4/17/20

लोकप्रिय हिंदी धारावाहिक

दूरदर्शन के ये सीरियल याद हैं आपको...

जंगल, जंगल बात चली है पता चला है... चड्ढी पहन के फूल खिला है फूल खिला है, चंद्रकांता की कहानी ये माना है पुरानी... ये पुरानी होकर भी है लगती बड़ी है सुहानी, अद्भुत, अदम्य साहस की परिभाषा है... ये मिटती मानवता की एक आशा है। कुछ याद आया आपको... ये उन सीरियल्स के गाने हैं जिनका 80 - 90 के दशक में बच्चों से लेकर बड़ों तक को बेसब्री से इंतज़ार रहता था। दूरदर्शन के शुरुआती दौर में ऐसे कई कार्यक्रम थे जिनकी यादें आज भी लोगों के जेहन में ताज़ा हैं। जब भी बचपन और टीवी की बात होती है इन कार्यक्रमों से जुड़ी यादें हमारी आंखों के सामने आ जाती हैं। चलिए आज फिर इन सीरियल्स की यादें ताज़ा करते हैं...


हम लोग
'हम लोग' भारतीय टेलिविजन इतिहास का पहला धारावाहिक था जो 7 जुलाई 1984 को दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ था। भारतीय दर्शकों को यह धारावाहिक अत्यन्त पसन्द आया कि इसके चरित्र विख्यात हो गए व लोगों कि रोज़-मर्रा कि बातचीत का मुद्दा बन गए। इस सीरियल में भारत के मिडिल क्लास परिवार की ज़िंदगी के बारे में दिखाया गया था।


मालगुड़ी डेज़
इस सीरियल की शुरुआत 1987 में हुई थी। आर के नारायण की कृति पर आधारित मालगुडी डेज़ को लोगों ने काफी पसंद किया। सीरियल में स्वामी एंड फ्रेंड्स तथा वेंडर ऑफ स्वीट्स जैसी लघु कथाएं व उपन्यास शामिल थे। इस धारावाहिक को हिन्दी व अंग्रेज़ी में बनाया गया था। दूरदर्शन पर मालगुडी डेज़ के कुल 39 एपिसोड प्रसारित हुये। यह धारावाहिक मालगुडी डेज़ रिटर्न नाम से पुनर्प्रसारित भी हुआ।


रामायण
25 जनवरी 1987 को रामानंद सागर के लिखे धारावाहिक 'रामायण' दूरदर्शन पर पहली बार प्रसारित किया गया था। कहते हैं कि जब ये टीवी पर आता था तो गाँव व शहरों में कर्फ्यू जैसा माहौल हो जाता था। उस वक्त हर घर में टीवी नहीं होती थी तो लोग दूसरों के घर जाकर पहले से ही रामायण शुरू होने का इंतज़ार करने लगते थे। रामायण में अरुण गोविल (राम), दीपिका (सीता), दारासिंह (हनुमान), सुनील लाहिरी (लक्ष्मण), ललिता पवार (मंथरा), अरविंद त्रिवेदी (रावण) आदि कलाकारों ने अभिनय किया था।


महाभारत
रामायण की तरह ही दूरदर्शन पर महाभारत सीरियल ने भी जमकर धूम मचाई। ये सीरियल 2 अक्टूबर 1988 को पहली बार प्रसारित हुआ था। इस सीरियल का सबसे खास हिस्सा 'मैं समय हूं' था। ब्रिटेन में इस धारावाहिक का प्रसारण बीबीसी द्वारा किया गया था जहां इसकी दर्शक संख्या 50 लाख के आंकड़े को भी पार कर गई, जो दोपहर के समय प्रसारित किए जाने वाले किसी भी धारावाहिक के लिए एक बहुत बड़ी बात थी।


अलिफ़ लैला
दूरदर्शन पर 1994 में प्रसारित होने वाले इस धारावाहिक के 2 सीज़न और कुल 260 एपिसोड प्रसारित हुए थे। जादू, जिन्न, बोलते हुए पत्थर, एक मिनट में गायब हो जाना, राजा व राजकुमारी की कहानी को मिलाकर बने इस सीरियल को लोग आज भी याद करते हैं। '1001 नाइट्स' पर आधारित इस धारावाहिक में मिस्र, यूनान, फ़ारस, ईरान और अरब देशों की बहुत सी रोमांचक कहानियां थीं जिनके हीरो 'सिन्दबाद', 'अलीबाबा और चालीस चोर', 'अलादीन' हुआ करते थे।


विक्रम बेताल
यह सीरियल 1985 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ था। ये सीरियल महाकवि सोमदेव की लिखी 'बेताल पच्चीसी' पर आधारित था। राजा विक्रम के किरदार अरुण गोविल ने निभाया था, उनके कंधे पर बेताल टंगा रहता था जो कहानी सुनाता और कहता था कि मुझसे सवाल मत करना वरना मैं भाग जाऊंगा। इस धारावाहिक के सिर्फ 26 एपिसोड ही प्रसारित हुए थे।


जंगल बुक
'जंगल जंगल पता चला है, चड्ढी पहन के फूल खिला है' गुलज़ार लिखी ये लाइन्स शायद हर किसी को याद होंगी, इस गाने में संगीत दिया था विशाल भारद्वाज ने। मोगली तो हर घर में फेमस था। रात में 9 बजे दूरदर्शन पर ये एनिमेटेड सीरीज़ आती थी। गाँवों में तब लाइट नहीं आती थी तो लोग बैटरी लगाकर ये सीरीज़ देखते थे। 52 एपिसोड का ये शो दरअसल एक जापानी शो था जिसे हिंदी में डब किया गया था और जापान में 1989 में दिखाए गए इस शो को भारत में 1993 में प्रसारित किया गया था। इसकी कहानी को रुडयार्ड किप्लिंग ने लिखा था जिस पर साल 2016 में एक फिल्म भी बनी।

चंद्रकांता
4 मार्च 1994 को ये धारावाहिक दूरदर्शन पर शुरू हुआ था। देवकी नंदन खत्री के उपन्यास पर बने इस सीरियल को लोगों ने खूब पसंद किया। इस सीरियल के किरदार क्रूर सिंह को लोगों ने काफी सराहा। क्रूर सिंह के अलावा जादुई अय्यार, पंडित जगन्नाथ, ऐसे चरित्र थे जो आज भी लोगों को याद हैं। सीरियल देखने के लिए बड़ी बेसब्री से रविवार की सुबह का इंतज़ार किया जाता था।


शक्तिमान
27 सितम्बर 1997 को भारत में रहने वाले बच्चों को अपना पहला सुपरहीरो मिला था। इससे पहले के सारे सुपर हीरो सिर्फ कॉमिक्स बुक्स तक ही सीमित थे लेकिन शक्तिमान एक क्रेज़ था। 400 एपिसोड वाला यह शो दूरदर्शन पर करीब 10 साल चला इस शो से शुरू हुए दो जुमले 'सॉरी शक्तिमान' और 'गंगाधर ही शक्तिमान' है आज भी प्रचलित हैं।


भारत एक खोज
दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक को हिंदी सिनेमा के सर्वोच्‍च सम्‍मान दादा साहेब फाल्‍के पुरस्‍कार से सम्‍मानित श्‍याम बेनेगल ने बनाया था। यह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की किताब भारत एक खोज (Discovery of India) पर आधारित था। इस सीरियल का मूल प्रसारण 1988 से किया गया और यह दूरदर्शन पर काफी लोकप्रिय भी रहा।


चित्रहार
दुनिया में टेलीविजन इतिहास का यह सबसे लंबा प्रसारित होने वाला प्रोग्राम था। यह सन् 1960 के दशक में शुरू हुआ था और 1970 के दशक तक आते-आते लोकप्रियता के चरम पर पहुंच गया। हर शुक्रवार को प्राइम टाइम में तकरीबन 30 मिनिट तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बॉलीवुड के नये पुराने गीत बजाए जाते थे। एक दौर में जबकि भारत में रेडियो अपनी लोकप्रियता के चरम पर था तब गीतों को उनके ऑडियो सहित वीडियो फॉर्म में सिनेमा के अलावा टीवी पर देखना नया अनुभव था। चित्रहार आज भी चल रहा है।


बुनियाद
भारत में टेलीविजन आने के शुरुआती दौर में बुनियाद सीरियल ने भी अपने दर्शकों के बीच खासी जगह बनाई। यह सीरियल भी हम लोग सीरियल के समकालीन ही था। इसे 1986 में पहली बार दूरदर्शन पर ही प्रसारित किया गया। यह भारत-पाकिस्‍तान विभाजन त्रासदी पर आधारित था। इसे रमेश सिप्‍पी और ज्‍योति ने निर्देशित किया। इस नाटक की लोकप्रियता इतनी थी कि इसे सालों बाद कई निजी चैनलों ने भी ऑन एयर किया था।


चाणक्‍य
निर्देशक और अभिनेता डॉ चंद्रप्रकाश द्व‍िवेदी द्वारा लिखित ऐतिहासिक धारावाहिक चाणक्‍य एक समय दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला सबसे लोकप्रिय सीरियल था। इसमें चाणक्‍य की भूमिका भी डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने निभाई थी। यह दूरदर्शन पर 8 सिंतबर 1991 से लेकर 9 अगस्‍त 1992 तक प्रसारित हुआ और देश और विदेश के दर्शकों में बेहद लोकप्रिय हुआ।

ब्योमकेश बख्शी
90 के दशक में लोग इस टीवी सीरियल को दिल थाम कर देखते थे। सरदेंदु बनर्जी के लिखे इस जासूसी चरित्र को रजित कपूर ने निभाया और यह जासूसी धारावाहिक इतना लोकप्रिय हुआ कि इसे आज तक कोई टक्कर नहीं दे पाया। अब दिबाकर बनर्जी पर इस पर फिल्म बना रहे हैं।


करमचंद
'शक करना मेरा पेशा है', डिटेक्टिव करमचंद का किरदार निभाने वाले पंकज कपूर का यह डायलॉग इतना मशहूर हुआ कि लोग सालों इसे दोहराते रहे। दूरदर्शन पर 1985 से 1989 के बीच प्रसारित हुआ यह धारावाहिक आज भी देश में सबसे लोकप्रिय हुए टीवी सीरियल्स में गिना जाता है।


तहकीकात
1994-95 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए इस जासूसी धारावाहिक में विजय आनंद और सौरभ शुक्ला की जबरदस्त जोड़ी थी। विजय सैम डीसिल्वा के किरदार में थे और सौरभ शुक्ला ने गोपीचंद का रोल निभाया था। अपने समय का यह सबसे लोकप्रिय टीवी सीरियल था।


जासूस विजय
इस टीवी सीरियल को बीबीसी और दूरदर्शन ने मिलकर बनाया था। ओम पुरी इसमें प्रजेंटर के रोल में थे और आदिल हुसैन जासूस विजय के किरदार में। 2002 से 2006 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुए इस लोकप्रिय धारावाहिक में एचआईवी एड्स को लेकर भी जागरुकता फैलाई गई थी।


सुराग
90 के दशक के आखिरी सालों में सुदेश बेरी इंसपेक्टर भरत के किरदार में इस जासूसी धारावाहिक में लीड रोल में नजर आते थे। श्री अधिकारी ब्रदर्स का यह सीरियल दूरदर्शन पर हर सोमवार को रात 10 बजे प्रसारित होता था।


राजा और रैंचो
डीडी मेट्रो पर प्रसारित होने वाले इस जासूसी सीरियल में मोहन भंडारी राजा के किरदार में रैंचो नाम के बंदर के साथ मिलकर मुश्किल गुत्थियां सुलझाते थे। बच्चे भी इस सीरियल को बड़े चाव से देखते थे।


उड़ान
1989 में दूरदर्शन पर एक नया धारावाहिक शुरू हुआ था 'उड़ान'। देखते ही देखते इस सीरियल ने दर्शकों का दिल जीत लिया। शो की मुख्य किरदार कल्याणी सिंह एक आईपीएस अधिकारी थी। कल्याणी का साहस, सूझबूझ, और कठिन से कठिन परिस्थितियों में फौरन लड़ पड़ने का जज्बा उस समय के दर्शकों में गजब का जोश भर रहा था। यह शो 'कल्याणी सिंह' नाम की एक युवा लड़की की कहानी है, जो हर स्तर पर लैंगिक भेदभाव से जूझते हुए आईपीएस अधिकारी बन जाती है.


रजनी
1994 में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला सीरियल, 'रजनी' हर भारतीय गृहिणी के चेहरे के साथ-साथ उनकी समस्याओं की आवाज बन गई थी . स्वर्गीय प्रिया तेंदुलकर द्वारा अभिनीत मुख्य किरदार रजनी ने गृहिणियों की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं और उनके सहज समाधानों को चित्रित किया. रजनी एक घरेलू नाम बन गई. इसने गृहणियों को भ्रष्टाचार से लेकर मूल्यवृद्धि तक की रोजमर्रा की चुनौतियों से निपटने की दिशा में नारी सशक्तिकरण की एक नई समझ दी.


शांति
एक औरत की कहानी- मंदिरा बेदी द्वारा चित्रित शांति, फिल्म उद्योग के दो प्रभावशाली और धनी भाइयों द्वारा बेटी का बलात्कार किए जाने के बाद एक मां-बेटी की न्याय की लड़ाई की कहानी है. पीड़ित होने के बावजूद, शांति ने बताया कि महिलाएं कैसे एकतरफा लड़ाई लड़ सकती हैं और जीत सकती हैं. इसे पहली बार 1994 में प्रसारित किया गया. इसे आज भी एक प्रतिष्ठित भारतीय टीवी शो के रूप में याद किया जाता है.


मैं कुछ भी कर सकती हूं
यह शो एक युवा डॉक्टर, डॉ. स्नेहा माथुर की जीवन यात्रा के चारों ओर घूमती है. डॉ. माथुर मुंबई में अपने आकर्षक कैरियर को छोड़कर अपने गांव प्रतापपुर में काम करने का फैसला करती है. डॉ. स्नेहा माथुर के नेतृत्व में, प्रतापपुर की महिलाएं सामूहिक प्रयास से अपने अधिकारों के लिए लड़ती हैं.ये शो पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडियाकी तरफ से सन 2014 में शुरू किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य बालविवाह, परिवार नियोजन, घरेलू हिंसा, लैंगिक असमानता आदि के प्रति लोगों को जागरूक करना था. इस शो को अन्य टेलीविज़न शो की तरह ही सिनेमाई परंपरा के तहत डिजाईन किया गया है, किन्तु इसकी कहानियाँ सरकारी विवरण, कई तरह के रिपोर्ट और सत्य घटनाओं पर आधारित होती है. इस शो में उन सभी मुद्दों पर ध्यान दिया जाता है, जो स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण है और जिस पर किशोरों को बात करने तक की इजाज़त नहीं होती.



स्वाभिमान
सन 1995 के दौरान डीडी नेशनल पर प्रसारित होने वाले धारावाहिकों में बहुत लोकप्रिय धारावाहिक था. इसका प्रसारण दोपहर में किया जाता था. लोगों में इस सीरियल के प्रति अलग उत्साह देखने को मिलता है. इंसानी ज़िन्दगी में खो रही मानवता और शिथिल पड़ते रिश्तों का अध्ययन इस सीरियल में बहुत क़रीब से किया गया. शहरी ज़िन्दगी के दौरान लोगों के दिलों में संवेदना को पुनः जगाने के लिए इस सीरियल में वो सभी चीज़ें दिखाई गयी, जो एक सभ्य समय में होता रहा है, और जो अनापेक्षित है. इस सीरियल की जानकारी यहाँ पर दी जा रही है.


सुरभि
सुरभि भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जिसका प्रसारण पहले दूरदर्शन और उसके बाद स्टार प्लस में होने लगा। यह 1993 से 2001 तक चला। यह उस समय का सबसे अधिक चलने वाला सांस्कृतिक धारावाहिक था। इस कारण इसे लिम्का पुस्तक में दर्ज कर लिया गया। यह उस समय का सबसे अधिक दर्शक पाने वाला धारावाहिक था। इस धारावाहिक में हम देश के बारे में, कुछ ऐसे लोगो के बारे में जान पाते थे जिनने कार्य तो बहुत किये है किन्तु कभी सामने आ कर बोला नहीं है| बच्चों, बड़ो, बुज़ुर्ग सभी इस सीरियल से ज्ञान प्राप्त करते थे








हम बात कर रहे हैं टीवी के शुरुआती दौर की जब भारत में दर्शकों को अस्सी के दशक में सिर्फ दूरदर्शन ही उपलब्ध था। इस पर प्रसारित कार्यक्रमों ने न सिर्फ दर्शकों को बांधे रखा और आगामी कई दशकों के लिए उनके मन में अपनी छाप छोड़ दी। अगर आपका जन्म अस्सी के दशक या उससे पहले हुआ हो तो तो आपके लिए यह जानकारी सबसे खास होने वाली है क्योंकि आप याद करेंगे टीवी के सामने बिताए ऐसे पलों को जो आप लगभग भूल चुके हैं। उस दौर में रामायण और महाभारत ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की थी, लेकिन इन पौराणिक धारावाहिकों के अलावा भी कुछ ऐसे धारावाहिक थे जो आज भी उच्च गुणवत्ता के कारण याद किए जाते हैं।

भारतीय टीवी सीरियल के समृद्ध इतिहास में 'हम लोग', 'बुनियाद', 'ब्योमकेश बख्‍शी', 'मुंगेरी लाल के हसीन सपने', 'नीम का पेड़', 'बिक्रम बैलात', 'अलिफ लैला', 'मालगुडी डेज', 'भारत एक खोज', 'परमवीर चक्र', 'चित्रहार', 'रंगोली' से लेकर 'भाभी जी घर पर हैं', 'बिग बॉस' और 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल शर्मा' तक का सुरूर चढ़ता-उतरता रहा है.


भारत में टीवी का प्रसारण : भारत में वैसे तो टीवी का एक्सपेरिमेंटल प्रसारण 15 सितंबर 1959 में पहली बार दिल्ली में शुरू हुआ था हालांकि इसका नियमित रूप से डेली प्रसारण 1965 में ऑल इंडिया रेडियो के एक अंग के रूप में 1965 में शुरू हुआ। वर्ष 1982 में नेशनल टेलीकास्ट शुरू हुआ था।

1) हमलोग (1984)
चर्चित साहित्यकार मनोहरश्याम जोशी ने दूरदर्शन के शुरुआती दिनों में कई धारावाहिकों को लिखा। उनकी एक कहानी पर आधारित हमलोग आज भी भारत में सबसे बेहतरीन टीवी सीरियल्स में से एक गिना जाता है। बताने की जरूरत नहीं कि यह भारतीय टीवी का पहला सोप ऑपेरा था। इसका प्रसारण 7 जुलाई 1984 को दूरदर्शन पर शुरू हुआ था। 156 एपिसोड का यह सीरियल एक समय में काफी लम्बे समय तक प्रसारित होने वाला धारावाहिक था। इस धारावाहिक की कहानी 80 के दशक में भारतीय मध्यवर्ग की रोजमर्रा के संघर्ष पर आधारित थी। बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता अशोक कुमार इस सीरियल नरेटर के रूप में नजर आते थे। इस सीरियल ने कई सारे अभिनेताओं को स्टार जैसी पहचान दी। आलोक नाथ विनोद नागपाल, जयश्री रॉय, राजेश पुरी, सीमा भार्गव, दिव्या सेठ, लाहिरी सिंह, कविता नागपाल आदि कलाकारों की जानदार एक्टिंग की यादें आज भी लोगों के मन में ताजा है।

2) बुनियाद (1986)
बुनियाद भारतीय टीवी के इतिहास का सबसे प्रसिद्ध ड्रामा सीरिज रहा है। इसका निर्देशन रमेश सिप्पी और ज्योति स्वरुप ने किया था, जिसे 1986 में दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया था। इसकी कहानी प्रख्यात साहित्यकार मनोहर श्याम जोशी ने लिखी थी। यह सीरियल 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे और उसके बाद की कहानी पर आधारित है। यह भारतीय टीवी सीरियल्स में एक ऐसा क्लासिक है जिसका जादू आज भी बरकरार है। इसकी पॉपुलारिटी के कारण डीडी मेट्रो पर साल 2000 में इसका फिर से प्रसारण किया गया जबकि साल 2013 में इसका प्रसारण सहारा वन चैनल पर भी किया गया। इस सीरियल में आलोकनाथ, अनीता कंवर, सुधीर पांडेय, आशा शर्मा, किरण जुनेजा, आशा सचदेव, नीना गुप्ता, गिरिजा शंकर, राजेश पुरी, दिलीप ताहिल, सोनी राजदान, मजहर खान, कंवलजीत सिंह, अंजना मुमताज आदि कलाकारों ने अभिनय किया था

3) रामायण (1987)
भारत के पॉपुलर टीवी सीरियल्स की जब भी चर्चा की जाएगी, इसकी शुरुआत रामानंद सागर द्वारा लिखित और निर्देशित भव्य धार्मिक सीरियल 'रामायण' से की जाएगी। भगवान राम के जीवन और आदर्शों पर आधारित इस धार्मिक सीरियल को आज भी देश के सबसे लोकप्रिय सीरियल में रख सकते हैं। इस सीरियल का प्रसारण जनवरी 1987 में प्रारंभ हुआ था। इस सीरियल की कथा वाल्मीकि, कम्ब और तुलसी रचित रामचरित मानस आदि से प्रेरित थी। इस सीरियल की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जिस वक्त यह सीरियल टीवी पर प्रसारित होता था उस वक्त भारत में सड़के सूनी हो जाती थी। लोग घरों में अपने टीवी सेट्स से चिपके रहते थे और कहा जाता है कि भारत में टीवी के प्रसार में भी इस धार्मिक सीरियल का काफी अहम स्थान है। यह एक ऐसा सीरियल भी था जिसके स्टील पोस्टर को लोगों ने अपने घरों में भगवान की तरह पूजा था। इस धार्मिक सीरियल में अरुण गोविल (राम), दीपिका (सीता), दारासिंह (हनुमान), सुनील लाहिरी (लक्ष्मण), ललिता पवार (मंथरा), अरविंद त्रिवेदी (रावण) आदि कलाकारों ने अभिनय किया था।

4) महाभारत (1988)
लोकप्रियता के मामले में रामायण के बाद महाभारत दूसरा ऐसा धार्मिक सीरियल था जिसने भारत में एक बड़ा टीवी दर्शक वर्ग तैयार किया। यह सीरियल वेदव्यास रचित महाभारत के महाकाव्य पर आधारित था, जिसका निर्माण बीआर चोपड़ा ने जबकि निर्देशन रवि चोपड़ा ने किया था। इसका प्रसारण 1988 से 1990 के बीच हुआ। महाभारत के विशाल सेट्स ने लोगों को खूब आकर्षित किया था। महाभारत में अभिनय के कारण कई अभिनेताओं को बड़ी पहचान मिली थी। उमाशंकर, आर्यन वैद्य, किरण करमरकर, गजेन्द्र सिंह, चेतन हंसराज, गुफी पेंटल, मुकेश खन्ना, रोनित रॉय, हर्षद चोपड़ा, पुनीत इस्सर, नितीश भारद्वाज आदि कलाकारों ने इसमें अभिनय किया था।

5) भारत एक खोज (1988)
भारत एक खोज 53 एपिसोड में दिखाया गया देश का एक ऐतिहासिक टीवी सीरियल है। यह सीरियल जवाहरलाल नेहरू की प्रसिद्द किताब 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' पर आधारित था। जिसका निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया था। साल 1988 में प्रसारित इस धारावाहिक में रोशन सेठ, ओम पुरी, टॉम अल्टर, सदाशिव अमरापुरकर, नसीरुद्दीन शाह, सीमा कलाकार, पल्लवी जोशी जैसे दिग्गज कलाकारों ने अभिनय किया था। इस क्लासिक सीरियल की खासियत महज 53 एपिसोड में भारत के पांच हजार साल के इतिहास का विवरण था।

6) मुंगेरी लाल के हसीन सपने (1989)
मनोहर श्याम जोशी ने दूरदर्शन के लिए कई सीरियल्स की पटकथा लिखी। ये सीरियल्स आगे चलकर भारत में टीवी के बड़े क्लासिक शामिल हुए। मनोहर श्याम द्वारा दूरदर्शन के लिए लिखा गया ऐसा ही एक कॉमेडी क्लासिक है मुंगेरी लाल के हसीन सपने। दूरदर्शन पर इसका प्रसारण 1989 में किया गया था। बहुत कम लोगों को पता है कि इसका निर्देशन अलग तरह की कमर्शियल फ़िल्में बनाने के लिए मशहूर प्रकाश झा ने किया था जबकि रघुवीर यादव ने इसमें मुंगेरीलाल की मुख्य भूमिका निभाई थी। इस सीरियल में मुंगेरीलाल एक मामूली क्लर्क था, कहानी उसके बॉस और पत्नी के साथ होने वाली घटनाओं और सपनों पर केन्द्रित थी। माना जाता है कि मनोहर श्याम ने इसकी कहानी जेम्स टर्बर के उपन्यास 'द सीक्रेट लाइफ ऑफ वाल्टर मिट्टी' से प्रेरित होकर लिखी थी।

7) नीम का पेड़ (1991)
राही मासूम राजा की कहानी पर आधारित इसद टीवी सीरियल का प्रसारण दूरदर्शन पर 1991 में किया गया था। आजाद भारत के गांवों की बदलती सामाजिक-राजनीतिक चेतना पर आधारित इस धारावाहिक का निर्देशन गुरबीर सिंह ग्रेवाल ने किया था। इस क्लासिक पंकज कपूर ने एक बंधुआ मजदूर 'बुधई राम' की शानदार भूमिका निभाई थी। यह सीरियल एक बंधुआ मजदूर और उसके बेटे के विधायक बनने की दास्तान है। इस सीरियल के थीम सांग 'मुंह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन...' निदा फाजली ने लिखा था जिसे जगजीत सिंह ने गाया था। एसएम जहीर, विजय मिश्रा, प्रीति खरे, विजय वास्तव और सुरेन्द्र शर्मा ने भी इसमें प्रमुख भूमिकाएं निभाई थी।

8) देख भाई देख (1993)
इस सीरियल का प्रसारण 1993 में हुआ था जिसे एक क्लासिक टीवी सीरियल माना जाता है। इस सीरियल के लेखक निर्देशक अंजू महेन्द्रू थे जबकि जया बच्चन ने इसे प्रोड्यूस किया था। यह 1993 से 1997 के बीच डीडी मेट्रो पर जबकि इसके बाद सोनी, सब टीवी पर प्रसारित हुआ। इसमें फरीदा जलाल, शेखर सुमन और नवीन निश्छल जैसे बड़े कलाकारों ने अभिनय किया था।

9) व्योमकेश बक्शी (1993)
1993 में प्रसारित इस धारावाहिक को भारत में टीवी का पहला जासूसी सीरियल कह सकते हैं। शरलेक होम से प्रेरित इस सीरियल में रजत कपूर ने व्योमकेश बक्शी की मुख्य भूमिका निभाई थी। यह क्लासिक जासूसी सीरियल था जिसके हर एपिसोड में एक जासूस व्योमकेश एक गुत्थी को सुलझाते थे। यह अब भी भारत की सबसे पॉपुलर डिटेक्टिव सीरियल मानी जाती है।

10) शांति: एक औरत की कहानी (1994)
मंदिरा बेदी की मुख्य भूमिका वाले इस सीरियल को भी भारत के अब तक के बेस्ट सीरियल्स में गिना जाता है। एक नाजायज लड़की, शांति के संघर्षों की कहानी के रूप में यह क्लासिक सीरियल दूरदर्शन पर 1994 में प्रसारित हुआ था। यह कहानी दो सभ्रांत लोगों के अतीत से जुड़ी थी, जो भारत की बदलते पारिवारिक और सामाजिक व्यवस्था के ताने-बाने को लेकर बुना गया था।


11) कौन बनेगा करोड़पति (2000)
इसे भारत का पहला टीवी गेम शो माना जाता है। इसका प्रसारण साल 2000 में किया गया था जिसके प्रस्तोता बिग बी अमिताभ बच्चन थे। एक नए कॉन्सेप्ट और अमिताभ बच्चन की मौजूदगी के कारण यह गेम शो बहुत लोकप्रिय हुआ। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि अलग-अलग सीजंस में इसका प्रसारण आज भी हो रहा है।


12) क्योंकि सास भी कभी बहू थी (2000)
बालाजी टेलीफिल्म्स के इस सीरियल का प्रसारण स्टार प्लस पर किया जाता था। सास-बहू के रिश्तों पर आधारित यह सीरियल मध्यवर्गीय शहरी परिवार की रोजमर्रा जिंदगी की कहानी थी। टीवी इंडस्ट्री में एकता कपूर को इस सीरियल ने बड़ी सक्सेस दी थी। एक अभिनेत्री के तौर पर स्मृति ईरानी को इसी सीरियल ने पहचान दी थी। सीरियल में स्मृति ईरानी के अलावा सुधीर दलवी, सुधा शिवपुरी, शक्ति सिंह, अपरा मेहता, अमर उपाध्याय, जीतें लालवानी और राकेश पॉल ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई थी।

13) बालिका बधू (2008)
सास-बहू की कहानियों से अलग हटकर कलर्स पर जब इस सीरियल का प्रसारण टीवी पर हुआ तब इसकी लोकप्रियता ने एक नया इतिहास रचा। एक सामाजिक समस्या पर केन्द्रित यह सीरियल भारतीय इतिहास के बड़े सीरियल में गिना जाता है। छोटी सी उमर थीम सांग वाले इस सीरियल का प्रसारण 2008 में शुरू हुआ था और आज तक जारी है। इस सीरियल में तोरल रासपुत्र, सिद्धार्ट शुक्ला, सुलेखा सीकरी, विमर्श रोशन, शीतल, सुष्मिता मुखर्जी और सोनल झा ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई थीं।




List of Old Doordarshan TV shows and Serials in: Doordarshan,India

The 80s was the era of Doordarshan with soaps like Hum Log, Buniyaad and comedy shows like Yeh Jo Hai Zindagi which made Doordarshan a household name. Circus, Gul Gulshan Gulfam and Nukkad are some of the serials that come instantly to my mind when I think of the good old days of Doordarshan. Those were phenomenal days when people gathered in crowds to watch the telecast of these serials. The characters of Ramayan and Mahabharat were almost worshiped like God and Goddess throughout the country.Other popular programs included Hindi film songs based programs like Chitrahaar and Rangoli and crime thrillers like Karamchand, Byomkesh Bakshi, Tehkikaat and Janki Jasoos. This is the big list of Old Doordarshan TV shows and serials.


A Mouthful Of Sky
A Tryst with the People of India
Aa Bail Mujhe Maar
Aaina
Aakhri Daav
Aamne Saamne
Aap Beeti
Ados Pados
Afsane
Agatha Christie’s Poirot
Agni
Air Hostess
Aisa Bhi Hota Hai
Ajnabi
Akbar The Great
Akira
Alice In Wonderland
Alif Laila
All the Best
Alpha Plus
Amir Khusro
Amravati Ki Kahaniyan
Anandi Gopal
Ank Ajube
Aparajita
Apna Apna Aasman
Appu Aur Pappu
Aryamaan
Asish
Aurat
Baaton Baaton Mein
Babaji Ka Bioscope
Bahadur Shah Zafar
Baigan Raja
Bante Bigadte
Barbapapa
Barrister Vinod
Basera
Bharat Ek Khoj
Bhootnath
Bible Ki Kahaniyan
Bioscope
Bodyline (miniseries)
Boolbul Bagh
Brahmaand
Buniyaad
Byomkesh Bakshi
Captain Vyom
Chamatkari Telephone
Chanakya
Chandrakanta
Chapte Chapte
Charitraheen
Chauraha
Chayageet
Chekhov Ki Duniya
Chhoti Badi Baatein
Chhutti Chhutti
Chitrahaar
Chunauti
Chunni
Circus
Cricket with Mohinder Amarnath
Daane Anaar Ke
Dada Dadi Ki Kahaniyaan
Danger Bay
Darpan
Dayasagar
Deewar
Dekh Bhai Dekh
Dekho Magar Pyar Se
Deviji
Didi’s Comedy Show
Different Strokes
Dil Dariya
Disney Hour
Doosra Keval
Duck Tales
Duniya Gazab Ki
Ek Din Achaanak
Ek Do Teen Char
Ek Ghar Aas Paas
Ek Se Badhkar Ek
Ek Tha Rusty
Ekai Dahai Saikda
Fairy Tale Theatre
Farmaan
Faster Fene
Fatichar
Fauji
Fhir Wahi Talaash
Flop Show
Focus
Fraggle Rock
Ganadevta
Gaurav
Gayab Aaya
Ghar
Ghutan
Giant Robot
Gopichand Jasoos
Guchhae
Guinness Book of World Records
Gul Gulshan Gulfaam
Guldasta
Guniram

Haddi Raja
Hakke Bakke
Hamari Bahu Tulsi
Hari Mirchi Lal Mirchi
Heera Panna
Hello Zindagi
He-Man and the Masters of the Universe
Here comes Lucy
Himalay Darshan
Himalaya Ki Goud Mein
Honee Anhonee
How’s That!
Hum Hindustani
Hum Log
Hum Pancchi Ek Daal Ke
Humrahi
Idhar Udhar
Imtihaan
Indradhanush
Inkaar
Intajaar
Intezaar Aur Sahi
Isi Bahaane
Itihaas
Jaanki Jasoos
Jai Hanumaan
Janbaaz
Jantar Mantar
Jhingur Pehalwan
Ji Mantriji
Jugalbandhi
Jungle Book
Junoon
Kab Tak Pukaroon
Kabhi Saas Kabhi Bahu
Kacchi Dhoop
Kahan Gaye Woh Log
Kakaji Kahin
Kala Paani
Kanoon
Karamati
Karamchand
Karan the Detective
Karwa Sach
Kashish
Kashmakash Zindgi Ki
Katha Sagar
Khali Haath
Khandaan
Khel Khel Mein
Kile Ka Rahasya
Kirdaar
Kissa Shanti Ka
Knight Rider
Krishi Darshan
Kshitij Yeh Nahin
kuch khoya kuch paya
Kunti
Kya Banoge Munna
Lahun ke phool
Lekhu
Life Line
Living on the Edge
Lohit Kinare
Lok lok ki baatein
Mahabharat
Main Dilli Hoon
Malgudi Days
Mamaji
Manoranjan
Manzil apni apni
Mashaal
Mashahoor Mahal
MatheMagic
Mein Tulsi Tere Aagan ki
Meri Awaaz Suno
Mirza Ghalib
Mitti Ke Rang
Morning Transmission
Mr. & Mrs.
Mr. Yogi
Mrignayani
Mrityunjay
Mujrim Haazir
Mulla Naseeruddin
Mummies Alive
Mungeri Ke Bhai Naurangi
Mungeri Lal Ke Haseen Sapne
Nadia
Nathkat Narad
Naya Nukkad
Neem Ka Ped
Neev
Nirmala
Nukkad
Nupur
Om namah shivay
Oshin
Pachpan Khambe Lal Deewarein
Palash ke Phool
Panch tantra ki kathayen
Panchhi
Pankhon Se Panjon Tak
Parakh
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PC Aur Mausi
Phatichar
Phir Wahi Talaash
Phool Khile Hain Gulshan Gulshan
Phulwanti
Police File Se
Potli Baba Ki
Prahari
Prashan Manch
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Raag Darbari
Raghukul Reet Sada Chali Aai
Raja Aur Rancho
Raja Ka Baja
Rajni
Raju Aur Udaantashtari
Ramayan
Rangarang
Rangoli
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Rimba’s Island
Saanjha Chulha
Sab ka maalik ek hai
Safarnama
Samundar
Sangharsh
Sansaar
Saptahiki
Sauda
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Shaktimaan
Shanti
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Shrikant
Shriman Shrimati
Sigma
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Singhasan Battisi
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Spiderman
Star Trek
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Subah
Subah-Savere
Sukanya
Suno Re Kissa
Super Human Samurai Cyber Squad
Super Six
Suraag – The Clue
Surabhi
Swabhimaan
Swaraj
Taana Baana
Talaash
TaleSpin
Tamas
Tandoori Nights
Tarang
Tehkikaat
Telematch
Tenali Rama
Terah panne
The Great Maratha
The Lucy Show
The National Programme of Dance
The Sword of Tipu Sultan
The World This Week
Thoda Sa Aasman
Thumblina
Thundercats
Trishna
Turning Point
Twelve Months
Udaan
Ulta Pulta
Upanyaas
Upasana
Uttar Ramayan
Vikram Aur Betaal
Vilayti baaboo
Viraasat
Vishwa Darshan
Vishwamitra
Vote for best Doordarshan Serial of old times
Wagle Ki Duniya
Wah Janaab
Waqt
World of Sports
World This Week
Yatra
Yeh Duniyan Gazab Ki
Yeh Jo Hai Zindagi
Yug
Yugantar
Zamana Badal Gaya
Zameen Aasmaan
Zigma


What are the best serials of Doordarshan?

Yeh jo hai zindagi  the most funny family show with rakesh bedi as raja and shika sampat as the wife and witty husband .......
wagle ki duniya  cute and innocent aam admi wagle and his wife peeps into the life of middle class indian family
kaka ji kahin  the paan chewing kaka ji played by om puri
hum panch
circus   the family like atmoshphere at circus and shahruk khan
fauji  the young shahruk khan it was amazing to watch this
mungeri lal ke hassen sapne   remember watching this with groundnuts in the winter season
samundar  the serial on indian navy
udaan  the magic created and the determination of the girl to become a ips officer and wow shekar kapur in the role of IAS officer
neev  the story of school rivarly and house systems of scindia school gwalior
jungle book  the title song jungle jungle baat chali hai pata chala hai chadi pahen kar phul khila hai
vyomkesh bakshi  the master jassos all time favorite
kile ka rahasya
vikram aur betal   the suspense and horror show
sihasan batisi
dd's comedy show ...
shanti  the afternoon timepass daily soap
chunni  the punjabi serial chunni rang de laralariya
hum log  and ashok kumar and naneh and basesar
nukad  and all the charactors are still alive especially guru ..
buniyad
rajni  title song rajni hai iska naam
spiderman its title spiderman spiderman
streethawk  the first serial to bring bikes in fashion
startrek   the suspense and magic awesome
ek do teen char  the 4 friends and title song ek do teen char charo milkar saath chale toh kar de chmatkar
appu aur pappu  the small elephant
buniyad
khali haath   the serial about ambition of a guy who becomes personal secretary and looses his love ....its title song sab kuch pakar bhi mere khali haath
junoon  the afternoon serial after shanti and its title song junoon ke liye bus junoon chahiye
chitrahar and its washing powder nirma advt's
ramayan   the epic serial and hanuman ji
mahabharata  and its mai samay ho early narration ......wow
discovery of india (bharat ek khoj) and nehru taking us thru the boring history and making it funny and interesting to watch it ...
chanakya  the witty polity drama
karamchand  wow karamchand and kitty magic
malgudi days  the magical charm of malgudi and swami
surabhi  by sidhartha kak and renuka shahane and the music and the postcard questions
yatra
aisa bhi hota hai
neem ka ped  remember budhai and narration by neem ka ped
dadi ma ki kahaniya
mirza galib the classic nasiruddin shah
mulla nasruddin remember the witty raghubir yadav
phir wahi talash by lekh tandon
chandrakanta ....the song chandrakanta ki kahani ...
mr yogi --the bachelor guy and his search for a matrimonial match ...mr yogi is still fun to watch

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