9/25/17

जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम

Composition Scheme क्या है?
GST में छोटे व्यवसाय जिनका टर्नओवर 20 लाख रूपये (आसाम और उत्तर-पूर्वी राज्यों में 10 लाख रूपये) तक के हैं उन्हें जीएसटी का भुगतान करने और रजिस्ट्रेशन लेने की आवश्यकता नहीं हैं| इसी प्रकार ऐसे छोटे और माध्यम आकर के व्यवसाय जिनका टर्नओवर 75 लाख रूपये तक हैं उनके लिए GST को सरल करने के लिए कम्पोजीशन स्कीम हैं जिसके तहत व्यवसायी एक निश्चित अवधि की कुल सेल पर सीधा फिक्स रेट से टैक्स दे सकेंगे और उन्हें वर्ष में केवल 5 रिटर्न भरने की आवश्यकता होगी|

Composition Scheme के लिए कौनसे व्यवसाय Eligible (योग्य) हैं?
कम्पोजीशन स्कीम एक वैकल्पिक व्यवस्था हैं| ऐसे व्यवसाय (मैन्युफैक्चरर, ट्रेडर एंव रेस्टोरेंट) जिनका वार्षिक टर्नओवर 75 लाख रूपये तक हैं वे सामान्य रूप से GST देने की बजाय इस Composition Scheme को चुन सकते हैं | अगर व्यवसाय उत्तरी-पूर्वी राज्य (Assam, Arunachal Pradesh, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Tripura, Sikkim and Himachal Pradesh) में स्थित हैं तो यह सीमा 50 लाख रूपये तक हैं|
निर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) में कम्पोजीशन स्कीम, तम्बाकू और आइसक्रीम निर्माताओं के लिए उपलब्ध नहीं हैं| सेवा क्षेत्र (Service Sector) में कम्पोजीशन स्कीम केवल रेस्टोरेंट व्यवसाय के लिए ही उपलब्ध हैं|

कम्पोजीशन स्कीम में Tax Rate कितनी हैं?
कम्पोजीशन स्कीम में व्यवसायी को कुल बिक्री का एक निश्चित प्रतिशत GST के रूप में जमा करवाना होगा और इस स्कीम में व्यवसायी को ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए GST की इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा| कम्पोजीशन स्कीम के तहत ट्रेडर को 1%, निर्माता को 2% और रेस्तरां मालिक को 5% की फिक्स्ड रेट से GST का भुगतान करना पड़ेगा|

Composition Scheme के व्यवसाय को कौनसे GST Return फाइल करने होते हैं और उसकी Due Date क्या है?
कम्पोजीशन स्कीम के व्यवसायों को वर्ष में कुल 5 Return फाइल करने होंगे जिसमें से 4 Return त्रेमासिक और 1 Return वार्षिक होगा:-
GSTR-4 (त्रैमासिक विवरण – Quarterly ) – तीन महीने समाप्ति के अगले महीने की 18 तारीख
GSTR – 8 (वार्षिक विवरण – Annual) – अगले वित वर्ष के 31 दिसंबर

 कम्पोजीशन स्कीम के फायदे (Benefits)
व्यवसायों को कम दर से टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा|
व्यवसायों को हर महीने 3 Return की जगह तीन महीने में केवल एक बार quarterly return (त्रेमासिक रिटर्न) फाइल करना होगा|
कम्पोजीशन स्कीम के व्यवसायों के लिए Detailed Invoice की आवश्यकता नहीं होगी केवल the bill of supply ही काफी होगा|
छोटे व्यवसायों को Return में HSN कोड की जानकारी नहीं देनी पड़ेगी|
GST से सम्बंधित अन्य Compliance भी आसान होगी|

कम्पोजीशन स्कीम के नुकसान (Demerits of Composition Scheme)
व्यवसायों के लिये कम्पोजीशन स्कीम एक विकल्प हैं जिनका उपयोग वे चाहें तो कर सकते हैं नहीं तो वे सामान्य टैक्स व्यवस्था की पालना कर सकते हैं| इसलिए कम्पोजीशन स्कीम को चुनते समय अच्छे से विश्लेषण कर लेना चाहिए क्योंकि इस स्कीम का सबसे बड़ा नुकसान यह हैं कि आप ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए GST की Input Credit नहीं ले सकते| इसके साथ साथ आप बिल में भी GST अलग से नहीं दिखा सकते इसलिए आपके Customer भी आपके द्वारा बेचे गए माल पर इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं ले सकेंगे|

ज्यादात्तर व्यवसायों के लिए कम्पोजीशन स्कीम फायदेमंद ही होती हैं क्योंकि इसमें बहुत ही कम रेट से टैक्स देना होता हैं| लेकिन कुछ व्यवसाय जिनके Input credit की मात्र अधिक होती हैं या फिर वे आगे Credit pass on करना चाहते हैं उनके लिए यह स्कीम नुकसानदायक भी हो सकती हैं

कंपोजीशन स्कीम में जो व्यापारी हैं उनमें से ट्रेडिंग में हैं तो 75 लाख तक का व्यक्ति 1 फीसदी टैक्स देगा. मैन्युफैक्चरिंग में है तो 2 फीसदी टैक्स और अगर वो रेस्टोरेंट के बिजनेस में है तो 5 फीसदी टैक्स देगा.

कैसे काम करेगी ये स्कीम
मान लीजिए कोई रेडिमेड कपड़े बेचने वाला एक व्यापारी का सालान टर्नओवर 75 लाख रुपये का है, अगर वो कंपोजिशन स्कीम लेता है तो उसे 75 लाख का 1 फीसदी यानी 75 हजार रुपए टैक्स में एक ही बार देना है. स्कीम का फायदा ये होगा कि व्यापारियों को हर तिमाही में एक रिटर्न और साल का एक रिटर्न यानी कुल 5 रिटर्न ही दाखिल करने होंगे.

क्या हैं इस कंपोजिशन स्कीम के फायदे?
स्कीम का सबसे बड़ा फायदा ये है कि व्यापारियों को हर तिमाही में एक रिटर्न और साल का एक रिटर्न यानी कुल 5 रिटर्न ही दाखिल करने होंगे. इसके बाद कागज़ी कार्रवाई का झंझट कम होगा.

क्या है कंपोजिशन स्कीम का नुकसान
नुकसान ये है कि ना तो इन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा और ना ही ये अपने ग्राहक से जीएसटी वसूल पाएंगे.

कम्पोजीशन स्कीम में जो डीलर्स जाना चाहते है वे निम्नलिखित बातें विशेष और पर ध्यान रखें

-यदि उनके द्वारा किसी एक पेन पर जारी किसी भी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए वे यदि कम्पोजीशन डीलर नहीं हैं तो वे उसी राज्य में या देश में किसी अन्य राज्य में भी में वे कम्पोजीशन स्कीम का लाभ नहीं ले सकते हैं.

-75.00 लाख रूपये की जो सीमा है कम्पोजीशन के लिए उसमें करयोग्य, करमुक्त सभी प्रकार की बिक्री एवं पूरे भारत में एक ही पेन पर लिए हुए सभी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का समस्त टर्नओवर जोड़ा जाएगा.

यदि आप उन वस्तुओं को भी बेचते है जो जी.एस.टी. दायरे से बाहर है जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट या लिकर तो आप अन्य वस्तुओं को बेचते हुए भी कम्पोजीशन का लाभ नही ले सकते है .

-कम्पोजीशन डीलर को एक बार तो कर का पूरा भुगतान सरकार को करना ही होता है . यदि कम्पोजीशन डीलर एक रजिस्टर्ड डीलर से माल खरीदता है तो उसे टैक्स देगा और यदि अन रजिस्टर्ड डीलर से माल खरीदता है तो रिवर्स चार्ज के दौरान स्वयम कर का भुगतान करेगा. कम्पोजीशन कर हमेशा इस कर के भुगतान के  बाद होगा.

 -कम्पोजीशन डीलर से कोई रजिस्टर्ड जी.एस.टी. डीलर (दूसरे कम्पोजीशन डीलर को छोड़कर ) माल नहीं खरीदेगा क्यों कि इस माल में पहले ही एक बार का एक जुडा है लेकिन इसकी क्रेडिट खरीददार को  नहीं मिलती है और इससे उसकी कॉस्टिंग बढ़ जाती है . 

-कम्पोजीशन की दर ट्रेडर्स के लिए 1%, निर्माता के लिए 2% एवं रेस्टोरेंट के लिए 5% प्रतिशत से अधिक नहीं होगी जिसमें आधी एस.जी.एस.टी. होगी एवं आधी सी.जी.एस.टी. होगी . अंतिम दरें अभी तय नहीं हुई है .

कम्पोजीशन डीलर्स यदि करयोग्य वस्तुओं के साथ करमुक्त वस्तुएं भी बेचते है तो उन्हें उनपर भी ऊपर लिखी दर पर कम्पोजीशन कर का भुगतान करना होगा.

-कम्पोजीशन डीलर्स राज्य के बाहर से माल खरीद सकेंगे लेकिन राज्य के बाहर बेच नहीं सकेंगे.

-कम्पोजीशन डीलर्स को अपना रिटर्न त्रैमासिक आधार पर भरना होगा .  

सेवा प्रदाता कम्पोजीशन स्कीम का लाभ नहीं ले सकेंगे लेकिन रेस्टोरेंटस इसका अपवाद है जैसा ऊपर बताया गया है .

-जो डीलर्स कम्पोजीशन में जाना चाहते हैं उन्हें जी.एस.टी. कॉमन पोर्टल पर जी.एस.टी. लागू होने के 30 दिन के भीतर GST CMP-01 में अप्लाई करना होगा.

-कम्पोजीशन डीलर्स किसी प्रकार का कर अपने ग्राहकों से बिल में एकत्र नहीं कर पायेगे.

-कम्पोजीशन डीलर्स को उनके प्रारम्भिक स्टॉक और खरीद पर किसी भी तरह की इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगी.

-कम्पोजीशन डीलर्स जब 75 लाख रूपये की सेल क्रॉस कर जायेंगे तो वे स्वत: ही जी.एस.टी. डीलर्स में बदल जायेंगे.

जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम (GST Composition Scheme )
भारतीय सरकार ऐतिहासिक गुड्स एंड सर्विस टैक्स व्यवस्था को 1 जुलाई, 2017 से लाने को है, गुड्स एंड सर्विस टैक्स
में कानूनी कार्यवाहियां बढ़ेंगी जिसका  बड़े उद्योग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन दूसरी तरफ, स्टार्टअप और लघु
उद्योगों पर इन प्रावधानों का पालन करने में समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है।  इस समस्या को सरकार द्वारा
हल करने के लिए जीएसटी  में कम्पोजीशन स्कीम (Composition Scheme ) का प्रावधान लाया जा रहा है। इस लेख
में जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme)  के मुख्य प्रावधानों के बारे में बताया जा रहा है ।
जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम (GST Composition Scheme ) के लिए व्यापारी की योग्यता:-
जिन व्यापारियों का वार्षिक टर्नओवर पिछले वित्तीय वर्ष में  75 लाख रूपये तक था, वे कम्पोज़िशन स्कीम
(Composition Scheme) में शामिल हो सकते है, कम्पोज़िशन स्कीम के तहत व्यापारी को अपने कार्य स्थल या
व्यापार प्रतिष्ठान पर लिखना पड़ेगा की वह कम्पोज़िशन स्कीम के तहत कार्य कर रहे है ।

जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम (GST Composition Scheme) में कुल टर्नओवर की गणना:-
जोड़िये :- कर मुक्त वाली वस्तुओ की सप्लाई + कर योग्य वस्तुओ की सप्लाई +एक्सपोर्ट +अन्य राज्यों में वस्तुओ की सप्लाई+ एक ही पैन पर सप्लाई
घटाइए:- CGST+SGST+IGST+ आवक आपूर्ति पर रिवर्स चार्ज के तहत भुगतान किया गया कर 


जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme) के लिए कर की दर व व्यापार की प्रकृति:-

क्रम संख्या
पंजीकृत व्यक्तियों की श्रेणी
टैक्स की दर
1
माल के निर्माता, जिन्हें सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है;
यह व्यापारी शामिल नहीं है पान मसाला, आइसक्रीम, एवं तम्बाकू बनाने वाले आदि।
कारोबार का 2% (1% केंद्रीय कर + 1% राज्य कर)
2
सीजीएसटी अधिनियम के लिए अनुसूची 2 के अनुच्छेद 6 के खंड (बी) में उल्लेखित सप्लाई प्रदान करने वाले सप्लायर;
[छोटे रेस्तरां]
कारोबार का 5% (2.5% केंद्रीय कर से 2.5% एसजीएसटी)
3
किसी भी अन्य सप्लायर धारा 10 के तहत कम्पोज़िशन स्कीम (Composition Scheme) के लिए पात्र है और नियम (राज्य में कारोबार या केंद्रशासित प्रदेश में कारोबार)।
[अन्य सप्लायर के लिए)
कारोबार का 1% (0.5% केंद्रीय कर और 0.5% राज्य कर)

कौन से व्यापारी जीएसटी कम्पोजिशन स्कीम (GST Composition Scheme ) के विकल्प को नहीं चुन
सकते:-
  1. दूसरे राज्यों में वस्तु अथवा माल को सप्लाई करने वाले।
  2. पान मसाला, आइसक्रीम, एवं तम्बाकू बनाने वाले।
  3. ई-कॉमर्स के जरिये सामान बेचने वाले।
  4. शराब का व्यापारी।
  5. सेवा प्रदाता (छोटे रेस्तरां को छोड़ कर)।
  6. ऐसे सामान बनाने वाले  जिन्हें सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया है ।
आदि

जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme)  के फॉर्म
क्रमांक
फॉर्म नंबर
विवरण
प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि
1.
FORM GST
CMP-01
वैट एक्ट, सेवा कर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क  आदि के तहत पंजीकृत व नए व्यापारियों को FORM GST CMP-01 में जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme) के लिए आवेदन करना होगा 
(इलेक्ट्रॉनिक रूप से  फाइल करना होगा)
नियत तारीख से पहले या  30 दिनों के भीतर
2.
FORM GST CMP-02
अधिनियम के तहत पंजीकृत व्यापारियों को FORM GST CMP-02 में जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme) के लिए आवेदन करना होगा 
(इलेक्ट्रॉनिक रूप से  फाइल करना होगा)
वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले
3.
FORM GST CMP-03
स्कीम लेने वाले व्यापारियों द्वारा स्टॉक का विवरण,व अपंजीकृत व्यक्तियों से खरीद किया गया माल का विवरण FORM GST CMP-03 में 60 दिनों के भीतर देना होगा 
(इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल करना होगा)
60 दिनों के भीतर देना होगा

4.
FORM GST CMP-04
जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme) से निकासी के लिए सूचना / आवेदन FORM GST CMP-04 में करना होगा 
(इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल करना होगा)
घटना के 7 दिनों के भीतर
5.
FORM GST CMP-05 N
जहां उचित अधिकारी को यह विश्वास करने का कारण है कि पंजीकृत व्यक्ति जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme) का पात्र नहीं था,  या धारा 10 के तहत कर का भुगतान या अधिनियम या इन नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है, तो उचित अधिकारी द्वारा GST CMP-05 में नोटिस दिया जा सकता है 
उल्लंघन पर
6.
FORM GST CMP-06
नोटिस का जवाब FORM GST CMP-06 में 
(इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल करना होगा)
15 दिनों के भीतर
7.
FORM GST CMP-07
नोटिस के उत्तर की स्वीकृति / अस्वीकृति का कारण FORM GST CMP-07 देखने के लिए 
(इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल करना होगा)
30 दिनों के भीतर
8.
Form GSTR-4
त्रैमासिक  रिटर्न जमा करने का फार्म
(इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल करना होगा)
तिमाही समाप्ति के  18 वें दिन तक
9.
Form GSTR-4A
जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme) के तहत पंजीकृत प्राप्तकर्ता को उपलब्ध इनवर्ड सप्लाई का विवरण आपूर्तिकर्ता द्वारा प्रस्तुत फार्म GSTR-1 के आधार पर देखा जा सकेगा 
(इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल करना होगा)

10.
FORM GSTR-9A.
वार्षिक रिटर्न
(इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल करना होगा)
अगले वित्तीय वर्ष के 31 दिसंबर तक

अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं :-
  1. जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme) का विकल्प चुनते समय व्यापारी के पास अन्य
    राज्य या अपंजीकृत व्यक्ति से खरीदी गयी वस्तु नहीं होनी चाहिए ।
  2. जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme) के तहत पंजीकृत व्यक्ति को टैक्स इनवॉइस के स्थान पर बिल ऑफ सप्लाई जारी करना पड़ेगा, जिसके अंतर्गत यह उल्लेखित होगा की वह कम्पोज़िशन स्कीम के तहत पंजीकृत है ।
  3. जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme)  केवल वित्तीय वर्ष की शुरुआत से प्रभावी होगी और नए पंजीकरण  के मामलों को छोड़कर, वर्ष के मध्य में इसका चयन नहीं किया जा सकता है।
  4. व्यापारी को प्रत्येक तिमाही के अंत में 18 दिनों के भीतर कर का भुगतान और रिटर्न फाइल करनी होगी।
     
  5. यदि किसी व्यापारी का टर्नओवर वर्ष के बीच में ही 75 लाख से ज्यादा हो जाता है तो उस तारीख  से उसे
    कम्पोज़िशन के तहत नहीं माना जायेगा।
  6. इनपुट टैक्समें जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme) के तहत भुगतान किया गया टैक्स शामिल नहीं है [धारा (2) (62)] अर्थात जीएसटी कम्पोज़िशन स्कीम (GST Composition Scheme) इनपुट टैक्स के किसी भी क्रेडिट के हकदार नहीं होंगे। [धारा (10) (4)]
  7. कम्पोज़िशन व्यापारी  को  हर साल नया आवेदन फॉर्म नहीं देना होगा, व्यापारी इस योजना के तहत कर का भुगतान करना जारी रख सकता है जब तक वह इस योजना से वापस नहीं ले लेता है या फिर इस अधिनियम के तहत कुछ प्रावधानों के तहत योजना के तहत जारी रखने के लिए निषिद्ध कर दिया जाता है ।
  8. रिवर्स टैक्स  के तहत देय कोई भी कर इस योजना के तहत कवर नहीं किया जाएगा। कम्पोज़िशन व्यापारी को  रिवर्स टैक्स का भुगतान एक सामान्य कर दाता के रूप में  करने के लिए उत्तरदायी होना पड़ेगा । [ धारा 9 (3) (सीजी माल या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति की निर्दिष्ट श्रेणियां ) और 9 (4) के तहत (एक पंजीकृत व्यक्ति को एक अपंजीकृत व्यक्ति द्वारा आपूर्ति)]


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