आधार 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (भा.वि.प.प्रा.) सभी निवासियों के लिये जारी करेगा। संख्या को केन्द्रीकृत डाटा बेस में संग्रहित किया जायेगा एवं प्रत्येक व्यक्ति की आधारभूत जनसांख्यिकीय एवं बायोमैट्रिक सूचना - फोटोग्राफ, दसों अंगुलियों के निशान एवं आंख की पुतली की छवि के साथ लिंक किया जायेगा। डाटा फील्ड एवं सत्यापन प्रक्रियाओं का विवरण यहां उपलब्ध है।
आधार होगा:
किफायती तरीके व सरलता से ऑनलाइन विधि से सत्यापन योग्य।
सरकारी एवं निजी डाटाबेस में से डुप्लिकेट एवं नकली पहचान को बड़ी संख्या में समाप्त करने में अनूठा एवं पर्याप्त क्षमता युक्त।
एक क्रम-रहित(रेन्डम) उत्पन्न संख्या, किसी भी जाति, पंथ, मजहब एवं भौगोलिक क्षेत्र आदि के वर्गीकरण पर आधारित नहीं हैं।
आधार क्यों?
आधार आधारित पहचान की दो अद्वितीय विशेषतायें होंगी:-
सार्वभौमिकता, यह सुनिश्चित है कि आधार को समय के साथ देश भर में सेवा प्रदाताओं द्वारा मान्य एवं स्वीकार किया जायेगा।
प्रत्येक निवासी आधार संख्या हेतु पात्रता रखता है।
संख्या के फलस्वरूप सार्वभौमिक पहचान अवसंरचना निर्मित होगी जिस पर देश भर में पंजीयक एवं एजेंसी उनकी पहचान आधारित अनुप्रयोगों का निर्माण कर सकते हैं।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, (भा.वि.प.प्रा.) आधार संख्या हेतु निवासियों को नामांकित करने के लिये देश भर के विभिन्न पंजीयकों के साथ साझेदारी करेगा, ऐसे पंजीयक राज्य सरकारों, राज्य- सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, बैंक, टेलीकॉम कंपनियों इत्यादि को शामिल कर सकते हैं। ये पंजीयक आगे निवासियों को आधार में नामांकित करने हेतु नामांकन एजेंसियों के साथ भागीदारी कर सकते हैं।
आधार सरकारी व निजी एजेंसियों एवं निवासियों के मध्य विश्वास में वृद्धि सुनिश्चित करेगा। एक बार निवासियों का आधार के लिये नामांकन होते ही सेवा प्रदाता को सेवा प्रदान करने से पहले के.वाई.आर. संबंघी दस्तावेजों की जांच जैसी समस्या का सामना नहीं करना होगा। वे अब निवासियों को बिना पहचान दस्तावेजों के सेवाए देने से इन्कार नहीं कर सकते हैं। निवासियों को भी बार- बार दस्तावेजों के माध्यम से पहचान उपलब्ध कराने की परेशानी नहीं होगी। जब भी वे कई सेवाओं जैसे बैंक में खाता खुलवाने, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की आवश्यकता महसूस करेंगे, आधार संख्या पर्याप्त होगी।
पहचान के स्पष्ट सबूत प्रदान कर, आधार, निर्धनों एवं दलितों को सेवाओं जैसे औपचारिक बैंकिंग प्रणाली तथा सरकारी एवं निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों की कई अन्य सेवाओं का आसानी से उपयोग करने हेतु अवसर प्रदान कर सशक्त बनाता है। भा.वि.प.प्रा. का केन्द्रीयकृत प्रौद्योगिक अवसंरचना 'कभी भी, कहीं भी, किसी भी तरह'' प्रमाणीकरण को सक्षम करेगी। इस तरह आधार प्रवासियों को भी पहचान की गतिशीलता प्रदान करेगा। आधार प्रमाणीकरण सजीव ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है। निवासियों को दूर से अपनी पहचान स्थापित करने हेतु सेलफोन/लैण्ड लाइन कनेक्शन सजीव प्रमाणीकरण की अनुमति प्रदान करेगा। सजीव आधार से जुड़ा पहचान सत्यापन ग्रामीणों एवं निर्धनों को वैसा ही लचीलापन उपलब्ध करायेगा जिस तरह से शहरी धनी वर्तमान में अपनी पहचान सत्यापित करते हैं तथा सेवाओं जैसे कि बैंकिंग एवं अन्य का उपयोग करते हैं। आधार, नामांकन पूर्व उचित सत्यापन की भी मांग करता है, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति को इसमें सम्मिलित किया जाना सुनिश्चित है। भारत में, मौजूदा पहचान डाटाबेस नकली, धोखाधड़ी, डुप्लिकेट एवं छद्म हितग्राहियों की समस्या से भरा पड़ा है। आधार डाटाबेस में इन समस्याओं को रोकने के लिये भा.वि.प.प्रा. ने निवासियों को जनसांख्यिकीय एवं बायोमैट्रिक जानकारियों के उचित सत्यापन के साथ अपने डाटाबेस में नामांकित करने की योजना बनाई है। जो यह सुनिश्चित करेगा कि संग्रहित आंकड़े कार्यक्रम के प्रारंभ से ही सही हैं। हालांकि अधिकतर दलित एवं निर्धन लोगों के पास पहचान संबंधी दस्तावेजों का अभाव रहता है और आधार उनको अपनी पहचान साबित करने का पहला रूप हो सकता है। भा.वि.प.प्रा. यह सुनिश्चित करेगा कि उसका अपने निवासी को जाने के.वाई.आर. का मानक निर्धनों के नामांकन में बाधा न बने इसके लिये परिचयदाता प्रणाली मानकों के अनुसार विकसित की गई है जिनके पास दस्तावेजों का अभाव है। इस प्रणाली के द्वारा अधिकृत व्यक्ति (परिचयदाता) जिसके पास पहले से ही आधार है, उन निवासियों का, जिनके पास कोई पहचान संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, परिचय दे सकता है ताकि वे अपना आधार प्राप्त कर सके ।
आधार कौन प्राप्त कर सकता है?
एक व्यक्ति जो कि एक भारतीय है एवं भा.वि.प.प्रा. द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करता है, एक आधार प्राप्त कर सकता है।
आधार कैसे प्राप्त करें?:-
आधार प्राप्त करने की विधि-स्थानीय मीडिया द्वारा उपर्युक्त समय पर प्रचारित किया जायेगा, जिसके आधार पर निवासी निकट के नामांकन शिविर पर जाकर आधार हेतु पंजीयन करा सकते हैं। निवासियों को प्राथमिक तौर पर कुछ दस्तावेजों, जो कि मीडिया के विज्ञापनों में निर्देशित किया जायेगा को साथ लाना होगा।
आधार हेतु पंजीयन कराने के साथ ही निवासियों को दसों अंगुलियों के निशान एवं आंख की पुतली की छवि हेतु बायोमैट्रिक स्कैनिंग से गुजरना होगा। इसके बाद उनका फोटो लिया जायेगा एवं कार्य सम्पन्न होने के बाद एक नामांकन संख्या प्रदान किया जायेगा। नामांकन एजेंसी अनुसार निवासी को 20 से 30 दिनों के भीतर आधार संख्या जारी की जायेगी।
संपर्क केन्द्र विवरण
भा.वि.प.प्रा. सभी पूछताछ एवं शिकायतों के निवारण के लिये एकल स्थान संपर्क के रूप में कार्य करने हेतु एक संपर्क केन्द्र स्थापित करेगा। जैसे ही एवं जब भी नामांकन प्रारंभ होगा संपर्क केन्द्रों का विवरण वेबसाइट पर प्रकाशित किया जायेगा।
आशा की जाती है कि इस प्रणाली के उपयोगकर्ता निवासी, पंजीयक एवं नामांकन एजेंसियां होंगे।
कोई भी निवासी जो नामांकन कराता है, को नामांकन संख्या के साथ एक मुद्रित पावती फार्म दिया जाता है, जिसके द्वारा निवासी संपर्क केन्द्र पर किसी भी संचार माध्यम का उपयोग कर अपने नामांकन की स्थिति के बारे में पूछताछ कर सकता है।
प्रत्येक नामांकन एजेंसी को एक विशिष्ट कोड दिया जाता है जो तकनीकी हेल्प डेस्क वाले संपर्क केन्द्रों के त्वरित जवाब देने में सक्षम बनाता है।
►दूरभाष - 1800-180-1947
►फैक्स – 080-2353 1947
►पी.ओ. बॉक्स -1947, मुख्य डाकघर बंगलुरू- 560001
वेब साइट-http://uidai.gov.in/hindi/
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