। इसमें भारत और विदेशों में रोजगार के पर्याप्त अवसर होता जा रहा है और यह क्षेत्र इन दिनों काफी लोकप्रिय होता जा रहा है।

हेल्थकेयर व अस्पताल में सुधार और मरीजों को पूरी तरह संतुष्ट करने के लिए ऐसे लोगों की जबरदस्त मांग है, जो हॉस्पिटल प्रबंधन व प्रशासन में विशेषज्ञों की योग्यता रखता हो। पिछले दशक में भारत में भी चिकित्सा प्रबंधन में भारी बदलाव आया है। लोग स्वास्थ्य के प्रति पहले से अधिक सचेत और जागरूक हुए हैं इसलिए बेहतर हेल्थकेयर व मेडिकल केयर सुविधाओं की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ी है तथा इसके साथ-साथ नए-नए अस्पताल व मेडिकल सेंटर खुले हैं।

हॉस्पिटल मैनेजमेंट तेज गति से बढ़ता एक बेहद रोचक कैरियर है, जिसमें अच्छा वेतन के साथ-साथ लोगों की सेवा करने का अवसर प्राप्त होता है। ग्लोबलाइजेशन के दृष्टिकोण से हेल्थ सेक्टर प्रतिदिन विकास कर रहा है। ऐसे में हॉस्पिटल मैनेजमेंट की मांग पहले से काफी बढ़ी है। हाल ही में हुए अमेरिकी सर्वे व विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पाया कि, हॉस्पिटल मैनेजमेंट टॉप टेन प्रोफेशनल में शुमार किया जाता है। इस सबसे बड़ी इंडस्ट्री के बढ़ते महत्व के कारण हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स इन दिनों काफी महत्वपूर्ण बन चुका है। इस कैरियर में सबसे मुख्य बात यह है कि इसमें व्यक्ति को अच्छा वेतन व आत्मसंतोष मिलता है।

यह कार्य ऐसा चुनौती भरा है, जिसमें उबाऊपन नहीं आ पाता तथा बराबर रूचि बनी रहती है। इस क्षेत्र में लगभग 5000 लोगों की प्रति वर्ष जरूरत है और भविष्य में इस क्षेत्र की मांग और अधिक बढ़ेगी। आज लगभग हर क्षेत्र में काफी प्रतिस्पर्धा है डार्बिन का सिद्वांत है कि जो सबसे मजबूत है, वही रहेगा-आज के परिवेश में सत्य साबित हो रहा है। अस्पताल प्रबंधन एक ऐसा मजबूत क्षेत्र है जिसमें सारा अस्पताल आपके मार्गदर्शन से चलेगा।

ऐसा कहा जाता है कि सेहत अच्छी तो सब कुछ अच्छा। स्वस्थ दिमाग के साथ ही आप एक सफल व स्वस्थ जीवन की कल्पना कर सकते हैं। अगर इंसान हेल्थकेयर क्षेत्र में अपनी काबिलियत को निखार कर सही दिशा दे, तो सफलता यकीनन आपके कदम चूमेगी। अस्पताल प्रबंधनएक ऐसा जादुई मंत्र है, जिससे आप जीवन संवार सकते हैं। 

अस्पताल प्रबंधान में कोर्स

बैचलर ऑफ हॉस्पिटल मैनेजमेंट-3 वर्ष
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा हॉस्पिटल मैनेजमेंट-1 वर्ष
मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन -2 वर्ष
एम-डी/एम-फिल-हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन-2 वर्ष
एम-बी-ए- हॉस्पिटल मैनेजमेंट-2 वर्ष
डिप्लोमा इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट-1 वर्ष

अवसरः

सभी सरकारी, प्राइवेट अस्पताल, मेडिकल ऑर्गनाइजेशन, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग होम, हेल्थ डिपार्टमेंट्स, रिहैब सेंटर, हेल्थ सेंटर, फार्मा कंपनियों, सप्लाई फर्म, मेडिकल सॉफ्रटवेयर, हॉस्पिटल कंसलटिंग, लेक्चरर व रिसर्च में अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में नौकरियों की भरमार है। मुख्य पोस्ट अस्पताल प्रशासक, चिकित्सा अधीक्षक, निर्देशक, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, चीफ ऑपरेटिव ऑफिसर।

हॉस्पिटल मैनेजमेंट में कार्यः

अस्पताल के प्रबंधकीय कार्य को सुचारू रूप से चलाना। अस्पताल के सभी कर्मचारियों को ठीक ढंग से संभावना व सही काम करवाना। अस्पताल के सभी प्रशासकीय कार्य करना। अच्छे-से-अच्छे डाक्टरों का प्रबंध करना, नए-नए उपकरणों और बेहतर मेडिकल सेवाएं उपलब्ध करवाना, मरीजों को अच्छी सेवाएं देना।

व्यक्तिगत गुण


बेहतर कम्युनिकेशन स्किल, दबाव में काम करने की आदत, लीडरशिप क्वालिटी को डेवलप करने की जरूरत, विशाल नजरिया व सोचने का स्तर, नए विचारों व सुझावों को समझना, सही ढंग से तेजी से कार्य पूर्ण करने का जज्बा, नई-नई जानकारी हासिल करने की रूचि, सबकी सुनकर व सोच समझकर बोलना, जल्दी निर्णय लेने की क्षमता, ईमानदारी व मेहनत से काम करना, लोगों को प्रेरित करने की कला, अन्य लोगों को मान्यता व इज्जत देना, चुनौती में काम करना

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