12/20/11

ये कैसी श्रद्धा?



हमारा देश सांस्कृतिक विविधता से परिपूर्ण है। हमारे लिए हर दिन महत्वपूर्ण होता है। हम हर दिन कोई ना कोई त्योहार या जयंती मनाते है। होली, दिपावली और ईद जैसे त्योहार हों या गांधी-नेहरू जैसी जयंती पूरा देश बड़ी सिद्दत से मनाता है। पर आधुनिक युग में त्योहार और जयंती मनाने का तरीका बदलता जा रहा है। पहले जहां हम त्योहारों में पूजा या अरदास करते थे, वहीं अब अधिकतर लोग ऐसे अवसरों पर अश्लील डांस करते हैं या इस तरह के आयोजन करते हैं।
 
हम दिन प्रतिदिन सामाजिक मूल्यों को भूलते जा रहे हैं। इस वीडियो को देखने के बाद क्या आपको नहीं लगता कि हमारी श्रद्धा विकृत हो चुकी है। हम संस्कारों, परंपराओं और सामाजिक मूल्यों की तिलांजली दे रहे हैं। क्या यही हमारी श्रद्धा है?

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