5/27/21

आप भी हैं पत्नी से पीड़ित है

महिलाओं के यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना, छेड़खानी आदि की खबरें तो आपने कई बार पढ़ी और सुनी होगी। महिला अपराध के खिलाफ कानून भी बहुत सख्त हैं। जल्द से जल्द इसकी सुनवाई पूरी करके दोषियों को सजा देने का प्रावधान है, लेकिन जब बात पतियों की होती है तो मामला पूरा बदल जाता है। लोग विश्वास करने तक को तैयार नहीं होते कि पति भी पत्नियों से शोषित हो सकते हैं। लेकिन सच्चाई है कि पति भी अपनी पत्नियों से पीड़ित होते हैं। कोई पति अपनी पत्नी के खर्चों से परेशान होता है तो कोई उनके मायकों वालों से। कई पत्नियां तो पतियों को दहेज के झूठे मामले में फंसाने में धमकी तक दे देती है।

पत्नी हमारी जीवनसाथी होती है और वो आपको बहुत प्यार करना चाहिए लेकिन यदि आपकी बीवी ही आपको बहुत परेशान करे तो ऐसे में पति क्या कर सकता है.सच कहे तो जब ऐसा होता है तो पूरी तरह से दिमाग खराब हो जाता है और समझ में नहीं आता है की मैंने शादी क्यों करी इस लड़की से और में कुवारा ही अच्छा था कम से कम ये टेंशन तो नहीं होती. यदि सोच पति के मन में जरुर आती है की ये मैंने कैसी मुसीबत पाल ली शादी से पहले तो मेरे लाइफ अच्छी थी लेकिन इसके साथ शादी करके तो मेरे पूरी लाइफ ही खराब हो गयी है. आपको समझ में नहीं आता होगा की ऐसे में क्या करे, आप परिवार को भी छोड़ नहीं सकते हो क्यूंकि हो सकता है की आपके बाल बच्चे भी हो तो इसकी वजह से आप फसा हुआ महसूस करते होंगे.

दोस्तों वो जमाना चला गया जब बीवियां बहुत ज्यादा सीधी-सादी होती थी. आज की महिलाएं पढ़ी लिखी होती है और बहुत तेज होती है.कुछ महिलाएं तो ऐसी होती है कि यदि उनके पति उनसे एक बात बोले तो सामने से उनको वह दो बात सुना देती है.

 

पत्नी से परेशान, क्या करें श्रीमान

यों तो हमारा समाज पुरुषप्रधान समाज है और यही समझा जाता है कि पति ही पत्नियों को प्रताडि़त करते हैं, लेकिन ऐसी पत्नियों की संख्या भी कम नहीं है जिन्होंने पतियों की नाक  में दम कर रखा होता है.

उच्चशिक्षित व उच्च पद पर आसीन पत्नियां तो नजरों व हावभाव से भी पतियों का अपमान कर देती हैं. मसलन, उन के अंगरेजी के उच्चारण, रहनसहन, पहननेओढ़ने के तरीकों व पसंद का सब के सामने मजाक उड़ा देती हैं और पति बेचारा अपमान का घूंट पी कर रह जाता है और अंदर ही अंदर अपना आत्मविश्वास खोने लगता है. बाहरी तौर पर कुछ दिखाई न देने पर भी पति के लिए ये सब बहुत कष्टदायक होता है.

 

पत्नियां कई बार पतियों को मानसिक रूप से वे सब करने के लिए मजबूर कर देती हैं, जो वे बिलकुल नहीं करना चाहते. पति के मातापिता, भाईबहन के विरुद्ध बोलना, उन की छोटी से छोटी बात को बढ़ाचढ़ा कर बोल कर पति के कान भरना, घर से अलग हो जाने के लिए मजबूर करना आदि. लेकिन इन्हीं बातों में वे मायके में अपने भाईभाभी या बहनों के साथ तालमेल बैठाने की कोशिश करती हैं या उन की बातों को छिपा लेती हैं, पर ससुराल की बातों को नजरअंदाज करना ज्यादातर पत्नियों को नहीं आता.

झूठे मुकदमे की धमकियां-आजकल की आधुनिक नवयुवतियों ने तो हद ही कर डाली है. अब तो पत्नी के पक्ष में कई कानून बन गए हैं. इन कानूनों का फायदा ज्यादातर उन्हें नहीं मिल पाता जिन्हें वाकई उन की जरूरत होती है. इन कानूनों को हथियार बना कर कई मगरूर पत्नियां पति को कई तरह से प्रताडि़त करती हैं. इन अधिकारों के बल पर परिवारों में बड़ी तेजी से बिखराव आ रहा है. जो स्त्री दया, त्याग, नम्रता, भावुकता, वात्सल्य, समर्पण, सहनशीनता का प्रतिरूप थी वही एक एकल परिवार की पक्षधर हो कर उसी को अपना आदर्श मान रही है. सारे कानून एकपक्षीय हैं. पति ने तलाक के पेपर पर दस्तखत नहीं किए तो उस पर दहेज या घरेलू हिंसा का केस दर्ज कर उसे फंसा लिया जाता है. फिर तो मजबूरन दस्तखत करने ही पड़ते हैं. अगर पत्नी की ज्यादातियों से तंग आ कर पति पत्नी को तलाक देना भी चाहे तो उसे अच्छीखासी रकम पत्नी की देनी पड़ती है. कई बार यह उस के बूते से बाहर की बात होती है.

 

हालांकि ऐसी भी पत्नियां हैं जो अपनी सहनशक्ति व कोमल स्वभाव से टूटे घर को भी बना देती हैं, पर उस की संख्या कम है. पति को बारबार टोकना, प्रताडि़त करना, मानसिक कष्ट देना जिंदगी के प्रति पति की खिन्नता को बढ़ाएगा. अंदर ही अंदर उस के आत्मविश्वास को तोड़ेगा, जिस से उस का व्यक्तित्व प्रभावित होगा.

 

तरहतरह की शिकायतें- इतिहास गवाह है कि उच्च शिक्षित पतियों ने अनपढ़ व कम शिक्षित पत्नियों के साथ भी निर्वाह किया, लेकिन उच्चशिक्षित व उच्च पद पर आसीन पत्नियां, यदि पति उन के अनुरूप नहीं है तो बरदाश्त नहीं कर पातीं. वे सर्वगुण संपन्न पति ही चाहती हैं. पत्नियों को पतियों से तरहतरह की शिकायतें होती हैं और वे पति को अपनी बात मानने के लिए मजबूर करती हैं. पौराणिक व ऐतिहासिक उदाहरणों से पता चलता है कि कैसे उस समय भी पत्नियां सामदामदंडभेद अपना कर पति से उस की इच्छा के विरुद्ध अपनी बात मनवा लेती थीं और कालांतर में उन की जिद्द और महत्त्वकांक्षा पति की मृत्यु और कुल के विनाश का कारण बनती थी. ऐसे बहुत से उदाहरण हैं इतिहास में जहां पत्नियों की महत्त्वकांक्षाओं ने राज्यों की नींवें हिला दीं और इतिहास की धारा मोड़ कर रख दी.

 

सरेआम बेइज्जती- अपने पति की पसंद पर कटाक्ष करना. कई बार ऐसा देखा गया है कि दूसरों के सामने पत्नी अपनी पति की आलोचना करते नजर आते हैं.

 

सामाजिक प्रतिष्ठा पर आंच- यदि पति का व्यक्तित्व तन और मन से यदि असंतुलित होगा तो पत्नी भी इस से अप्रभावित नहीं रहेगी. यदि पति की सामाजिक प्रतिष्ठा पर आंच आएगी तो मान पत्नी का भी न होगा. यदि बच्चे पिता का सम्मान नहीं करेंगे तो कालांतर में मां का भी नहीं करेंगे. पति को बदलने व सुधारने की कोशिश में ही जीवन की खुशियों का गला घोट देना कहां की समझदारी है. जीवन तो एकदूसरे के अनुसार ढलने में है न कि ढालने में. पति कोई दूध पीता बच्चा है जिस की आदतें पत्नी अपने अनुसार ढाल लेगी? किसी का भी व्यक्तित्व एक दिन में नहीं बनता. अगर कोई बदलाव आएगा भी तो बहुत धीरेधीरे और वह भी आलोचना कर के या उस का मजाक उड़ा कर नहीं. आलोचना नकारात्मकता को बढ़ावा देती है.

 

कमजोर होता है मनोबल- आज विवाहित स्त्रियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. कहा जाता है कि हर सफल पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है. लेकिन आज के परिप्रेक्ष्य में यह बात भी सत्य है कि हर सफल स्त्री के पीछे एक पुरुष का हाथ होता है. पति के प्यार, संरक्षण, सहयोग के बिना कोई भी पत्नी अपने क्षेत्र में मनचाही सफलता प्राप्त नहीं कर सकती.पति को भी छोटीमोटी बातों के कारण अपना आत्मविश्वास नहीं खोना चाहिए. आत्मविश्वास खोने से मनोबल कमजोर होता है. यदि पति को लगता है कि उस के अंदर वास्तव में कुछ ऐसी आदतें हैं, जो उन के सुखी वैवाहिक जीवन में दीवार बन रही है, तो खुद को बदलने की कोशिश करने में कोई बुराई नहीं है.

 

 पत्नी परेशान करे तो क्या करे

जो लोग अपनी पत्नियों से पीड़ित होते हैं। कोई पति अपनी पत्नी के खर्चों से परेशान होता है तो कोई उनके मायकों वालों से। कई पत्नियां तो पतियों को दहेज के झूठे मामले में फंसाने में धमकी तक दे देती है।

पत्नी की तरह पति के लिए कोई विशेष प्रावधान तो कानून में है नहीं। कुछ ऐसे तरीके जरूर हैं, जिनसे पति ऐसी पत्नी से छुटकारा पा सकता है।

यदि किसी पति को पत्नी शारीरिक या मानसिक तौर पर परेशान कर रही है तो पति इस आधार पर उससे तलाक मांग सकता है, लेकिन पति को कोर्ट में यह साबित करना होगा कि पत्नी उसे प्रताड़ित कर रही है। ऐसे में किसी भी पति को पहले पुलिस शिकायत जरूर करना चाहिए क्योंकि यह कम्पलेंड बाद में कोर्ट में खुद की बात साबित करने के काम आती है।

पत्नी दहेज प्रताड़ना का केस करती है तो पुलिस पति को सीधे गिरफ्तार नहीं कर सकती। पुलिस की जांच करनी होगी। अगर जांच में आरोप सही साबित होते हैं तभी पति को हिरासत में लिया जा सकता है।

प्रताड़ित होने पर पति IPC की धाराओं के तहत भी पत्नी पर केस कर सकता है। इन आधारों पर पति तलाक के लिए भी आवेदन कर सकता है ।


बीवी धोखेबाज और बेवफा हो तो क्या करे

आजकल की महिलाएं पति के होते हुए भी अन्य पुरुषों के साथ संबंध बनाए रखती हैं। अथवा अपने पुराने प्रेमी के साथ पति की पीठ पीछे शारीरिक संबंध बनाती हैं। ऐसे में अगर पुरुष का स्वभाव मूर्ख और मंदबुद्धि वाला हो तो उसकी पत्नी अपनी मनमर्जी से व्यवहार करती है। और विवाह के सभी बंधनों को तोड़कर एक कुल्टा की तरह पराए मर्दों के संग कामवासना की तृप्ति करती है।अगर आपको भी अपनी पत्नी में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो आप ऐसी स्त्री पर छिपकर नजर रखें। क्योंकि महिलाएं अपने अवैध संबंध छिपाने में माहिर होती हैं। और वह तरह-तरह की माया जानती हैं। और अनेक प्रकार से अपने पति को भ्रमित करती हैं। ऐसी औरत जब अपनी सीमा लांघती है तो पति को भी विष खिलाकर मार देती है। अत: हर व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के चाल-चलन पर अवश्य ध्यान रखना चाहिए। इस तरह की स्त्री पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि लालची स्त्री कभी भी आपका साथ छोड़कर आपको हानि पहुंचा सकते हैं।ऐसी पत्नी का त्याग करना ही उचित होता है।

इन दिनों पति-पत्नी के बीच बेवफाई व धोखा देने का प्रतिशत दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहा है। कोई अपने साथी से क्यों बेवफाई करता है, इसके कई कारण हो सकते हैं। लेकिन चाहे जो भी कारण हो, ऐसी स्थिति में भी कोई निर्णय लेने से पहले आपको खुद का थोड़ा आत्मविश्लेषण करना चाहिए। कई बार बेवफाई का कारण साथी का एक-दूसरे से गलत व्यवहार, अनादर व रिश्ते में किसी चीज की कोई कमी भी हो सकता है।

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